Investment Strategy: मौजूद समय में एसेट अलोकेशन स्‍ट्रटेजी बेहतर तरीका है.

​Hedging- हेजिंग

हेजिंग
What is Hedging: हेज वह निवेश है, जो किसी एसेट में प्रतिकूल प्राइस मूवमेंट्स के जोखिम को कम करने के इरादे से किया जाता है। आमतौर पर हेज में संबंधित सिक्योरिटी में ऑफसेटिंग पोजिशन लेना शामिल होता है। हेजिंग एक रणनीति है, जो वित्तीय एसेट्स में जोखिम सीमित करने के लिए अपनाई जाती है। पॉपुलर हेजिंग तकनीकों में डेरिवेटिव्स में ऑफसेटिंग पोजिशन लेना शामिल है।

हेजेस के दूसरे प्रकारों को डायवर्सिफिकेशन जैसे दूसरे माध्यमों के जरिए किया जा सकता है। इसका एक उदाहरण साइक्लीकल और काउंटर साइक्लीकल स्टॉक्स में निवेश हो सकता है। हेजिंग एक प्राकर से बीमा पॉलिसी लेने के जैसी है। अगर आप निवेश पोर्टफोलियो हेजिंग किसी ऐसे क्षेत्र में घर लेते हैं, जहां बाढ़ आने का खतरा रहता है तो आप घर के सामान को बाढ़ के जोखिम से बचाने चाहेंगे यानी हेज करना चाहेंगे। इसके लिए आप फ्लड इंश्योरेंस लेंगे। इस उदाहरण में आप बाढ़ नहीं रोक सकते लेकिन आप वक्त रहते बाढ़ से नुकसान को कम करने का इंतजाम कर रहे हैं।

संभावित मुनाफे पर क्या असर
हेजिंग संभावित जोखिम को तो कम करती ही है, लेकिन साथ ही संभावित मुनाफे को भी धीरे-धीरे खत्म कर देती है। निवेशक और मनी मैनेजर्स जोखिम को कम करने के लिए हेजिंग करते हैं। निवेश की दुनिया में सही तरीके से हेज करने के लिए निवेशक को बाजार में प्रतिकूल प्राइस मूवमेंट्स के जोखिम की भरपाई के लिए रणनीतिक रूप से विभिन्न इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। एक परफेक्ट हेज वह है जो किसी पोजिशन या पोर्टफोलियो में सभी जोखिमों को दूर करे। दूसरे शब्दों में हेज, असुरक्षित एसेट से 100 फीसदी विपरीत तरीके से जुड़ा है।

हेजिंग कैसे काम करती है?
निवेश की दुनिया में हेजिंग का सबसे ज्यादा आम तरीका डेरिवेटिव्स के जरिए हेजिंग है। डेरिवेटिव्स वे सिक्योरिटीज हैं, जो एक या एक से ज्यादा अंडरलाइंग एसेट्स के साथ सामंजस्य में चलती हैं। अंडरलाइंग एसेट्स स्टॉक्स, बॉन्ड्स, कमोडिटीज, करेंसीज, इंडीसेज या ब्याज दरें हो सकते हैं। डेरिवेटिव्स, अपने अंडरलाइंग एसेट्स के प्रति प्रभावी हेज हो सकते हैं।

पोर्ट‍फोलियो की जांच-पड़ताल, सुरक्षित रखती है निवेश यात्रा

बतौर निवेशक हमें पोर्टफोलियो की वर्ष में एक बार जांच कर लेनी चाहिए। पूरे वर्ष के दौरान कभी किसी के कहने पर अथवा बाजार के शोर की वजह से ऐसा निवेश कर लिया हो जो निराशाजनक परिणाम दे रहा हो तो ऐसे निवेश से छुटकारा पा लेना बेहतर होगा।

