गर्दन और कंधे में होता है रोजाना दर्द तो हो सकती है ये खतरनाक बीमारी
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भाग दौड़ भरी जिंदगी में जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता जा रहा है उसी प्रकार लोग अपने शरीर पर काम का भार ज्यादा डालने लगे हैं। इन सब चीजों में लोग अपने आप को काम में इस तरह व्यस्त कर लेते हैं कि उन्हें अपने स्वास्थ्य की भी चिंता नहीं रहती। लेकिन कई बार ज्यादा काम करना और सेहत पर ध्यान ना देने से स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
वैसे तो इंसान के गर्दन और कंधे में दर्द होना बहुत आम बात है, लेकिन यही साधारण दर्द अगर बार-बार दिक्कत देने लगे तो फिर ये किसी समस्या का कारण हो सकता है। रिढ़ की हड्डी कई बार आपके शरीर का भार ज्यादा झेल नहीं पाती है जिसकी वजह से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जैसी परेशानी उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या में शरीर के कुछ अंग जैसे, कंधा, गर्दन, पीठ, बांह, छाती और सिर के पिछले हिस्से में दिक्कत बनी रहती है।
कैसे उत्पन्न होती है ये समस्या
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या में जब इंसान अपनी क्षमता से ज्यादा काम करने लगता है तो उसके गर्दन और कंधे में दर्द होना शुरू हो जाता है। समस्या की शुरूआत में पहले तो इससे गर्दन और कंधे के ऊपर प्रभाव पड़ता है। लेकिन जैसे-जैसे इसकी समस्या बढ़ती जाती है ये रिढ़ की हड्डी को भी प्रभावित करने लगता है और फिर चक्कर आना, सिर में दर्द, कंधे, पीठ और गर्दन में दर्द बना रहता है। इसलिए इस परेशानी से बचने के लिए जरूरी है की सही समय पर डॉक्टरों से इसका इलाज कराया जाए और इस बीमारी के लक्ष्ण को तुरंत भांप लिया जाए।
क्या है इसके लक्ष्ण
- चक्कर आना।
- गर्दन और कंधे में अधिकतर समय दर्द रहना।
- सिर में दर्द होना।
- हाथ, बांह और उंगलियों में कमजोरी और सुन्न पड़ जाना।
- गर्दन हिलाते वक्त हड्डियों में से चटकने की ध्वनि आना।
- चलते वक्त हाथ और पैरो में कमजोरी होने से ज्यादा थकावट महसूस होना।
कैसे इस समस्या से बचें
- इस समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि ज्यादा काम ना करें और अगर करें तो बीच में कम से कम एक 1 घंटे का आराम जरूर लें। इससे शरारिरीक और मानसिक दोनों को आराम मिलता है।
- सोने के लिए मख्मल के गद्दे और तकीये के प्रयोग से बचें। इसके लिए सख्त और मजबूत गद्दे पर सोएं और गद्दा एक दम सीधा हो जिससे रिढ़ की हड्डी को स्थिर होने में मदद मिले।
- काम के दौरान जरूरी है की बीच-बीच में व्यायाम जरूर करें। साथ ही गर्दन से जुड़े व्यायाम भी करना चाहिए इससे सर्वाइकल में आराम मिलता है। इससे शरीर की बनावट बनी रहती है और हड्डी का सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है? अलाइनमेंट बिगड़ने से बचा रहता है।
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क्या आप कंधे की जकड़न से पीड़ित हैं? आइए अपने दर्द को कम करने के लिए खिंचाव (स्ट्रेचिंग) देने और मजबूती प्रदान करने वाले कुछ प्रभावी व्यायामों के बारे में जानें।
हम दिन भर भारी वजन उठाते हैं, अपनी डेस्क इत्यादि पर झुककर काम करते हैं और बिना अपने शरीर की सुध लिए बिना लगातार अपने कंप्यूटर पर टाइप किए जाते हैं। इससे हमें अत्यधिक खिंचाव (ओवरस्ट्रेचिंग) या कंधे की जकड़न जैसी समस्या घेर सकती है।
कंधे की जकड़न या फ्रोजन शोल्डर क्या है?
