डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है?

ज़ेरोधा भारत का पहला स्टॉकब्रोकर है जो आपको शून्य ब्रोकरेज के साथ स्टॉक मार्केट में निवेश करने का विकल्प प्रदान करता है, लेकिन क्या दूसरी सेगमेंट में भी आप ट्रेड बिना किसी शुल्क के कर सकते है? आज इस लेख में हम जानेंगे what are zerodha brokerage charges in hindi।

तो ये बात तो स्पष्ट है कि ज़ेरोधा में डिलीवरी ट्रेड करने के आपको कोइन शुल्क नहीं लगते, लेकिन जब बात इंट्राडे, फ्यूचर या ऑप्शन की आती है तो उसके लिए ब्रोकर 0.03% या 20 रूपये या इनमें से जो भी कम हो, चार्ज करता है।

इनकी सारी जानकारी नीचे टेबल में दी गयी है:

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ज़ेरोधा ब्रोकरेज शुल्क
ट्रेडिंग सेगमेंट ब्रोकरेज
इक्विटी डिलीवरी शून्य
इक्विटी इंट्राडे 0.03% या ₹20 जो भी इन दोनों में से कम हो
इक्विटी फ्यूचर 0.03% या ₹20 जो भी इन दोनों में से कम हो
इक्विटी ऑप्शन 20 रूपये प्रति ऑर्डर
कमोडिटी फ्यूचर 0.03% या ₹20 जो भी इन दोनों में से कम हो
कमोडिटी ऑप्शन 20 रूपये प्रति ऑर्डर
करेंसी फ्यूचर 0.03% या ₹20 जो भी इन दोनों में से कम हो
करेंसी ऑप्शन 20 रूपये प्रति ऑर्डर

ब्रोकरेज शुल्क को समझने के लिए यहाँ पर एक उदाहरण लेते है।

मान लीजिये आप ने 400 शेयर खरीदें हैं जिनका 1000 रूपये मूल्य है, और आप उन्हें 1100 रूपये मूल्य पर बेच रहे हो, तो 0.03% के हिसाब से आप को 120 रूपये देने होंगे जो कि साफ़ है कि 20 रूपये से ज्यादा है, लेकिन ज़ेरोधा यहाँ पर आप से सिर्फ 40 रूपये ब्रोकरेज शुल्क लेगी।

अब कई लोग इस बात पर बड़ा हैरान होते हैं, कि ज़ेरोधा सबसे कम शुल्क क्यों लेती है?

क्योंकि ज़ेरोधा की सारी सुविधाएँ लगभग ऑनलाइन ही हैं और ज़ेरोधा बहुत बड़े पैमाने पर काम करती है, जिसके कारण ये हमें इतने कम शुल्क में इतनी सुविधाएँ दे पाती है। ज़ेरोधा अपनी मार्केटिंग पर कोई अतिरिक्त पैसा नहीं खर्च करती है इसीलिए वो इतने कम शुल्क में ये सारी सुविधाएँ दे सकती है।

ज़ेरोधा में ट्रेड या स्टॉक मार्केट से जुड़े अन्य प्रश्नों को पूछने के लिए आप अपना विवरण नीचे दिए गए फॉर्म में भर सकते है ।

शून्य ब्रोकरेज शुल्क में भी जोखिम नहीं कम, पहले चेक करें ब्रोकर का ट्रैक रिकॉर्ड

शून्य ब्रोकरेज शुल्क भारत में स्टॉक ब्रोकिंग का एक आकर्षक मॉडल बनकर उभरा है। इसने इक्विटी निवेशकों के लिए लागत में कटौती करके पारंपरिक पूर्ण सेवा मॉडल को चुनौती दी है। इस मॉडल को खासतौर पर कोरोना.