विनायक सप्रे।

अभी दीपावली बीते कुछ ही दिन हुए हैं और नया साल भी बहुत दूर नहीं है। दोनों का महत्वपूर्ण भाग होता है साफ-सफाई, उत्साह और नए मन से नई शुरुआत। जब अनावश्यक सामानों को हम पूरे जतन से हटा देते हैं। निवेश में भी यही नजरिया होना चाहिए। हर निवेशकर्ता एक पोर्टफोलियो बनाता है। अर्थजगत की भाषा में, पोर्टफोलियो किसी व्यक्ति, निवेश कंपनी, वित्तीय संस्थान या हेज फंड द्वारा आयोजित निवेश या वित्तीय संपत्तियों के संग्रह को संदर्भित करता है। वित्तीय संपत्तियों के इस समूह में सोने और संपत्ति से लेकर स्टाक, बांड और नकद तक सब कुछ शामिल हो सकता है। बतौर निवेशक हमें अपने पोर्टफोलियो की वर्ष में एक बार जांच कर लेनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि पोर्टफोलियो हमारे लक्ष्यों और उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन कर रहा है। इसमें कंपनियों, निवेश पोर्टफोलियो हेजिंग बाजार के रुझान का पूर्वानुमान, अर्थव्यवस्था व राजनीतिक परिदृश्य में बदलावों पर बारीक नजर भी शामिल है।

बुरे निवेश से पाएं छुटकारा

कई बार होता है कि निवेशक पूरे वर्ष के निवेश पोर्टफोलियो हेजिंग दौरान कभी किसी के कहने पर अथवा बाजार के शोर की वजह से ऐसा निवेश कर लेते हैं, जो अब निराशाजनक परिणाम दे रहा होता है या उसके अच्छे परिणाम देने की उम्मीद भी बेहद कम होती है। ऐसे निवेश से छुटकारा पा लेना बेहतर होगा और पोर्टफोलियो को निवेश उद्देश्यों के हिसाब से सजाना होगा।

उद्देश्य से न हटें पीछे

प्रत्येक निवेश किस उद्देश्य से और कितनी अवधि के लिए किया है, उस पर नजर दौड़ानी चाहिए। यदि सुधार की आवश्यकता है तो अविलंब करें। यदि निवेश तय उद्देश्य के हिसाब से नहीं जा रहा है तो यह एक भारी भूल है और उसको शीघ्रातिशीघ्र ठीक करना चाहिए। अगर निवेश को लेकर किसी प्रकार का भ्रम अथवा दुविधा हो तो बेहतर होगा कि इसके लिए विशेषज्ञ से सलाह लें। अच्छी आदत हमेशा फायदेमंद होती है, तो इसे शुरू करने में देर क्यों?

बाजार की गिरावट से रहें सुरक्षित

अब जरूरी तो नहीं कि आपके द्वारा किया गया हर निवेश गलत ही हो। कई ऐसे निवेश हो सकते हैं जो आपकी तय रणनीति के हिसाब से चल रहे हों। निवेश पोर्टफोलियो हेजिंग जो निवेश अपने उद्देश्य/लक्ष्य राशि के करीब पहुंच चुके हैं, उन्हें सुरक्षित निवेश विकल्प जैसे बैंक एफ.डी. अथवा लिक्विड म्युचूअल फंड में रख देना चाहिए ताकि बाजार में आई गिरावट का उन पर असर न हो। इसमें मैच्योर हुई एफडी को दोबारा निवेश करना या जीवन और चिकित्सा बीमा की पर्याप्तता की समीक्षा शामिल है।

भावनाओं से ऊपर है निवेश पोर्टफोलियो हेजिंग तर्क

हालांकि यह प्रक्रिया उतनी आसान नहीं, जितनी दिखती है क्योंकि आम तौर पर निवेशकों को अपने फैसले गलत हैं, यह बात स्वीकार करना कठिन हो जाता है। जिसके चलते वह उस निवेश के मोह में पड़कर उसे संजोए बैठे रहते हैं। बेहतर होगा कि विशेषज्ञ की सलाह ली जाए, जो तर्क पर भावनाओं को महत्व दे और घाटे के निवेश से छुटकारा दिलाए।

शेयर बाजार में गिरावट से अपने इक्विटी निवेश को कैसे बचाएं?

