Bajaj Auto : जून में कमजोर बिक्री के बाद शेयरों पर दबाव, अब क्या करें निवेशक?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कहा, कंपनी ने हाल में सीटी100 की बिक्री बंद कर दी है जिसके चलते डिमांड कमजोर हुई है । इसके साथ ही अब बाजार में सबसे सस्ता मॉडल Bajaj Auto का नहीं, बल्कि उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी बेच रही है
जून में बजाज ऑटो की टूव्हीलर्स की बिक्री 20 फीसदी घटकर 1,25,083 यूनिट रह गई। बड़ी बात यह है कि पिछले साल जून के कोविड-19 की दूसरी वेव से प्रभावित होने के बावजूद ऐसा हुआ है
Bajaj Auto Shares : जून में टूव्हीलर्स की कमजोर बिक्री के चलते बजाज ऑटो के शेयरों पर दबाव बना हुआ है। शुक्रवार को बीएसई पर कंपनी के शेयर 2.20 फीसदी कमजोर होकर 3,624 रुपये पर बंद हुए। वहीं सोमवार, 4 जुलाई को शुरुआती कारोबार में शेयर की कीमत लगभग फ्लैट बनी हुई है। दरअसल, जून में बजाज ऑटो की टूव्हीलर्स की बिक्री 20 फीसदी घटकर 1,25,083 यूनिट रह गई। बड़ी बात यह है कि पिछले साल जून के कोविड-19 की दूसरी वेव से प्रभावित होने के बावजूद ऐसा हुआ है।
हालांकि, कंपनी की कुल बिक्री सालाना आधार पर 2 फीसदी बढ़कर 3,15,948 यूनिट रही, जिसकी मुख्य वजह निर्यात में 23 फीसदी की बढ़ोतरी रही जो बढ़कर 1,90,865 यूनिट के स्तर पर पहुंच गया। वहीं घरेलू बाजार में बिक्री 20 फीसदी घट गई।
चीन पर और चोट की तैयारी, कुछ ऑटो पार्ट्स पर आगे बढ़ाई जा सकती है एंटी डंपिंग ड्यूटी
देसी इंडस्ट्री की शिकायत पर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) कई ऑटो ट्रेडर्स की समीक्षा उत्पादों के एंटी डंपिंग ड्यूटी की समीक्षा कर रहा है. इन वस्तुओं पर एंटी डंपिंग ड्यूटी 20 अक्टूबर 2020 को खत्म हो रही है.
aajtak.in
- नई दिल्ली ,
- 20 अगस्त 2020,
- (अपडेटेड 20 अगस्त 2020, 2:44 PM IST)
- कुछ ऑटो पार्ट्स पर आगे बढ़ाई जा सकती है एंटी डंपिंग ड्यूटी
- घरेलू इंडस्ट्री ने चीन के द्वारा डंपिंग की शिकायत की है
- अब वाणिज्य मंत्रालय से जुड़ा DGTR इसकी समीक्षा कर रहा है
चीन को लगातार कारोबारी चोट देने और देसी कारोबारियों के हितों की रक्षा की सरकार कोशिश कर रही है. अब कई ऑटो पार्ट्स के आयात पर लगने वाली एंटी डंपिंग ड्यूटी को आगे बढ़ाया जा सकता है. देसी इंडस्ट्री की शिकायत पर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) कई उत्पादों के एंटी डंपिंग ड्यूटी की समीक्षा कर रहा है.
देसी इंडस्ट्री ने की है शिकायत
इन वस्तुओं पर एंटी डंपिंग ड्यूटी 20 अक्टूबर 2020 को खत्म हो रही है. गौरतलब है कि एक देसी कंपनी भारत फोर्ज लिमिटेड ने इस बारे में शिकायत की थी और वाणिज्य मंत्रालय के DGTR से मांग की थी कि एक्सल बीम और स्टीयरिंग क्नकल्स पर लगने वाले एंटी डंपिंग ड्यूटी की समीक्षा कर इसे आगे बढ़ाया जाए.
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ये दोनों उत्पाद भारी और मध्यम कॉमर्शियल वाहनों में इस्तेमाल किये जाते हैं. इसके बाद वाणिज्य मंत्रालय इस बात की समीक्षा कर रहा है कि चीन से आने वाले कुछ ऑटो कम्पोनेंट पर लगाये गये एंटी डंपिंग ड्यूटी को क्या आगे बढ़ाया जा सकता है.
