Reported By: |नेहा दुबे | Updated: Jun 30, 2022, 07:47 PM IST

भारत की करेंसी से आप इन देशों में भी कर सकते हैं शॉपिंग, जानिए किन देशों में मान्य है रुपया

दुनिया के ज्यादातर देश अमेरिकी डॉलर में अपना बिजनेस करते हैं. लेकिन कई देश ऐसे भी हैं जहां भारतीय करेंसी को स्वीकार किया जाता है. आइए जानते हैं इनमें कौन-कौनसे देश शामिल है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 14 Aug 2021 02:03 PM (IST)

अमेरिकी डॉलर को पूरी दुनिया में सबसे ताकतवर करेंसी के रूप में जाना जाता है. दुनिया के काफी सारे देश अमेरिकी डॉलर में ही अपना बिजनेस करते हैं. करीब 85 फीसदी बिजनेस डॉलर के जरिए ही होता है. इसलिए इसे इंटरनेशनल बिजनेस करेंसी भी कहा जाता है. लेकिन कई लोगों के जहन में ये सवाल अक्सर आता है कि क्या डॉलर की तरह भारतीय रुपया भी किसी देश में मान्य है या नहीं. अगर आपके मन में भी ये सवाल आता है तो आज हम आपको इसका जवाब देंगे. तो चलिए जानते हैं इसका जवाब क्या है.

इन देशों में चलती है इंडियन करेंसी
दरअसल दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां औपचारिक और अनौपचारिक तरीके से भारतीय करेंसी का इस्तेमाल किया जाता है. भारतीय रुपया बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव के कई इलाकों में अनौपचारिक तौर पर स्वीकार किया जाता है. हालांकि इन देशों में भारतीय रुपये को लीगल करेंसी की मान्यता प्राप्त नहीं है. इन देशों में भारतीय करेंसी को स्वीकार इसलिए किया जाता है, क्योंकि भारत इन देशों को बड़ी मात्रा में सामान का निर्यात करता है.

जिंबाब्वे में रुपया को माना जाता है लीगल
वहीं अब सवाल ये है कि क्या किसी देश में भारतीय रुपया को लीगल करेंसी के रूप में स्वीकार किया जाता है या नहीं, तो इसका जवाब है हां. दरअसल जिंबाब्वे में भारतीय करेंसी को लीगल तौर पर स्वीकार किया जाता है. साल 2009 में जिंबाब्वे ने अपनी स्थानीय मुद्रा, जिंबाब्वे डॉलर को त्याग दिया था. इसके पीछे वजह थी कि देश की करेंसी के कीमत में बहुत कमी आ गई. थी.

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साल 2014 से जिंबाब्वे में ली जाती है भारतीय करेंसी
साल 2009 के बाद जिंबाब्वे दूसरे देशों की करेंसी को अपने देश की करेंसी के रूप में लेने लगा. अभी यहां अमेरिकी डॉलर, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, चीनी युआन, भारतीय रुपया, जापानी येन, दक्षिण अफ्रीकी रैंड और ब्रिटिश पाउंड को पेमेंट के रूप में स्वीकार किया जाता है. साल 2014 में भारत की करेंसी रुपया को जिंबाब्वे में लीगल करेंसी के रूप में यूज किया जा रहा है.

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Published at : 14 Aug 2021 02:02 PM (IST) Tags: Rupee Indian currency Indian currency used in these countries हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Indian Currency: भारत की करेंसी से ही कर सकते हैं इन देशों में शॉपिंग, जानिए किन देशों में मान्य है रूपया

Indian Currency: दुनिया के कई देश अमेरिकी डॉलर में बिजनेस करते हैं. लेकिन कई देश ऐसे भी हैं जहां भारतीय करेंसी को भी स्वीकार किया जाता है. आइए जानते हैं इन देशों के बारे में.

Indian Currency: अमेरिकी डॉलर पूरी दुनिया में सबसे ताकतवर करेंसी है. दुनिया के काफी सारे देश अमेरिकी डॉलर में अपना बिजनेस करते हैं. इसलिए इसे इंटरनेशनल करेंसी भी का जाता है. वहीं अगर एशियाई देशों की बात करें तो जापान की करेंसी येन सबसे ज्यादा एक्टिव करेंसी है. कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या भारत की करेंसी भी, भारत के सिवाय कहीं और एक्सेप्ट की जाती है या नहीं. आइए जानते हैं.