जैसे मौत, बीमारी, दुर्घटना इत्‍यादि से होने वाले नुकसान को इंश्‍योरेंस बचाता है. वैसे ही बाजार की संभावित गिरावट से अपनी दौलत को बचाने के लिए निवेशक पोर्टफोलियो इंश्‍योरेंस ले सकते हैं.

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दूसरी बात यह है कि मुनाफावसूली कर कुछ समय के लिए दूर से माहौल को देखना चाहिए. टेक्निकल पैटर्न भी कमजोरी दिखा रहे हैं. ट्रेड बुल्‍स सिक्‍योरिटी में डिप्‍टी वाइस प्रेसीडेंट सच्चिदानंद उत्‍तेकर कहते हैं, ''निफ्टी विस्‍तार के पैटर्न को दिखा रहा है. हम इस पैटर्न के ऊपरी सिरे पर हैं.''

पोर्टफोलियो इंश्‍योरेंस खरीदें
तीसरा विकल्‍प निवेश को बनाए रखना है और जारी रैली में हिस्‍सा लेना है. इसके अलावा गिरावट को पोर्टफोलियो इंश्‍योरेंस के साथ थामा जा सकता है. जैसे मौत, बीमारी, दुर्घटना इत्‍यादि से होने वाले नुकसान को इंश्‍योरेंस बचाता है. वैसे ही बाजार की संभावित गिरावट से अपनी दौलत को बचाने के लिए निवेशक पोर्टफोलियो इंश्‍योरेंस ले सकते हैं. अंतर सिर्फ इतना है कि यह कोई इंश्‍योरेंस पॉलिसी नहीं होगी, बल्कि हेजिंग स्‍ट्रैटेजी होगी. इसमें डेरिवेटिव सेगमेंट में फ्यूचर और ऑप्‍शन (एफएंडओ) का इस्‍तेमाल किया जाता है.

निवेशक पुट ऑप्‍शन को खरीदकर अपने पोर्टफोलियो को हेज कर सकते हैं. यह व्‍यापक बाजार (इंडेक्‍स पुट) या खास शेयरों के लिए हो सकता है. अगर आप होल्‍ड किए गए शेयरों के लिए पुट खरीदते हैं तो आप शेयरों के ऊपर जाने पर पैसा बनाते रहेंगे. कारण है कि आपने शेयर को होल्‍ड किया है. शेयर के लुढ़कने पर नुकसान की कुछ भरपाई पुट ऑप्‍शन के गेंस से की जाएगी.

अपने पोर्टफोलियो को हेज करने की कितनी कॉस्‍ट आती है?

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आइए, इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लेते हैं कि आपने एचडीएफसी के शेयर होल्‍ड किए हैं और पुट ऑप्‍शन से एक महीने के लिए इनमें गिरावट को बचाना चाहते हैं. आप 60 रुपये का प्रीमियम देकर 1,850 रुपये के स्‍ट्राइक प्राइस के साथ पुट ऑप्‍शन खरीद सकते हैं. यहां ध्‍यान देने वाली बात यह है कि यह प्रोटेक्‍शन अस्थिरता से है. इसलिए 24 सितंबर को एक्‍सपाइटरी डेट पर अगर एचडीएफसी उसी लेवल पर बना रहता है तो आप पूरा प्रीमियम गंवा देंगे.

इसकी आप किसी जनरल इंश्‍योरेंस पॉलिसी (मेडिकल, एक्‍सीडेंट, फायर इत्‍यादि) से तुलना कर सकते हैं. इनमें आप किसी अनहोनी के लिए हर साल प्रीमियम देते रहते हैं. फिर भले वह घटे या नहीं घटे.

अगर अस्थिरता रही तो क्‍या होगा? अब मान लेते हैं कि महीने में एचडीएफसी 200 रुपये उछल जाता है. पहले मामले में आपका नेट गेन 140 निवेश पोर्टफोलियो हेजिंग रुपये पर सीमित रहेगा क्‍योंकि आप पुट ऑप्‍शन प्रीमियम के रूप में पहले ही 60 रुपये गंवा चुके हैं.

