शेयर कैसे खरीदें और बेचे, Share Kaise Kharide aur Beche

नमस्कार डियर पाठक स्वागत है आपका स्टॉक पत्रिका के एक और नये आर्टिकल में आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि शेयर कैसे खरीदें और बेचे, Share Kaise Kharide aur Beche क्योंकि जब कोई इन्वेस्टर या ट्रेडर नए-नए इस बिजनेस में आए होते हैं तो उनके लिए यह जानकारी अति महत्वपूर्ण है क्योंकि उनको सबसे पहले यह जानना होता है कि आखिर Share Kaise Kharide तो चलिए आगे बढ़ते हैं।

डियर पाठक जब भी आप इस बिजनेस में उतरे कहने का मतलब जब भी आप ट्रेडिंग करें तो सबसे पहले आपको इस मार्केट को जानना चाहिए उसके बाद ही इन्वेस्ट करने का निर्णय लेना चाहिए तो क्या अगर आपको मार्केट का थोड़ा भी नॉलेज नहीं है तो आप यहां पर अपनी पूरी पूंजी खो सकते हैं क्योंकि शेयर मार्केट जोखिमों के अधीन आता है इसलिए जितना हो सके उतना सावधानी से कदम रखें चलिए यह हुई थोड़ी सी नॉलेज वाली बात अब आगे बढ़ते हैं

आपको ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले डिमैट अकाउंट की जरूरत होगी जिससे कि आप शेयर खरीद सके और बेच सके इसलिए आप एक अच्छे ब्रोकर के पास अपना डिमैट अकाउंट खोलें ज्यादा जानकारी के लिए हमारा यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं कि कौन सा ब्रोकर सबसे अच्छा है साथ ही यह भी जान लीजिए कि डिमैट अकाउंट कैसे खोलते हैं,

Share Kaise Kharide aur Beche (शेयर खरीदने की प्रोसेस)

डियर पाठक जब आप मार्केट में आते हैं तो सबसे पहले आपको एक ही चिंता रहती हैं कि आखिर Share Kaise Kharide aur Beche और आखिरकार इसकी क्या प्रोसेस है लेकिन डियर फ्रेंड्स हम आपको एक यहां पर काम की बात बताना चाहते हैं कि अगर आप Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? मार्केट में किसी के पैसे देख कर आए हैं या किसी की पॉपुलरटी देख कर आए हैं ।

कि हम भी जाएंगे और पैसा लगाएंगे और फुल पैसा कमाएंगे तो हम आपको एक बात बताना चाहते हैं कि जब आप एक नौकरी के लिए 15 से 20 साल लगा देते हैं तो स्टॉक मार्केट में इतनी जल्दबाजी क्या है स्टॉक पत्रिका लोगों को गुमराह ने का काम नहीं करता है बल्कि वह बताता है जो उन्हें जानना चाहिए हम ऐसा दावा नहीं करते हैं कि आप आज मार्केट देखोगे और कल करोड़पति हो जाओगे बल्कि हम यह दावा करते हैं कि आप आज सीख गए तो कल आप पक्का करोड़पति होंगे।

शेयर खरीदने की प्रोसेस

  1. सबसे पहले तो आप उस शेयर का चुनाव करें, जिसे आप खरीदना चाहते हैं।
  2. उसके बाद आपको अपने डीमैट अकाउंट में “BUY” के ऑप्शन पर जाना होगा उसके बाद क्लिक करें।
  3. शेयर की क्वांटिटी यानी संख्या दर्ज करें।
  4. Normal या फिर CNC ऑप्शन सेलेक्ट करें।
  5. उसके पश्चात Market या Limit Option सेट करे दें।
  6. अब आप शेयर का प्राइस डालने के बाद Enter दबाएं। इसी प्रकार आपका शेयर खरीदने आ जाएगा