इन देशों में चलती है इंडियन करेंसी


दुनिया में कई जगह भारतीय पैसा ऑफिशियल और अनऑफिशियल तरीके से दुनिया में कई जगह एक्सेप्ट किया जाता है. भारतीय रुपया भूटान (Bhutan), नेपाल (Nepal) , बांग्लादेश (Bangladesh), मालदीव (Maldives) के कई इलाकों में अनऑफिशियली एक्सेप्ट किया जाता है. इन सभी देशों में लीगली करेंसी एक्सेप्ट नहीं की गई है, लेकिन भारत इन देशों को बड़ी मात्रा में सामान निर्यात करता है इसलिए यहां भारत की करेंसी एक्सेप्ट की जाती है.

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जिम्बाब्वे में रूपया है लीगल


इसके अलावा जिम्बाब्वे (zimbabwe) में भारतीय करेंसी को लीगल रूप में स्वीकार किया जाता है. जिम्बाब्वे ने साल 2009 में अपनी स्थानीय मुद्रा,जिंबाब्वे डॉलर को त्याग दिया था. देश की करेंसी की कीमत में कमी आने के कारण ऐसा किया गया था.

साल 2014 में हुई शुरुआत


साल 2009 के बाद से जिम्बाब्वे (zimbabwe) दूसरे देशों की करेंसी को स्वीकार करने लग गया था. इनमें अमेरिकी डॉलर (American dollar), ऑस्ट्रलियाई डॉलर (australian dollar), चीनी युआन (china yuan), भारतीय रूपया (Indian Rupee), जापानी येन (japanese yen), दक्षिण अफ्रीकी रैंड (Rand) और ब्रिटिश पाउंड (Pound sterling) शामिल हैं. साल 2014 में भारत की करेंसी को जिंबाब्वे में लीगल रूप से यूज किया जाने लगा था.

दुनिया की सबसे महंगी Currency कौन सी है, क्या आपको पता है?

नेहा दुबे

Reported By: |नेहा दुबे | Updated: Jun 30, 2022, 07:47 PM IST

दुनिया की सबसे महंगी Currency कौन सी है, क्या आपको पता है?

डीएनए हिंदी: वर्तमान समय में मुद्राएं हमारे लिए कितनी जरूरी ये तो हम सभी जानते हैं. किसी भी प्रकार की चीज या सुख सुविधा को खरीदने के लिए हमें करेंसी की जरुरत होती है. यानी हम यह समझ सकते हैं कि वर्तमान समय में मुद्राओं के बिना जिंदगी जीना असंभव है. पहले के समय में यह संभव था लेकिन तब वस्तु विनिमय प्रणाली यानी आपस में सामान का अदला-बदली नियम लागू था. वस्तु विनिमय प्रणाली के अन्तर्गत हम एक वस्तु को दूसरे वस्तु से बदल सकते थे. मतलब हम चावल देने के बदले किसी व्यक्ति से कोई और अनाज या कोई और वस्तु ले सकते थे.

मुद्रा का इस्तेमाल

पुराने समय में विश्व के सभी देशों में व्यापार और चीजों को खरीदने बेचने के लिए वस्तु विनिमय प्रणाली का ही इस्तेमाल होता था. आज के समय में हर एक देश की उसकी एक अपनी मुद्रा (currency) होती है जिसके जरिए उस देश के लोग अपने पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है देश में कोई भी चीज या सुविधा खरीदते और बेचते हैं. हर देश की मुद्राओं की कीमत अलग अलग होती है. मतलब जब हम किसी दूसरे देश की मुद्रा का इस्तेमाल भारत में करते हैं तो भारतीय मुद्रा में उसको परिवर्तित करने पर उसकी कीमत अलग हो जाती है.

क्यों बढ़ती-घटती है मुद्रा की कीमत?

उदाहरण के लिए अगर हम 1 यूएस डॉलर को भारतीय मुद्रा में परिवर्तित करें तो उसकी कीमत 72.89 ₹ होगी. यह कीमत समय के मुताबिक बढ़ती घटती रहती है. किसी भी देश की मुद्रा के मजबूत या कमजोर होने का कारण उस मुद्रा का उपयोग होता है. प्रत्येक देश के पास दूसरे देशों के मुद्राओं का भंडार होता है जिसका उपयोग लेन- देन के लिए होता है. इन्हीं मुद्रा भंडारों के घटने बढ़ने से मुद्रा की कीमत भी बढ़ती-घटती रहती है.