भारत फोर्ज ने यह मांग की थी कि चीन से आने वाले उत्पादों पर एंटी डंंपिंग ड्यूटी को आगे भी जारी रखा जाए. कंपनी ने यह आरोप लगाया है कि चीन से ऐसे सामान की ऑटो ट्रेडर्स की समीक्षा डंपिंग की सूरत में भारतीय इंडस्ट्री को काफी नुकसान होगा.
शिकायत में यह कहा गया है कि इस बारे में 'पर्याप्त प्राथमिक साक्ष्य' हैं कि चीन में इन वस्तुओं का सामान्य दाम वहां से कारखानों से होने वाले निर्यात मूल्य के मुकाबले काफी ज्यादा हैं. यानी इन वस्तुओं का ऑटो ट्रेडर्स की समीक्षा दाम घटाकर इन्हें भारत जैसे निर्यात बाजार में पाटने का प्रयास किया जा रहा है.
साल 2015 में लगा था टैक्स
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 12 अप्रैल 2020 को ही इन वस्तुओं पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी थी. इसके बाद साल 2015 में हुई समीक्षा के बाद इन वस्तुओं पर एंटी डंपिंग ड्यूटी फिर बढ़ा दी गई. मौजूदा एंटी डंपिंग ड्यूटी 20 अक्टूबर 2020 को खत्म हो रही है.
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क्या होती है एंटी डंपिंग ड्यूटी
गौरतलब है कि जब किसी देश में यह देखा जाता है कि किसी अन्य देश के उत्पादों के काफी सस्ते माल पट जाने से स्थानीय उद्योगों को नुकसान हो रहा है तो वहां की सरकार अपने इंडस्ट्री के हित में कुछ फीसदी का एंटी डंपिंग ड्यूटी यानी अतिरिक्त टैक्स लगा देती है ताकि आयातित माल और देस में बन रहे माल के दाम में खास अंतर न रहे. इसे डब्लूटीओ के नियमों के तहत भी मान्यता दी गई है.
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सर्राफा कारोबारियों की हड़ताल जारी, 500 करोड़ का नुकसान
फरीदाबाद. पिछले आठ दिनों से जारी सर्राफा कारोबारियों की हड़ताल से पांच सौ करोड़ रुपए का नुकसान का अनुमान है। रविवार को भी सभी सर्राफा की दुकानें बंद रहीं। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक मांगे नहीं पूरी हो जाती आंदोलन करते रहेंगे। अन्य व्यापारी संगठनों के समर्थन से आंदोलनरत कारोबारी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि मांग से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है। अब कारीगर भी कारोबारियों के साथ हैं। जिले में बड़ी संख्या में ऐसे कारीगर हैं जो ज्वेलरी की दुकानों पर काम करते हैं। मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार सभा, स्वर्णकार कल्याण संघ, सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि किसी भी सूरत में एक्साइज ड्यूटी मंजूर नहीं है। इंपोर्ट टैक्स में बढ़ोतरी भी कारोबारी नहीं मानेंगे। मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार सभा के महासचिव रवि सोनी कहते हैं कि आर्थिक नुकसान की चिंता किए बिना सभी कारोबारी आंदोलन कर रहे हैं। दुकानें बंद पड़ी हुई हैं। आंदोलन से ग्राहकों की परेशानी बढ़ गई है। एनएच पांच में रहने वाली शशि शर्मा कहती हैं कि पोती को जन्म दिन पर गिफ्ट करने के लिए हार लेने की सोच रही थी। लेकिन सोने-चांदी की छोटी दुकानें भी बंद पड़ी हैं। जन्मदिन 5 अप्रैल को है। यह केवल एक शशि की कहानी नहीं है, शहर में बड़ी संख्या में ऐसे ग्राहक हैं जो सर्राफा कारोबारियों की हड़ताल खत्म होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। एनएच पांच नंबर मार्केट में दुकान चलाने वाले रितेश कुमार कहते हैं कि अभी सगाई का मौसम है। अप्रैल और मई में जमकर शादियां होती हैं। यह समय कारोबार का है। केंद्र सरकार की बेरूखी की वजह से स्वर्णकार हड़ताल करने को मजबूर हैं।
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