यदि कंधे में सामान्य अवधि से ज्यादा समय तक दर्द, जकड़न की समस्या बनी रहती है और कंधे की गतिशीलता भी मुश्किल हो जाती है तो इस समस्या को कंधे की जकड़न (फ्रोजन शोल्डर) या ऐड्हीसिव कैप्सूलाइटिस कहा जाता है। इस समस्या के कारण दांतों पर ब्रश करने, कपड़े पहनने या स्नान करने जैसे नियमित कार्य करना भी कठिन हो सकता है।
यद्यपि बाजार में अस्थायी राहत के लिए कई तरह के उपाय उपलब्ध हैं, फिर भी उक्त लक्षणों की अनदेखी करना उचित नहीं होता है, और इसलिए तुरंत ही किसी सुयोग्य चिकित्सक से परामर्श करना हितकर रहता है।
कंधे की जकड़न के कारण
कंधे की जकड़न की समस्या किसी शल्यक्रिया (सर्जरी), चोट या हृदयरोग या तपेदिक, पार्किंसंस जैसी किसी अन्य बीमारी के कारण उत्पन्न होती है। यदि आप कोई चोट लगने के बाद कंधे के दर्द के लिए सुझाए गए व्यायाम नहीं करते हैं तो कंधे की जकड़न होने का जोखिम बढ़ जाता है।
मोटापा, बहुत अधिक बैठे रहने की आवश्यकता वाली जीवन शैली या हार्मोनों का असंतुलन भी कंधे की जकड़न का कारण बन सकते हैं।
कंधे की जकड़न का उपचार
आपका चिकित्सक कंधे के दर्द के लिए खिंचाव (स्ट्रेचिंग) देने और मजबूती प्रदान करने वाले व्यायाम करने की सलाह दे सकता है। यहां विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित कुछ व्यायामों की सूची दी गई है, जो आपके कंधे के दर्द को कम करने में अत्यधिक सहायक सिद्ध हो सकते हैं-
कंधे की जकड़न के लिए खिंचाव (स्ट्रेचिंग) देने का व्यायाम
- बिस्तर पर लेट जाएं और अपने प्रभावित हाथ को ऊपर उठाने का प्रयास करें। यदि सहज अनुभव हो तो अपने हाथ को सिर से ऊपर उठाने का प्रयास भी कर सकते हैं। कुछ सेकंड के लिए हाथ को ऊपर उठाकर रखें और फिर धीरे-धीरे नीचे लाएं।
- बैठ जाएं या अपनी पीठ के बल लेटें। अब प्रभावित हाथ को उठाएं, अपने घुटनों को मोड़ें, हाथ को फैलाएं और फिर सीधा करें।
- दीवार के सामने खड़े हो जाएं और अपनी बांह को उठाएं। अब अपनी कोहनी को मोड़कर अपनी उंगलियों को दीवार पर चलाने का प्रयास करें। इससे आपको कंधे के दर्द में राहत मिलेगी।
- आराम से बैठ जाएं या खड़े हो जाएं। अब अपनी प्रभावित बांह को ऊपर उठाएं और इसे अपनी स्वस्थ बांह के कंधे तक लाए। कोमलता से दबाव बनाए रखते हुए अपनी प्रभावित बांह को सीधा रखें।
- सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने कंधों को आराम दें और फिर अपनी बांह को छोटे-छोटे घेरे बनाते हुए घुमाएं। ऐसा 10 बार करें।
कंधे की जकड़न के लिए मजबूती प्रदान करने वाले व्यायाम
ये व्यायाम आमतौर पर एक रबर एक्सरसाइज बैंड का उपयोग करके किए जाते हैं, जिसे आप अपने किसी नजदीकी मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं।
- दरवाजे की कुंडी लगाकर उसके बगल में खड़े हो जाएं और रबर एक्सरसाइज बैंड को दरवाजे की नोब या हैंडल में डालें। अब बैंड को धीरे से अपनी ओर खींचने का प्रयास करें और कुछ सेकंड के लिए रुकें। आप इस व्यायाम को लेटकर भी कर सकते हैं और बैंड का एक सिरा अपने स्वस्थ हाथ में पकड़ सकते हैं।
