Indian Business Mind
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने आज 25 दिसंबर को मन की बात कार्यक्रम के 96वें एपिसोड को संबोधित किया और कोरोना वायरस के बढ़ते संकट को देखते हुए देशवासियों को सावधान रहने की हिदायत दी और लोगों से सावधानियों का और ज्यादा ध्यान रखने की अपील की है | चीन और अमेरिका समेत कई देशों में Covid-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसे देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है | मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आप भी देख रहे हैं कि दुनिया के कई क्या म्यूच्यूअल फंड्स में ऑनलाइन निवेश करना सुरक्षित है? देशों में कोरोना वायरस बढ़ रहा है, इसलिए हमें, मास्क और हाथ धुलने जैसी सावधानियों का और ज्यादा ध्यान रखना है, हम सावधान रहेंगे तो सुरक्षित भी रहेंगे और हमारे उल्लास में कोई रूकावट भी नहीं पड़ेगी |' मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदीजी ने कहा, 'आज 'मन की बात' के श्रोताओं को मैं एक और चुनौती के बारे में बताना चाहता हूं, जो अब समाप्त होने की कगार पर है | ये चुनौती, ये बीमारी है -'कालाजार', सबके प्रयास से 'कालाजार' नाम की ये बीमारी अब तेजी से समाप्त होती जा रही है |' Health Ministry द्वारा आज जारी
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India Inc में जारी रहेगा Hybrid Work Model
साल 2023 में कॉरपोरेट इंडिया के लिए सभी स्टाफ को ऑफिस बुलाकर काम कराना संभव नहीं है, क्योंकि ऐसा लगता है कि हाइब्रिड वर्क मॉडल देश में अभी कई सालों तक और चलने वाला है |
टाटा स्टील, फ्लिपकार्ट, मैरिको, l&t माइंडट्री, बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप और एटोन आदि की करें तो यह कंपनियां नए साल में भी हाइब्रिड वर्क मॉडल को जारी रखना चाहती हैं, इन कंपनियों का उद्देश्य है कि उसके स्टाफ के कामकाज में फ्लैक्सिबिलिटी बनी रहे और उनका वर्क लाइफ बैलेंस मेंटेन किया जा सके |
देश भर की कंपनियां यह चाहने लगी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग दफ्तर लौटें लेकिन दुनिया भर में हाइब्रिड वर्क मॉडल के बढ़ते चलन के बीच भारत की कंपनियों को भी यह ट्रेंड अपनाने पर मजबूर होना पड़ रहा है |
कंपनियों के एक्सपर्ट का कहना है कि हाइब्रिड वर्क मॉडल की वजह से एम्पलाई अधिक प्रोडक्टिव होते हैं, इसके साथ ही कंपनियों को भी स्टाफ से अधिक काम लेने में मदद मिलती है | फ्लिपकार्ट के चीफ पीपल ऑफिसर कृष्णा राघवन ने कहा, "फ्लिपकार्ट के स्टाफ पिछले कुछ महीने से हाइब्रिड वर्क मॉडल पर काम कर रहे हैं, फ्लिपकार्ट आने वाले समय में भी अपने वर्क स्टाइल को फ्लैक्सिबल बनाए रखेगी और एंप्लॉई की जरूरत और बाहरी कारक की डिमांड के हिसाब से कामकाज का मॉडल बदलता रहेगा |"
अगर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की बात करें तो उसके ज्यादातर स्टाफ दफ्तर लौट चुके हैं, टाटा स्टील की योजना एजाइल वर्क मॉडल अपनाने की है. कंपनी ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट के दौरान व्हाइट कॉलर एम्पलाइज को जिस तरह की सुविधा दी गई थी ऐसा फिर से किया जा सकता है | ब्लू कॉलर स्टाफ अपने काम पर नियमित रूप से दफ्तर आते रहेंगे, टाटा स्टील के प्रवक्ता ने कहा, "हमने अपने बहुत से स्टाफ को work-from-home की सुविधा दी हुई है |"
आईटी कारोबार की कंपनी एलटीआईमाइंडट्री ने कहा है कि वह एक वर्क साइज फोर्मेट सभी स्टाफ पर फिट नहीं करना चाहती, कंपनी अपने अलग-अलग रोल के स्टाफ को अलग-अलग सुविधा देकर काम लेना चाहती है, इसमें क्लाइंट ऑफिस, वर्क ऑफिस, हाइब्रिड ऑफिस और होम ऑफिस जैसे रोल शामिल हैं |
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें
S L kashyap जून 14, 2020 1
