बैंकों को दिया सुझाव

फेड ने अपनी बेंचमार्क दर को आधे अंक से बढ़ाकर 4.25% से 4.5% कर दिया। (Photo- AP)

मुद्रा का दबाव: डॉलर के मुकाबले रुपये का अवमूल्यन

दुनिया के अन्य प्रमुख मुद्राओं के साथ रुपया एक फिर से एक नए दबाव का सामना कर रहा है। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में भारी - भरकम 75 आधार अंकों की ताजा वृद्धि और अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा संकेत खरीदने अपना ध्यान पूरी तरह से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने पर केंद्रित रखने के स्पष्ट संदेश के मद्देनजर डॉलर में मजबूती जारी है। सप्ताह के अंत में एक नए रिकॉर्ड स्तर पर लुढ़क विदेशी मुद्रा संकेत खरीदने कर बंद होने से पहले, भारतीय मुद्रा शुक्रवार को दिन – भर के व्यापार (इंट्राडे ट्रेड) के दौरान पहली बार डॉलर के मुकाबले 81 अंक के पार जाकर कमजोर हुई। अस्थिरता को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से रुपये में गिरावट की रफ्तार को नरम किया गया। लेकिन 16 सितंबर से 12 महीनों में इस तरह के हस्तक्षेपों का कुल नतीजा यह हुआ कि भारतीय रिजर्व बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार के आपातकालीन कोष में लगभग 94 बिलियन डॉलर की कमी आई और यह कोष अब घटकर 545.65 बिलियन डॉलर का रह गया है। डॉलर के मुकाबले अकेले रुपये में ही गिरावट नहीं होने का तथ्य अपने कारोबार के सुचारू संचालन के लिए कच्चे माल या सेवाओं के आयात पर निर्भर रहने वाली भारतीय कंपनियों के लिए थोड़ा सा भी सुकून भरा नहीं हो सकता है। ये कंपनियां एक ऐसे समय में बढ़ती लागत की विदेशी मुद्रा संकेत खरीदने समस्या से जूझ रहीं हैं, जब महामारी के बाद की स्थिति में घरेलू मांग का एक टिकाऊ स्तर पर पहुंचना अभी भी बाकी है। आयात का बढ़ता खर्च भी पहले से ही लगातार बढ़ती मुद्रास्फीति से घिरी अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति के दबाव में और इजाफा करेगा तथा चढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के मौद्रिक नीति निर्माताओं के प्रयासों को और अधिक जटिल बनाएगा।

RBI Action: वैश्विक मंदी की अटकलों के बीच विदेशी मुद्रा लाने के नियम किए गए आसान, चिंता में क्यों है आरबीआइ

RBI action to boost indian economy वैश्विक मंदी की अटकलों के बीच आरबीआइ ने बड़े फैसले लिए हैं। आरबीआइ (Reserve Bank of India) ने देश विदेशी मुद्रा संकेत खरीदने में विदेशी मुद्रा लाने के नियमों को आसान बना दिया है। जानें क्‍यों चिंतित है केंद्रीय रिजर्व बैंक.

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। डालर के मुकाबले लगातार रुपये की घटती कीमत, देश में बढ़ते कारोबार घाटे (निर्यात के मुकाबले आयात पर ज्यादा खर्च) और वैश्विक मंदी की अटकलों के बीच आरबीआइ ने देश में विदेशी मुद्रा लाने के नियमों को आसान बना दिया है। केंद्रीय बैंक ने इस बारे में पांच अहम कदम उठाकर पहली बार यह संकेत दिया है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) द्वारा भविष्य में भी पैसा निकाले जाने की संभावना है और इससे रुपये की कीमत और गिरावट आ सकती है।

Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, लगातार 8वें हफ्ते आई गिरावट

Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, लगातार 8वें हफ्ते आई गिरावट

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है। बीते 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 8.134 अरब डॉलर घटकर विदेशी मुद्रा संकेत खरीदने 537.518 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह 5.2 विदेशी मुद्रा संकेत खरीदने अरब डॉलर से अधिक घटकर 545.54 अरब डॉलर रह गया था। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा संकेत खरीदने गिरावट आई है।

वजह क्या है: विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में गिरावट के कारण 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी विदेशी मुद्रा संकेत खरीदने मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। आरबीआई के मुताबिक इस दौरान एफसीए 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया।

Foreign Currency Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल में सबसे कम! भारत के लिए यह बहुत बुरी खबर है?

Sachin Chaturvedi

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 08, 2022 14:12 IST

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Photo:FILE Forex

रिजर्व बैंक इस समय दोराहे पर आ खड़ा हुआ है। एक और रुपया पाताल में धंसता नजर आ रहा है, वहीं घटते निर्यात और बढ़ते आया से विदेशी मुद्रा भंडार भी दिनों दिन सिकुड़ता नजर आ रहा है। उस पर विदेशी निवेशकों की रवानगी ने रिजर्व बैंक और सरकार का सिर चकरा दिया है। रुपये को 80 के स्तर से नीचे गिरने से रोकने के लिए पिछले महीने रिजर्व बैंक करीब 100 अरब डॉलर झोंक चुका है। लेकिन इसके बावजूद रुपया 82 से नीचे फिसल चुका है।अब रिजर्व बैंक का पूरा जोर रुपये को बचाने की बजाए विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने पर है।

लगातार नौवें सप्ताह आई गिरावट

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रहने के बीच 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले सप्ताह में 8.134 अरब डॉलर कम होकर 537.

518 अरब डॉलर पर रहा था।

Rupee

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1 साल में 100 अरब डॉलर की गिरावट

वैश्विक घटनाक्रमों के कारण रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी आई है। देश की विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। आरबीआई की तरफ से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, फॉरेन करंसी असेट्स (एफसीए) में गिरावट के कारण 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए दरअसल समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 4.406 अरब डॉलर घटकर 472.807 अरब डॉलर रह गया।

डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 28.1 करोड़ डॉलर घटकर 37.605 अरब डॉलर पर आ गया है। समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 16.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.427 अरब डॉलर हो गया। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के पास सुरक्षित देश का मुद्रा भंडार 4.826 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा।

कोविड से बचने के लिए डबल मास्क है जरूरी.

बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक आज आठ सौ उनासी अंक लुढक कर 61 हजार 799 पर बंद हुआ। नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का निफ्टी भी 245 अंक घटकर 18 हजार 415 पर आ गया।

जल शक्ति राज्य मंत्री, विदेशी मुद्रा संकेत खरीदने प्रह्लाद सिंह पटेल ने आज लोकसभा में बताया कि दो अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अब तक ग्यारह करोड़ से अधिक घरेलू शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। उन्‍होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 के निष्कर्षों के.

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