अंतरराष्ट्रीय कारोबार में दुनिया के अधिकतर देशों द्वारा यूएस डॉलर का प्रयोग किए जाने और ज्यादातर देशों में स्वीकार किए जाने के कारण यूएस डॉलर को वैश्विक मुद्रा का स्थान प्राप्त है और इसी मुद्रा भंडार के कम या अधिक होने पर भारतीय रुपए के मजबूत और कमजोर होने का अनुमान लगाया जाता है.

दुनिया की सबसे ताकतवर मुद्रा

कुवैत देश की मुद्रा दुनिया की सबसे ताकतवर मुद्रा है और इसका कारण यहां भारी मात्रा में पाए जानेवाले तेल का भंडार है जो कुवैत पूरी दुनिया में निर्यात करता है. इसका करेंसी कोड पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है KWD है. 1 दीनार की कीमत भारत के 240.58 रुपए के बराबर है. ये कीमत समय के मुताबिक घटती-बढ़ती रहती है.

देखा जाये तो आज के समय में कुवैती दीनार दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है. क्या आपको पता है कि आज से 70-80 साल पहले कुवैत में जो करेंसी जारी होता था उसे भारतीय सरकार करती थी. यानि RBI एक समय में कुवैत की करेंसी बनाया करता था और उस करेंसी का नाम था गल्फ रुपि (Gulf Rupee). यह बहुत हद तक भारतीय रूपया जैसा दिखने में था. इस गल्फ रूपी की खासियत यह थी की इसे भारत के अंदर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था. हालांकि 1961 में कुवैत को ब्रिटिश सरकार से आजादी मिली थी जिसके बाद 1963 में कुवैत पहली अरब कंट्री बन गई थी जहां पर सरकार का चुनाव हुआ था.

आपको बता दें की 1960 में कुवैती सरकार ने पहली बार अपनी पहली कुवैती करेंसी को इंट्रोड्यूस किया था. उस समय इसकी कीमत भारतीय रुपये के अनुसार 13 रुपये पर 1 कुवैती दीनार था. 1970 में कुवैती दीनार का इंटरनेशनल मार्केट में एक्सचेंज रेट फिक्स कर दिया गया to a basket of currency.हालांकि कुवैती दीनार आज भी फिक्स्ड रेट पर है. अब सोचिये की इतने सारे फायदे और नुकसान के बिच भी कुवैत का दीनार दुनिया की सबसे महंगी करेंसी कैसे बनी हुई है. इसके पीछे वजह है तेल. कुवैत के पास दुनिया का सबसे बड़ा तेलों का खदान है और इसी तेल के दम पर कुवैती दीनार की सबसे ज्यादा कीमत है.

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दुनिया की सबसे महंगी Currency कौन सी है, क्या आपको पता है?

नेहा दुबे

Reported By: |नेहा दुबे | Updated: Jun 30, 2022, 07:47 PM IST

दुनिया की सबसे महंगी Currency कौन सी है, क्या आपको पता है?

डीएनए हिंदी: वर्तमान समय में मुद्राएं हमारे लिए कितनी जरूरी ये तो हम सभी जानते हैं. किसी भी प्रकार की चीज या सुख सुविधा को खरीदने के लिए हमें करेंसी की जरुरत होती है. यानी हम यह समझ सकते हैं कि वर्तमान समय में मुद्राओं के बिना जिंदगी जीना असंभव है. पहले के समय में यह संभव था लेकिन तब वस्तु विनिमय प्रणाली यानी आपस में सामान का अदला-बदली नियम लागू था. वस्तु विनिमय प्रणाली के अन्तर्गत हम एक वस्तु को दूसरे वस्तु से बदल सकते थे. मतलब हम चावल देने के बदले किसी व्यक्ति से कोई और अनाज या कोई और वस्तु ले सकते थे.

मुद्रा का इस्तेमाल

पुराने समय में विश्व के सभी देशों में व्यापार और चीजों को खरीदने बेचने के लिए वस्तु विनिमय प्रणाली का ही इस्तेमाल होता था. आज के समय में हर एक देश की उसकी एक अपनी मुद्रा (currency) होती है जिसके जरिए उस देश के लोग अपने देश में कोई भी चीज या सुविधा खरीदते और बेचते हैं. हर देश की मुद्राओं की कीमत अलग अलग होती है. मतलब जब हम किसी दूसरे देश की मुद्रा का इस्तेमाल भारत में करते हैं तो भारतीय मुद्रा में उसको परिवर्तित करने पर उसकी कीमत अलग हो जाती है.

