इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
क्या इलेक्ट्रिक सेगमेंट में होगी Maruti Omni की एंट्री? 80 के दशक की फैमिली कार फिर जमा सकती है कब्जा
Maruti Omni EV बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते बाजार को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि मारुति ओमनी को इलेक्ट्रिक अवतार में उतारा जा सकता है। अगर यह बाजार में दस्तक देती है तो यह जबरदस्त रेंज वाली फैमिली कार होगी।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इन दिनों ज्यादातर कंपनियां 70 से 90 के दशक में फेमस हो चुके अपने मॉडलों को वापस से रीलॉन्च कर रही हैं। इन मॉडलों को पहले से ज्यादा पॉवरफुल करके लाया जा रहा है या फिर इन्हे इलेक्ट्रिक सेगमेंट में उतारा जा रहा है। नया बजाज चेतक, 2023 यामाहा RX100 ऐसे ही कुछ उदाहरण है, जिन्हे फिर से लाया गया है।
अब खबर है कि मारुति अपनी लोकप्रिय फैमिली कार ओमनी (Omni) को फिर से ला सकती है। कहा जा रहा है कि इसे इलेक्ट्रिक कार के रूप में लाया जा सकता है। हालांकि, इसके बारे में कंपनी की तरफ से अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
400 किलोमीटर की रेंज के साथ आ सकती नई Omni
नई Omni के फ्यूचर्स का उदाहरण फीचर्स से जुड़ी बातों के बारे में फिलहाल कयास ही लगाए जा रहे हैं। उम्मीद है कि Maruti Omni के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन में दमदार बैटरी का उपयोग किया जा सकता है, जो सिंगल चार्ज में 300 से 400 किलोमीटर की रेंज देने में सक्षम होगी।
कुछ समय पहले आए थे डिजाइन
साल 2020 में कुछ ऑटोमोबाइल डिजाइन के स्टूडेंट्स ने मिलकर नए ओमनी कार के डिजाइन को पेश किया था, जिससे कहा जा रहा था कि कंपनी इस डिजाइन को अपने नए मॉडल में इस्तेमाल कर सकती है।
इस डिजाइन में कार को इंटीग्रेटेड एलईडी डीआरएल के साथ आयताकार एलईडी हेडलैंप, फ्रंट बम्पर के नीचे फॉग लैंप्स, एलईडी ब्लिंकर्स के साथ बॉडी कलर्ड ओआरवीएम जैसे फीचर्स को रखा गया था। इसके पिछले हिस्से में Omniकी लोकप्रिय स्लाइडिंग डोर, छोटे एलॉय व्हील्स को अब भी बरकरार रखा गया था और एलईडी टेललाइट्स हेडलाइट्स पीछे की तरफ दिए गए थे।
Omni के साइज को भी अभी की गाड़ियों के हिसाब से थोड़ा बड़ा बनाया गया और लाल पट्टी गाड़ी के साइज में देखने को मिली थी।
Line of Credit: पर्सनल लोन से कई मायनों में बेहतर है लोन का ये ऑप्शन, मुश्किल समय में आ सकता है काम
लाइन ऑफ क्रेडिट लोन की ही एक सुविधा है जो प्री-सैंक्शन्ड क्रेडिट लिमिट के साथ मिलती है. इसमें बिना किसी प्रीपेमेंट चार्ज के उधारकर्ताओं को वित्तीय हैसियत और क्रेडिट स्कोर के आधार पर भुगतान करने की अनुमति दी जाती है.
