Crypto Price: BitCoin में जारी है खरीदारी, लेकिन टॉप 10 क्रिप्टो में मिला-जुला रूझान, चेक करें लेटेस्ट कीमतें

Crypto Price: बिटकॉइन (BitCoin) में खरीदारी का रूझान कायम है लेकिन अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में मिला-जुला रूझान दिख रहा है

Crypto Price: पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन (BitCoin) समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में खरीदारी को लेकर मिला-जुला रूझान रहा। वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो मार्केट कैप 0.30 फीसदी की गिरावट के साथ 1.07 लाख करोड़ डॉलर पर रही। मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की बात करें तो इसमें खरीदारी का रूझान बना हुआ है और इसके भाव 22 हजार डॉलर के ऊपर बने हुए हैं।

यह खबर लिखे जाने के समय बिटकॉइन 22292 डॉलर (17.64 लाख रुपये) के भाव पर है। हालांकि मार्केट कैप के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एथेरम (Etherum) के भाव में गिरावट का रूझान दिख रहा है। वहीं दूसरी तरफ सबसे अधिक सोलाना के भाव मजबूत हुए हैं। पिछले 24 घंटे में यह 8 फीसदी से भी अधिक मजबूत हुई है। मार्केट कैप के हिसाब से टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसीज में अधिकतर के भाव फिसले हैं। टॉप 10 क्रिप्टो में के भाव पिछले 24 घंटे में कमजोर हुए हैं।

Cryptocurrency: निवेशकों को केंद्र सरकार देने जा रही है अच्छी खबर, क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर ये है नया प्लान

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर पिछले एक साल से खूब चर्चा हो रही है। दुनियाभर में क्रिप्टो बाजार (Crypto Market) का जहां एक तरफ जबरदस्त बोलबाला है, और निवेशकों को भी डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में ट्रेडिंग काफी पसंद आ रही है, तो वहीं, दूसरी तरफ भारतीय निवेशकों में असमंजस की स्थिति है। बता दें कि भारत में क्रिप्‍टोकरेंसी की वैधता को लेकर कोई निश्चितता ना होने से निवेशक पशोपेश में हैं। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि एक तरफ सरकार ने साफ किया है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नया और सख्त कानून लाया जाएगा। तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय क्रिप्टोकरेंसी लाने पर विचार कर रही है। इसके अलावा भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने और इसे अपराध की श्रेणी में डालने के बीच एक अच्छी खबर सामने आ रही है। गौरतलब है कि, केंद्र सरकार (Central Government) क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने की सोच रही है।

इसकी स्टडी को लेकर केंद्र सरकार एक खास विशेषज्ञों का नया पैनल बना सकती है। ET की खबर को माने तो, नई समिति का कार्यक्षेत्र तकनीकी वृद्धि के लिए ब्लॉकचेन के उपयोग का पता लगाना और क्रिप्टो को मुद्रा के बजाय डिजिटल संपत्ति के रूप में विनियमित करने के तरीके सुझाना हो Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रस्तावित डिजिटल रुपये के संचालन के तरीकों का अध्ययन करने के लिए भी समिति से कहा जा सकता है। दरअसल सरकार भारत में क्रिप्टो को नए सिरे से शुरू पर विचार कर रही है। हालांकि, इसको लेकर कोई भी स्थिति साफ नहीं है और ये अभी शुरुआती चरण में हैं। बता दें कि अभी तक इसको लेकर कोई औपचारिक प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है।

सामने आ रही खबरों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय, देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर निगरानी कर रहा है। साथ ही इसमें होने वाले जोखिमों को लेकर स्टेकहोल्डर और जानकारों से बात कर रहा है। बता दें कि इससे पहले इस संबंध में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री, अनुराग ठाकुर ने क्रिप्टो और बैंकिंग इंडस्ट्री फोरम के सदस्यों से मुलाकात की थी। खबर है कि अनुराग ठाकुर भी इस नए पैनल में सदस्य हो सकते हैं।