- अपनी कोहनियों को मोड़ें, बाजुओं को अपनी साइडों के पास लाएं और रबर एक्सरसाइज बैंड को पकड़ें। अब अपनी प्रभावित बांह को घुमाएं और कुछ सेकंड के लिए रोकें। रोजाना 10-15 बार ऐसा करें।
व्यायाम करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखें, ताकि प्रभावित कंधे की परेशानी कम होने की बजाय कहीं और न बढ़ जाए।
- हल्के तनाव तक या जब तक आपको सहज लगे तभी तक व्यायाम करें। अगर आपको कोई दर्द या परेशानी अनुभव हो तो व्यायाम तुरंत बंद कर दें।
- व्यायाम निरंतर करते रहना जरूरी है, क्योंकि ठीक होने में समय लगता है।
- जल्दबाजी न करें। धीमी और स्थिर कार्यप्रणाली का दृष्टिकोण अपनाएं।
- अचानक या झटके वाली कोई भी हरकत न करें।
- कंधे की जकड़न के लिए कोई भी व्यायाम को करने से पहले गर्म पानी से स्नान करें।
कंधे के दर्द के लिए मालिश के संदर्भ में आप किसी विशेषज्ञ से परामर्श भी ले सकते हैं।
सिर दर्द क्या है, क्यों होता है, इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में यहां जानें
सिरदर्द एक बहुत ही आम समस्या है. ज्यादातर लोग सिरदर्द से कभी न कभी पीड़ित जरूर होते हैं. सिरदर्द क्यों होता है, इसका कारण और लक्षण, हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है. इलाज भी समस्या की गंभीरता के अनुसार होता है. इस लेख में जानिए सिरदर्द कितने प्रकार का होता है, सिरदर्द के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में.
Updated: June 2, 2022 5:14 PM IST
सिर के किसी भी हिस्से में अचानक होने वाले दर्द को सिरदर्द कहते हैं. यह सिर के किसी एक या दोनों तरफ हो सकता है. किसी एक खास प्वाइंट से शुरू होकर सिरदर्द पूरे सिर में फैल सकता है या किसी विशेष स्थान पर हो सकता है. सिर में सनसनी पैदा करने वाला, तेज या हल्का दर्द हो सकता है. यह धीरे-धीरे बढ़ सकता है या अचानक तेज सिरदर्द शुरू हो सकता है. कई बार यह एक-दो घंटे तक रह सकता है और कई दिनों तक भी सिरदर्द रह सकता है.
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तनाव के कारण अक्सर सिरदर्द होने लगता है. तनाव से जुड़ा सिरदर्द, कंधों, गर्दन, जबड़े, मांसपेशियों और खोपड़ी में तनाव के चलते होता है. बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, समय पर खाना न खाने और शराब का सेवन करने की वजह से ऐसा सिरदर्द होता है. जीवनशैली में बदलाव करने, पर्याप्त मात्रा में आराम करने या दर्द निवारक दवा लेने से इस दर्द में राहत मिलती है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सिरदर्द कितने प्रकार का होता है, सिरदर्द के लक्षण, कारण और इलाज.
सिर दर्द के प्रकार
अंतरराष्ट्रीय हेडएक सोसाइटी के अनुसार सिर दर्द प्राथमिक और माध्यमिक, दो प्रकार का होता है. प्राथमिक सिरदर्द में टेंशन से होने वाला सिर दर्द, क्लस्टर सिरदर्द और माइग्रेन के कारण होने सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है? वाला सिरदर्द शामिल होते हैं. जबकि माध्यमिक सिर दर्द में रीबाउंड और थंडरक्लैप सिर दर्द, कैफीन के लिए सिरदर्द और स्ट्रेस सिरदर्द शामिल होते हैं.