दूसरे मामले में आपके पास 1850 रुपये के भाव में एचडीएफसी को बेचने का अधिकार है और 1,650 रुपये के भाव में आपको पुट ऑप्‍शन गेन के तौर पर 200 रुपये मिलेंगे. यह वह सटीक नुकसान है जो आपको एचडीएफसी पर होगा. हालांकि, 60 रुपये का प्रीमियम पहले ही चले जाने से आपका वास्‍तविक नुकसान 60 रुपये होगा.

प्रीमियम को घटाने की रणनीति
अगर आपने म्‍यूचुअल फंडों के जरिये डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाया हुआ है या आपके शेयर एफएंडओ सेगमेंट में नहीं हैं तो आप सेंसेक्‍स या निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्‍स के पुट ऑप्‍शंस को इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

किसी शेयर की तुलना में इंडेक्‍स में कम अस्थिरता होती है. इसके अलावा निवेशकों की रुचि भी इंडेक्‍स ऑप्‍शन में ज्‍यादा होती है. इसलिए लिक्विडिटी ज्‍यादा होती है. साथ प्राइसिंग भी अधिक कुशल तरह से होती है.

प्रीमियम को घटाने का एक और तरीका 'आउट ऑफ द मनी' पुट ऑप्‍शंस को लेना है. 'आउट ऑफ द मनी' पुट ऑप्‍शंस का प्रीमियम अमूमन कम होता है. एंजेल ब्रोकिंग में टेक्निकल्‍स और डेरिवेटिव के चीफ एनालिस्‍ट समीत चवन कहते हैं, ''बाजार की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए गिरावट बहुत ज्‍यादा नहीं रहने वाली है. इसलिए बहुत थोड़ा आउट ऑफ द मनी पुट ऑप्‍शंस खरीदना चाहिए.''

एफएंडओ के तकनीकी शब्‍दों का मतलब
-पुट ऑप्‍शन : यह खरीदार को पहले से तय भाव पर किसी प्रतिभूति (या इंडेक्‍स) को बेचने का अधिकार देता है.
-सेटेलमेंट डेट : वह तारीख जब ऑप्‍शन का निपटान होता है.
-स्‍ट्राइक प्राइस : वह भाव जिस पर सेटेलमेंट की तारीख पर सौदा होता है.
-प्रीमियम : ऐसी कीमत जिसे अभी पुट ऑप्‍शन को खरीदने के लिए निवेशकों को चुकानी पड़ती है.
-एट द मनी पुट ऑप्‍शंस : मौजूदा शेयर भाव या इंडेक्‍स लेवल जितना स्‍ट्राइक प्राइस के साथ पुट का लेवल. प्रीमियम असली हेजिंग कॉस्‍ट को दिखाता है.
-इन द मनी पुट ऑप्‍शन : अगर मौजूदा बाजार भाव से स्‍ट्राइक प्राइस ज्‍यादा है. यहां प्रीमियम पुट में मौजूदा वैल्‍यू को शामिल करेगा.
-आउट ऑफ द मनी पुट ऑप्‍शंस : अगर स्‍ट्राइक प्राइस मौजूदा भाव से कम है. चूंकि इस लेवल पर कोई वैल्‍यू नहीं होती है. प्रीमियम कम होगा.

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Asset Allocation: गोल्ड vs इक्विटी vs डेट? मंदी की आशंका के बीच कैसे बनाएं मजबूत पोर्टफोलियो

Strong Portfolio: आपके पोर्टफोलियो में किस एसेट क्‍लास का कितना रेश्‍यो होना चाहिए, यह आपके रिस्‍क लेने की क्षमता पर निर्भर है.

Asset Allocation: गोल्ड vs इक्विटी vs डेट? मंदी की आशंका के बीच कैसे बनाएं मजबूत पोर्टफोलियो

Investment Strategy: मौजूद समय में एसेट अलोकेशन स्‍ट्रटेजी बेहतर तरीका है.