क्यों बढ़ती-घटती है मुद्रा की कीमत?

उदाहरण के लिए अगर हम 1 यूएस डॉलर को भारतीय मुद्रा में परिवर्तित करें तो उसकी कीमत 72.89 ₹ होगी. यह कीमत समय के मुताबिक बढ़ती घटती रहती है. किसी भी देश की मुद्रा के मजबूत या कमजोर होने का कारण उस मुद्रा का उपयोग होता है. प्रत्येक देश के पास दूसरे देशों के मुद्राओं का भंडार होता है जिसका उपयोग लेन- देन के लिए होता है. इन्हीं मुद्रा भंडारों के घटने बढ़ने से मुद्रा की कीमत भी बढ़ती-घटती रहती है.

अंतरराष्ट्रीय कारोबार में दुनिया के अधिकतर देशों द्वारा यूएस डॉलर का प्रयोग किए जाने और ज्यादातर देशों में स्वीकार किए जाने के कारण यूएस डॉलर को वैश्विक मुद्रा का स्थान प्राप्त है और इसी मुद्रा भंडार के कम या अधिक होने पर भारतीय रुपए के मजबूत और कमजोर होने का अनुमान लगाया जाता है.

दुनिया की सबसे ताकतवर मुद्रा

कुवैत देश की मुद्रा दुनिया की सबसे ताकतवर मुद्रा है और इसका कारण यहां भारी मात्रा में पाए जानेवाले तेल का भंडार है जो कुवैत पूरी दुनिया में निर्यात करता है. इसका करेंसी कोड KWD है. 1 दीनार की कीमत भारत के 240.58 रुपए के बराबर है. ये कीमत समय के मुताबिक घटती-बढ़ती रहती है.

देखा जाये तो आज के समय में कुवैती दीनार दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है. क्या आपको पता है कि आज से 70-80 साल पहले कुवैत में जो करेंसी जारी होता था उसे भारतीय सरकार करती थी. यानि RBI एक समय में कुवैत की करेंसी बनाया करता था और उस करेंसी का नाम था गल्फ रुपि (Gulf Rupee). यह बहुत हद तक भारतीय रूपया जैसा दिखने में था. इस गल्फ रूपी की खासियत यह थी की इसे भारत के अंदर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था. हालांकि 1961 में कुवैत को ब्रिटिश सरकार से आजादी मिली थी जिसके बाद 1963 में कुवैत पहली अरब कंट्री बन गई थी जहां पर सरकार का चुनाव हुआ था.

आपको बता दें की 1960 में कुवैती सरकार ने पहली बार अपनी पहली कुवैती करेंसी को इंट्रोड्यूस किया था. उस समय इसकी कीमत भारतीय रुपये के अनुसार 13 रुपये पर 1 पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है कुवैती दीनार था. 1970 में कुवैती दीनार का इंटरनेशनल मार्केट में एक्सचेंज रेट फिक्स कर दिया गया to a basket of currency.हालांकि कुवैती दीनार आज भी फिक्स्ड रेट पर है. अब सोचिये की इतने सारे फायदे और नुकसान के बिच भी कुवैत का दीनार दुनिया की सबसे महंगी करेंसी कैसे बनी हुई है. इसके पीछे वजह है तेल. कुवैत के पास दुनिया का सबसे बड़ा तेलों का खदान है और इसी तेल के दम पर कुवैती दीनार की सबसे ज्यादा कीमत है.

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घर के पूजा स्थल पर न रखें देवी-देवताओं की इस रूप में मूर्ति,अन्यथा.

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सनातन धर्म में हर रोज देवी-देवताओं की पूजा का विधान है। ऐसे में घर और मंदिर दोनों स्थानों पर देवी-देवताओं की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करने के बाद ही पूजा की जाती है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में 33 कोटि देवी-देवता माने गए हैं। लेकिन प्रमुख देवों में केवल आदि पंचदेव आते हैं, जबकि त्रिदेवों में केवल जीन दव ही आते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देवों सहित देवियों के कुछ रूपों की घर के पूजा घर में न तो पूजा की जाती है और न ही तस्वीर तक रखी जाती है। तो चलिए आज जानते हैं कि देवी-देवताओं की वह कौन सी मुद्रा है जिन्हें घर के पूजा घर में रखना तक वर्जित माना गया है।

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