Anurag Thakur Nirmla Sitaraman

जिस तरह से कार्य प्रगति पर है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की टीम इस महीने के अंत तक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के बारे में जानकारी देंगी। स्पष्ट है कि, भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इसमें निवेशक तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें लोगों को मोटी कमाई भी हो रही है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करन वाले निवेशकों की संख्या एक करोड़ के करीब पहुंच गई है। अनुमान के मुताबिक भारत में विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी में 10 हजार करोड़ रुपये (1.36 अरब डॉलर) निवेश हो चुका है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी

यह एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी होती है, जो कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी होती है। इसका संचालन आईडी और पावसर्ड के जरिये किया जाता है। इसका कोई नियामक नहीं है। दुनिया में बिटक्वाइन के अलावा कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी मौजूद हैं जैसे- रेड क्वाइन, सिया क्वाइन, वॉइस क्वाइन, डाॅगक्वाॅइन, सिबा इनू, सिस्क्वाइन और मोनरो आदि। दुनिया के ज्यादातर देशों में इसकी मंजूरी नहीं है। बता दें कि सरकार ने 2019 में भी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने और इसको आपराधिक बनाने के बिल तैयार किया था। हालांकि, यह बिल संसद में पेश नहीं हो पाया था।

क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती घुसपैठ से जूझ रही दुनिया, भारत में जरूरी है इसका नियमन, सही दिशा में सरकार

भारत में जरूरी है क्रिप्‍टोकरेंसी का नियमन

जयंतीलाल भंडारी। केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी नियामक और डिजिटल करेंसी बिल 2021 पेश करने जा रही है। जहां पूरी दुनिया क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती घुसपैठ से जूझ रही है, वहीं भारत के लिए यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस करेंसी के खतरों को समझा और इसके नियमन का मन बनाया। बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा था कि अनियंत्रित क्रिप्टो बाजार को धनशोधन और आतंकी फंडिंग का जरिया नहीं बनने दिया जा सकता। सभी लोकतांत्रिक देशों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में न जाने दें, अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। इस पर ध्यान देना ही होगा।

भारत को अपनी विदेश नीति में द्विपक्षीय भाव से अधिक बहुपक्षीय भावनाओं को वरीयता देनी चाहिए।

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है, जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोकरेंसी सिर्फ डिजिटल रूप में आनलाइन रहती है। यह सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में जेब में नहीं रखी जाती। इस समय क्रिप्टोकरेंसी में बिटकाइन का वर्चस्व है। इथेरियम, टीथर, कार्डानो, पोल्काडाट, रिपल और डोजकाइन सहित सैकड़ों अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी मौजूद हैं। यह माना जाता है कि जापान के सातोशी नाकामोतो के द्वारा बिटकाइन को 2008 में लाया गया। इसका प्रचलन 2009 में शुरू हुआ। बिटकाइन दुनिया की सबसे महंगी वचरुअल करेंसी है। बिटकाइन की संख्या दो करोड़ दस लाख तक सीमित है। वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप लगभग Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर 225 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। एक बिटकाइन का मूल्य करीब 68,641 डालर है।

जब सब कुछ इंटरनेट के भरोसे हो रहा है तो साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना भी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

क्रिप्टोकरेंसी अत्यंत अस्थिर और खतरनाक उछाल भरने वाली जोखिम भरी परिसंपत्ति है। जहां क्रिप्टोकरेंसी के निर्गमन के पीछे स्वर्ण या बहुमूल्य धातु के कोष नहीं रखे जाते, वहीं इसके पीछे किसी वित्तीय नियामक संस्था की किसी मूल्य की वापसी संबंधी कोई गारंटी भी नहीं होती। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी का निर्गमन करके कई वित्तीय धोखेबाजों द्वारा डिजिटल निवेशकों से ठगी किए जाने की आशंका बनी रहती है। क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल वैश्विक सट्टेबाजी और साइबर अपराधों में भी हो सकता है। इतना ही नहीं क्रिप्टोकरेंसी की कीमत बढ़ना या घटना वित्तीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। इसके बावजूद क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदगी नकारी नहीं जा सकती। पिछले 10-12 वर्षो के तमाम वैश्विक वित्तीय संकटों के बीच क्रिप्टोकरेंसी ने अपना अस्तित्व बचाए रखा है। चूंकि क्रिप्टोकरेंसी पर कोई वैश्विक नियमन नहीं है, अत: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे भुगतान करना फायदेमंद माना जाता है। हालांकि इसके जोखिम भी कम नहीं हैं।