Make Your Portfolio Strong: साल 2022 निवेशकों के लिहाज से एक कठिन समय रहा है. हम साल 2022 के अंत में आ गए हैं, लेकिन बाजार में अनिश्चितताएं अभी कायम हैं. रूस और यूक्रेन जंग के चलते जियो पॉलिटिकल टेंशन, महंगाई, रेट हाइक और आगे मंदी की आशंका जैसे फैक्‍टर अभी भी बाजार में मौजूद हैं, जिनके चलते बाजार पर दबाव मौजूद है. एक्‍सपर्ट भी मान रहे हैं कि भले ही बाजार का लंबी अवधि का आउटलुक मजबूत है, नियर टर्म में करेक्‍शन दिख सकत है. ऐसे में निवेशकों के मन में यह सवाल है कि मौजूदा समय में एक मजबूत पोर्टफोलियो कैसे तैयार करें.

अलग अलग एसेट क्‍लास के जरिए पोर्टफोलियो

BPN फिनकैप के सीईओ और डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि बाजार में अनिश्चितताएं अभी मौजूद हैं. शॉर्ट टर्म की बात करें तो ग्‍लोबल सेंटीमेंट बहुत अच्‍छे नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में किसी एसेट क्‍लास पर फोकस करने की बजाए अलग अलग एसेट क्‍लास पर ध्‍यान देना चाहिए. मौजूद समय में एसेट अलोकेशन स्‍ट्रटेजी बेहतर तरीका है. हालांकि निवेश के पहले यह जरूर दखें कि आपके फाइनेंशियल लक्ष्‍य क्‍या हैं, आपमें रिस्‍क लेने की कितनी क्षमता है, बाजार में आप कितना लंबा टिक सकते हैं. इन बातों को ध्यान में रखकर ही निवेश की प्लानिंग करें. उन्‍होंने अभी पोर्टफोलियो में 3 एसेट क्लास इक्विटी, डेट और गोल्ड शामिल करने का सुझाव दिया है.

इक्विटी vs गोल्‍ड vs डेट

निगम का कहना है कि आपके पोर्टफोलियो में किस एसेट क्‍लास का कितना रेश्‍यो होना चाहिए, यह आपके रिस्‍क लेने की क्षमता पर निर्भर है. अगर आप एग्रेसिव इन्‍वेस्‍टर्स हैं यानी रिस्‍क लेने का तैयार हैं और लंबी अवधि तक बाजार में टिकना चाहते हैं तो पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और गोल्‍ड का रेश्‍यो 70:25:5 होना चाहिए. लेकिन आप माडरेट इन्‍वेस्‍टर हैं यानी ज्‍यादा रिस्‍क नहीं लेना चाहते तो यह रेश्‍यो 45:45:10 को होना चाहिए. अगर आप कंजर्वेटिव इन्‍वेस्‍टर हैं यानी रिस्‍क नहीं लेना चाहते तो यह रेश्‍यो 20:70:10 को होना चाहिए.

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इक्विटी में कहां करें निवेश

उनका कहना है कि इक्विटी में अभी लार्ज एंड मिड कैप और मल्‍टीकैप कटेगिरी बेहतर है. जबकि डेट में शॉर्ट मैच्‍योरिटी वाले फंड और डायनमिक बॉन्‍ड फंड बेहतर विकल्‍प हो सकते हैं.

गोल्‍ड में निवेश

स्टैंडर्ड एसेट अलोकेशन के रूप में, पोर्टफोलियो का 10 फीसदी आमतौर पर जोखिम वाले निवेश से हेज के लिए गोल्ड में रखा जाता है. इसके लिए सॉवरेन गोल्ड बांड भी बेहतर विकल्प है, जिसमें 2.5 फीसदी सालाना रिटर्न अतिरिक्‍त बेनेफिट मिलता है. वहीं मैच्येारिटी पर लांग टर्म गेंस टैक्स से छूट मिलती है. गोल्‍ड हेजिंग का काम भी करता है. इसमें बाजार की वोलेटिलिटी या मंदी जैसी स्थिति में सुरक्षा मिलती है, लिक्विडिटी भी बेहतर है.

