ट्रेडिंग (Trading)
छोटे समय में लेनदेन की प्रक्रिया होती है इसमें हानि दोनों जुड़ी होती है एक ट्रेडर अपने लाभ को सोचकर ट्रेडिंग करता है जिसके लिए हमेशा कम दाम में खरीद कर उससे उससे ऊपर की दाम में बेचने की कोशिश करता है यह ट्रेडिंग कहलाता है
ट्रेडिंग वास्तव में थोक- चिल्लर दुकानों में होता है किंतु जब प्रक्रिया हर व्यवसाय में होता है या प्रक्रिया शेयर बाजार में भी होता है शेयर बाजार कि इस प्रक्रिया को कैसे क्रियान्वित किया जाता है और वह कैसे होता है आइए जानते हैं
यह एक प्रकार का व्यवसाय है जानते हैं शेयर बाजार में ट्रेडिंग कितने प्रकार से किया जाता है
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के प्रकार
इंट्राडे (Intraday)
आज ही खरीद कर आज ही बेच देना इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाता है भारतीय शेयर बाजार में बाजार के खुलने का समय सुबह 9:15 से शाम 3:30 बजे तक चलता है इसमें मानक बढ़ते मूल्य (Uptrend) घटते मूल्य (Downtrend) को ध्यान में रखकर ट्रेडिंग की जाती है
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में आज खरीद कर आज के बाद किसी भी समय अंतराल दिन महीने साल मैं बेचना स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है इसमें सामान्यतया बढ़ते मूल्य ट्रेंड को ध्यान में रखकर ट्रेडिंग होती है
शेयर मार्केट में क्या क्या खरीदा और बेचा जा सकता है जानते हैं
इक्विटी (Equity)
किसी भी कंपनी के शेयर की हिस्सेदारी का कुछ प्रतिशत खरीदना और बेचना जो समय समय में बदलते रहते हैं उसकी खरीदी बिक्री करना इक्विटी ट्रेडिंग होती है इसे इन्वेस्टमेंट के लिए भी खरीदा जाता है
कमोडिटी (Commodity)
इसमें नेचुरल रिसोर्सेज से आने वाले प्रोडक्ट का लेन देन जैसे गोल्ड मेटल सिल्वर क्रूड ऑयल आदि किया जाता है
करंसी (Currency)
इसमें अलग-अलग देशों की करेंसी के उतार-चढ़ाव को देखकर लेनदेन किया जाता है समय परिवर्तित होता रहता है किंतु देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है
डेरिवेटिव (Derivative)
शेयर मार्केट में यह एक ऐसा सिग्मेंट है जहां पर शेयर के लेनदेन के जगह उनके मूल्य के घटने और बढ़ने पर बोली लगाई जाती है और उस बोली का एक कॉन्ट्रैक्ट नोट बनता है क्योंकि यह कॉन्ट्रैक्ट नोट इसलिए यह कम पैसों में किया जा सकता है और इसमें हमें एक लौट मि खरीदी बिक्री की जाती है क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट नोट है और कांटेक्ट नोट में एक नियत तिथि होती है जिसे एक्सपायरी भी कहा जाता है और यह पैसे कमाने का सबसे रिस्की और सस्ता तरीका है खरीदी को और बिकवाली को राइटिंग कहते हैं लौट में लेन देन होने के कारण इसमें प्रॉफिट और लॉस नफा नुकसान बहुत जल्दी दिखता है और इसे करने के लिए नॉर्मल ट्रेडिंग से ज्यादा प्रयास करना होता है
डेरिवेटिव मैं दो सेगमेंट होते हैं पहला है फ्यूचर दूसरा है ऑप्शन इसे शार्ट में एफएम भी कहते हैं
डेरीवेटिव के प्रकार
फ्यूचर
इसमें कॉन्ट्रैक्ट खरीदने या बेचने दोनों में काम किया जा सकता है किंतु एक्सपायरी मासिक होती है भारतीय बाजार में एक्सपायरी हर माह के अंतिम गुरुवार को होती है फ्यूचर में लॉस और प्रॉफिट दोनों इक्विटी जैसा ही होगा या यूं कहे तो आपने जितने पैसे लगाए हैं उसमें जो मूल्य दिखा रहा है उसके बराबर ही लॉस और प्रॉफिट हो सकता है और यह बहुत रिस्की ट्रेडिंग होती है
Swing Trading क्या होता है
जब हम शेयर मार्केट में किसी शेयर को बहुत कम समय के लिए निवेश करते हैं तो उसे हम Swing Trading कहते हैं! जब हम Intraday Trading करते है तो हमे Share को उसी दिन बेचना होता है, लेकिन Swing Trading में आप कुछ दिनों तक रख सकते है ! इसमें आप शेयर को Delivery, F &O, Cash में खरीद बेच सकते है !