शेर को बेचने के लिए भी आपको सेम ही प्रोसेस फाॅलो करनी होगी इसी प्रकार आप शेयर को बेच सकते हैं, बस आपको Buy की जगह Sell का ऑप्शन दर्ज करना होगा। यह लीजिए आपका शेयर भी बिक गया अब आपको यह तो समझ में आ गया होगा कि Share Kaise Kharide aur Beche

शेयर खरीदने के नियम और शर्तें

ऊपर बतायी गयी प्रोसेस से आपको समझ में आ गया होगा कि शेयर कैसे खरीदें और बेचे, Share Kaise Kharide aur Beche अब आपको कुछ नियम और शर्तें हैं जिनका पालन करना है जिससे कि आप भविष्य में कोई प्रॉब्लम में ना फंसे क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि नॉलेज की कमी होने के कारण ट्रेडर लालच में फंस जाते हैं इसलिए आप यह कुछ नियम है ट्रेडिंग के इनको ध्यान में रखें।

  1. पहला नियम यह है कि जब भी आप किसी भी कंपनी में निवेश करें कहने का मतलब किसी भी कंपनी का शेयर खरीदे तो सबसे पहले उस कंपनी के बारे में रिसर्च कर लेना कहने का मतलब उसका टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस और कंपनी का प्रोडक्ट क्या है कंपनी का भविष्य क्या है क्या यह शेयर बढ़ सकता है जब आप इन सब चीजों से कंफर्म हो जाए तब ही आप उस कंपनी में निवेश करें अन्यथा आपको बहुत बड़ा वित्तीय लाॅस उठाना पड़ सकता है।
  2. अगर आप किसी कंपनी में निवेश कर रहे हैं तो जितना हो सके उसका अच्छे से रिसर्च करके लॉन्ग टर्म में निवेश कीजिए इससे आपको अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है
  3. कभी भी निवेश एक साथ ना करें थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करें जिससे कि आपका वित्तीय जोखिम बहुत कम हो जाए और आपका लाभ बड़े
  4. कभी भी सुनी सुनाई बातों पर विश्वास ना करके स्वयं उस बात को परख लेना चाहिए वरना आपको पता ही है दुनिया काली है
  5. हमेशा वेरीफाइड और एकदम फास्ट ब्रोकर सर्विस का ही चयन करें
  6. जब तक आप मार्केट को सीख नहीं जाते हैं तब तक आप ऑप्शन ट्रेडिंग मत करिए

तो यह थी कुछ नियम और शर्तें जिसकी बदौलत आपको शेयर मार्केट अच्छे से समझ में आएगा

Conclusion (Share Kaise Kharide aur Beche)

हम आशा करते हैं कि आपको शेयर कैसे खरीदें Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? और बेचे, Share Kaise Kharide aur Beche पता चल गया होगा साथ ही आपको यह भी बताया गया है कि स्टॉक मार्केट के क्या नियम है और स्टॉक मार्केट में कब निवेश करना चाहिए किसी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उसकी कैसे रिसर्च करनी है यह सब आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पता चला होगा हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

निवेश की बात: IPO से पहले ही खरीद सकते हैं कंपनियों के शेयर, यहां जानें इसके 5 तरीके

आप किसी प्राइवेट कंपनी का IPO आने से पहले ही अनलिस्टेड शेयर खरीदकर उसमें निवेश कर सकते हैं। ऐसे शेयरों में निवेश की सबसे बड़ी वजह जोरदार रिटर्न की संभावना होती है। असल में कंपनियां ऐसे शेयर रियायती दाम पर बेचती हैं, ताकि निवेशकों को आकर्षित जा सके। IPO आने और उसके सफल होने पर अनलिस्टेड शेयरों के दाम बढ़ने की संभावना होती है, जिससे निवेशकों को अच्छा-खासा मुनाफा होता है।