(Disclaimer: कैपिटल मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने स्तर पर पड़ताल कर लें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श कर लें. फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी एसेट क्‍लास में निवेश की सलाह नहीं देता है.)

अगर मैं जोखिम रणनीति के रूप में हेजिंग का उपयोग करता हूं, तो क्या मुझे हर समय अपने पोर्टफोलियो पर नजर रखना है? | इन्वेस्टोपैडिया

अगर मैं जोखिम रणनीति के रूप में हेजिंग का उपयोग करता हूं, तो क्या मुझे हर समय अपने पोर्टफोलियो पर नजर रखना है? | इन्वेस्टोपैडिया

हेजिंग समग्र पोर्टफोलियो प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है, लेकिन इसे व्यापार रणनीति के रूप में उपयोग करने से निवेश को खरीदने और पकड़ने की तुलना में अपने निवेश पर निगरानी रखने के लिए काफी अधिक समय व्यय करना आवश्यक है।

हेजिंग में निवेश करना शामिल है, जो आपके समग्र निवेश पोर्टफोलियो के थोक के साथ नकारात्मक सहसंबंध रखते हैं, निवेश जो उचित रूप से लाभ दिखाने की उम्मीद कर सकते हैं, जब आपका पोर्टफोलियो बाकी रह सकता है। हेजिंग का उद्देश्य मौजूदा लाभ के कम से कम एक हिस्से की रक्षा करना है या संभावित नुकसान के खिलाफ है। बाजार में अचानक या दीर्घ अवधि में गिरावट के दौरान हेजिंग एक बहुत मूल्यवान निवेश उपकरण हो सकता है। हालांकि, प्रभावी रूप से हेजिंग का उपयोग करने के लिए, आपको शायद कम से कम एक दैनिक आधार पर अपने हेज पोर्टफोलियो पर नजर रखने की आवश्यकता है। इस तरह की निगरानी महत्वपूर्ण है कि आपको हेज को समायोजित करने की आवश्यकता है या नहीं, या तो उपयोग किए जाने वाले विशिष्ट निवेश संपत्तियों के मामले में या मात्रात्मक शब्दों में, जैसे कि शेष शेष को कवर करने के लिए हेज निवेश की मात्रा में वृद्धि या घटाना आवश्यक है निवेश पोर्टफोलियो पर्याप्त रूप से

जब आप सक्रिय रूप से हेजिंग कर रहे हैं तो उन समयावधि के दौरान निवेश की निगरानी करने के लिए अतिरिक्त समय की संभावना है, अगर आप अपने पोर्टफोलियो की लाभप्रदता की रक्षा करने का प्रबंधन करते हैं निवेश पोर्टफोलियो हेजिंग निगरानी और समायोजन करने के लिए अतिरिक्त समय केवल बाज़ार के पीछे हटने, गिरावट या अस्थिरता के दौरान आवश्यक है

हेजिंग के माध्यम से पोर्टफोलियो प्रबंधन के कई तरीके हैं, जैसे:

• लघु विक्रय - सरलतम लघु विक्रय अक्सर एक विशिष्ट स्टॉक या अन्य निवेश में एक संभावित रिट्रीटमेंट के खिलाफ बचाव करने के लिए पर्याप्त हो सकता है।

• शॉर्ट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) का इस्तेमाल करना - बाजार में गिरावट के खिलाफ कुल पोर्टफोलियो को हेज करने के लिए मार्केट इंडेक्स पर नज़र रखने वाले लघु या अल्ट्राशोर्ट ईटीएफ का इस्तेमाल किया जा सकता है।

• विकल्प - आप इंडेक्स ऑप्शंस का इस्तेमाल करके विशिष्ट निवेश पदों के विरुद्ध या बाजार के मुकाबले कवर कॉल विकल्प बेचते हैं या फिर पुट विकल्प खरीदते हैं।