मौद्रिक सख्ती के कारण आर्थिक वृद्धि पर कुछ दबाव दिखना स्वाभाविक है।

आभासी मुद्रा में निवेश को लेकर निवेशकों का आकर्षण इसलिए भी बना हुआ है, क्योंकि सरकारी तंत्र से बाहर दुनिया के किसी भी कोने में इन्हें भुनाने का विकल्प मौजूद है। खास बात यह है कि खरीदारी के सभी डिजिटल प्लेटफार्म चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। शायद इन्हीं कारणों से अल सल्वाडोर ने बिटकाइन को मान्यता दी है। वह ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। इस समय क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया के कई देशों में भरोसे के संकट का सामना करना पड़ रहा है। वे इसे पारंपरिक करेंसी के लिए खतरा मानते हैं। यही कारण है कि उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी पर विभिन्न तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।

चीन के केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए सभी क्रिप्टो लेनदेन को अवैध घोषित कर दिया है। यद्यपि भारत में भी 2018 में रिजर्व बैंक ने बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं पर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेन को लेकर रोक लगा दी थी, लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर कोर्ट ने इस आदेश को पलट दिया। हालांकि देश में क्रिप्टोकरेंसी को कोई वैधानिक मान्यता नहीं मिली है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार बढ़ने लगा। बिटकाइन आदि को डिजिटल गोल्ड की तरह निवेश का एक आकर्षक विकल्प बताया जा रहा है। भारत में करीब 10.07 करोड़ लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है, जो दुनिया के किसी भी देश से अधिक हैं।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज चलाने वालों पर अभी सरकार या दूसरे वित्तीय नियामकों का कोई नियंत्रण नहीं है। गत दिनों जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने विभिन्न हितधारकों के साथ क्रिप्टो वित्त और क्रिप्टोकरेंसी के गुण-दोष पर चर्चा की। माना जाता है कि इस संसदीय समिति के कई सदस्य क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाय इसके बाजार को विनियमित करने के पक्ष में हैं। वास्तव में अब बदली हुई डिजिटल दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं होगा। क्रिप्टोकरेंसी को बड़े पैमाने पर स्वीकृति और नए निवेशकों द्वारा प्रवेश करने से इसका महत्व बढ़ा है। कई देश अब खुद अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने पर विचार कर रहे हैं।

ऐसे में देश के भीतर क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए सरकार द्वारा प्राथमिकता के साथ इन आभासी परिसंपत्तियों के लिए नियामकीय ढांचा तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही नीति निर्माताओं द्वारा क्रिप्टोकरेंसी Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर से जुड़ी एक ऐसी व्यापक योजना प्रस्तुत की जानी चाहिए, जिससे एक ओर केंद्रीय बैंक को वित्तीय स्थिरता से जुड़े जोखिम से बचाव मिल सके। दूसरी ओर निवेशकों के हितों का बचाव करने में भी मदद मिल सके। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाली कमाई को टैक्स के दायरे में लाने के लिए आयकर कानूनों में उपयुक्त बदलाव भी किया जाएगा। इससे क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित होने के साथ ही राजस्व की प्राप्ति भी हो सकेगी।

बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार बनाए नए नियम: एडवोकेट पीएम मिश्रा

क्रिप्टोकरेंसी हाल के वर्षों में एक वैश्विक घटना बन गई है, हालांकि इस विकसित तकनीक के बारे में अभी भी बहुत कुछ सीखा जाना बाकी है।

क्रिप्टोकरेंसी हाल के वर्षों में एक वैश्विक घटना बन गई है, हालांकि इस विकसित तकनीक के बारे में अभी भी बहुत कुछ सीखा जाना बाकी है। प्रौद्योगिकी और पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों को बाधित करने की क्षमता को लेकर चिंताए हैं।