शून्य ब्रोकरेज शुल्क में भी जोखिम नहीं कम, पहले चेक करें ब्रोकर का ट्रैक रिकॉर्ड

शून्य ब्रोकरेज शुल्क भारत में स्टॉक ब्रोकिंग का एक आकर्षक मॉडल बनकर उभरा है। इसने इक्विटी निवेशकों के लिए लागत में कटौती करके पारंपरिक पूर्ण सेवा मॉडल को चुनौती दी है। इस मॉडल को खासतौर पर कोरोना संकट काल के दौरान ग्राहकों डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? ने खासा पसंद किया है। शेयरों में निवेश के लिए कई कंपनियां शून्य ब्रोकरेज की पेशकश करती हैं, लेकिन इसमें जहां ग्राहकों का फायदा है तो जोखिम भी कम नहीं। ऐसे में अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ब्रोकर का साथ आपके लिए बेहद जरूरी है।

ऐसे काम करता है शून्य ब्रोकरेज शुल्क मॉडल

शून्य ब्रोकरेज शुल्क, जीरोदा जैसी कंपनियों द्वारा अग्रणी डिस्काउंट ब्रोकिंग मॉडल का हिस्सा है। इस मॉडल में लेन-देन पर शून्य या बिल्कुल कम ब्रोकरेज शुल्क लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, जीरोदा डिलीवरी ट्रेडों के लिए कोई शुल्क नहीं लेता है। ये ऐसे ट्रेड हैं जिनमें आप वास्तव में अपने डीमैट खाते में स्टॉक की डिलीवरी लेते हैं या ऐसे स्टॉक बेचते हैं जो आपके डीमैट खाते में हैं। ये ट्रेड आमतौर पर खुदरा निवेशकों द्वारा किए जाते हैं। प्रौद्योगिकी डिस्काउंट ब्रोकिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह लागत में कमी कर ब्रोकरों को मुफ्त सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देता है।

इसलिए पसंदीदा है यह मॉडल

इस मॉडल में शून्य या फिर न्यूनतम शुल्क लगता है, जबकि डिस्काउंट ब्रोकर अन्य प्रकार के ट्रेडों, वायदा और विकल्प (एफ एंड ओ) या इंट्रा-डे के लिए पैसे लेते हैं। इसमें आप उसी दिन स्टॉक खरीदते और बेचते हैं, इसलिए डिलीवरी नहीं लेते। जिस श्रेणी में ब्रोकरेज शुल्क शामिल है, वह एक से दूसरे में अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड ने गुरुवार को एक जीरो ब्रोकरेज इंट्रा-डे प्लान लॉन्च किया। इसमें अन्य सभी एफ एंड ओ ट्रेडों के लिए 20 रुपये प्रति ऑर्डर शुल्क है।

अन्य शुल्क का करना होता है भुगतान

ब्रोकरेज, स्टॉक ट्रेडिंग में शामिल एकमात्र शुल्क नहीं है। इसके अलावा भी आपको प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी), स्टांप ड्यूटी, स्टॉक एक्सचेंज से लेन-देन शुल्क, दलाली पर जीएसटी और लेनदेन शुल्क, सेबी शुल्क का भुगतान करना होता है। डीमैट खाते से संबंधित शुल्क भी हैं, जैसे कि वार्षिक रखरखाव शुल्क और डीमैट खाते से डेबिट लेनदेन पर शुल्क। हालांकि इनमें से ज्यादातर काफी कम हैं। उदाहरण के लिए डिलिवरी लेनदेन पर एसटीटी 0.1% और एनएसई लेनदेन शुल्क 0.00325% है।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

एक डिस्काउंट ब्रोकर इक्विटी निवेश की लागत में काफी कटौती कर सकता है। हालांकि, सभी डिस्काउंट ब्रोकरों पास स्थायी व्यापार मॉडल नहीं हो सकते हैं। यह भविष्य में जोखिमकारक हो सकता है। इसलिए एक बेहतर और स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड वाले ब्रोकर का चयन करना जरूरी है। इक्विटी अनुसंधान और पोर्टफोलियो विश्लेषण के संबंध में, आप सलाह प्राप्त करने के लिए सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (आरआईए) से संपर्क कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण ब्रोकरेज फ़ंक्शन से अनुसंधान फ़ंक्शन को अलग करता है और आपको उच्च गुणवत्ता वाले निष्पक्ष शोध तक पहुंच प्रदान कर सकता है।