में भुगतान करना पड़ सकता है, यदि मैं अपने तलाक की सजा के अनुसार अपने पूर्व-पति के IRA के प्रतिशत में हकदार हूं, तो मैं संपत्ति के कारण संपत्ति कैसे प्राप्त कर सकता हूं? मुझे अपने इरा में कर लगाए बिना? क्या वह तब पर लगाया जाएगा जब वह स्थानांतरण करेगा? क्या आपके पास आईआरए संपत्तियों के अपने हिस्से को हस्तांतरित करने के लिए उसे करों में

में भुगतान करना पड़ सकता है, यदि मैं अपने तलाक की सजा के अनुसार अपने पूर्व-पति के IRA के प्रतिशत में हकदार हूं, तो मैं संपत्ति के कारण संपत्ति कैसे प्राप्त कर सकता हूं? मुझे अपने इरा में कर लगाए बिना? क्या वह तब पर लगाया जाएगा जब वह स्थानांतरण करेगा? क्या आपके पास आईआरए संपत्तियों के अपने हिस्से को हस्तांतरित करने के लिए उसे करों में

भुगतान करना पड़ सकता है (यानी आपके नाम में), आपको अपने पति के आईआरए संरक्षक / न्यासी से संपर्क करना चाहिए और उन्हें प्रदान करना चाहिए। तलाक की डिक्री की एक प्रति कस्टोडियन को अन्य दस्तावेज़ीकरण आवश्यकताओं के बारे में पूछना सुनिश्चित करें।

मैं रिटायर्री हूं, मेरी 403 (निवेश पोर्टफोलियो हेजिंग बी) वार्षिकी से चित्रण मैं अपने खुद के व्यवसाय का एकमात्र कर्मचारी हूं क्या मैं एक सरल आईआरए खाते के लिए योग्यता प्राप्त करता हूं? मैं करों से अपनी आय में से कुछ स्थगित करना चाहता हूं

मैं रिटायर्री हूं, मेरी 403 (बी) वार्षिकी से चित्रण मैं अपने खुद के व्यवसाय का एकमात्र कर्मचारी हूं क्या मैं एक सरल आईआरए खाते के लिए योग्यता प्राप्त करता हूं? मैं करों से अपनी आय में से कुछ स्थगित करना चाहता हूं

यह निर्भर करता है यदि आपका व्यवसाय असुविधाजनक है, और आपके पास स्वयं-रोजगार से शुद्ध कमाई है, तो आप उस आय के आधार पर एक सरल आईआरए सहित, एक सेवानिवृत्ति योजना को स्थापित और फंड करने के लिए योग्य हैं। आईआरएस स्वयं-रोजगार से शुद्ध कमाई को परिभाषित करता है क्योंकि आपके व्यापार या व्यावसायिक ऋण से स्वीकार्य व्यावसायिक कटौती की सकल आय होती है।

मेरे पास एक छोटा सा व्यवसाय है (एलएलसी), जो मैं अंशकालिक काम करता हूं। मैं एक कंपनी के लिए भी पूर्ण समय काम करता हूं और मुझे 401 (के) योजना में नामांकित किया गया है। क्या मैं अभी भी अपने अंशकालिक एलएलसी की आय से व्यक्तिगत 401 (के) में योगदान करने के योग्य हूं?

मेरे पास एक छोटा सा व्यवसाय है (एलएलसी), जो मैं अंशकालिक काम करता हूं। मैं एक कंपनी के लिए भी पूर्ण समय काम करता हूं और मुझे 401 (के) योजना में नामांकित किया गया है। क्या मैं अभी भी अपने अंशकालिक एलएलसी की आय से व्यक्तिगत 401 (के) में योगदान करने के योग्य हूं?

जब तक आपके पास कंपनी में कोई स्वामित्व न हो, जिसके लिए आप पूर्णकालिक काम करते हैं और आपके पास कंपनी के साथ एकमात्र संबंध कर्मचारी के रूप में है, तो आप अपने सीमित दायित्व के लिए एक स्वतंत्र 401 (के) कंपनी (एलएलसी) और कंपनी से मिलने वाली आय से योजना को फंड करें।

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