Share market LIVE: शेयर बाजार में मचा हाहाकार, निवेशकों के डूबे 3.3 लाख करोड़, जानिए- क्यों टूटा मार्केट?
Share market LIVE: आज शेयर बाजार में जोरदार गिरावट आते हुए देखी गई, जिससे निवेशकों के 3.3 लाख करोड़ रुपये डूब गए.
Published: February 22, 2021 5:03 PM IST
Share market LIVE: आज शेयर बाजार (Share market) में भारी गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स (Sensex) 1,145 अंकों की जोरदार गिरावट के साथ बंद हुआ. आज लगभग तीन हफ्ते के बाद सेंसेक्स 50 हजार के नीचे गिरकर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी (Nifty) भी 306 अंकों की गिरावट के साथ 14,675 के स्तर पर बंद हुआ.
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बता दें, इसी महीने सेंसेक्स (Sensex) ने 52, 500 का स्तर भी पार करने में कामयाब हुआ था. जबकि जनवरी में 50 हजार का स्तर तोड़ने में कामयाब रहा था. फिलहाल बाजार की इस गिरावट में निवेशकों के करीब 3.3 लाख करोड़ रुपये एक दिन में डूब गए हैं.
शेयर बाजार (Share market) में गिरावट के कई कारण नजर आ रहे हैं. सबसे पहले तो बाजार बहुत अधिक ऊंचाई पर पहुंच चुका है यानी हाई वैल्युएशन, कमजोर वैश्विक संकेत, कोरोना के फिर बढ़ रहे मामलों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार का सेंटीमेंट कमजोर हुआ.
बाजार बंद होने से पहले 3:15 मिनट पर सेंसेक्स में करीब 1,100 अंकों की कमजोरी दिख रही थी. तब बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 2,00,60,161.09 करोड़ रह गया था. जबकि शुक्रवार यानी 19 फरवरी को यह 2,03,98,381.96 करोड़ पर बंद हुआ था. यानी 1 दिन में इसमें 3.3 लाख करोड़ से ज्यादा कमी आई है.
आइए, जानते हैं कि क्या है मार्केट सेंटीमेंट बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण क्या हैं?
1- कोरोना के बढ़ते मामलों से बढ़ी लॉकडाउन की आशंका
यूनाइटेड किंगडम (UK) सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (New corona strain) का खतरा बढ़ गया है. भारत में भी महाराष्ट्र और एमपी सहित कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं. महाराष्ट्र में तो अब यह भी कहा जाने लगा है कि अगर सरकार द्वारा बताए गए गाइडलाइंस को नहीं फॉलो करने पर लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया जाएगा. इससे शेयर बाजार के सेंटीमेंट (Market sentiment) कमजोर हुए हैं. इससे विदेशी निवेश में भी कमी आ सकती है. साथ ही घरेलू स्तर पर निवेशक सतर्क हुए हैं.
2- FPI निवेश में कमी
फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से बाजार में निवेश में कुछ कमी आते हुए दिखाई दी है. बाजार के हाई वैल्युएशन और कोरोना वायरस के फिर बढ़ रहे मामलों की वजह से ऐसा हुआ है. बीते शुक्रवार यानी 19 फरवरी को फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों ने बाजार से करीब 119 करोड़ रुपये निकाले हैं. इसकी वजह से बाजार में पिछले कुछ दिनों से मार्केट में कमजोर ट्रेंड देखा जा रहा है.
3- निवेश के लिए मजबूत सेंटीमेंट की कमी
शेयर बाजार में निवेश के लिए घरेलू और इंटरनेशनल स्तर पर किसी भी मजबूत सेंटीमेंट का अभाव दिख रहा है. पिछले कुछ दिनों से ग्लोबल इक्विटी में भी कमजोरी देखने को मिल रही है. आज भी विदेशी बाजारों से कमजोर संकेत मिल रहे हैं.
4- शेयर बाजार का हाई वैल्युएशन
शेयर बाजार का हाई वैल्युएशन भी चिंता का एक प्रमुख कारण है. इसी महीने सेंसेक्स 52, 500 के स्तर को पार किया था. यानी मार्च के लो से सेंसेक्स में 100 फीसदी से ज्यादा तेजी आ चुकी है. 45000 से 50000 और 52500 का स्तर छूने में सेंसेक्स को 4 महीने भी नहीं लगे. इसके अनुपात में देश की अर्थव्यवस्था में क्या है मार्केट सेंटीमेंट रिकवरी सुस्त है. इसलिए एक्सपर्ट भी निवेशकों को बाजार में संभलकर निवेश करने की सलाह दे रहे हैं.