प्राथमिक सिरदर्द सिर के अंदर दर्द-संवेदी संरचनाओं की अतिक्रियाशीलता या उनमें होने वाली समस्याओं के कारण होते हैं. इनमें रक्त वाहिकाएं, मांसपेशियां, सिरदर्द और गर्दन की नसें शामिल हैं. प्राथमिक सिरदर्द दिमाग की रासायनिक गतिविधियों में होने वाले बदलावों का परिणाम भी हो सकता है. माइग्रेन प्राथमिक सिरदर्द का दूसरा सबसे आम रूप है. क्लस्टर सिरदर्द 15 मिनट से 2-3 घंटे तक भी रह सकता है. यह दिन में कई बार शुरू हो सकता है. टेंशन के सिरदर्द का सबसे प्रमुख कारण है. यह धीरे-धीरे शुरू होता है. इस प्रकार का सिरदर्द भी घंटों तक बने रह सकता है.
जब सिर की संवेदनशील नसों को कोई अन्य कारण उत्तेजित करता है तो तो माध्यमिक सिरदर्द होता है. यानी जब सिरदर्द के लिए कोई अन्य कारक जिम्मेदार हों तो उसे माध्यमिक सिरदर्द कहा जाता है. अगर आप सिरदर्द की दवाओं का अधिक सेवन करते हैं तो इनके कारण भी माध्यमिक सिरदर्द हो सकता है. साइनस में सूजन या इंफेक्शन के कारण आंखों के पीछे, चेहरे और माथे पर दबाव और सूजन महसूस होती होती है. अगर आप चाय-कॉफी के शौकीन हैं तो बहुत समय तक इनका सेवन नहीं करने से भी माध्यमिक सिरदर्द होने लगता है.
सिरदर्द के लक्षण
जैसा कि हमने ऊपर बताया आमतौर पर सिरदर्द के लक्षणों के लिए किसी डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है. इसके लक्षणों में हल्का सिरदर्द शामिल है, जिसमें आंखों और भौहों के ऊपर सिर के दोनों तरफ दर्द, दबाव या खिंचाव महसूस होता है. सिर के किसी एक हिस्से में भी दर्द, दबाव या खिंचाव महसूस हो सकता है. कई बार यह दर्द गर्दन और सिर के पिछले हिस्से के साथ ही पूरे सिर में फैलने लगता है. ऐसे ही दर्द के बारे में अक्सर लोग ‘सिर दर्द से फट रहा है’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.
अगर सिरदर्द तनाव का है तो यह गर्दन और सिर के पिछले हिस्से पर भी असर दिखाता है, जबकि माइग्रेन का सिरदर्द बहुत तेज होता है और इसमें उल्टी व मतली के साथ आवाज और तेज रोशनी में चिड़चिड़ाहत होती है. क्लस्टर सिरदर्द में आंखें लाल होने, आंखों से पानी आने, नाक बहने और पलकों के सूख जाने या सूजन जैसी समस्याएं होती हैं. रिबाउंड सिरदर्द में बेचैनी, गर्दन में दर्द, नाक बंद होना और नींद न आने जैसे लक्षण दिखते हैं. यही नहीं इसका दर्द हर दिन अलग हो सकता है.
सिरदर्द क्यों होता है?
सिर में मौजूद दर्द-संवेदी संरचनाओं में किसी तरह की चोट लगने या जलन के कारण सिरदर्द होता है. दर्द को महसूस करने वाली संरचनाओं में माथा, खोपड़ी, सिर का ऊपरी भाग, गर्दन, सिर की मांसपेशियां, सिर के चारों ओर मौजूद उत्तक, साइनस, सिर की प्रमुख धमनियां और नसें शामिल हैं. इन संरचनाओं में किसी तरह के दबाव, ऐंठन, जलन, सूजन, या तनाव के चलते सिरदर्द हो सकता है.