पांच लाख के निवेश पर लागत विश्लेषण (रुपये में)
फुल सर्विस मॉडल डिस्काउंट मॉडल

ब्रोकरेज (0.5%) 2500 रुपये 0
ट्रांजेक्शन शुल्क (0.00325%) 16.25 16.25

ब्रोकरेज पर जीएसटी (18%) 452.93 2.93
एसटीटी (0.1%) 500 500

स्टांप ड्यूटी (0.015%) 75 75
सेबी शुल्क (5 रुपये प्रति करोड़) 0.25 0.25

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ?

अगर मैं शेयर मार्केट की बात करूं तो शेयर मार्केट एक बाजार की तरह है जहां पर आप पैसे देते हैं और एक सिक्योरिटी खरीदते हैं यह अलग-अलग तरह की हो सकती है जैसे कि इक्विटी शेयर, प्रेफरेंस शेयर, बांड, डिबेंचर आदि।

शेयर मार्केट का मुख्य कार्य निवेशकों को कंपनी के अंदर पैसा लगाने के लिए आमंत्रित करना है जिससे कंपनी उस पैसे का प्रयोग अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए कर सके और उसके पश्चात जो भी लाभ होते हैं उनको अपने अंश धारकों के साथ बांट सके।

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ?

मुझे इस बात पर बड़ा आश्चर्य होता है कि शेयर मार्केट के बारे में बाजार में बहुत सारी भ्रांतियां प्रचलित है और अधिकतर लोग शेयर मार्केट को सट्टे की तरह लेते हैं क्योंकि वह शेयरों ट्रेडरों के जाल में फंस जाते हैं और एक ट्रेडर हमेशा आपको ऐसी सलाह देगा जिसके द्वारा ब्रोकर का फायदा हो।

बाज़ार में मौजूद लगभग सभी लोग यही चाहते है के आप ज्यादा से ज्यादा शेयर खरीदे और बेचे क्योंकि इससे ब्रोकर को कमिशन मिलता रहत है चाहे आपको लाभ हो या हानि।

डिलीवरी ट्रेडिंग ही बाजार का वास्तविक रूप है उसके अलावा जो भी है वह सब आप को लूटने का जरिया है और ब्रोकरों को अमीर बनाने का माध्यम है।

जब भी आप कोई अंश खरीदते है और उसकी डिलीवरी लेते है डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? तो आप उस कंपनी के सदस्य बन जाते है और आपका नाम अंशधारकों के रजिस्टर में दर्ज हो जाता है।

इसके बाद आपको कंपनी समय समय पर विभिन्न जानकारियां प्रदान करती है। आपको कंपनी के वित्तीय विवरण मिलते है, कंपनी के मीटिंग के नोटिस मिलते है, लाभांश मिलता है और कंपनी जब भी कोई नया इश्यू लेकर आती है तो आपको उसमें प्राथमिकता मिलती है यहां तक कि कभी कभी कंपनी बाय बैक भी करती है जिसमें आपको बहुत अच्छी कीमत मिलती है। क्योंकि कंपनी के वास्तविक स्वामी उसके अंशधारक ही होते है।

अगर आप किसी कंपनी के बहुत सारे अंश खरीद लेते है तो आप कंपनी के निर्णयों तक को प्रभावित करने की क्षमता हासिल कर लेते है इसलिए हर कंपनी की कोशिश रहती है के वोटिंग पॉवर हमेशा कंपनी के प्रमोटरों के पास ही रहे।

एक बार आपका नाम कम्पनी के अंशधारकों के रजिस्टर में शामिल हो गया तो उसके बाद आपको शेयर मार्केट की ऊपर या नीचे जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उस समय आपको वास्तविक हानि नहीं होती है और केवल अंश का बाजार मूल्य में परिवर्तन होता रहता है।