5- आईटी शेयरों में बिकवाली
आज आईटी शेयरों में जोरदार बिकवाली आते हुए दिखाई दी. निफ्टी पर इंडेक्स करीब 3 फीसदी टूट गया है. टेक महिंद्रा में 4 फीसदी गिरावट है. टीसीएस और एचसीएल टेक में 3 फीसदी गिरावट है.
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Share Market: SBI के शेयर में आया तगड़ा उछाल, ब्रोकरेज ने भी बढ़ाए रेट; जानें आपको क्या होगा फायदा
SBI Share Price: देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयरों में काफी अच्छी उछाल देखने को मिला है।
SBI Share Price: देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयरों में काफी अच्छी उछाल देखने को मिला है। बता दें कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI Share Price) का स्टॉक तेजी से बढ़ रहा है और निवेशक मौजूदा रेटों से प्रति शेयर 190 रुपये तक कमा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक ब्रोकरेज ने 673 रुपये के टारगेट के लिए 594 रुपये की कीमत पर स्टॉक की डिमांड की है, और अब इसे बढ़ाकर 805 रुपये प्रति शेयर कर दिया है, जिसमें 30 प्रतिशत से अधिक की (SBI Share Price) वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।
वहीं इसपर मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में अभी और उछाल देखने को मिल सकता है। यानी बैंक के शेयर लगभग 700 क्या है मार्केट सेंटीमेंट रुपये के पार पहुंच सकते हैं।
ब्रोकरेज हाउसेज का बड़ा टारगेट
ब्रोकरेज हाउस एक तरह से आपके शेयर की गारंटी है, मतलब ये किसी भी कंपनी के बारे में स्टडी करने के बाद ही शेयर को लेकर अपनी राय देती हैं। इसमें अगर स्टडी के दौरान किसी तरह का जोखिम (SBI Share Price) होता है तो वह ये खुद कवर करती है। वहीं, ब्रोकरेज हाउस की पसंद बनने से शेयर को लेकर सेंटीमेंट भी थोड़े बेहतर होते हैं, जिससे स्टॉक में ग्रोथ की उम्मीद बढ़ जाती है। वहीं शेयर के बढ़ते ग्रोथ को देखते हुए ब्रोकरेज हाउस ने बैंक के शेयरों के लिए 715 रुपये का नया टारगेट प्राइस दिया है।
बैंक ने शनिवार को ही अब तक के सबसे अधिक तिमाही मुनाफे की सूचना दी है। इसके अलावा साल-दर-साल (YoY) पर 74 प्रतिशत और तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) पर 119 प्रतिशत बढ़कर देखी गई है। रिपोर्टिंग तिमाही के लिए नेट इंटेरस्ट मार्जिन (एनआईआई) सालाना के आधार पर 13 फीसदी से बढ़कर 35,183 करोड़ रुपये हो गया हैं।
Share Bazar का यूं छलांग मारना किसी खतरे की आहट तो नहीं, जानिए क्या कह रहे एक्सपर्ट
Bombay Stock Exchange सेंसेक्स ने पहली बार 50,000 का आंकड़ा पार करते हुए इतिहास रच दिया है. इस दौरान बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप (Market capitalization)भी 199 लाख करोड़ पहुंच गया है. 1.5 महीने में ही सेंसेक्स में करीब 5 हजार अंकों की तेजी आ चुकी है.
Bombay Stock Exchange सेंसेक्स ने पहली बार 50,000 का आंकड़ा पार करते हुए इतिहास रच दिया है. इस दौरान बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप (Market capitalization)भी 199 लाख करोड़ पहुंच गया है. 1.5 महीने में ही सेंसेक्स में करीब 5 हजार अंकों की तेजी आ चुकी है.
एक्सपर्ट मान रहे हैं कि बाजार का यह वैल्यूएशन बहुत अधिक हो गया है. बाजार में जैसी तेजी है, वैसी रिकवरी अर्थव्यवस्था में नहीं है .निवेशकों को ऐसे में अब एक मजबूत ट्रिगर का इंतजार करना चाहिए. एक भी निगेटिव ट्रिगर बाजार में गिरावट ला सकता है. आने वाले दिनों में कॉरपोरेट अर्निंग और अहम रोल प्ले कर सकते हैं.
BSE सेंसेक्स 50 हजार का आकड़ा पार करने का जश्न मना रहा है, साथ ही सावधानी भी दिख रही है. आइए जानते हैं इस तेजी के बारे में बाजार से जुड़े लोग और एक्सपर्ट्स का क्या कहना है.