डॉक्टर को कब दिखाएं
आमतौर पर सिरदर्द की समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती. हालांकि, कभी-कभी सिरदर्द किसी अन्य गंभीर बीमारी का लक्षण होता है. लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि सिरदर्द में कब डॉक्टर को दिखाएं. अगर झटके के बाद सिरदर्द हो या सिरदर्द के साथ गर्दन में अकड़न, बुखार, बेहोशी, भ्रम, आंख और कान में भी दर्द हो तो तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाएं.
सिरदर्द का इलाज
आमतौर पर सिरदर्द थोड़े से आराम और बाम लगाकर ठीक हो जाता है. इसके बावजूद जब सिरदर्द से छुटकारा न मिल रहा हो तो सिरदर्द के लिए दवाएं ओवर द काउंटर आसानी से मिल जाती हैं. यदि इन उपायों से आराम नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर सिरदर्द के कारण जानने के लिए टेस्ट लिख सकते हैं. डॉक्टर की सलाह पर दर्दनिवारक दवा का सेवन करें और भरपूर आराम करें.
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कंधे में दर्द - Shoulder Pain in Hindi
कंधे के हिलने-ढुलने व घूमने की सीमा रोटेटर कफ (कंधों को घुमानेवाली पेशी) द्वारा निर्धारित की जाती है। रोटेटर कफ चार टेंडन्स से मिलकर बना होता है। टेंडन वे रेशेदार ऊतक होते हैं, जो हड्डियों को मांसपेशियों से जोड़ते हैं। अगर रोटेटर कफ के आस-पास के टेंडन्स क्षतिग्रस्त या उनमें सूजन आई हुई है, तो बाजुओं को सिर को ऊपर की तरफ उठाने में दर्द या कठिनाई अनुभव हो सकती है।
कंधे किसी भी प्रकार के शारीरिक श्रम से क्षति ग्रस्त हो सकते हैं, जैसे खेल-कूद, काफी देर तक या बार-बार एक ही मूवमेंट करना। कुछ ऐसे रोग भी हैं, जिनसे कंधों में दर्द होने लगता है। इनमें गर्दन की सरवाइकल हड्डियां, साथ ही लिवर, हृदय या पित्ताश्य संबंधी रोग शामिल हैं।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ कंधों में दर्द होने की संभावना भी बढ़ जाती है। विशेष रूप से 60 साल से ज़्यादा उम्र में यह समस्या आम हो जाती है, क्योंकि उम्र के साथ-साथ कंधे के आस-पास के ऊतक नष्ट या खराब होने लगते हैं।
कंधों में दर्द के ज्यादातर मामलों का इलाज घरेलू नुस्खों से किया जा सकता है, हालांकि, "फिजिकल थेरेपी" (physical therapy), दवाएं या सर्जरी भी आवश्यक हो सकती है।
शोल्डर बर्साइटिस: लक्षण, कारण, जोखिम कारक, उपचार चक्र और उपचार
कंधे का बर्साइटिस (इंपिंगमेंट सिंड्रोम) तब होता है जब बांह की हड्डी के शीर्ष और कंधे की नोक के बीच सूजन और लाली होती है। इन हड्डियों के बीच रोटेटर कफ के टेंडन और बर्सा नामक द्रव से भरी थैली होती है, जो टेंडन की रक्षा करती है। शोल्डर बर्साइटिस के लक्षण सुस्त दर्द, तेज दर्द या हल्की कोमलता हैं। अन्य लक्षणों में कंधे की अकड़न या सूजन और गति की दर्दनाक सीमा शामिल है [1].
शोल्डर बर्साइटिस के लक्षण
कंधे के बर्साइटिस के लक्षण ओवरहेड मूवमेंट करने सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है? और भारी वस्तुओं को उठाने में दर्द हैं। अन्य लक्षण कंधे के सामने कोमलता, प्रभावित पक्ष पर झूठ बोलने में दर्द, हाथ और कंधे में कठोरता, और वस्तुओं को उठाने में कमजोरी महसूस करना है [1].
