शेयर बाजार में भी गिरावट
इस हफ्ते शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली. निफ्टी इस हफ्ते अपने 52 सप्ताह के लो पर पहुंच गया. शुक्रवार को निफ्टी 15,293 के स्तर पर बंद हुआ. बीते लगभग 15 दिनों में निफ्टी 1000 अंकों की गिरावट देखने को मिली है. शेयर बाजारों में पिछले छह दिनों से जारी गिरावट के कारण निवेशकों को 18.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वैश्विक स्तर पर कई केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दरों में वृद्धि, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की घरेलू शेयर बाजारों से लगातार पूंजी निकासी से स्थानीय शेयर बाजारों में पूरे सप्ताह गिरावट रही.
Lot Size क्या है?
शेयर बाजार में, लॉट साइज एक लेनदेन में आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों की संख्या को दर्शाता है। ऑप्शंस ट्रेडिंग में, लॉट साइज एक डेरिवेटिव सिक्योरिटी में निहित अनुबंधों की कुल संख्या का प्रतिनिधित्व करता है। लॉट साइज का सिद्धांत वित्तीय बाजारों को मूल्य उद्धरणों को विनियमित करने की अनुमति देता है। यह मूल रूप से उस व्यापार के आकार को संदर्भित करता है जो आप वित्तीय बाजार में करते हैं। कीमतों के नियमन के साथ, निवेशक हमेशा इस बात से अवगत होते हैं कि वे एक व्यक्तिगत अनुबंध (Individual Contract) की कितनी इकाइयाँ खरीद रहे हैं और आसानी से क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप यह आकलन कर सकते हैं कि वे प्रत्येक इकाई के लिए कितनी कीमत चुका रहे हैं।
यदि कोई Lot Size परिभाषित नहीं किया गया है, तो कीमत का कोई मानकीकरण नहीं होगा और Option Contract का मूल्यांकन और व्यापार भारी और खपत वाला होगा। उत्पादन का एक छोटा सा हिस्सा कई दुबला विनिर्माण रणनीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सूची (List) और विकास (Development) सीधे लॉट आकार को प्रभावित करते हैं। अन्य कारक भी हैं, जो कम स्पष्ट हैं लेकिन समान रूप से आवश्यक हैं।
फॉरेक्स लॉट साइज क्या है? [What is Forex Lot size? In Hindi]
एक विदेशी मुद्रा व्यापारी आमतौर पर एक विशिष्ट इकाई के रूप में मुद्रा खरीदता या बेचता है जिसे लॉट कहा जाता है। तो हम कह सकते हैं कि 'लॉट' विदेशी मुद्रा में व्यापार की इकाई है।
एक विदेशी मुद्रा व्यापारी के रूप में, जब आप एक विदेशी मुद्रा मंच पर एक आदेश देते हैं, तो उस आदेश को लॉट में उद्धृत आकार में रखा जाता है।
फॉरेक्स में क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप चार तरह के लॉट होते हैं। मानक लॉट में मुद्रा की 100,000 इकाइयाँ होती हैं। Iron Condor क्या है?