म्यूचुअल फंड में निवेश कमाई का एक आसान तरीका है आप ऑनलाइन ऑफलाइन और डीमेट अकाउंट के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं म्यूचुअल फंड में इन तीन तरीकों से निवेश किया जा सकता है
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म्यूच्यूअल फंड खरीदने का पहला तरीका यह है कि आप जिस कंपनी म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी में फॉर्म भरकर ऑफलाइन तरीके से म्यूच्यूअल फंड खरीद सकते हैं
म्यूच्यूअल फंड खरीदने का दूसरा तरीका यह है कि आप उस कंपनी की वेबसाइट पर डायरेक्ट ऑनलाइन तरीके से म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं और ऑनलाइन ही म्यूच्यूअल फंड के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
म्यूच्यूअल फंड बाय करने का तीसरा तरीका यह है कि आप अपने डीमेट अकाउंट के माध्यम से मैचुअल फंड खरीद सकते हैं यदि आपके पास डीमैट अकाउंट है तो आप किसी भी कंपनी का म्यूच्यूअल फंड आसानी से खरीद सकते हैं ऑनलाइन या ऑफलाइन म्यूच्यूअल फंड खरीदने के लिए आपके पास पैन कार्ड और बैंक अकाउंट होना आवश्यक है इन तरीकों से आप म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकते हैं
म्यूच्यूअल फंड एक सामूहिक निवेश होता है और निवेश किया गया पैसा शेयर मार्केट में लगाया जाता है म्यूच्यूअल फंड खरीद कर भी अच्छा खासा रिटर्न कमाया जा सकता है यदि आपको शेयर मार्केट में शेयरों की खरीद बिक्री का अनुभव नहीं है या समय नहीं है तो आप म्यूच्यूअल फंड खरीदकर अच्छी कमाई कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें
मौजूदा समय में म्यूचुअल फंड कंपनियां मैचुअल फंड में निवेश करने के लिए निवेशकों को SIP की भी सुविधा दे रही है एसआईपी के माध्यम से आप म्यूच्यूअल फंड की तय की गई राशि को किस्तों में जमा करके म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं म्यूचुअल फंड में निवेश करने का यह एक आसान तरीका है SIP के माध्यम से आप म्यूचुअल फंड में जमा की जाने वाली राशि को एकमुश्त जमा ना करके किस्तों में जमा कर सकते हैं एसआईपी के माध्यम से मौजूदा समय में म्यूचुअल फंड में निवेश को बढ़ावा मिला है
म्यूच्यूअल फंड भी बाजार जख्मों के अधीन होता है यदि शेयर मार्केट में गिरावट बढ़ी तो आपके द्वारा निवेश किए गए म्यूच्यूअल फंड की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल सकती है इसलिए म्यूच्यूअल फंड खरीदते समय कंपनी का पिछला रिकॉर्ड अवश्य चेक करना चाहिए कि पिछले कुछ दिनों से इस म्यूच्यूअल फंड का रिटर्न क्या है और साथ ही दूसरी कंपनियों के मैचुअल फंड के साथ भी कंपेयर ( तुलना ) करना चाहिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले संबंधित कंपनी के दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ना चाहिए
म्यूचुअल फंड में इस प्रकार निवेश कर सकते हैं
- म्यूच्यूअल फंड कंपनी का चुनाव करें
- ऑनलाइन अकाउंट या कंपनी में फॉर्म जमा करें
- निवेश के लिए म्युचुअल फंड प्लान का चुनाव करें
- एसआईपी या वन टाइम इन्वेस्टमेंट चुनें
- ऑनलाइन या नगद पेमेंट का भुगतान करें
म्यूच्यूअल फंड एक सामूहिक निवेश होता है और सामूहिक निवेश के पैसों को म्यूच्यूअल फंड कंपनी शेयर मार्केट में लगाती है किस कंपनी के शेयर खरीदने हैं और कब तक होल्डिंग रखना है इसका फैसला मैचुअल फंड कंपनी लेती है कंपनियां चाहती है कि वह अपने निवेशकों को अच्छा खासा रिटर्न दे सकें किंतु फिर भी निवेशकों को घाटा होने की संभावना बनी रहती है या अगले कुछ दिनों में निवेशकों को उनकी पूंजी पर कोई भी प्रॉफिट ना होने के चांस हो सकते है निवेशकों को यह अधिकार होता है कि वह किसी भी मैचुअल फंड में कभी भी निवेश करना बंद कर सकते हैं या म्यूचुअल फंड से पैसे निकाल सकते हैं .