कंधे बर्साइटिस के कारण और जोखिम कारक
- कंधे के बर्साइटिस होने का सबसे आम कारक बास्केटबॉल, तैराकी और टेनिस जैसी दोहरावदार सिर की गतिविधियाँ हैं।
- शोल्डर बर्साइटिस का दूसरा कारण भारी वस्तुओं को उठाना है, विशेष रूप से ओवरहेड लिफ्टिंग जो बर्साइटिस का कारण बन सकता है।
- इसके अलावा, चोट या सीधे झटका या कंधे की ओर गिरने से सूजन हो सकती है।
- मधुमेह, रुमेटी गठिया, गठिया, थायरॉयड रोग वाले व्यक्ति के कंधों में बर्साइटिस होने का जोखिम कारक होता है
- यह भी देखा गया है कि सोने या अन्य गतिविधियों के दौरान अनुचित मुद्रा बर्साइटिस का कारण बन सकती है।
- कुछ अध्ययनों ने यह भी साबित किया है कि बर्साइटिस होने का कारण फिर से कारक भी हो सकता है [2].
सामान्य उपचार चक्र
सामान्य उपचार चक्र में तीन चरण होते हैं। सूजन, प्रसार, और परिपक्वता।
- सूजन के चरण में दर्द, सूजन, तापमान और लालिमा शामिल हैं। यह विज्ञापन सूजन को ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, आस-पास के ऊतकों को नुकसान से बचाने में मदद करता है। बढ़े हुए तापमान से रोगजनकों का निपटान होता है और यह श्वेत रक्त कोशिकाओं को उपचार चक्र शुरू करने के लिए सचेत करता है।
- प्रसार चरण में, प्रभावित क्षेत्र में निशान ऊतक का निर्माण होता है ताकि प्रावरणी प्रतिबंध और मांसपेशियों में ऐंठन से उपचार प्रक्रिया जारी रहे। निशान ऊतकों के गठन के बिना उपचार चक्र शुरू नहीं हो सकता है।
- अंतिम चरण परिपक्वता है जिसमें उपचार चक्र नई त्वचा कोशिकाओं के निर्माण से पूरा होता है जो निशान ऊतकों को प्रतिस्थापित करते हैं [3].
कंधे के बर्साइटिस का उपचार चक्र
कंधे के बर्साइटिस का उपचार चक्र सामान्य उपचार चक्र से थोड़ा अलग होता है क्योंकि जब कंधे का बर्साइटिस शारीरिक चोट के कारण होता है, तो कुछ दिनों के भीतर इसका इलाज किया जा सकता है। यदि बर्साइटिस अति प्रयोग के कारण होता है तो रिकवरी का समय अधिक होता है। इसे ठीक होने में कई सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है, खासकर यदि कंधे के जोड़ का अभी भी उपयोग किया जा रहा हो [4].
शोल्डर बर्साइटिस का कारगर इलाज नहीं
अधिकांश सामान्य उपचार कंधे के बर्साइटिस के लिए प्रभावी नहीं होते हैं।
- हीट और आइस थेरेपी शारीरिक तनाव और थकान के कारण ऊतकों और मांसपेशियों को राहत देने में प्रभावी हैं लेकिन कंधे के बर्साइटिस के लिए बहुत प्रभावी नहीं हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक उत्तेजना (एस्टिम) चिकित्सा कण्डरा की चोटों के बाद वसूली में प्रभावी है लेकिन वे कंधे बर्साइटिस में बहुत प्रभावी नहीं हैं।
- फोम रोलर्स सेल्फ-मायोफेशियल रिलीज तकनीक (एसएमआर) को संदर्भित करता है जो ऊतकों और मांसपेशियों में जकड़न और खटास को छोड़ता है लेकिन यह थेरेपी शोल्डर बर्साइटिस के लिए पर्याप्त प्रभावी नहीं है।
- कंधे के बर्साइटिस में मालिश और स्ट्रेचिंग बहुत प्रभावी नहीं हैं क्योंकि यह प्रभावित क्षेत्र में गहराई से नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह तब प्रभावी होता है जब मांसपेशियों और ऊतकों की मांसपेशियों की गतिविधि में वृद्धि के कारण प्रभावी होते हैं और खिंचाव के परिणामस्वरूप जलन बिंदु पर और संपीड़न होता है जो आगे चलकर बनाता है दर्द सबसे खराब।
- संयुक्त गतिशीलता एक संयुक्त को वांछित दिशा में ले जाने के लिए कुशल श्रेणीबद्ध बलों का सावधानीपूर्वक उपयोग है, लेकिन यह कंधे के बर्साइटिस में ज्यादा प्रभावी नहीं है क्योंकि अगर यह सूजन के चरण में किया जाता है तो यह अधिक सूजन का कारण होगा।
- विशेष रूप से सूजन के चरण के दौरान शक्ति व्यायाम कंधे के बर्साइटिस के लिए प्रभावी नहीं होते हैं क्योंकि यदि हम प्रभावित क्षेत्र के साथ दोहरावदार गति करते हैं, तो स्थिति और खराब हो जाएगी [5].