यदि आप भी अनलिस्टेड शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए। ऐसे शेयरों का ट्रांसफर केवल ऑनलाइन किया जाता है। कॉरपोरेट सेक्टर में पारदर्शिता, निवेशकों के हितों की रक्षा और गवर्नेंस सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जाता है। एम्प्लिफाई कैपिटल्स के मैनेजिंग पार्टनर अभिषेक भट्ट आपको उन 5 तरीकों के बारे में बता रहे हैं जिनसे आपअनलिस्टेड शेयर खरीद सकते हैं।

बिचौलियों और स्टार्टअप के जरिए
स्टार्टअप्स के शेयरों की खरीद-बिक्री उनकी वेबसाइट पर होती है। ऐसे शेयरों में न्यूनतम 50 हजार रुपए निवेश करना होता है। पेमेंट के तीन दिन बाद शेयर क्रेडिट किए जाएंगे।

कंपनी के कर्मचारियों से
बिजनेस ग्रोथ के शुरुआती चरणों में ज्यादातर प्राइवेट कंपनियां कर्मचारियों को बनाए रखने और उनमें कंपनी का हिस्सेदार होने की भावना पैदा करने के लिए स्टॉक स्वामित्व योजनाओं (ईएसओपी) की पेशकश करती हैं। ऐसे कर्मचारियों से अनलिस्टेड शेयर खरीदे जा सकते हैं।

कंपनी के प्रमोटरों से
हर कंपनी में प्रमोटरों की बड़ी हिस्सेदारी होती है। आप प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए उनसे अनलिस्टेड शेयर खरीद सकते हैं। प्राइवेट प्लेसमेंट के माध्यम से प्रमोटर अपने शेयर खास लोगों या चुनिंदा समूह को बेच सकते हैं। ऐसे निवेशक प्रमोटरों की विशिष्ट जरूरतें पूरी करते हैं।

वित्तीय संस्थानों के माध्यम से
वित्तीय संस्थान आम तौर पर अनलिस्टेड शेयरों में निवेश का प्रबंधन करते हैं। वे बड़ी संख्या में अनलिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं, क्योंकि कीमत कम होती है। ज्यादा जोखिम उठाकर तगड़ा रिटर्न पाने के इच्छुक निवेशक ऐसे संस्थान से अनलिस्टेड शेयर खरीद सकते हैं।

क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म से
ज्यादातर स्टार्टअप क्राउड फंडिंग के जरिये पूंजी जुटाते हैं। इसमें निवेशकों का एक बड़ा समूह मिलकर अनलिस्ट शेयर खरीदता है। इससे एक साथ बड़ी मात्रा में पूंजी का इंतजाम हो जाता है। यही वजह है कि क्राउड फंडिंग स्टार्टअप्स के बीच काफी लोकप्रिय है।

अनलिस्टेड शेयरों में निवेश लागत और रिस्क ज्यादा
अनलिस्टेड शेयरों में निवेश करने से पहले कंपनी का वैल्युएशन देखना जरूरी है। इसमें रिस्क ज्यादा है, लिहाजा यह निवेश लो रिस्क प्रोफाइल वाले निवेशकों के लिए नहीं है। यदि आपके पास बड़ी पूंजी हो, जिसे आप रिस्की एसेट में निवेश करके लंबी अवधि में मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तभी अनलिस्टेड शेयरों में पैसा लगाएं। यह भी ध्यान रखें कि जिस कंपनी में आप पैसा लगा रहे हैं, उसका आईपीओ नहीं भी आ सकता है। ऐसे ट्रांजेक्शन के साथ ऊंचा कमीशन जुड़ा होता है और कंपनी गायब भी हो Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? सकती है।

शेयर खरीदने से पहले पीई रेशियो जरूर देख लें, ये है वजह

इस रेशियो से पता लगता है कि जिस शेयर में आप निवेश करने जा रहे हैं, वह कितना सस्ता या महंगा है

शेयर खरीदने से पहले पीई रेशियो जरूर देख लें, ये है वजह

क्या है पीई रेशियो? ज्यादातर निवेशक किसी शेयर में पैसा लगाने से पहले उसका पीई रेशियो क्यों देखते हैं? कैसे निकलता है शेयर का पीई रेशियो? हमने इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की है. इससे आपको निवेश के लिए सही शेयर का चुनाव करने में मदद मिलेगी.