अगर आपको अचानक पैसों की जरूरत हो और आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते तो आप या तो पैसा उधार लेकर काम चलाएंगे या पर्सनल लोन का विकल्प चुनेंगे. पर्सनल लोन के तौर पर आप जितनी रकम लेते हैं, उस पूरी रकम पर आपको ब्याज देना पड़ता है. भले ही आप लोन पर ली गई पूरी राशि का इस्तेमाल न करें, लेकिन आप बैंक को बचा हुआ पैसा वापस नहीं कर सकते क्योंकि लोन के प्रीपेमेंट के लिए भी चार्ज देना पड़ता है. इस स्थिति में लाइन ऑफ क्रेडिट (Line of Credit) आपके लिए काफी काम का हो सकता है. इसे सामान्य भाषा में लोग क्रेडिट लाइन भी कहते हैं.
जानिए क्या होता लाइन ऑफ क्रेडिट
लाइन ऑफ क्रेडिट लोन की ही एक सुविधा है जो प्री-सैंक्शन्ड क्रेडिट लिमिट के साथ मिलती है. इसमें बिना किसी प्रीपेमेंट चार्ज के उधारकर्ताओं को वित्तीय हैसियत और क्रेडिट स्कोर के आधार पर भुगतान करने की अनुमति दी जाती है. कोई भी लाइन ऑफ क्रेडिट का लाभ उठा सकता है. इसका फायदा ये है कि Line of Credit में उधार के तौर पर आपको जो भी रकम मिली है, उस निश्चित रकम में से आप जितना आप खर्च करते फ्यूचर्स का उदाहरण हैं, सिर्फ उतने पैसों पर ब्याज लगता है. बाकी बची रकम Line of Credit में ही पड़ी रहती है. उस पर न कोई ब्याज लगता है और न ही कोई पेनल्टी.
मान लीजिए कि आपको उधार के तौर पर 2 लाख रुपए मिले हैं. लेकिन आपको उसमें से सिर्फ 50 हजार ही खर्च करने की जरूरत पड़ती है. ऐसे फ्यूचर्स का उदाहरण में आपको सिर्फ 50 हजार रुपए पर ही ब्याज देना होगा. बाकी के बचे डेढ़ लाख लाइन ऑफ क्रेडिट में ही पड़े रहेंगे. इन पर कोई ब्याज या जुर्माना नहीं लगेगा. आप अगर इसमें से 20 हजार और निकाल लेंगे तो आपको 70 हजार रुपए ब्याज समेत लौटाने होंगे. बकाया 1 लाख 30 हजार पर कोई ब्याज नहीं लगेगा.
ऐसे तय होती है रकम की राशि
जिस तरह आपकी वित्तीय क्षमता और क्रेडिट स्कोर आधार पर आपको कोई लोन मिलता है, उसी तरह क्रेडिट लाइन के तहत मिलने वाली राशि भी आपकी वित्तीय हैसियत और क्रेडिट स्कोर के आधार पर तय होती है. ये 3000 रुपए से लेकर 10 लाख तक भी हो सकती है. क्रेडिट लाइन शुरुआती लिमिट, उसकी ब्याज दर और अन्य नियम, लोन जारी करने वाले बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान निर्धारित करते हैं. उस बैंक या वित्तीय संस्थान या Loan APP की ओर से निर्धारित किये जाते हैं, जोकि लोन जारी करता है.
क्रेडिट लाइन कई मामले में पर्सनल लोन से बेहतर है. पहला कि इसमें प्रीपेमेंट चार्ज का चक्कर नहीं है. दूसरा आप जितनी रकम खर्च करते हैं, ब्याज भी सिर्फ उस रकम पर ही लगता है. ऐसे में जब आपको ये अंदाजा न हो कि आपकी जरूरत में ज्यादा या कम, कितना पैसा खर्च हो सकता है, तो आप क्रेडिट लाइन का फायदा ले सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार खर्च कर सकते हैं. इसमें आपका पैसा अगर कम खर्च होगा तो ब्याज कम रकम पर ही देना होगा, पूरे पर नहीं. हालांकि क्रेडिट लाइन का एक ड्रॉबैक ये है कि कई बार इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन की तुलना में ज्यादा होती हैं. ऐसे में इस सुविधा का लाभ उठाने से पहले जरूरत और उस समयावधि का मूल्यांकन करें जिसके लिए आपको पैसे की आवश्यकता है.
