Bharat E-Market क्या है?
Bharat E-Market भारत का सबसे पहला E-Commerce portal है जो की भारत सरकार के प्रयास से बनाया जा रहा है. इस यूनीक portal का मुख्य उद्देस्य ही है की कैसे वो लोकल भारतीय स्टोर को हमारे निकट तक पहुँच पाए. यानी की हमारे लोकल दुकानदारों को हम तक पहुँचाना वो भी इंटर्नेट के माध्यम से.
भारत की अपनी ही e-commerce portal ‘Bharat e Market’ की App को व्यापारियों की संस्था CAIT के द्वारा लॉंच ईजीमार्केटस किया गया है. यह नया एप्लिकेशन व्यवसायों और सेवा प्रदाताओं को पोर्टल पर पंजीकरण करने और अपना खुद का “ई-दुकान” बनाने में सक्षम करेगा.
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष BC Bhartia ने बताया की उन्होंने हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ vocal for local ‘ और ‘ Aatmanirbhar Bharat ‘ से प्रेरणा लेकर इस Bharat e Market portal को तैयार किया है. ये पोर्टल दोनों B2B और B2C business को बढ़ावा देने का काम करेंगी. Confederation of All India Traders (CAIT) के अनुसार ये Bharat E-Commerce portal पूरी तरह से भारतीय है और ये हमारे देश की सभी rules और regulations का पालन भी कर रही है.
इस app के अनुसार वो सभी लोकल दुकानदारों को इन digital mediums के ज़रिए ऑनलाइन लाने में मदद करेंगे. वहीं इससे सभी अब धीरे धीरे ऑफ़्लाइन के साथ साथ अपनी E दुकान को इंटर्नेट पर ला सकते हैं. सच में ये सोच बहुत ही बढ़िया है हमारे लोकाल दुकानदारों के साथ साथ हमारे ग्राहकों के लिए भी, जिन्हें की आसानी से और सुलभ मूल्य में अपनी ज़रूरत की चीजें मिल पाएगी.
ई-मार्केट पोर्टल: रक्षा मंत्रालय का खरीद आदेश 15,047 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर
जीईएम की शुरुआत अगस्त 2016 में पुरानी निविदा प्रक्रिया को सुधारने और डिजिटलीकरण के माध्यम से सरकारी खरीद में अधिक ईमानदारी और पारदर्शिता लाने के लिए की गई थी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल के जरिए 2021-22 में उसका खरीद आदेश 15,047 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पोर्टल के माध्यम से पिछले साल हुई खरीद की तुलना में यह राशि 250 फीसदी से अधिक है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल के माध्यम से रक्षा मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए खरीद आदेश अब तक के उच्चतम स्तर 15,047.98 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जीईएम की शुरुआत अगस्त 2016 में पुरानी निविदा प्रक्रिया को सुधारने और डिजिटलीकरण के माध्यम से सरकारी खरीद में अधिक ईमानदारी और पारदर्शिता लाने के लिए की गई थी।
मंत्रालय ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से बहुत ही कम समय में, रक्षा मंत्रालय ने डिजिटल अभियान को अपनाया है और यह इस रास्ते पर पूरी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ा है। मंत्रालय ने कहा कि धरातल पर कई चुनौतियों के बावजूद परिणाम आश्चर्यजनक रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्रालय डिजिटल इंडिया के अनुरूप डिजिटलीकरण और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के सरकार के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
विस्तार
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल के जरिए 2021-22 में उसका खरीद आदेश 15,047 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पोर्टल के माध्यम से पिछले साल हुई खरीद की तुलना में यह राशि 250 फीसदी से अधिक है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा ईजीमार्केटस कि सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल के माध्यम से रक्षा मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए खरीद आदेश अब तक के उच्चतम स्तर 15,047.98 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जीईएम की शुरुआत अगस्त 2016 में पुरानी निविदा प्रक्रिया को सुधारने और डिजिटलीकरण के माध्यम से सरकारी खरीद में अधिक ईमानदारी और पारदर्शिता लाने के लिए की गई थी।
मंत्रालय ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से बहुत ही कम समय में, रक्षा मंत्रालय ने डिजिटल अभियान को अपनाया है और यह इस रास्ते पर पूरी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ा है। मंत्रालय ने कहा कि धरातल पर ईजीमार्केटस कई चुनौतियों के बावजूद परिणाम आश्चर्यजनक रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्रालय डिजिटल इंडिया के अनुरूप डिजिटलीकरण और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के सरकार के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
Bharat E-Market seller registration: भारत ई-मार्केट रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के विजन पर आधारित रिटेल कारोबारियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने विदेशी मल्टीनेशनल कंपनियों के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्स अमेजन, फिल्पकार्ट आदि को चुनौती देने के लिए अब देशी ई-कॉमर्स पोर्टल ‘भारत ई-मार्केट’ लॉन्च हो गया है. इस Bharat E-Market वेबसाइट पर व्यापारी से व्यापारी मतलब B2B तथा व्यापारी से उपभोक्ता मतलब B2C के लिए व्यापार बेहद आसानी से हो सकेगा।
यह Bharat E-Market पूर्ण रूप से आधुनिक टेक्नोलॉजी, सशक्त डिलीवरी, सक्षम डिजिटल पेमेंट, इनोवेटिव मार्केटिंग सहित पारदर्शी एवं जिम्मेदार व्यापारिक व्यवस्था के आधार पर विकसित किया गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) देश के करीब आठ करोड़ कारोबारियों की संगठन है CAIT का दावा है कि Bharat E-Market (भारत ई-मार्केट) पूर्ण रूप से देशी है और यह भारत ही नहीं बल्कि विश्व के किसी भी ई-कॉमर्स पोर्टल के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा.