एक मिनी लॉट मुद्रा जोड़ी में आधार मुद्रा की 10,000 इकाइयों के बराबर होता है और मानक लॉट आकार की तुलना में मात्रा में दसवां हिस्सा होता है।
जब कोई निवेशक एक मिनी लॉट का व्यापार करता है, तो वह currency pair की संबंधित आधार मुद्रा की 10,000 इकाइयां खरीद या बेचेगा। उदाहरण के लिए, GBP/USD currency pair में, जब कोई निवेशक एक मिनी लॉट में ट्रेड करता है, तो वह 10,000 GBP खरीदता या बेचता है।
आज़ादी से अब तक सिर्फ 1 बार ऐसा हुआ कि रुपया लगातार दो या ज्यादा साल मज़बूत हुआ
10 साल में भारतीय करेंसी के मुकाबले डॉलर 20.22 रुपए तक महंगा हो गया है। अक्टूबर 2008 में रुपया 48.88 प्रति डॉलर के स्तर पर था, जो अब 69.10 के स्तर पर है। जल्द ही इसके 70 के स्तर पर पहुंचने की भी आशंका है। हालांकि रुपए के कमजोर होने का यह ट्रेंड अप्रैल 2016 से जारी है। वैसे आजादी के बाद से अब रुपए के मजबूत और कमजोर होने पर नजर डालें, तो कुछ और भी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आती हैं। यह भी साफ हो जाता है कि इन 70 वर्षों में एक बार ही ऐसा मौका आया है, जब रुपया लगातार दो या ज्यादा बार मजबूत हुआ हो। ऐसा 2008 से 2011 के बीच हुआ। अक्टूबर 2008 में रुपया 48.88 प्रति डॉलर था, जो 2009 में 46.37 के स्तर पर पहुंचा। जनवरी 2010 में रुपए ने 46.21 के स्तर को छुआ। इसके बाद अप्रैल 2011 में रुपया एक बार फिर मजबूत होकर 44.17 के स्तर पर पहुंच गया।
1 दिन में मिल सकता है बंपर रिटर्न, जानें बाजार में इंट्राडे कमाई के फंडे
Intraday Trading: शेयर बाजार में 1 दिन की ट्रेडिंग में भी हो सकती है बंपर कमाई
Intraday Trading: शेयर बाजार की बात आती है तो अमूमन यही खयाल आता है कि बाजार में पैसा लगाकर लंबा इंतजार करना होगा. तभी बेहतर मुनाफा हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. बाजार निवेशकों को 1 दिन में भी बंपर मुनाफा कमाने का मौका देता है. बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो.
कैसे कर सकते हैं Intraday ट्रेड
अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं या ऑनलाइन भी खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं.
#सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, 2 या 3 ऐसे स्टॉक चुन सकते हैं.
#वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें
#अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी
#शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
#रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें
#शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
#जैसे क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.
कितने पैसों की पड़ती है जरूरत
इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.
इसका उदाहरण 6 मार्च 2019 यानी बुधवार को शेयर बाजार में होने वाली ट्रेडिंग से ले सकते हैं. दीवान हाउसिंग फाइनेेंस कॉरपोरेशन (DHFL) के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए बुधवार का दिन बेहतर साबित हुआ. बुधवार को पॉजिटिव सेंटीमेंट जुड़ने के बाद कंपनी के शेयर में 20 फीसदी तक तेजी आई है.
DHFL का शेयर मंगलवार को 134 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. वहीं बुधवार को यह 147.40 के भाव पर खुला और कुछ देर में ही 160 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यानी प्रति शेयर 26 रुपये का फायदा हुआ. इस लिहाज से अगर किसी ने 50 हजार रुपये लगाए होंगे तो उसकी रकम बढ़कर 60 हजार रुपये हो गई. कुछ घंटों में ही 10 हजार रुपये का फायदा.
जानकारों की राय
एक्सपर्ट के अनुसार हालांकि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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10 जून, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.599 अरब डॉलर घटकर 596.458 अरब डॉलर रह गया. वहीं, बीते सप्ताह . अधिक पढ़ें
- पीटीआई
- Last Updated : June 18, 2022, 07:38 IST
नई दिल्ली. देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में फिर गिरावट आई है. 10 जून, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 4.599 अरब डॉलर घटकर 596.458 अरब डॉलर रह गया. भारतीय क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 30.6 करोड़ डॉलर घटकर 601.057 अरब डॉलर रह गया था.
दस जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का कारण फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) में आई गिरावट है. आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में एफसीए 4.535 अरब डॉलर घटकर 532.244 अरब डॉलर रह गयी. कुछ सप्ताह पहले विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार गया था. 27 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.854 अरब डॉलर बढ़कर 601.363 अरब डॉलर पहुंच गया था.
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