शोल्डर बर्साइटिस के लिए प्रभावी उपचार
सूजन चरण:
सूजन के चरण में, आराम काफी अच्छा होता है क्योंकि प्रभावित क्षेत्र में बार-बार होने वाली गति दर्द को और खराब कर सकती है, विशेष रूप से ओवरहेड लिफ्टिंग। MagnaHeal कंधे के बर्साइटिस के लिए एक अधिक प्रभावी उपचार है। यह एक मजबूत चुंबक है जो कंधे के चारों ओर लपेटा जाता है और वे नरम सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है? ऊतकों को एक्रोमियन को आकर्षित और संरेखित करते हैं और उनके बीच जगह बनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि एक विरोधी भड़काऊ आहार भी दूसरों की तरह एक अच्छा तरीका हो सकता सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है? है क्योंकि जो आहार लिया जाता है वह सूजन को कम करेगा और सूजन, लालिमा और सूजन को रोकेगा। यदि विटामिन, खनिजों की कमी है तो यह उपचार चक्र को रोक सकता है इसलिए इन विटामिनों को बहाल किया जाना चाहिए ताकि उपचार चक्र जारी रहे [6].
प्रसार चरण:
प्रसार चरण का इलाज निशान ऊतक रिलीज, ट्रिगर पॉइंट रिलीज, और प्रावरणी रिलीज द्वारा किया जाता है। निशान ऊतक का विमोचन A3 द्वारा किया जाता है जिसका उपयोग सतही निशान ऊतकों को तोड़ने के लिए किया जाता है और ट्रिगर बिंदु की रिहाई A5 द्वारा की जाती है जिसका उपयोग गहरे सतही निशान ऊतकों को तोड़ने के लिए किया जाता है। वे दबाव डालने और नरम ऊतकों को फिर से संरेखित करके आसंजनों को तोड़ने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं [6].
प्रावरणी का विमोचन प्रावरणी परतों पर किया जाता है। वे सतही और गहरी (एपोन्यूरोटिक, एपिमिसियम, पेरिमिसियम और एंडोमिसियम) परतों से बने होते हैं। A1 का उपयोग सतही और एपोन्यूरोटिक प्रावरणी को मुक्त करने के लिए किया जाता है और A5 एंडोमिसियम, एपिमिसियम और पेरिमिसियम को रिलीज़ करता है। दर्द को कम करने के लिए सभी परतों को छोड़ देना चाहिए [6].
निष्कर्ष
शोल्डर बर्साइटिस एक पुरानी और दर्दनाक बीमारी है जो हाथ के ऊपर और कंधे की नोक के बीच होती है। इसका इलाज फिजियोथेरेपिस्ट और पेशेवर थेरेपिस्ट द्वारा किया जा सकता है जो कंधे के बर्साइटिस का इलाज विभिन्न उपचारों जैसे A1, A3, A5 और MagnaHeal द्वारा करते हैं।
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