आज हमने इस लेख के जरिए Trading Indicator क्या है 5 Best Trading Indicator 2022 के बारे मे जाना ओर समझा आपको यह जानकारी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताए ओर इससे जुड़ा आपका कोई भी सवाल हो तो आप हमे कमेन्ट करके पूछ सकते है ओर इसके साथ ही इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूले धन्यवाद ।
Trading Indicator क्या हैं | 5 Best Trading Indicator in 2022
Best Trading Indicator 2022 – Trading Indicator का मतलब शेयर मार्केट में शेयर का प्राइस ज्यादा है या कम प्राइस है यह एकदम सही बताने के लिए किया जाता है शेयर मार्केट में ऐसे 5 बेस्ट ट्रेंडिंग इंडिकेटर है जिससे हमें ट्रेंड करने में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं
ज्यादातर व्यापार इसका दावा करते नजर आते हैं।
Table of Contents
Trading Indicator क्या हैं ?
Trading Indicator का मतलब किसी भी वस्तु को कम दाम में खरीदने और ज्यादा दाम में बेचना। यह एक ऐसा जरिया है इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा संकेतक कौन सा है? जिससे हमें यह पता चलता है कि बाजार में शेयर भाव कब कितने ऊपर जाएगा और कब कितने नीचे आएगा? यह सूचना एकदम सही हो सकती है और नहीं भी बाजार में ऐसे बहुत से ट्रेंडिंग इंडिकेटर उपलब्ध है जो एकदम सही होने का दावा करते हैं
हर व्यापारी आपको यह सलाह देगा कि शेयर बाजार में ट्रेनिंग करते समय शेयर मार्केट इंडिकेटर चुनना महत्वपूर्ण लेकिन सही Trading Indicator कौन सा है इस बारे मैं अलग-अलग व्यापारी की अलग-अलग राय ट्रेंडिंग का मुख्य मकसद किसी भी वस्तु को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना।
अलग-अलग ट्रेंडिंग। इंडिकेटर।
अपने अलग-अलग प्रकार से शेयर भाव दर्शाते हैं
कम से कम दो टेक्निकल एनालिसिस इंडीकेटर्स का उपयोग करें
कम से कम दो टेक्निकल एनालिसिस। इंडिकेटर का प्रयोग करें। ट्रेंडिंग इंडिकेटर टेक्निकल इंग्लिश इसका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भाग है। टेक्निकल इंडिकेटर का प्रयोग चार्ट पेटर्न। और कैंडलेस्टिक पेटर्न के साथ किया जाता है। इन तीनों के प्रयोग से यह पता लगाया जा सकता है कि स्टॉप किस दिशा में जा सकता है। यह अंदाजा लगाया जा सकता है।
Trading Indicator का प्रयोग कैसे किया जाता है –
बहुत ही महत्वपूर्ण है कि इसका प्रयोग कैसे किया जाता है। क्योंकि ज्यादातर लोग यही बताते हैं कि किसी एक या अधिक इंडिकेटर को अपने चार्ट पर लगा लो और ट्रेडिंग से पैसे कमाना शुरू कर दो।
कुछ लोग तो एक साथ 12 से 15 इंडिकेटर लगा लेते हैं। लेकिन जब ट्रेडिंग करते हैं तो काफी दुविधा में पड़ जाते हैं क्योंकि कुछ इंडिकेटर संकेत देते हैं कि भाव बढ़ने वाला है, और कुछ इंडिकेटर कहते हैं कि भाव गिरने वाला है।
ट्रेडर जब तक किसी नतीजे पर पहुँचता है तब तक स्टॉक का भाव या तो बढ़ चुका होता है या घट चुका होता है।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बारे में सबकुछ – देखते ही समझ जाओगे
नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम शेयर मार्केट के एक महत्वपूर्ण तकनीक को समझेंगे। जिससे आप कुछ ही मिनट में पैसे बना सकते हैं बिना किसी इंडिकेटर की मदद से। यह तकनीक सबसे बढ़िया है जहां आप बड़े आसानी से पैसे कुछ ही मिनट में बना सकते हैं।
सबसे पहले आपको मई यह बताना चाहता हूँ कि पैसा किस्मत से नहीं बल्कि स्किल से कमाया जाता है। टिप्स तो होटलों में मिला करते हैं। कभी भी मुफ्त की कोई भी चीज नहीं लेनी चाहिए।
SUPPORT AND RESISTANCE (S & R) क्या होता है?