क्या है पीई रेशियो?
किसी कंपनी के शेयर की वैल्यू यानी यह पता लगाने के लिए कि वह सस्ता है या महंगा सबसे ज्यादा पीई रेशियों के पैमाने का इस्तेमाल होता है. इसे शेयर की कीमत और शेयर से आय का अनुपात कहा जा सकता है. शेयर से आय को शेयर बाजार की शब्दावली में ईपीएस कहते हैं. इसका मतलब अर्निंग प्रति शेयर है. किसी कंपनी के मुनाफे में उसके कुल शेयरों की संख्या से भाग देने पर ईपीएस निकलता है. इसके बाद शेयर बाजार में शेयर की कीमत में ईपीएस से भाग देने पर पीई रेशियो निकलता है.

इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए किसी कंपनी के शेयर की कीमत 100 रुपये है और उसका ईपीएस 10 रुपये है तो उसका पीई रेशियो 10 हुआ है.

निवेशक के लिए पीई रेशियो का महत्व
निवेश के लिए शेयर चुनते वक्त ज्यादातर निवेशक शेयर के पीई रेशियो पर गौर करते हैं. इससे उन्हें यह पता लगता है कि जिस शेयर में वे निवेश करने जा रहे हैं, वह कितना सस्ता या महंगा है.

मान लीजिए आगर आपने किसी आईटी कंपनी के शेयरों में निवेश करने का फैसला किया है तो शेयर बाजार के आईटी इंडेक्स के पीई को आप देख लें. इसके बाद उस पीई से उस आईटी कंपनी के पीई की तुलना करें जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं. इससे आपको पता चल जाएगा कि जिस कंपनी में आप निवेश करने जा रहे हैं, उसका शेयर महंगा है या सस्ता.

आप एक ही सेक्टर की कई कंपनियों के पीई रेशियो की भी तुलना कर सकते हैं. आम तौर पर अच्छी बुनियाद और ग्रोथ वाली कंपनियों के शेयरों का पीई ज्यादा होता है. वेल्थविशर्स फाइनेंशियल एडवाइजर्स एंड प्लैनर्स में चीफ प्लानर मधुपम कृष्णा के मुताबिक, पीई रेशियो से निवेशक को किसी शेयर की कीमत में होने वाली बढ़ोतरी का अंदाजा भी लग जाता है. मसलन ज्यादा पीई रेशियो वाली कंपनी से आप छोटी अवधि में कई गुना रिटर्न की उम्मीद नहीं कर सकते.

बदलता रहता है पीई रेशियो
किसी कंपनी का पीई रेशियो निश्चित संख्या नहीं होता. यह हमेशा बदलता रहता है. मान लीजिए किसी कंपनी का पीई रेशियो आज 20 है. इसका मतलब यह नहीं है कि यह हमेशा 20 रहेगा. कंपनी के प्रदर्शन और शेयर बाजार में उसके शेयर की कीमत के अनुसार यह रेशियो घटता-बढ़ता रहता है.

कंपनी के अच्छा मुनाफा कमाने पर उसके शेयरों की मांग बढ़ती है. इससे उसका पीई रेशियो बढ़ जाता है. इसी तरह अगर किसी कंपनी को नुकसान हुआ है तो इसके पीई रेशियो में गिरावट आ सकती है.

शेयर खरीदने से पहले पीई रेशियो जरूर देख लें, ये है वजह

इस रेशियो से पता लगता है कि जिस शेयर में आप निवेश करने जा रहे हैं, वह कितना सस्ता या महंगा है

शेयर खरीदने से पहले पीई रेशियो जरूर देख लें, ये है वजह

क्या है पीई रेशियो? ज्यादातर निवेशक किसी शेयर में पैसा लगाने से पहले उसका पीई रेशियो क्यों देखते हैं? कैसे निकलता है शेयर का पीई रेशियो? हमने इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की है. इससे आपको निवेश के लिए सही शेयर का चुनाव करने में मदद मिलेगी.