ऑनलाइन म्यूच्यूअल फंड खरीदने से पहले क्या करें
निवेशकों को चाहिए कि मैचुअल फंड खरीदने से पहले कंपनी के बारे में जानकारी हासिल करें कि यह कंपनी कितने दिनों से म्यूच्यूअल फंड का कार्य कर रही क्या म्यूच्यूअल फंड्स में ऑनलाइन निवेश करना सुरक्षित है? है इस कंपनी पर कोई धोखाधड़ी व जालसाजी का कोई आरोप तो नहीं है
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म्यूच्यूअल फंड |
म्यूच्यूअल फंड खरीदने से पहले दूसरी कंपनियों के भी मैचुअल फंड से कंपेयर करना अति आवश्यक हैं कंपनी द्वारा जारी किए गए म्यूच्यूअल फंड या स्कीम के माध्यम से अपने निवेशकों को कितना रिटर्न दे रही है उसका पिछला रिकॉर्ड भी चेक करना जरूरी है इस प्रकार की जांच पड़ताल से निवेशक म्यूचुअल फंड में अपने निवेश को सुरक्षित कर सकते हैं
म्युचुअल फंड की जानकारी हिंदी में म्यूच्यूअल फंड क्या होता है और मैचुअल फंड कैसे खरीदें
metual funds in hindi
यह थी म्युचुअल फंड में निवेश करने की जानकारी इस प्रकार आप में metual funds में निवेश करके अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं
यह लेख निवेशकों की जानकारी मात्र के लिए है किसी भी metual fund में निवेश करने से पहले पाठक अपने विवेक से काम लें और म्यूच्यूअल फंड कंपनी की सूचना एवं शर्तें ध्यान से पढ़ें
ड्रोन इंश्योरेंस योजना को लेकर बाजार में उतरी न्यू इंडिया एश्योरेंस
न्यू इंडिया एश्योरेंस ने एक नया प्रोटेक्शन यानी सुरक्षा योजना को बाजार में उतारा है। यह सुरक्षा योजना ड्रोन से संबंधित है। इस योजना में प्रवेश करने वाली पहली सरकारी कंपनी है। इसके तहत अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (UAS), अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV), आरपीएएस और ड्रोन शामिल है।
इस इंश्योरेंस योजना के तहत बड़े एयरक्राफ्ट के साथ अकेले उड़ने वाले ग्लाइडर्स भी शामिल हैं। यही नहीं इस योजना के तहत ड्रोन के मालिक, ऑपरेटर्सऔर ड्रोन बनाने वाली कंपनी भी शामिल होगी। इस तरह की योजना पहले से ही कई निजी क्षेत्र की कंपनियां दे रही हैं जिसमें एचडीएफसी (HDFC ERGO) एर्गो, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड (ICICI), टाटा एआईजी (AIG) जनरल और बजाज आलियांज जनरल शामिल हैं। एचडीएफसी (HDFC ERGO) एर्गो ने जून 2020 में इस योजना को बाजार में उतारा था, वहीं आईसीआईसीआई लोम्बार्ड (ICICI) ने अगस्त 2021 में ड्रोन से जुड़ी योजना को बाजार में लाया था। वहीं टाटा एआईजी (AIG) जनरल ने अक्टूबर 2021 में इस तरह की योजना को बाजार में उतारा था,जबकि बजाज आलियांज जनरल ने नवंबर 2021 में इस तरह की योजना लेकर आई थी। यह सभी इंश्योरेंस कंपनियां व्यापक स्तर पर इंश्योरेंस कवर देती हैं जिसमें लायबिलिटी भी शामिल है। इसमें डीजीसीए (DGCA) की ओर से मंजूरी हासिल किए सभी व्यावसायिक ड्रोन के लिए इंश्योरेंस कवर मौजूद है। इस योजना के तहत ड्रोन को हुए नुकसान, सामान जो ड्रोन ले जा रहा है,तीसरे पार्टी की लायबिलिटी के साथ BVLOS का अतिरिक्त कवर शामिल है। BVLOS का मतलब बेओंड द विजुअल लाइन ऑफ साइट (beyond the visual line of sight) शामिल है। इसके अलावा रात में उड़ने पर भी एंडोर्समेंट शामिल है। न्यू इंडिया एश्योरेंस के मुताबिक 15 दूसरे तरह के एड ऑन कवर भी शामिल हैं जो ड्रोन उद्योग की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें फिजिकल तौर पर ड्रोन को हुए नुकसान, चोरी, दुर्घटना में हुए फिजिकल नुकसान से लेकर तीसरे पक्ष के