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Swing Trading |
इसे आप इस तरह से भी कह सकते है कि जब आप लंबे समय के लिए Trading करते है तो उसको Swing Trading कहते है !
Example:-
जैसे माना कि आपने किसी कंपनी XYZ के शेयर आज खरीदे हैं और आप उसे एक दिन से एक सप्ताह या एक-दो महिने के लिए निवेश करते हैं और उसके बाद बेच देते तो इसे हम Swing Trading कहते हैं, स्विंग ट्रेडिंग शेयर खरीदने का मकसद यह होता है कि जब शेयर कि मूल्य बढ़ जाये तब बेचना होता है!
जब हम इन्वेस्टमेंट करते हैं तब हम कंपनी के Value के बारे में पता करते हैं और कंपनी और लंबे समय में कैसा प्रदर्शन करेंगी उसे देख कर इन्वेस्ट करते हैं! तो उसे Investment कहते हैं! स्विंग ट्रेडिंग में बिल्कुल इसके उलट होता है हम शेयर को एक कम समय के लिए एक निश्चित टारगेट के साथ खरीदते या बेचते हैं!
स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है?
ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi
- Post author: ShareMarketIndia
- Post published: March 8, 2022
- Post category: शेयर मार्केट
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ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi
आजकल लोग इंटरनेट से पैसे कमाने के अलग अलग तरीके खोजते रहते है। ट्रेडिंग भी एक ऐसा तरीका है जिससे आप हजारों रुपए कमा सकते है। तो आइये जानते है ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?
शेयर मार्केट में कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग करते है। ट्रेडिंग करके कुछ लोग दिन के हजारों रुपए कमाते है।लेकिन ज्यादातर लोग ट्रेडिंग में पैसे गवांते है या फिर थोडे ही पैसे कमा पाते है। क्युकी वह लोग ट्रेडिंग क्या है(Trading in Hindi),कैसे सीखें?, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, इन सबकी जानकारी लिए बिना ही ट्रेडिंग करना शुरू करते है।
इसलिए आपको सबसे पहले ट्रेडिंग क्या है? ये जानना जरूरी है।
Table of Contents
ट्रेडिंग क्या है? | Trading in Hindi
ट्रेडिंग का अर्थ होता है व्यापार। दो व्यक्ति या संस्था के बीच वस्तु और सेवाओं का आदान प्रदान इसी को ट्रेडिंग यानी व्यापार कहते है। बहुत पुराने समय से दुनिया में ट्रेडिंग यानी व्यापार होता आ रहा है। पुराने समय में लोग एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु देते थे। उसके बाद वस्तु के बदले पैसे देने लगे।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का अर्थ होता है शेयर की खरीदी और बिक्री। जैसे कि हम किसी वस्तु की खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं वैसे ही शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है।
ट्रेडिंग करने में बहुत जोखिम होता है ऐसा कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि भविष्य में कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अक्सर ऐसा होता कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? अगर शेयर से जुड़ी कोई अच्छी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देती है। और अगर शेयर से जुड़ी कुछ बुरी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? | Online Trading in Hindi
इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के मदत से शेयर को खरीदने और बेचने की सुविधा को ऑनलाइन ट्रेडिंग (Online Trading in Hindi) कहा जाता है। शेयर के अलावा आप मच्यूल फंड, करेंसी,कमोडिटी और अन्य वित्तीय सिक्योरिटीज को आप ऑनलाइन खरीद सकते है।
किसी भी ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर के साथ घर बैठे अकाउंट खुलवाकर आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते है।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? | Types of Trading in Hindi
ट्रेडिंग के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग, पोजिशनल,स्विंग ट्रेडिंग। आइए सबसे पहले जानते है इंत्राडे ट्रेडिंग क्या है?