Support Price चार्ट का वो PRICE POINT होता है, जहा से आगे Seller के मुकाबले Buyers की संख्या ज्यादा होने की सम्भावना होती है, और इसलिए स्टॉक का भाव Support price point से ऊपर की तरफ चढ़ने की संभावना होती है।
दूसरी तरफ, Resistance Price चार्ट का वो PRICE POINT होता है, जहा से आगे Buyers के मुकाबले Seller की संख्या ज्यादा होने की सम्भावना होती है, और इसलिए स्टॉक का भाव Resistance price point से नीचे की तरफ गिरने की संभावना होती है।
SUPPORT AND RESISTANCE की उपयोगिता
- Entry Point – किसी ट्रेड में कब प्रवेश करना है, यानी शेयर को किस मूल्य पर खरीदना है।
- Exit Point – किसी ट्रेड में कब sell करना है या stop loss बुक करना ह।
- Target – किसी ट्रेड से कितना लाभ- Profit लिया जा सकता है।
अगर आप किसी चार्ट में सपोर्ट और रेजिस्टेंस की पहचान करना सीख लेते है, तो आप बहुत ही आसानी से स्टॉक के price की पहचान कर सकते है, जहा से स्टॉक से या तो ऊपर की तरफ जाता है, या जहा से स्टॉक price नीचे की तरफ गिरता है, इस तरह आप ये भी समझ लेते है कि जहा से स्टॉक का price ऊपर जाने वाला है, वहा आपका एंट्री पॉइंट होना चाहिए, और जहा से स्टॉक का price नीचे गिरने वाला है, वो आपका Exit point होगा, और इस तरह इन दोनो price के बीच आप अपना एक profit का target भी सेट कर सकते है।
SUPPORT के CONCEPT से समझ में आने वाली बाते –
- Support Price किसी स्टॉक के current market price से नीचे यानि कम होता है।
- Support price point से स्टॉक का price में bounce back आने की सम्भावना होंती है, और स्टॉक का price ऊपर की तरफ जा सकता है
- Support price point से हमें ये समझ आता है कि – इस price point पर ट्रेडर जितना अधिक उस स्टॉक को बेचना चाहते थे, बेच चुके है, और अब स्टॉक का price अपने पिछले सपोर्ट प्राइस पॉइंट पर आने के बाद, कम भाव के कारण उस स्टॉक को खरीदने वाले लोग पसंद करेंगे, और Buyers के खरीदने से उस स्टॉक का प्राइस सपोर्ट प्राइस से ऊपर की तरफ जाने लगेगा |
- Support से हमें Bearish Trend के बदलने और इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा संकेतक कौन सा है? स्टॉक के भाव में तेजी आने की सम्भावना का Signal मिलता है,
- Support Point हमें बताता है कि – अगर किसी स्टॉक का price नीचे गिर रहा है, तो उस स्टॉक का price चार्ट पर दिखने वाले अपने पिछले सपोर्ट price के आस पास तक ही गिरेगा, और पिछले सपोर्ट price से स्टॉक का भाव और निचे जाने के बजाये bounce back करके ऊपर की तरफ जा सकता है ,
- किसी स्टॉक के सपोर्ट प्राइस पॉइंट पर इस बात की पूरी सम्भावना होती है कि – उस स्टॉक का गिरता हुआ प्राइस रुक जायेगा, और ये भी हो सकता है कि अगले कुछ trading session में स्टॉक का प्राइस अपने पिछले सपोर्ट प्राइस के आस पास ही घूमता रहे, और फिर ऊपर की तरफ जाए।
शेयर मार्किट में Intraday Trading इंट्राडे ट्रेडिंग से Daily 1000 पैसे कैसे कमाए ?
यदि आप intraday trading करने की सोच रहे है तो सबसे पहले आपको यह भी जान लेना चाहिए, कि आखिर Intraday Trading Kya Hoti Hai, बहुत से लोग intraday trading तो करते है, परंतु इसमें अपना बहुत loss करके बैठते है।
तो Intraday में आपको Risk लेकर भी चलना पड़ता है। चलिए सबसे पहले हम आपको Intraday Trading Kya Hoti Hai इसके बारे में जानकारी देते है।
Intraday Trading Kya Hoti Hai ?