Share Market: शेयर बाजार ने रचा इतिहास, पहली बार सेंसेक्स 50 हजार के पार
मार्च के लो से Investors की 95 लाख करोड़ बढ़ी दौलत
Financial Express ने बताया कि कारोना वायरस महामारी के चलते पिछले साल शेयर बाजार अपने निचले स्तर पर आ गया था. सेंसेक्स ने 24 मार्च को 25, 639 का स्तर को टच किया था. वहीं, 21 जनवरी 2021 को यह 50,100 को पार कर गया. इस दौरान बीएसई लिस्टेाड कंपनियों का मार्केट कैप (Market capitalization) करीब 95 लाख करोड़ बढ़ गई. 24 मार्च 2020 को मार्केट कैप (Market capitalization) 1,03,69,706 करोड़ था, जो 21 जनवरी 2021 को बढ़कर 1,98,82,400 करोड़ के आस पास पहुंच गया.
एमके ग्लोबल मैनेजमेंट के रिसर्च हेड, डॉ जोसेफ थॉमस का कहना है कि शेयर बाजार में जोरदार तेजी के पीछे कई बड़ी वजह रही हैं. 50 हजार के स्तर पर वैल्यूएशन अब ज्यादा दिख रहा है. अगर कंपनियों की अर्निंग बेहतर नहीं रहती है तो यह वैल्यूएशन बाजार के लिए रिस्क बन सकता है.
सेंट्रल बैंक ने बढ़ाई लिक्विडिटी
विदेशी निवेशक बाजार में लगातार डाल रहे पैसे
कोरोना वैक्सीन आने से बाजार की वी शेप में रिकवरी
यूएस में हुए सत्ता परिवर्तन से बाजार को मिला नया ट्रिगर
हाई वैल्यूएशन बन सकता है रिस्क
एंजेल ब्रोकिंग के चीफ एनालिस्ट का कहना है कि यहां से निवेशकों को स्टॉक स्पेसिफिक रहने की सलाह है. निवेशकों को पैसा लगाने के पहले उन सेक्टर्स की पहचान करना चाहिए, जिनमें आगे तेजी बने रहने का अनुमान है. ट्रेडर्स को समयानुसार एग्जिट पर ध्यान रखना चाहिए.
Economic Times के अनुसार, कोटक एएमसी के ग्रुप प्रेसिडेंट एंड एमडी नीलेश शाह ने बोले- यह एक सफर है. मैंने सेंसेक्स को तीन से चार हजार और फिर 10 हजार तक जाते देखा है. अब यह 50 हजार अंक पर पहुंच गया है. यह क्या है मार्केट सेंटीमेंट हमेशा जारी रहने वाले सफर में सिर्फ एक मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि बाजार बहुत ज्यादा महंगा (Overvalued) है.
बाजार के लिए खतरे की घंटी ?
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कहा गया था. आर्थिक सुस्ती के बाद भी शेयर बाजार का हाई वैल्यूएशन खतरे की घंटी है. कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह का कहना है कि इंटरेस्ट रेट कम होने और लिक्विडिटी (Market liquidity )बढ़ने से इक्विटी मार्केट को सपोर्ट मिला है. लेकिन आगे रिवर्स डायरेक्शन भी दिख सकता है. वहीं, एक्सपर्ट यह भी मान रहे हैं कि बजट में एक भी निगेटिव ट्रिगर बाजार सेंटीमेंट को कमजोर कर सकता है.
शेयर बाजार में तेजी के कारण
शेयर बाजार में गुरुवार को कारोबार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई. इसमें अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों में तेजी का भी हाथ रहा है. बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में शानदार तेजी आई थी. जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के चलते अमेरिकी शेयर बाजारों में अच्छी तेजी दिखी.
शुरुआती कारोबार में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, यूपीएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक के शेयरों में अच्छी मजबूती नजर आई. इससे 9.38 बजे सेंसेक्स 311 अंक चढ़कर 50,102 अंक पर पहुंच गया. हालांकि, दोपहर बाद तेजी थोड़ी कम हो गई.
