अगर आप इस प्रकार की सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही लेख पर आये हैं. आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे जिससे कि आपके सारे संशय दूर हो सकें और आप भी शेयर बाजार में पैसे निवेश करके पैसे कमा सकें. इसके लिए यह जरुर पढ़े – ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए.
Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?
नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और कैसे बनाते हैं – Trading Account In Hindi
Trading Account In Hindi: अगर आपको शेयर बाजार में थोड़ी भी रूचि है और पैसे से पैसे कमाना चाहते है या फिर आप शेयर बाजार से सम्बंधित Content पसंद करते हो तो आपने यह जरुर सुना होगा की शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने के लिए Trading Account की जरूरत होती है, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? बिना इसके न तो आप शेयर खरीद सकते हैं और न ही बेच सकते हैं.
पर क्या आप जानते हैं आखिर यह Trading Account क्या है, ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करता है, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते है, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? ट्रेडिंग अकाउंट कहाँ खुलवाएं और ट्रेडिंग अकाउंट तथा Demat Account में क्या अंतर होता है.
Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? क्या इस्तेमाल हैं?
नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।
डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?
शेयर मार्केट में निवेश ( इन्वेस्टमेंट ) शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट ( खातों ) की डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? जरूरत होती है . ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट , ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट . हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है , लेकिन ट्रांजैक्शन ( लेन – देन ) को पूरा करने के लिए तीनों एक – दूसरे पर निर्भर होते हैं . शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए .
डीमैट अकाउंट क्या है ?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है . जैसे एक सेविंग अकाउंट ( बचत खाता ) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है , वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है . डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है . ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में स्टोर ( संग्रहित ) करते हैं . फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म ( रूप ) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ( प्रोसेस ) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है . जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है . डीमैट अकाउंट के प्रकार ( टाइप ) डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव सावधानी से करना चाहिए . कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है . निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . 5 पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं . डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं .
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए पात्रता मानदंड
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट आवश्यक हैं. डीमैट अकाउंट डिजिटल मोड में शेयर्स को स्टोर करता डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? है और फिज़िकल शेयर सर्टिफिकेट से जुड़े जोखिमों जैसे चोरी, फर्जी कागज़ बनना आदि से होने वाले नुकसान को दूर करता है. बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ अकाउंट खोलने के लिए 100% डिजिटल प्रोसेस प्रदान करता है, ताकि आप डॉक्यूमेंट्स की सॉफ्ट कॉपी अपलोड कर सकें और उन्हें ऑनलाइन सबमिट कर सकें.
हां, आप डीमैट अकाउंट में अपना एड्रेस बदल सकते हैं. इसके लिए, आपको अकाउंट संशोधन फॉर्म भरना होगा, इस पर हस्ताक्षर करने होंगे और इसके साथ प्रमाण के रूप में आवश्यक डॉक्यूमेंट, अपने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) को सबमिट करना होगा. बदलाव करने से पहले डीपी अनुरोध को सत्यापित करेंगे.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है. हालांकि, इसे डीमैट अकाउंट खोलते समय एड्रेस प्रूफ के रूप में सबमिट किया जा सकता है. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए एड्रेस प्रूफ के रूप में वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, अधिकतम 3 महीने पुराने यूटिलिटी बिल, और पिछले 3 महीनों के बैंक स्टेटमेंट भी सबमिट किए जा सकते हैं.
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