क्या है पीई रेशियो?
किसी कंपनी के शेयर की वैल्यू यानी यह पता लगाने के लिए कि वह सस्ता है या महंगा सबसे ज्यादा पीई रेशियों के पैमाने का इस्तेमाल होता है. इसे शेयर की कीमत और शेयर से आय का अनुपात कहा जा सकता है. शेयर से आय को शेयर बाजार की शब्दावली में ईपीएस कहते हैं. इसका मतलब अर्निंग प्रति शेयर है. किसी कंपनी के मुनाफे में उसके कुल शेयरों की संख्या से भाग देने पर ईपीएस निकलता है. इसके बाद शेयर बाजार में शेयर की कीमत में ईपीएस से भाग देने पर पीई रेशियो निकलता है.

इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए किसी कंपनी के शेयर की कीमत 100 रुपये है और उसका ईपीएस 10 रुपये है तो उसका पीई रेशियो 10 हुआ है.

निवेशक के लिए पीई रेशियो का महत्व
निवेश के लिए शेयर चुनते वक्त ज्यादातर निवेशक शेयर के पीई रेशियो पर गौर करते हैं. इससे उन्हें यह पता लगता है कि जिस शेयर में वे निवेश करने जा रहे हैं, वह कितना सस्ता या महंगा है.

मान लीजिए आगर आपने किसी आईटी कंपनी के शेयरों में निवेश करने का फैसला किया है तो शेयर बाजार के आईटी इंडेक्स के पीई को आप देख लें. इसके बाद उस पीई से उस आईटी कंपनी के पीई की तुलना करें जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं. इससे आपको पता चल जाएगा कि जिस कंपनी में आप निवेश करने जा रहे हैं, उसका शेयर महंगा है या सस्ता.

आप एक ही सेक्टर की कई कंपनियों के पीई रेशियो की भी तुलना कर सकते हैं. आम तौर पर अच्छी बुनियाद और ग्रोथ वाली कंपनियों के शेयरों का पीई ज्यादा होता है. वेल्थविशर्स फाइनेंशियल एडवाइजर्स एंड प्लैनर्स में चीफ प्लानर मधुपम कृष्णा के मुताबिक, पीई रेशियो से निवेशक को किसी शेयर की कीमत में होने वाली बढ़ोतरी का अंदाजा भी लग जाता है. मसलन ज्यादा पीई रेशियो वाली कंपनी से आप छोटी अवधि में कई गुना रिटर्न की उम्मीद नहीं कर सकते.

बदलता रहता है पीई रेशियो
किसी कंपनी का पीई रेशियो निश्चित संख्या नहीं होता. यह हमेशा बदलता रहता है. मान लीजिए किसी कंपनी का पीई रेशियो आज 20 है. इसका मतलब यह नहीं है कि यह हमेशा 20 रहेगा. कंपनी के प्रदर्शन और शेयर बाजार में उसके शेयर की कीमत के अनुसार यह रेशियो घटता-बढ़ता रहता है.

कंपनी के अच्छा मुनाफा कमाने पर उसके शेयरों की मांग बढ़ती है. इससे उसका पीई रेशियो बढ़ जाता है. इसी तरह अगर किसी कंपनी को नुकसान हुआ है तो इसके पीई रेशियो में गिरावट आ सकती है.