CAIT ने दावा किया है कि इस पोर्टल पर सबसे सस्ती दरों पर सामान और सेवाएं मिलेंगी जो उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगी.भारत ई-मार्केट पूरी तरह से आधुनिक टेक्नोलॉजी, सशक्त डिलीवरी, इनोवेटिव मार्केटिंग, सक्षम डिजिटल पेमेंट सहित पारदर्शी एवं जिम्मेदार व्यापारिक व्यवस्था के आधार पर निर्मित किया गया है.
भारत ई-मार्केट की विशेषताएं .
- इस पोर्टलपर ‘ई-दकान’ खोलने के लिए हर व्यक्ति को मोबाइल एप के जरिये ही सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा.
- इस पोर्टल परव्यापारी से व्यापारी (बी2बी) और व्यापारी से उपभोक्ता (B2C) अपना माल बेच और खरीद सकेंगे.
- दर्ज जानकारी विदेश नहीं जायेगी, क्योंकि यह पूरी तरह से घरेलूएप है. इसलिए सारा डेटा देश में ही रहेगा और इसे बेचा नहीं जायेगा.
- किसी भी विदेशी फंडिंग को इस प्लेटफॉर्म के लिए स्वीकार नहीं किया जायेगा.
- कोई भी विक्रेता चीन का सामान इस पोर्टल पर नहीं बेचेगा.
- स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और दूसरी चीजों के छोटे निर्माताओं और व्यापारियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया जायेगा
- इस पोर्टल पर कारोबार करने पर कोई भी कमीशन नहीं लिया जायेगा.
देशी कारोबारी शुरू कर सकेंगे अपना ई-दुकान
इस पर्टल पर देश के कोई भी कारोबारी अपनी ईजीमार्केटस ई-दुकान (ई-शॉप) खोल सकेंगे. इसके लिए कारोबारी को मोबाइल एप के जरिये अपना रजिस्ट्रेशन करन होगा. रजिस्ट्रेशन करते समय कारोबारी के मोबाइल पर आएगा. ओटीपी के जरिये आगे बढ़ते हुए उन्हें केवाइसी प्रक्रिया को पूरी करनी होगी. इस प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद वे आसानी से अपनी ई-दुकान स्वयं बना सकता है. जरुरत पड़ने पर Bharat E-Market की तकनीकी टीम लोगो की सहायता करेगी, CAIT ने उम्मीद जाहिर की कि इस साल दिसंबर तक इस ‘भारत ई-मार्केट’ पोर्टल ईजीमार्केटस पर करीब सात लाख कारोबारी जुड़ जायेंगे. वही दिसंबर 2023 इस पोर्टल से एक करोड से अधिक ट्रेडर्स जुड़ जायेगे.
कैसे करे Bharat E-Market seller/Vendor रजिस्ट्रेशन
रजिस्ट्रेशन करने के लिए Bharat E-Market के वेबसाइट पर App पर जा सकते है दोनों का लिंक नीचे दिया गया है.
जिसमे अकाउंट बनना, personal Details, Business Details, Bank Account Details, Document upload शामिल है
Bharat-e-market-seller-registration-form
रजिस्ट्रेशन की सभी प्रकिर्या पूर्ण होने के बाद seller Dasboard देखने को मेल जायेगा, जहाँ आपके अकाउंट से जुड़े सभी ईजीमार्केटस तरह के जानकारी मिल जायेगा.