इंट्राडे ट्रेडिंग | Intraday Trading in Hindi
बहुत से लोग शेयर मार्केट में कम समय में मुनाफा कमाना चाहते है। उनके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
एक ही दिन के अंदर शेयर खरीदकर बेचना इसी को इंट्राडे ट्रेडिंग कहता है।शेयर मार्केट सुबह 9:15 को खुलता है और 3:30 को बंद होता है। उसी समय के बीच में अगर आप शेयर खरीद कर बीच देते है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। अगर आप अच्छे से इंट्राडे ट्रेडिंग सीख गए तो आप दिन के हजारों रुपए कमा सकत है। लेकिन इसमें नुकसान होने की भी पूरी संभावना होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में रहने वाली जोखिमों से अज्ञात होते हुए कई बार ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग में भारी नुक्सान कर बैठते है।
मेरी राय ये है कि अगर आप नए है तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में ज्यादा पैसे नहीं लगाने चाहिए।
पोजिशनल ट्रेडिंग | Positional Trading in Hindi
यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, लेकिन हर दिन के उतार-चढ़ाव पर नजर नहीं रख सकते हैं, और लंबे समय के लिए भी निवेश नहीं करना चाहते हैं, तो फिर पोजिशनल ट्रेडिंग आपके लिए अच्छा मार्ग हो सकता है।
पोजीशनल ट्रेडिंग में ट्रेडर अपने शेयर इंट्राडे से ज्यादा समय के लिए होल्ड कर सकते।यह समय एक दिन,एक हफ्ता या एक महीना भी हो सकता है।
जबकि पोजीशन ट्रेडिंग सुनने में आसान लग रही होगी लेकिन, इसके लिए अच्छे फंडामेंटल और स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? टेक्निकल स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? रिसर्च की आवश्यकता होती है। साथ ही शेयर मार्केट के बारे में अच्छी और ठोस जानकारी भी जरूरी होती है।
स्विंग ट्रेडिंग | Swing Trading in Hindi
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है पर जहां ट्रेडर शेयर थोड़े समय के लिए शेयर खरीदते हैताकि उससे मुनाफा कमा सकें। यह समय आमतौर पर कुछ दिनों और कई स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? हफ्तों स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? के बीच होता है।
स्विंग ट्रेडर शेयर की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव और गति के रुझानों को जानने के लिए और शेयर खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडिंग गतिविधि में एक पैटर्न का विश्लेषण करता है। स्विंग ट्रेडिंग आम तौर पर लार्ज कैप शेयर पे कि जाती है।
स्विंग ट्रेडर्स आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर चुनने के लिए तकनीकी विश्लेषण(टेक्निकल एनालिसिस) का उपयोग करते हैं। अगर आपको स्विंग ट्रेडिंग सीखनी है तो आपको टेक्निकल एनालिसिस आना ही चाहिए । स्विंग ट्रेडिंग में भी रिस्क होती है इसलिए बिना समझे पैसे नहीं लगाना चाहिए।
ट्रेडिंग कैसे सीखे | How to Learn Trading in Hindi
आपने ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ये बाते तो जान ली आइए अब जानते जानते है कि ट्रेडिंग कैसे सीखे(How to Learn Trading in Hindi)
यूटयूब एक ऐसा जरिया है जहां से आप ट्रेडिंग सीख सकते है।आपको यूट्यूब के ऊपर बहुत सारे चैनल मिलेंगे जहां से आप फ्री में ट्रेडिंग सीख सकते है। गूगल पर भी ऐसी बहुत वेबसाइट उपलब्ध है जहां से आप ट्रेडिंग के बारे में जानकारी ले सकते है।