संपत्ति को हुए नुकसान भी शामिल है। कंपनी के अध्यक्ष नीरजा कपूर ने कहा कि विमानन मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 तक ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री 900 करोड़ रुपये का हो जाएगा जो कि वित्त वर्ष 2021 में 60 करोड़ रुपये का है। नागर विमानन मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक अगले तीन साल में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में निवेश करीब 5000 करोड़ रुपये का हो जाएगा। न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी का 26 देशों में कारोबार है।
Best Mutual Fund: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो ये हैं बेस्ट ऑप्शन; 5 साल में दिया है सबसे ज्यादा रिटर्न
Best Mutual Fund: अगर आप भी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं तो हम आपको बेस्ट 5 म्यूचुअल फंड के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनमें इंवेस्ट करके आप काफी फायदा उठा सकते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आप एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं. म्यूचुअल फंड्स को लार्ज-कैप फंड्स, मिड-कैप फंड्स, स्मॉल-कैप फंड्स, फ्लेक्सि-कैप फंड्स और ELSS की कैटेगरी में रखा जाता है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 5 साल में इन पांच म्यूचुअल फंड ने शानदार रिटर्न दिया है.
एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को मार्जिन पर ‘ट्रांजैक्शन फीस के बोझ’ का डर है
चूंकि पूंजी बाजार नियामक ऑनलाइन म्युचुअल फंड (एमएफ) प्लेटफॉर्मों को लेनदेन शुल्क वसूलने की अनुमति दे रहा है, ऐसे में परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) चिंतित हैं कि शुल्क चुकाने की जिम्मेदारी अंतत: उन पर ही पड़ेगी।
मंगलवार को, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निष्पादन-मात्र प्लेटफॉर्म (ईओपी) ढांचे को अपनी मंजूरी दे दी, विशेष रूप से उन निवेश प्लेटफार्मों के लिए डिज़ाइन किया गया जो एमएफ की प्रत्यक्ष योजनाओं को बेचते हैं।
अब तक, ये प्लेटफॉर्म या तो निवेश सलाहकार (आईए) या स्टॉक ब्रोकिंग लाइसेंस के माध्यम से काम कर रहे थे।
हालांकि नियमों की पेचीदगियां अभी सामने नहीं आई हैं, नियामक ने कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म को लेनदेन पर शुल्क लेने की अनुमति दी जाएगी। इस शुल्क का भुगतान या तो एएमसी या निवेशकों द्वारा किया जाएगा और निवेश प्लेटफॉर्म को यह तय करना होगा कि वे इस क्या म्यूच्यूअल फंड्स में ऑनलाइन निवेश करना सुरक्षित है? विषय पर परामर्श पत्र के आधार पर किसे चार्ज करना चाहते हैं।
एएमसी के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा, ‘अगर ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म एएमसी एजेंट बनने का फैसला करते हैं तो हमारे मार्जिन पर असर पड़ेगा।’
“हम नहीं जानते कि ये शुल्क कितने होंगे। अगर सेबी इसे हम पर और इन प्लेटफॉर्म पर छोड़ता है तो बातचीत होगी। जो भी आरोप हों, बोझ हम पर पड़ने की संभावना है, ”दूसरे फंड हाउस के एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने कहा।
सीईओ का मानना है कि आगे के खर्च से उनके पतले मार्जिन पर और दबाव पड़ेगा। सेबी ने ऊपरी सीमा निर्धारित की है कि वे कितना खर्च कर सकते हैं।
एएमसी को उम्मीद है कि ये प्लेटफॉर्म निवेशकों के एजेंट बनना पसंद करेंगे और उनसे लेनदेन शुल्क वसूलेंगे।
