बता दें कि लखनऊ सुपर जॉइंट्स ने ऑक्शन से पहले इकाना स्टेडियम में ट्रॉयल रखा है. यह ट्रॉयल 9 दिसंबर से शुरू है, जबकि 18 दिसंबर तक जारी रहेगा. इसके साथ ही इस ट्रॉयल में हिस्सा लेने वाले प्लेयर्स की उम्र सीमा कम से कम 18 साल तय की गई है. जबकि प्लेयर्स की विदेशी मुद्रा में किस प्रकार के प्रसार हैं? अधिकतम उम्र 26 साल से अधिक नहीं होना चाहिए. इस ट्रॉयल में हिस्सा लेने के इच्छुक प्लेयर लखनऊ सुपर जॉइंट्स के इंस्टाग्राम पेज पर विदेशी मुद्रा में किस प्रकार के प्रसार हैं? जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. साथ ही खिलाड़ियों को अपनी वैलिड आईडी दिखना पड़ेगा. Ind-W vs Aus-W, 4th T20I: टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा T20 मैच आज, इन खिलाड़ियों पर होगी सबकी नजर
Twitter यूजर्स का मार्गदर्शन करेंगे मल्टीपल एल्गोरिदम: एलन मस्क
नई दिल्ली, 18 दिसंबर : पत्रकारों के साथ चल रहे विवाद के बीच एलन मस्क (Elon Musk) ने रविवार को कहा कि ट्विटर यूजर्स जल्द ही कई एल्गोरिदम देखेंगे, जो उनका मार्गदर्शन करेंगे कि वे अपने होमपेज की टाइमलाइन पर किस तरह के ट्वीट देखना चाहेंगे. मस्क ने यह टिप्पणी ट्विटर पर सोशल क्रेडिट सिस्टम को लागू करने के बारे में एक फॉलोअर द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में की. पुणे के उनके ट्विटर सहयोगी प्रणय पथोले के अनुसार, यूजर्स के लिए एल्गोरिदम के तीन अलग-अलग विकल्प हो सकते हैं. होम, कुछ ऐसा जो डिफॉल्ट ट्विटर एल्गोरिथम सुझाता है, जहां यूजर्स की एक्टिविटी, लेटेस्ट ट्वीट्स और आपके द्वारा फॉलो किए जाने वाले लोगों के ट्वीट के आधार पर सलाह दी जाएगी.
IPL Auction 2023: आईपीएल ऑक्शन से पहले लोकल टैलेंट पर लखनऊ सुपर जॉइंट्स की निगाहें, इस स्टेडियम में जारी हैं ट्रॉयल
मुंबई: आईपीएल 2023 का सबसे बड़ी बेसब्री से इंतजार हैं. आईपीएल ऑक्शन 2023 का आयोजन 23 दिसंबर को होना है. इस ऑक्शन का आयोजन कोच्चि में किया जाएगा. आईपीएल ऑक्शन 2023 के लिए करीब सभी टीमों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वहीं, केएल राहुल की अगुवाई वाली लखनऊ सुपर जॉइंट्स ने ऑक्शन के लिए खास प्लान तैयार की है. दरअसल, लखनऊ सुपर जॉइंट्स की ऑक्शन में लोकल खिलाड़ियों पर नजर रहेगी. यह टीम ज्यादा से ज्यादा लोकल टैलेंट को अपने साथ जोड़ने पर काम कर रही है.
JSPL विशेष इस्पात के लिए PLI योजना के तहत विदेशी मुद्रा में किस प्रकार के प्रसार हैं? 7,930 करोड़ रुपए निवेश करेगी
नई दिल्लीः जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के प्रबंध निदेशक विमलेंद्र झा ने कहा कि कंपनी विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना के तहत 7,930 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि इस निवेश के तहत देश में आठ प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले एलॉय बनाए जाएंगे। जेएसपीएल सरकार की उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत योग्य है। इस योजना का मकसद घरेलू इस्पात क्षेत्र में नई तकनीकों का इस्तेमाल करके मूल्य वर्धित उत्पादन को बढ़ाना है।
पीएलआई योजना के तहत निवेश की जाने वाली राशि के बारे में पूछने पर झा ने कहा, ''पीएलआई योजना (विशेष स्टील के लिए) के लिए हमारी प्रतिबद्धता लगभग 7,930 करोड़ रुपये होगी।'' उन्होंने बताया कि जेएसपीएल ने अपनी सहायक कंपनी जिंदल स्टील ओडिशा के जरिए आठ प्रकार के विशिष्ट इस्पात उत्पादों के विनिर्माण के लिए प्रविष्टियां जमा की हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी एचआर कॉइल, शीट्स और प्लेट्स एपीआई जीआर बनाएगी, जिनका इस्तेमाल तेल और गैस जैसे क्षेत्रों में किया विदेशी मुद्रा में किस प्रकार के प्रसार हैं? जाता है। इसके अलावा कई अन्य उत्पादन बनाने की भी योजना है।
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जानिए क्या होता है एक्सचेंज रेट और इसके प्रकार
नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। जिस मूल्य (दर) पर एक देश की मुद्रा दूसरे देश की मुद्रा से बदली जाती है उसे ‘एक्सचेंज रेट’ कहते हैं। अधिकांश देशों में एक्सचेंज रेट को दशमलव के बाद चार अंकों तक लिखते हैं। उदाहरण के लिए आठ जून, 2018 को एक डॉलर का मूल्य 67.5228 रुपये था। किसी भी देश की करेंसी का मूल्य बाजार में उसकी मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है। जैसे एक सामान्य व्यापारी सामान की खरीद-फरोख्त करता है, वैसे ही फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में विदेशी मुद्रा का क्रय-विक्रय होता है। एक्सचेंज रेट दो प्रकार के हो सकते हैं- स्पॉट रेट यानी आज के दिन विदेशी मुद्रा का मूल्य और फॉरवर्ड रेट यानी भविष्य में किसी तारीख के लिए एक्सचेंज रेट।
असल में एक्सचेंज रेट में दो करेंसी होती हैं- बेस करेंसी और काउंटर करेंसी। इसे दो तरह से व्यक्त करते हैं। पहला तरीका, जिसमें बेस करेंसी किसी अन्य देश की होती है जैसे डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत। इसमें डॉलर बेस करेंसी है, जबकि रुपया काउंटर करेंसी। दूसरा विदेशी मुद्रा में किस प्रकार के प्रसार हैं? तरीका, जिसमें घरेलू मुद्रा बेस करेंसी होती है और विदेशी मुद्रा काउंटर करेंसी। वैसे वैश्विक अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा में किस प्रकार के प्रसार हैं? में अधिकांशत: एक्सचेंज रेट व्यक्त करते समय डॉलर को बेस करेंसी के तौर पर माना जाता है।
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