इसका अर्थ है के अगर 1000 रुपए का शेयर आपके डिमेट एकाउंट में रखा गया है और भले ही बाजार में उसकी कीमत 100 रुपए हो जाए तब भी आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि बहुत सारे शेयर कुछ समय बाद रिकवरी कर लेते है और तब आप उस अंश को बेच सकते है और अपना पैसा निकाल सकते है।

इसके उलट अगर आप इंट्रा डे में ट्रेडिंग करते है तो यह बहुत खतरनाक होता है क्योंकि कोई भी शेयर गिरने के बाद 1 दिन में रिकवरी नहीं कर सकता और आपको शेयर में पैसा लगाने के बाद उसमें हुए नुकसान कि भरपाई अपने बैंक एकाउंट को खाली करके करनी पड़ती है।

में इंट्रा डे पर ज्यादा बात नहीं करना चाहता क्योंकि इंट्रा डे बहुत ही खतरनाक और जोखिम भरा है इसलिए आप जितना दूर रह सके उतना बेहतर है और किसी भी टिप के चक्कर में कभी नहीं आइए क्योंकि टिप केवल पेनी स्टॉक को धक्का देने के लिए मार्केट में फैलाई जाती है जिससे कुछ सीमित लोग बहुत सारा पैसा कमा सके।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

शेयर बाजार में 1 दिन केलिए ट्रेडिंग करते है तो उसको इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इसमें आपको शेयर को एक ही दिन में 9:15 AM से 3:30 PM तक खरीद बिक्री करना होता डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? है। इसमें केबल ट्रेडिंग कर सकते है । मगर आपको लंबी अबधि केलिए निवेश केलिए शेयर की डिजिटल फॉरमेट के जरिए डिलीवरी लेनी होती है। इसमें आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा होता है । इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको बहोत ज्यादा ब्रोकेज़ ( प्रति आर्डर ₹20/- ) का शुल्क देना होता है। मगर शेयर की डिलीवरी में ब्रोकेज़ बहोत कम लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको > 30% ज्यादा इनकम टैक्स भरना होता है। मगर डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश में आपको ( 10 % से 15 % ) तक की इनकम टैक्स लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर बाजार के अनुभवी लोगों करना चाहिए । अगर आप शेयर में डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क क्या है? नए हो तो आपको डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश करना चाहिए।

डिलीवरी ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कैसे लगाएं?

ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।

1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक

FAQ :-

शेयरों की डिलीवरी कितने दिन में होती है?

आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा कर दिया जाता है।

Kotak Securities ने 30 साल से कम उम्र के सभी ग्राहकों के लिए लॉन्च किया ‘नो ब्रोकरेज प्लान’

Kotak Securities ने 30 साल से कम उम्र के सभी ग्राहकों के लिए लॉन्च किया ‘नो ब्रोकरेज प्लान’

Kotak Securities मुंबई । कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड ने आज ट्रेडिंग करने वाले 30 साल से कम उम्र के अपने सभी युवा ग्राहकों के लिए "नो ब्रोकरेज प्लान" लॉन्च करने की घोषणा की, ताकि उन्हें अपने निवेश से जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिल सके। लॉन्च की गई इस नई योजना के तहत, 30 साल से कम उम्र के सभी ग्राहकों से किसी भी तरह का ब्रोकरेज शुल्क नहीं लिया जाएगा, जिसमें इक्विटी, करेंसी, कमोडिटी तथा F&O सेगमेंट में डिलीवरी ट्रेड और इंट्राडे ट्रेड शामिल हैं। ग्राहक सालाना 499 रुपये का भुगतान करके 'नो ब्रोकरेज प्लान' का लाभ उठा सकते हैं।