ट्रेडिंग सीखनी के लिए आप किसी अच्छी किताब को पढ़ सकते है।दोस्तों अगर आपको किताबे पढ़ना पसंद है तो आप किताब से भी ट्रेडिंग सीख सकते हो।आप ऐसे लोगों की किताब पढ़े जिन्होंने ट्रेडिंग में सफल होकर अच्छा पैसा कमाया है।आपको इंटरनेट पर ट्रेडिंग के ऊपर बहुत सारे ई-बुक भी मिल जाएंगे जिन्हें आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर पढ़ सकते है।
दोस्तों आपको शेयर मार्केट के बारे ऑनलाइन और ऑफलाइन बहुत सारे फ्री और पेड कोर्सेस मिल जाएंगे।इन कोर्सेस कि मदद से आप ट्रेडिंग सीख सकते हो।
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ? स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है?
अगर मैं शेयर मार्केट की बात करूं तो शेयर मार्केट एक बाजार की तरह है जहां पर आप पैसे देते हैं और एक सिक्योरिटी खरीदते हैं यह अलग-अलग तरह की हो सकती है जैसे कि इक्विटी शेयर, प्रेफरेंस शेयर, बांड, डिबेंचर आदि।
शेयर मार्केट का मुख्य कार्य निवेशकों को कंपनी के अंदर पैसा लगाने के लिए आमंत्रित करना है जिससे कंपनी उस पैसे का प्रयोग अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए कर सके और उसके पश्चात जो भी लाभ होते हैं उनको अपने अंश धारकों के साथ बांट सके।
मुझे इस बात पर बड़ा आश्चर्य होता है कि शेयर मार्केट के बारे में बाजार में बहुत सारी भ्रांतियां प्रचलित है और अधिकतर लोग शेयर मार्केट को सट्टे की तरह लेते हैं क्योंकि वह शेयरों ट्रेडरों के जाल में फंस जाते हैं और एक ट्रेडर हमेशा आपको ऐसी सलाह देगा जिसके द्वारा ब्रोकर का फायदा हो।
बाज़ार में मौजूद लगभग सभी लोग यही चाहते है के आप ज्यादा से ज्यादा शेयर खरीदे और बेचे क्योंकि इससे ब्रोकर को कमिशन मिलता रहत है चाहे आपको लाभ हो या हानि।
डिलीवरी ट्रेडिंग ही बाजार का वास्तविक रूप है उसके अलावा जो भी है वह सब आप को लूटने का जरिया है और ब्रोकरों को अमीर बनाने का माध्यम है।
जब भी आप कोई अंश खरीदते है और उसकी डिलीवरी लेते है तो आप उस कंपनी के सदस्य बन जाते है और आपका नाम अंशधारकों के रजिस्टर में दर्ज हो जाता है।
इसके बाद आपको कंपनी समय समय पर विभिन्न जानकारियां प्रदान करती है। आपको कंपनी के वित्तीय विवरण मिलते है, कंपनी के मीटिंग के नोटिस मिलते है, लाभांश मिलता है और कंपनी जब भी कोई नया इश्यू लेकर आती है स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? तो आपको उसमें प्राथमिकता मिलती है यहां तक कि कभी कभी कंपनी बाय बैक भी करती है जिसमें आपको बहुत अच्छी कीमत मिलती है। क्योंकि कंपनी के वास्तविक स्वामी उसके अंशधारक ही होते है।
अगर आप किसी कंपनी के बहुत सारे अंश खरीद लेते है तो आप कंपनी के निर्णयों तक को प्रभावित करने की स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? क्षमता हासिल कर लेते है इसलिए हर कंपनी की कोशिश रहती है के वोटिंग पॉवर हमेशा कंपनी के प्रमोटरों के पास ही रहे।
एक बार आपका नाम कम्पनी के अंशधारकों के रजिस्टर में शामिल हो गया तो उसके बाद आपको शेयर मार्केट की ऊपर या नीचे जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उस स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? समय आपको वास्तविक हानि नहीं होती है और केवल अंश का बाजार मूल्य में परिवर्तन होता रहता है।
