प्रतिभूतियों (Securities) को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है – (1) इक्विटि प्रतिभूतियां (equity securities) (2) डेट प्रतिभूतियां (Debt securities) और (3) डेरिवेटिव प्रतिभूतियां (Derivatives securities)। नीचे दिये गए चार्ट में आप इसे देख सकते हैं।

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मिलता है छोटी रकम में बड़ा मुनाफा, जानिए क्या है डेरिवेटिव मार्केट

डेरिवेटिव एक कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिनकी कीमत किसी दिए गए खास एसेट पर निर्भर होती है. ये एसेट stock commodity currencyindex आदि कुछ भी हो सकते हैं.डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट छोटी अवधि के फाइनेंशिल इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जो एक सीमित अवधि के लिए मान्य होते हैं.

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मीडिया में आने वाली खबरों में आप अक्सर पड़ते होंगे कि पेट्रोल और डीजल महंगा होने वाला है क्योंकि कच्चा तेल महंगा हो गया है. या फिर पेट्रोल और डीजल सस्ता होने वाला है क्योंकि कच्चा तेल सस्ता हो गया है. इन खबरों की वजह से आपको ये अंदाजा हो ही गया होगा कि पेट्रोल और डीजल के भाव कच्चे तेल के भाव पर निर्भर होते हैं. ऐसा सिर्फ पेट्रोल या डीजल में ही नहीं होता कई फाइनेंशियल इस्ट्रूमेंट्स भी होते हैं जिनका डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है? भाव किसी दूसरी कमोडिटी या एसेट्स के आधार पर बदलता हैं. इन इंस्ट्रूमेंट्स को Derivatives कहते हैं और जिस मार्केट में इनका कारोबार होता है उन्हें डेरिवेटिव मार्केट कहते हैं. आइये आज हम आपको इस बाजार के बारे कुछ जरूरी जानकारी देते हैं.

Derivatives- डेरिवेटिव

क्या है डेरिवेटिव?
डेरिवेटिव (Derivatives) ऐसी सिक्योरिटीज होते हैं जो अपनी वैल्यू किसी मूलभूत एसेट या बेंचमार्क से प्राप्त करते हैं। सामान्य डेरिवेटिव में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट, फॉरवर्ड्स, ऑप्शंस और स्वैप्स शामिल होते हैं। अधिकांश डेरिवेटिव एक्सचेंज पर डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है? ट्रेड नहीं किए जाते और उनका उपयोग संस्थानों द्वारा मूलभूत एसेट में कीमत परिवर्तनों पर रिस्क को हेज करने या स्पेकुलेट करने के लिए किया जाता है। फ्यूचर्स या स्टॉक ऑप्शंस जैसे एक्सचेंज ट्रेडेड डेरिवेटिव मानकीकृत होते हैं और ओवर-द-काउंटर डेरिवेटिव के कई जोखिमों को खत्म या कम कर देते हैं। डेरिवेटिव अक्सर लेवेरेज्ड यानी लाभ प्राप्त किए गए इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जो संभावित जोखिम या रिवॉर्ड को बढ़ा देते हैं। डेरिवेटिव खुद में दो अधिक पार्टियों के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट होते हैं और डेरिवेटिव अपनी कीमत डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है? मूलभूत एसेट में अस्थिरता से प्राप्त करते हैं।

Derivatives Market क्या है, डेरिवेटिव मार्केट कैसे काम करता है?

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नई दिल्ली: अगर आप भी शेयर या कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो डेरिवेटिव मार्केट या डेरिवेटिव ट्रेडिंग शब्द से आप का पाला जरूर पढ़ा होगा. डेरिवेटिव ट्रेडिंग वास्तव में शेयर/कमोडिटी बाजार में डेरिवेटिव की खरीद या बिक्री है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग एक पूर्व निर्धारित मूल्य के लिए भविष्य में डेरिवेटिव का ट्रेड करने के लिए दो पार्टियों के बीच हुआ एक समझौता है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग आमतौर पर शेयर बाजार डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है? या कमोडिटी बाजार के कारोबारी घंटों के हिसाब से होती है.

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भारत में डेरिवेटिव बाजार का महत्व तेजी से बढ़ रहा है. भारत में डेरिवेटिव ट्रेडिंग की शुरुआत साल 2000 साल में हुई. साल दर साल डेरिवेटिव ट्रेडिंग की लोकप्रियता कई गुना बढ़ रही है.

| डेरिवेटिव्स के प्रकार

डेरिवेटिव्स (Derivatives) चार प्रकार के होते हैं –
1. फॉरवर्ड डेरिवेटिव्स (Forward Derivatives)
2. फ्युचर डेरिवेटिव्स (Future Derivatives)
3. ऑप्शन डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है? डेरिवेटिव्स (Option Derivatives)
4. स्वैप डेरिवेटिव्स (Swap Derivatives)

हम सभी को एक-एक करके अलग-अलग लेखों में समझने वाले हैं, ऐसा इसीलिए ताकि इसके काम करने के तरीके को विस्तार से समझ सके। तो आइये फॉरवर्ड डेरिवेटिव्स (Forward Derivatives) से शुरू करते हैं;

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