Bharat E-Market रजिस्ट्रेशन के सभी स्टेप देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखे और और लेटेस्ट वीडियो देखने के लिए हमारा YouTube चैनल Subscribe जरूर करे , अगर Bharat E-Market रजिस्ट्रेशन से सम्बंधित आपके पास कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट कर के पूछे | हम उसका जबाब जल्द से जल्द देने ईजीमार्केटस के कोशिश करेंगे।
ई-मार्केट पोर्टल के जरिये रक्षा मंत्रालय का खरीद आदेश 15,047 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर
नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल के जरिये 2021-22 में उसका खरीद आदेश 15,047 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है।मंत्रालय ने कहा कि पोर्टल के माध्यम से पिछले साल हुई खरीद की तुलना में यह राशि 250 प्रतिशत से अधिक है।मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल के माध्यम से रक्षा मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए खरीद आदेश अब तक के उच्चतम स्तर 15,047.98 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।” जीईएम की शुरुआत अगस्त 2016 में पुरानी निविदा प्रक्रिया को
मंत्रालय ने कहा कि पोर्टल के माध्यम से पिछले साल हुई खरीद की तुलना में यह राशि 250 प्रतिशत से अधिक है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल के माध्यम से रक्षा मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए खरीद आदेश अब तक के उच्चतम स्तर 15,047.98 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।”
जीईएम की शुरुआत अगस्त 2016 में पुरानी निविदा प्रक्रिया को सुधारने और डिजिटलीकरण के माध्यम से सरकारी खरीद में अधिक ईमानदारी और पारदर्शिता लाने के लिए की गई थी।
मंत्रालय ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से बहुत ही कम समय में, रक्षा मंत्रालय ने डिजिटल अभियान को अपनाया है और यह इस रास्ते पर पूरी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ा है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘धरातल पर कई चुनौतियों के बावजूद, परिणाम आश्चर्यजनक रहे हैं।’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्रालय डिजिटल इंडिया के अनुरूप डिजिटलीकरण और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के सरकार के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
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ई-मार्केट बढ़ाने पर इस राज्य का ध्यान, उपज बेचने के लिए बड़े पैमाने पर किसान कर रहे इस्तेमाल
वर्तमान में कर्नाटक में 700 एफपीओ काम कर रहे हैं. प्रत्येक एफपीओ में औसतन 350 से 400 शेयरहोल्डर्स हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि ई-मार्केट प्लेटफॉर्म से ज्यादा से ज्यादा एफपीओ को जोड़ने से किसानों को अपनी उपज बेचने में काफी आसानी होगी.
कर्नाटक के किसानों (Farmers) के बीच ई-मार्केट की लोकप्रियता बढ़ रही है. वे यहां पर थोक में उचित मूल्य पर अपनी पैदावार बेचते हैं. किसानों के लिए हितकारी होने और समय की जरूरत को देखते हुए कर्नाटक सरकार ई-मार्केट के विस्तार की योजना बना रही है. राज्य में राष्ट्रीय ई-मार्केट सर्विसेज (National e-Market Services) प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल FPO से जुड़े किसान कृषि और बागवानी फसलों की बिक्री के लिए करते हैं. अब सरकार इसका दायरा बढ़ाना चाहती है. कर्नाटक सरकार के एक अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस मार्केट का इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बाजार से एफपीओ को जोड़ेगा. इसका फायदा किसानों को मिलेगा और वे अधिक से अधिक संख्या में अपनी उपज को सीधे बेच सकेंगे.
शुरुआती दौर में पायलट सेल के दौरान एफपीओ से जुड़े किसानों ने 4661 क्विंटल उपज की बिक्री की है. राष्ट्रीय ई-मार्केट सर्विसेज प्लेटफॉर्म के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज राजन ने बताया कि मुख्यमंत्री बासवराज बोम्माई इस मुद्दे पर जल्द एक बैठक करेंगे और इस प्लेटफॉर्म पर ज्यादा से ज्यादा एफपीओ को कवर किया जाएगा.
राज्य में 700 एफपीओ
वर्तमान में कर्नाटक में 700 एफपीओ काम कर रहे हैं. प्रत्येक एफपीओ में औसतन 350 से 400 शेयरहोल्डर्स हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों ईजीमार्केटस का कहना है कि ई-मार्केट प्लेटफॉर्म से ज्यादा से ज्यादा एफपीओ को जोड़ने से किसानों को अपनी उपज बेचने में ईजीमार्केटस काफी आसानी होगी. ई-मार्केट सीधे बाजार से जुड़ा होगा, ऐसे में किसानों को उचित भाव भी मिलेगा.
एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय ई-मार्केट सर्विसेज के जरिए हमने मंडियों में खरीद के लिए उपज की बोली लगाने की शुरुआत की थी. ई-नाम पर यहीं काम बाद में शुरू हुआ. अधिकारियों ने कहा कि इससे किसानों को एक बेहतर बाजार मिलेगा. एफपीओ से जुड़े किसान मक्का, धान, तूर, रागी, बंगाल चना, हरा चना और सोयाबीन की खेती करते हैं.
प्लेटफॉर्म पर 44000 व्यापारी मौजूद
इस प्लेटफॉर्म पर राज्य की 160 मंडियों के 44,000 व्यापारी मौजूद हैं. वे सीधे किसानों से अपनी जरूरत के मुताबिक उचित दरों पर खरीद करते हैं. सबसे अच्छी बात है कि यहां पर पूरी तरह से पारदर्शिता है. किसान और व्यापारी के बीच किसी तीसरे की मौजूदगी न होने से इसका लाभ सभी को मिलता है.
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