हमसे अकसर क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पूछा जाता है, क्या वो सोने के लिए संभावित प्रतिस्थापन का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसकी क्या भूमका है। यदि कोई हो, तो बिटकॉइन को एक पोर्टफोलियो में खेलना चाहिए और बिटकॉइन को विनियमित करना कितना आसान है, क्रिप्टो गोल्ड और कैश लेनदेन की तुलना करें।

डेक्कन क्रॉनिकल में 12 जून,2018 को Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के अनुसार भारत में मांग के एक तिहाई से अधिक सोने की तस्करी, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना आयात करने वाला देश है। यह संभावित रूप से केंद्र सरकार को $ 1.3 बिलियन का राजस्व नुकसान का कारण बनता है। आधिकारिक आयात में लगभग 50 प्रतिशत की कमी हुई है, जबकि सोने की तस्करी 2018 से बढ़ रही है 2021 के बारे में सोचिएं। कुछ टैक्स से बचने के लिए। कल्पना कीजिए कि सरकार द्वारा इतनी सावधानी बरतने के बाद भी हमारे देश में सोने की तस्करी जारी है।

भारत में मनी लॉन्ड्रिंग को हवाला लेनदेन के नाम से जाना जाता है। Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर 1990 के दशक की शुरुआत में इसे लोकप्रियता मिली जब कई राजनेता इसके जाल में फंस गए। हवाला एक वैकल्पिक या समानांतर प्रेषण प्रणाली है। "हवाला" एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है किसी तीसरे व्यक्ति का उपयोग करके दो व्यक्तियों के बीच धन या जानकारी का हस्तांतरण। यह प्रणाली अरबी व्यापारियों को लूट से बचने के साधन के रूप में बताती है। यह कई शताब्दियों तक पश्चिमी बैंकिंग की भविष्यवाणी करता है।

हवाला तंत्र ने काले से सफेद में धन के रूपांतरण की सुविधा प्रदान की। काले धन से तात्पर्य अर्जित धन से है, जिस पर आय और अन्य करों का भुगतान नहीं किया गया है। अवैध रूप से व्यापार किए गए सामान या सेवाओं के माध्यम से काला धन अर्जित किया जाता है। मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में कल्पना से परे है।

पूरी दुनिया और भारत सरकार इन लेनदेन को विनियमित करने के लिए इतना खर्च करती है, मुझे लगता है कि भारत में हाल ही में नोटबंदी को कोई नहीं भूल पाया है।

एडवोकेट मिश्रा बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो मुद्रा के अनुसार गोल्ड और कैश की तुलना को विनियमित करना बिल्कुल आसान है। उन्होंने कहा, एक तरफ, क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से नाम रहित है। दूसरी ओर, यह पूरी तरह से पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य है। इसका अर्थ नामरहित में है, लेकिन उसके पते में अपनी पहचान के बारे में कुछ भी बताए बिना एक क्रिप्टो पते को आप पकड़ सकते हैं। एक व्यक्ति कई पते रख सकता है, और सिद्धांत रूप में, उन पते को एक साथ जोड़ने, या इंगित करने के लिए कुछ भी नहीं होगा कि व्यक्ति उनके स्वामित्व में है।

आभासी मुद्रा भेजना और प्राप्त करना छद्म नाम के तहत लिखने जैसा है। यदि किसी लेखक का छद्म नाम कभी उनकी पहचान से जुड़ा होता है, तो उस छद्म नाम के तहत उन्होंने जो कुछ भी लिखा है, वह उनसे जुड़ा होगा। बिटकॉइन लेनदेन इतिहास के साथ ग्राहक डेटा से मेल खाने वाले उपकरणों के साथ पास पर आपराधिक गतिविधि हो सकती है। इससे उच्च-जोखिम वाले ग्राहकों की पहचान करना आसान हो सकता है, एएमएल अनुपालन बना रहेगा, और क्रिप्टो मनी लांड्रिंग से जुड़े तनाव से बच सकते हैं।