मान लीजिए कि किसी स्टॉक को आपने शेयर मार्किट चालू होते ही खरीदते है और उसी दिन मार्किट बंद होने से पहले उस स्टॉक को बेचते है, तो इसे Intraday trading कहते है।
कुछ लोग इसे same day trading भी कहते है। चलिए इसके बारे में हम आपको थोड़ा विस्तार से जानकारी देते है।
आपको यह बात पता होगी, कि शेयर मार्केट सुबह 9:15 AM को चालू हो जाता है और और दोपहर को 3:30 PM बंद हो जाता है। और ऐसे में आप इसी टाइमिंग के अंदर किसी शेयर को खरीदकर बेच देते है, तो इसे आप Intraday Trading कह सकते है।
वैसे देखा जाए, तो इंट्राडे ट्रेडिंग में जितना बड़ा फायदा दिखता है, उतना ही बड़ा इसमें नुकसान होने की संभावना भी रहती है।
इंट्राडे का सबसे बड़ा फायदा यह होता है, कि इसमें आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा संकेतक कौन सा है? अच्छा Margin दी जाती है, जिसके कारण यदि आपके पास 10000 रुपये है, उसके बावजूद आप 50000 रुपये के स्टॉक खरीद सकते है।
Intraday Trading में कौन सी बातों का ध्यान रखे ?
ऐसी बहुत से बाते है, जिनका आपको ध्यान रखना जरूरी है। यदि आप इन बातों का ध्यान नही रखते है तो आपको बहुत सारे पैसों का loss भी हो सकता है। तो चलिए अब हम आपको वह सभी बातें बताते है जिनका आपको ध्यान रखना है।
- Intraday के लिए जब भी आप कोई स्टॉक चुने तो सबसे पहले आपको उस स्टॉक की अच्छे से रिसर्च करना है, उसके बाद ही वह स्टॉक खरीदे।
- Intraday में आपको stoploss का उपयोग करना है, कई लोग stoploss का उपयोग नही करते है जिसके कारण उनका बहुत लॉस हो जाता है।
- यदि आप Intraday पहली बार कर रहे है, तो आपको बहुत कम पैसे लगाकर करना चाहिए ताकि आपको ज्यादा नुकसान न हो।
- Intraday Trading करने से पहले अपने risk लेने की capacity को पहचाने।
- Intraday Trading करते समय यदि आपको कोई टिप दे तो उस टिप पर ध्यान न दे अन्यथा आप टिप के चक्कर मे अपने पैसे गवा सकते हैं।
- आपको हमेशा मार्किट में चल रही खबरो पर ध्यान रखना है, खासतौर पर मार्किट में कौन सा शेयर ऊपर जा रहा है और कौन सा शेयर नीचे जा रहा है इसपर ध्यान रखे।
Intraday Trading se paise kaise kamaye daily
Intraday trading se paise kamaye के लिए नीचे हम आपको कुछ points बता रहे है, जिन्हें यदि आप फॉलो करते है तो आप अच्छे खासे पैसे कमा सकते है।
1. Fast Decision ले
यदि आप intraday से पैसे कमाना चाहते है तो आपको fast decision लेने की क्षमता develop करनी होगी। बहुत से लोग ट्रेडिंग करते समय indicator देखते है, टेक्निकल चेक करते है, मूविंग एवरेज देखते है और जब तक आप यह सभी चीजें देखते रहते है, तब तक ट्रेडिंग का समय खत्म हो जाता है और आपका loss हो जाता है। इसीलिए आपको ट्रेडिंग करते समय fast decision लेना चाहिए।
2. Trading Psychology built करें
जितना जरूरी ट्रेडिंग सीखना है, उतना ही जरूरी Trading Psychology built करना भी है। जब आप इंट्राडे ट्रेड करते है, तब आपके ट्रेडिंग में नॉलेज की भूमिका केवल 30 परसेंट ही होती है और बाकी 70 परसेंट आपका mind set और रिस्क मैनेजमेंट होता है।
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