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UP CM Yogi बोले- 08 वर्षों में हेल्थ सेक्टर में जो कार्य हुए हैं, वे अकल्पनीय हैं तो यूजर्स उदाहरण देते हुए पूछने लगे ऐसे सवाल
योगी आदित्यनाथ (Photo- File)
वाराणसी में ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) दिवस 2022’ (Universal Health Coverage Day) के समापन समारोह को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) ने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) बहुत शीघ्र ‘टेली कंसल्टेंसी’ और फ्यूचर्स का उदाहरण ‘टेलीमेडिसिन’ जैसी सुविधाओं से लैस होंगे। उन्होंने कहा कि 4600 से अधिक पीएचसी (PHC) को राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल के साथ ही एसजीपीजीआई और केजीएमयू से जोड़ दिया जाएगा। इतना ही नहीं, पिछले आठ सालों में स्वास्थय सेक्टर में आये बदलावों को लेकर भी सीएम योगी ने जमकर तारीफ की है।
क्या बोले सीएम योगी?
सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने कहा कि पिछले 08 वर्षों में देश के अंदर हेल्थ सेक्टर में जितना भी कुछ हुआ है, वे अकल्पनीय है। अगर मैं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Health Sector) की बात करूं तो यहां 75 जनपद हैं। पिछले 70 वर्षों में उत्तर प्रदेश में अन्दर केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाए जबकि 2017 से लेकर 2022 के बीच में मात्र 5 साल में हम लोगों ने 35 मेडिकल कॉलेज, सरकार की मदद से बनाये हैं या बन रहे हैं। 70 सालों में 6 AIIMS बने और आज देश भर में 22 AIIMS बनकर या निर्माणाधीन हैं। सीएम योगी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
@EtawahSwati यूजर ने लिखा कि भाजपा में हेल्थ सेक्टर में बेहतरीन कार्य हुए हैं, कभी सपा की एम्बुलेंस कबाड़ में खड़ी मिल रही है तो कभी ऑक्सीजन चोरी कर बेची जा रही है। @Aazad_Bharatiya यूजर ने लिखा कि महाराज जी उत्तर प्रदेश में छोटे बच्चों के टीके तो उपलब्ध हो नहीं पाते और आप बात करते हैं अकल्पनीय कार्य की। @ramsagar_tiwari यूजर ने लिखा कि इमरजेंसी में बड़े-बड़े अस्पतालों में बेड खाली नहीं। घंटों-दिनों इंतजार करना पड़ता है, ठीक ढंग का उपचार नहीं होता। कोई ध्यान देनेवाला नहीं है। बस अस्पताल खोलकर अज्ञान जनता को ठग रहे हैं।
तो क्या खत्म हो जाएंगे स्मार्टफोन ?
नोकिया के सीईओ पक्का लुंडमार्क के मुताबिक साल 2030 तक
6जी तकनीक आ जाएगी, लेकिन उस समय तक स्मार्टफोन
में common interface नहीं होगा।
अभी तो स्मार्टफोन एक कॉमन इंटरफेस है,
लेकिन आने वाले समय में कोई और
प्रोडक्ट इसकी जगह ले सकता है।
पर्सनली ये सभी फीचर आपको
स्मार्ट वॉच या स्मार्ट ग्लास में मिल जाएंगे।
CEO Pekka Lundmark के मुताबिक, 2030 तक
हम जिस स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं,
वह सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला डिवाइस नहीं होगा।
इनमें से कई चीजें सीधे हमारे शरीर में मिल जाएंगी।
इसका एक उदाहरण हाल ही में आई न्यूरालिंक की ब्रेन चिप है।
इस चिप की मदद से बंदर अपने दिमाग का
इस्तेमाल कर कंप्यूटर पर टाइप कर रहा है।
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