“उन्हें आदर्श रूप से निवेशकों के साथ जाना चाहिए। या फिर, हमें अंत में उनमें से प्रत्येक के साथ बातचीत करनी होगी और जो भी खिलाड़ी व्यवसाय में प्रवेश करेगा,” एक बड़े एएमसी के सीईओ ने कहा।
EOP फ्रेमवर्क के अनुरूप, इन प्लेटफॉर्म्स के पास दो विकल्प होंगे।
वे या तो एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के साथ पंजीकरण कर सकते हैं और एएमसी के एजेंट बन सकते हैं या स्टॉकब्रोकर के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं और निवेशक के एजेंट बन सकते हैं।
परामर्श पत्र को ध्यान में रखते हुए, यदि वे एम्फी के साथ सूचीबद्ध होते हैं, तो वे एएमसी को चार्ज कर सकते हैं। और अगर वे स्टॉकब्रोकर के रूप में पंजीकृत होते हैं, तो वे निवेशकों को बिल दे सकते हैं।
“एएमसी के एक एजेंट के रूप में ईओपी के लिए शुल्क संरचना लेनदेन आधारित होगी। निवेशकों के एजेंट के रूप में कार्य करते हुए इस तरह की फीस पर एक उपयुक्त कैप निर्धारित की जा सकती है, “नियामक ने परामर्श पत्र में प्रस्ताव दिया था।
अपने प्लेटफार्मों का मुद्रीकरण करने के अवसर के अलावा, ईओपी ढांचा इन प्लेटफार्मों पर अनुपालन बोझ को कम करेगा। चूंकि वे अब IA या स्टॉकब्रोकिंग लाइसेंस के माध्यम से काम करते हैं, इसलिए उन्हें इन जटिल व्यवसायों की अनुपालन आवश्यकता का पालन करना पड़ता है, भले ही उनका व्यवसाय बहुत सरल हो।
“यह IA नियमों को प्रत्यक्ष योजना लेनदेन के निष्पादन से अलग करता है। अनिवार्य रूप से, यह वित्तीय प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों के लिए योजना बनाने और प्रत्यक्ष योजना निष्पादन सेवाएं प्रदान करने के लिए इसे साफ-सुथरा बनाता है, ”गौरव रस्तोगी, सीईओ, कुवेरा ने कहा।
हालांकि, अन्य प्रमुख एमएफ निवेश प्लेटफॉर्म जैसे ग्रो, पेटीएम मनी, और कॉइन बाय ज़ेरोधा को अनुपालन में कोई बदलाव नहीं दिखाई दे सकता है क्योंकि उनके एमएफ प्लेटफॉर्म उनके स्टॉकब्रोकिंग व्यवसाय का विस्तार हैं।
“विनियमन उन व्यवसायों के लिए है जो स्टैंडअलोन एमएफ लेनदेन निष्पादन प्लेटफॉर्म हैं। हमारे पास स्टॉक ब्रोकिंग व्यवसाय है और जल्द ही किसी भी समय लेन-देन के लिए शुल्क लगाने की योजना नहीं है। हमारे लिए कुछ भी नहीं बदलता है, ” भुवनेश आर, सहायक उपाध्यक्ष (व्यवसाय), ज़ेरोधा ने कहा।
अभी तक सभी डायरेक्ट म्यूचुअल फंड निवेश प्लेटफॉर्म यूजर्स के लिए फ्री रहे हैं। उनकी शून्य-शुल्क संरचना, निवेश में आसानी के साथ मिलकर उनकी लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। उन्होंने हाल के वर्षों में एमएफ उद्योग के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एम्फी के नवंबर के आंकड़ों के मुताबिक, तीन साल से कम पुराने 37 फीसदी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) खाते डायरेक्ट प्लान हैं। कुल मिलाकर, कुल एसआईपी खातों में उनकी हिस्सेदारी 32 फीसदी है और यह लगातार बढ़ रही है।
ऑनलाइन एमएफ निवेश प्लेटफॉर्म जैसे ग्रो, कॉइन बाय ज़ेरोधा, पेटीएम मनी, कुवेरा और ईटी मनी प्रत्यक्ष एमएफ निवेश के लिए सबसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म हैं।
ईओपी ढांचा उन प्लेटफॉर्म पर लागू होगा जो एमएफ निवेशकों को वित्तीय और गैर-वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं।
वित्तीय सेवाओं में एमएफ इकाइयों की खरीद और मोचन शामिल होगा, जबकि गैर-वित्तीय लेनदेन में ईमेल आईडी, संपर्क नंबर और अन्य विवरण में बदलाव शामिल होगा।
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