डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 81.67 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया था। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत रखने के लक्ष्य पर कायम है और इसे हासिल किया जाएगा। सरकार ने बजट में 2022-23 में 14.31 लाख करोड़ रुपये की बाजार उधारी का लक्ष्य रखा है। इसमें से 8.45 लाख करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर में जुटाने का लक्ष्य है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कौन-कौन से देशों की करेंसी शामिल है?
हम सभी ने विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा लगभग वो फिल्में देखी होगी जिसमें राजा-महाराजा किसी इमरजेंसी से निपटने के लिए धन, सोना, चांदी, आदि को तहखानों या फिर किसी सीक्रेट रूम में रखते थे. ठीक उसी प्रकार से केंद्र सरकारें विदेशी मुद्रा भंडार रखती हैं. विदेशी मुद्रा भंडार का मतलब वह संपत्ति है जो किसी भी देश के पास विदेशी मुद्रा में उपलब्ध होती है. इसमें विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign Currency Assets), गोल्ड रिजर्व, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), आदि शामिल है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार की देखरेख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है. आरबीआई ऐसी प्रॉपर्टीज का एक बफर रखता है, जिससे वह संकट के समय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए करता है. अब नाम में ही विदेशी करेंसी है तो जाहिर से बात है कि भंडार उसी की वैल्यू के हिसाब से होता होगा, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि भारत किस-किस देश की करेंसी में संपत्ति होल्ड करता है?
विदेशी मुद्रा भंडार में एक विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा वर्ष की सबसे तेज वृद्धि, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 544.विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा 72 अरब डॅालर पर पहुंचा
आरबीआइ की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 14.73 अरब डालर की वृद्धि रही है। बता दें कि 2022 की शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 630 अरब डॅालर था।
मुंबई, एजेंसी। बीते सप्ताह देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक वर्ष से ज्यादा की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है। आरबीआइ की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 14.73 अरब डॅालर की वृद्धि रही है। समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक, अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार 544.72 अरब डॅालर पर पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में अगस्त 2021 के बाद यह सबसे ज्यादा वृद्धि रही है। आंकड़ों के अनुसार, चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 529.99 अरब डॅालर था। 2022 की शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 630 अरब डॅालर था। विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा तब से रुपये में गिरावट का माहौल है।
मध्य सितंबर के बाद रुपया पहली बार डॅालर के मुकाबले 80 के स्तर के करीब
इस गिरावट को रोकने के लिए आरबीआइ विदेशी मुद्रा भंडार से डॅालर की बिक्री कर रहा है। 11 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान अमेरिका में उपभोक्ता महंगाई में अनुमान से ज्यादा नरमी रही है। इससे बीते चार वर्षों में रुपये का साप्ताहिक प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है और मध्य सितंबर के बाद रुपया पहली बार डॅालर के मुकाबले 80 के स्तर के करीब आया है।
एफसीए में 11.8 अरब डॅालर की हुई वृद्धि
हालांकि, चालू सप्ताह में भारतीय मुद्रा में गिरावट रही है और यह डॅालर के मुकाबले 81.68 के स्तर पर पहुंच गई है।आरबीआइ के अनुसार, बीते सप्ताह विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में 11.8 अरब डॅालर की वृद्धि रही है और यह 482.53 अरब डॅालर पर पहुंच गई हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए की सबसे बड़ी हिस्सेदारी होती है। इसी विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा प्रकार स्वर्ण भंडार 2.64 अरब डॅालर बढ़कर 39.70 अरब डॅालर हो गया है।
दरअसल, विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। विदेशी विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा मुद्रा भंडार को एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखा विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा जाता है। अधिकांशत: डॉलर और बहुत बा यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है।
फॉरेक्स रिजर्व 580 अरब डॉलर: विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में रूस को पछाड़कर चौथे स्थान पर पहुंचा भारत, चीन इसमें सबसे आगे
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भंडार बन गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस को पछाड़कर इस पायदान पर पहुंचा है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5 मार्च को 4.3 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 580.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। वहीं रूस का भंडार 580.1 अरब (बिलियन) डॉलर पर आ गया ।
चीन बना हुआ है टॉप पर
चीन के पास सबसे ज्यादा भंडार है, जिसके बाद जापान और स्विट्जरलैंड आते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत भंडार से विदेशी निवेशकों और क्रेडिट रेटिंग कंपनियों को यह भरोसा मिलता है कि सरकार घटते फिजकल आउटलुक और अर्थव्यवस्था के चार दशकों में पहले एक साल के संकुचन की ओर बढ़ने के बावजूद अपने कर्ज को लेकर वादे को पूरा कर सकती विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा है।
Foreign Exchange: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर रहा
By: ABP Live | Updated at : 14 Oct 2022 07:47 PM (IST)
विदेशी मुद्रा भंडार
Foreign Exchange Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखी जा रही थी. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आंकड़े के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 10 वें सप्ताह में पहली बार अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया. आपको बता दे कि सुरक्षित सोने के भंडार का मूल्य बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है. इसके पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर पर आ गया था. मालूम हो कि पिछले साल अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा था.
चिंता करने की जरूरत नहीं, भारत के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को लेकर चिंता को खारिज करते हुए कहा कि इसे जरूरत से अधिक तूल दिया जा रहा है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से पार पाने के लिए देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है।
लगातार सातवें सप्ताह घटा
विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह घटा है और यह 16 सितंबर को समाप्त सप्ताह में कम होकर 545.65 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि मार्च, 2022 में यह 607.31 अरब डॉलर था। सेठ ने कहा, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है। मुझे नहीं लगता कि यह कोई चिंता वाली बात है। भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 371