यह योजना खुद से सोच-समझकर निवेश करने वाले सभी निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए उपलब्ध है। डीलरों या अन्य सेवा अधिकारियों के माध्यम से ट्रेडिंग करने वाले सभी ग्राहकों से उनके द्वारा चुनी गई योजनाओं के अनुसार उचित ब्रोकरेज शुल्क लिया जाएगा। "नो ब्रोकरेज प्लान" का विकल्प चुनने वाले नए ग्राहकों को भी ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1998 रुपये के वाउचर दिए जाएंगे।

श्री जयदीप हंसराज, एमडी एवं सीईओ – कोटक सिक्योरिटीज़, ने कहा, “कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड ने अपने 'नो ब्रोकरेज प्लान' के लिए विशेष शुल्क निर्धारित किए हैं जिससे पहली बार ट्रेडिंग करने वाले ग्राहकों तथा हमारे देश के युवा निवेशकों को काफी फायदा मिलेगा। हमें पूरा यकीन है कि शुल्क में इस तरह के बदलाव से युवाओं को अधिक लाभ होगा, साथ ही उन्हें अपनी जमा-पूंजी को बढ़ाने का प्रोत्साहन भी मिलेगा।”

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इस नए प्लान के लॉन्च के बारे में बात करते हुए, श्री सुरेश शुक्ला, संयुक्त अध्यक्ष – कोटक सिक्योरिटीज़ लिमिटेड, ने कहा, “हाल के महीनों में हमने पहली बार ट्रेडिंग करने वाले लोगों तथा युवा ट्रेडर्स की संख्या में बढ़ोतरी देखी है। ग्राहक निश्चित तौर पर कोटक सिक्योरिटीज़ की नई पेशकश, यानी 'नो ब्रोकरेज प्लान' का स्वागत करेंगे। इस प्रस्ताव में कई मूल्य-वर्धित सेवाओं के साथ-साथ हमारे विशेषज्ञ विश्लेषकों द्वारा अनुसंधान पर आधारित सुझावों को भी शामिल किया गया है। युवा निवेशक ऑनलाइन माध्यमों से पाँच आसान चरणों में हमारे साथ अपनी ट्रेडिंग के सफ़र की शुरुआत कर सकते हैं।”

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कोटक महिंद्रा बैंक की सहायक कंपनी, कोटक सिक्योरिटीज़ लिमिटेड (KSL) भारत में स्टॉक ब्रोकिंग से संबंधित सभी प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध कराने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, जो पूँजी-बाजार के सभी क्षेत्रों में खुदरा और संस्थागत निवेशकों की जरूरतों को पूरा करती है। यह कंपनी अपने सहयोगी ब्रोकर्स के साथ गठबंधन के जरिए अमेरिकी बाज़ारों तक सीधी पहुँच की सुविधा भी प्रदान करती है।

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शोध करने वाली एक मज़बूत टीम, दमदार डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, शाखाओं के एक बड़े नेटवर्क और फ्रैंचाइज़ी के साथ-साथ भारत के कोने-कोने में मौजूद रेफरल कोऑर्डिनेटर्स की मदद से, KSL हर दिन लाखों सेकेंडरी मार्केट ट्रेड की प्रक्रिया को पूरा करता है। 31 दिसंबर, 2021 तक के आँकड़ों के अनुसार, भारत के 382 शहरों में अपनी 153 शाखाओं, 1443 फ्रैंचाइज़ी तथा सैटेलाइट ऑफिस के माध्यम से KSL ने पूरे देश में अपनी उपस्थिति दर्ज की है, जो 31 लाख ग्राहकों को सेवाएँ प्रदान करते हैं।

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KSL इक्विटी, डेरिवेटिव्स (इक्विटी, कमोडिटी, करेंसी) और म्यूचुअल फंड में निवेश के विभिन्न विकल्पों के साथ-साथ इससे संबंधित कई तरह की सेवाएँ उपलब्ध कराता है। यह मार्जिन ट्रेड फंडिंग, डिपॉजिटरी सेवाएँ और बीमा जैसे थर्ड-पार्टी प्रोडक्ट भी उपलब्ध कराता है।

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