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शेयर बाजार में भूचाल, जानें क्या है इस गिरावट की वजह
बिजनेस डेस्कः दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट के चलते घरेलू बाजार भी फिसल गया। सेंसेक्स 1,677.32 अंक यानी 3.29% नीचे 49,361.99 पर कारोबार कर रहा है और निफ्टी 489.क्या है मार्केट सेंटीमेंट 15 अंक (3.24%) नीचे टूट कर 14,608.20 अंक पर कारोबार कर रहा है। बाजार में भारी बिकवाली है। असल में सीरिया पर यूएस के एयर स्ट्राइक के चलते आज दुनियाभर के बाजार सेंटीमेंट कमजोर हुए हैं। कल अमेरिकी बाजार भारी गिरावट पर बंद हुए। वहीं आज एशियाई बाजारों में बिकवाली है।
एशियाई बाजार 3 से 4 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है। DOW FUTURES में 150 अंक नीचे कारोबार कर क्या है मार्केट सेंटीमेंट रहा है। अमेरिका में 10 साल की बॉन्ड यील्ड 1 साल की ऊंचाई पर पहुंचने से बाजार में घबराहट है।
अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट से दुनियाभर के बाजार फिसले
अमेरिकी बाजारों में भारी बिकवाली के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट है। जापान का निक्केई इंडेक्स 1,146 अंक यानी 3.8% नीचे 29,022 पर है। हॉन्गकॉन्ग का हेंगसेंग इंडेक्स 982 अंक नीचे 29,092 पर कारोबार कर रहा क्या है मार्केट सेंटीमेंट है। इसी तरह चीन के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स, कोरिया के कोस्पी और ऑस्ट्रेलिया के ऑल ऑर्डनरीज इंडेक्स में भी 3% की गिरावट है।
बॉन्ड यील्ड बढ़ने का असर
अमेरिका 10 साल के बॉन्ड यील्ड में अचानक आई तेजी के कारण शेयर बाजार में गिरावट दिख रहा है। गुरुवार को बॉन्ड यील्ड 1.614 फीसदी पर पहुंच गया जो पिछले एक साल का सर्वोच्च स्तर है। यील्ड में तेजी का मतलब होता है कि इंफ्लेशन यानी महंगाई दर बढ़ रही है। अगर अमेरिकी बाजार में महंगाई दर बढ़ रही है तो यह ग्लोबल इकोनॉमी और वहां की इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर नहीं है। इसके रोकने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व को मंथली बॉन्ड बाय घटाना होगा या फिर इंट्रेस्ट रेट बढ़ाना होगा जिससे लिक्विडिटी को कम किया जा सके।
बैंक शेयरों में भारी बिकवाली
बैंक शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिल रही है। बैंक और फाइनेंशियल इंडेक्स निफ्टी पर 4 फीसदी से ज्यादा टूटे हैं। सभी 12 में से 11 इंडेक्स लाल निशान में दिख रहे हैं। आटो इंडेक्स में 2 फीसदी, मेटल और रियल्टी में 3 फीसदी गिरावट है। आईटी इंडेक्स 2 फीसदी और एफएमसीजी इंडेक्स 1 फीसदी से ज्यादा कमजोर हुआ है। सिर्फ एफएमसीजी इंडेक्स ही हरे निशान में है।
इन कारणों से बाजार हुआ धराशाई
बढ़ता बॉन्ड यील्ड
बॉन्ड यील्ड में बढ़त ने निवेशकों को जोखिम वाले निवेश विकल्पों जैसे इक्विटी मार्केट से दूर कर दिया है। बॉन्ड मार्केट का असर अक्सर इक्विटी मार्केट पर दिखता है। एक बुल रन के बाद इक्विटी बाजार हाल के दिनों में करेक्ट हुआ है। सेंसेक्स और निफ्टी में दोनों में अपने रिकॉर्ड स्तरों से गिरावट देखने को क्या है मार्केट सेंटीमेंट मिली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ट्रेजरी यील्ड कोरोना महामारी के विस्फोट के बाद से अपने हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गया है। सिर्फ अमेरिका में ही नहीं जापान और भारत में भी बॉन्ड यील्ड में बढ़त देखने को मिली है जिससे इक्विटी मार्केट पर दबाव बना है।
कमजोर ग्लोबल क्या है मार्केट सेंटीमेंट सकेंत
अधिकांश एशियाई बाजारों में आज कमजोरी देखने को मिल रही है। बेंच मार्क US ट्रेजरी यील्ड में भारी बढ़त के साथ वॉल स्ट्रीट का मेन इंडेक्स लड़खड़ा गया है। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के S&P/ASX 200 में शुरुआती कारोबार में 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसी तरह जापान के निक्केई और हॉन्गकॉन्ग के Hang Seng में करीब 1.7 फीसदी की गिरवाट देखने को मिल रही है।
कोविड-19 की चिंता कायम
उम्मीद थी कि वैक्सीनेशन शुरू होने के साथ ही कोविड के मामलों में कमी आनी शुरू होगी और ऐसा हुआ भी था। लेकिन एकाएक फिर से कोविड मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जो बाजार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
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