क्रिप्टो धोखाधड़ी Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर से साधारण नागरिक को बचाने के लिए और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधि क्रिप्टो को रोकने के लिए, भारत को जल्दी से निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए -
1. केवल एक बैंक को क्रिप्टो मुद्रा से निपटने की अनुमति दें।
2. भारतीय आईपी का उपयोग करके सभी वॉलेट पते को ट्रैक करने के लिए युवा और साइबर टीम की नियुक्ति करें, उन्हें स्थान तक ट्रेस करें।
3. कुछ ISP को क्रिप्टो एक्सचेंज आईपी की अनुमति दें, ताकि इसे ट्रैक करना आसान हो जाए।
4. क्रिप्टो कस्टडी सेवा के लिए अतिरिक्त कर का शुल्क।
5. क्रिप्टो बीमा कंपनी को शामिल करें।
6. लिमिट क्रिप्टो होल्डिंग व्यक्ति या कंपनी के आईटीआर पर निर्भर करती है।
7. सख्त क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ क्रिप्टो ट्रांजेक्शन ओवरसीज को सीमित करें।
8. इश्यू लाइसेंस व्यक्तिगत व्यापारी, जो व्यापार करना चाहते हैं।
9. एक्सचेंजों को लाइसेंस जारी करना।

एडवोकेट पी एम मिश्रा ने बताया, मैं वर्तमान सरकार की क्रिप्टो रेगुलेटरी दृष्टिकोण के बारे में बहुत सकारात्मक हूं और मैं यह देखना चाहूंगा कि भारत को Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर क्रिप्टो करेंसी दौड़ जीतनी चाहिए क्योंकि क्रिप्टो डिजिटल गोल्ड के अलावा कुछ भी नहीं है।

Crypto: गिरावट के बीच Bitcoin बनायेगी रिकार्ड, 2030 तक दुनिया के 10 फीसदी लोग करेंगे इस्तेमाल

नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में बीते कुछ समय से गिरावट का दौर चल रहा है. दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) में भारी गिरावट देखने को मिली है. यह 30 हजार डॉलर के नीचे चली गई है. वहीं अन्य क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट जारी है. बिटकॉइन एक समय 48 हजार डॉलर तक पहुंच गई थी. हालांकि तब से इसमें गिरावट ही जारी है. अधिकतर क्रिप्टोकरेंसी लाल निशान पर चल रही हैं. क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के एक अच्छी खबर है. खबर यह है कि 2030 तक दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के रिकार्ड यूजर बन जायेंगे.

  • 2030 में बिटकॉइन के Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर 1 अरब होंगे यूजर
  • दुनिया की 10 फीसदी करेगी इस्तेमाल
  • 300 मिलियन क्रिप्टो यूजर्स हैं दुनिया में

2030 में बिटकॉइन के 1 अरब होंगे यूजर

ब्लॉकचेन इन्फ्रास्ट्रक्चर और बिटकॉइन माइनिंग फर्म, ब्लॉकवेयर सॉल्यूशंस (Blockware Solutions) ने बिटकॉइन को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया की 10 फीसदी आबादी बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रही होगी. 2030 तक बिटकॉइन के 1 अरब यूजर्स बनने की उम्मीद है.

दुनिया की 10 फीसदी करेगी इस्तेमाल

cryptopotato ने फर्म की प्रेस रिलीज के हवाले से बताया कि फर्म को उम्मीद है कि दुनिया के लोग 10 फीसदी सिर्फ आठ साल में इस क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करेंगे. यह क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के लिए गिरावट के बीच एक राहत भरी खबर है. फिलहाल बिटकॉइन नेटवर्क के एक्टिव यूजर्स की संख्या दुनिया की आबादी का लगभग 0.36% होने का अनुमान है.

300 मिलियन क्रिप्टो यूजर्स हैं दुनिया में

ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट गेटवे ट्रिपलए (TripleA) के आंकड़ों बताते हैं कि 2021 में ग्‍लोबल क्रिप्टो ओनरशिप रेट दुनिया भर में 300 मिलियन से अधिक क्रिप्टो यूजर्स हो गए हैं. ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म Chainalysis ने पिछले साल खुलासा किया था कि जुलाई 2020 से जून 2021 तक बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में 881% की बढ़ोतरी हुई. वियतनाम में इसे सबसे ज्‍यादा अपनाया गया और इसके बाद भारत और पाकिस्तान का स्थान है.

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