इसका अर्थ है के अगर 1000 रुपए का शेयर आपके डिमेट एकाउंट में रखा गया है और भले ही बाजार में उसकी कीमत 100 रुपए हो जाए तब भी आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि बहुत सारे शेयर कुछ समय बाद रिकवरी कर लेते है और तब आप उस अंश को बेच सकते है और अपना पैसा निकाल सकते है।
इसके उलट अगर आप इंट्रा डे में ट्रेडिंग करते है तो यह बहुत खतरनाक होता है क्योंकि कोई भी शेयर गिरने के बाद 1 दिन में रिकवरी नहीं कर सकता और आपको शेयर में पैसा लगाने के बाद उसमें हुए नुकसान कि भरपाई अपने बैंक एकाउंट को खाली करके करनी पड़ती है।
में इंट्रा डे पर ज्यादा बात नहीं करना चाहता क्योंकि इंट्रा डे बहुत ही खतरनाक और जोखिम भरा है इसलिए आप जितना दूर रह सके उतना बेहतर है और किसी भी टिप के चक्कर में कभी नहीं आइए क्योंकि टिप केवल पेनी स्टॉक को धक्का देने के लिए मार्केट में फैलाई जाती है जिससे कुछ सीमित लोग बहुत सारा पैसा कमा सके।
इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
शेयर बाजार में 1 दिन केलिए ट्रेडिंग करते है तो उसको इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इसमें आपको शेयर को एक ही दिन में 9:15 AM से 3:30 PM तक खरीद बिक्री करना होता है। इसमें केबल ट्रेडिंग कर सकते है । मगर आपको लंबी अबधि केलिए निवेश केलिए शेयर की डिजिटल फॉरमेट के जरिए डिलीवरी लेनी होती है। इसमें आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा होता है । इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको बहोत ज्यादा ब्रोकेज़ ( प्रति आर्डर ₹20/- ) का शुल्क देना होता है। मगर शेयर की डिलीवरी में ब्रोकेज़ बहोत कम लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको > 30% ज्यादा इनकम टैक्स भरना होता है। मगर डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश में आपको ( 10 % से 15 % ) तक की इनकम टैक्स लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर बाजार के अनुभवी लोगों करना चाहिए । अगर आप शेयर में नए हो तो आपको डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश करना चाहिए।
डिलीवरी ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस कैसे लगाएं?
ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?
बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।
1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक
FAQ :-
शेयरों की डिलीवरी कितने दिन में होती है?
आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा कर दिया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है?
Stock Market Beginner Guide –
अगर आपको Trading कि ABCD भी पता नही तो ये Book आपको मदत करेगी इस Book मी ट्रेडिंग क्या हें ये आपण बिलकुल आसान भाषा में समजाया हें
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दोस्तों आपके लिए खास Selected विडियो हमने लाये है, ये वीडियो मे एक नए बन्दे को जो स्टॉक मार्केट के बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं रखता या स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? नहीं है। खास उन लोगो के लिए ये वीडियो लाये है
जब आप हमरी ट्रेडिंग की पाठशाला ईबुक पढेंगे और ये सभी वीडियो देखेंगे तो आपको Definitely सक्सेस मिलेगा।
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