निवेश की बात: IPO से पहले ही खरीद सकते हैं कंपनियों के शेयर, यहां जानें इसके 5 Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? तरीके

आप किसी प्राइवेट कंपनी का IPO आने से पहले ही अनलिस्टेड शेयर खरीदकर उसमें निवेश कर सकते हैं। ऐसे शेयरों में निवेश की सबसे बड़ी वजह जोरदार रिटर्न की संभावना होती है। असल में कंपनियां ऐसे शेयर रियायती दाम पर बेचती हैं, ताकि निवेशकों को आकर्षित जा सके। IPO आने और उसके सफल होने पर अनलिस्टेड शेयरों के दाम बढ़ने की संभावना होती है, जिससे निवेशकों को अच्छा-खासा मुनाफा होता है।

यदि आप भी अनलिस्टेड शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए। ऐसे शेयरों का ट्रांसफर केवल ऑनलाइन किया जाता है। कॉरपोरेट सेक्टर में पारदर्शिता, निवेशकों के हितों की रक्षा और गवर्नेंस सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जाता है। एम्प्लिफाई कैपिटल्स के मैनेजिंग पार्टनर अभिषेक भट्ट आपको उन 5 तरीकों के बारे में बता रहे हैं जिनसे आपअनलिस्टेड शेयर खरीद सकते हैं।

बिचौलियों और स्टार्टअप के जरिए
स्टार्टअप्स के शेयरों की खरीद-बिक्री उनकी वेबसाइट पर होती है। ऐसे शेयरों में न्यूनतम 50 हजार रुपए निवेश करना होता है। पेमेंट के तीन दिन बाद शेयर क्रेडिट किए जाएंगे।

कंपनी Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? के कर्मचारियों से
बिजनेस ग्रोथ के शुरुआती चरणों में ज्यादातर प्राइवेट कंपनियां कर्मचारियों को बनाए रखने और उनमें कंपनी का हिस्सेदार होने की भावना पैदा करने के लिए स्टॉक स्वामित्व योजनाओं (ईएसओपी) की पेशकश करती हैं। ऐसे कर्मचारियों से अनलिस्टेड शेयर खरीदे जा सकते हैं।

कंपनी के प्रमोटरों से
हर कंपनी में प्रमोटरों की बड़ी हिस्सेदारी होती है। आप प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए उनसे अनलिस्टेड शेयर खरीद सकते हैं। प्राइवेट प्लेसमेंट के माध्यम से प्रमोटर अपने शेयर खास लोगों या चुनिंदा समूह को बेच सकते हैं। ऐसे निवेशक प्रमोटरों की विशिष्ट जरूरतें पूरी करते हैं।

वित्तीय संस्थानों के माध्यम से
वित्तीय संस्थान आम तौर पर अनलिस्टेड शेयरों में निवेश का प्रबंधन करते हैं। वे बड़ी संख्या में अनलिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं, क्योंकि कीमत कम होती है। ज्यादा जोखिम उठाकर तगड़ा रिटर्न पाने के इच्छुक निवेशक ऐसे संस्थान से अनलिस्टेड शेयर खरीद सकते हैं।

क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म से
ज्यादातर स्टार्टअप क्राउड फंडिंग के जरिये पूंजी जुटाते हैं। इसमें निवेशकों का एक बड़ा समूह मिलकर अनलिस्ट शेयर खरीदता है। इससे एक साथ बड़ी मात्रा में पूंजी का इंतजाम हो जाता है। यही वजह है कि क्राउड फंडिंग स्टार्टअप्स के बीच काफी लोकप्रिय है।

अनलिस्टेड शेयरों में निवेश लागत और रिस्क ज्यादा
अनलिस्टेड शेयरों में निवेश करने से पहले कंपनी का वैल्युएशन देखना जरूरी है। इसमें रिस्क ज्यादा है, लिहाजा यह निवेश लो रिस्क प्रोफाइल वाले निवेशकों के लिए नहीं है। यदि आपके पास बड़ी पूंजी हो, जिसे आप रिस्की एसेट में निवेश करके लंबी अवधि में मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तभी अनलिस्टेड शेयरों में पैसा लगाएं। यह भी ध्यान रखें कि जिस कंपनी में आप पैसा लगा रहे हैं, उसका आईपीओ नहीं भी आ सकता है। ऐसे ट्रांजेक्शन के साथ ऊंचा कमीशन जुड़ा होता है और कंपनी गायब भी हो सकती है।

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