1. आर.एस.आई. अवधि : स्टोकैस्टिक गणना में उपयोग की जाने वाली आर.एस.आई. अवधियों की संख्या। (डिफ़ॉल्ट : 14)

Donchain Indicator

स्टोकैस्टिक आरएसआई का उपयोग करते हुए मोमेन्टम ट्रेडिंग

यह इंडिकेटर अपनी वैल्यू तक पहुँचने के लिए आरएसआई वैल्यू पर स्टोक़ैस्टिक ओसिलेटर फोर्मूला लगाता है, यह गणना खुद प्राइज़ की जगह प्राइज़ के इंडिकेटर पर आधारित है, इसे प्राइज़ का दूसरा डेरिवेटिव या इंडिकेटर का इंडिकेटर Indicators के फायदे कहा जाता है। इसका अर्थ यह है कि स्टोक आरएसआई बनने के लिए प्राइज़ दो बदलावों से गुज़री है। प्राइज़ को आरएसआई में कन्वर्ट करना एक बदलाव है। आरएसआई को स्टोक़ैस्टिक ओसिलेटर में बदलना दूसरा बदलाव है।

परिणामित इंडिकेटर आरएसआई की तरह ही 0 और 100 के बीच झूलती है। पहले Indicators के फायदे वैल्यू 0 और 1 के बीच थी लेकिन अधिकतर आधुनिक तक्निकी विश्लेषण इसे स्पष्टीकरण की सुविधा के लिए इसे 0 और 100 में कन्वर्ट करते हैं।

यह इंडिकेटर तुषार चंदे और स्टेनली क्रॉल ने बनाया था और 1994 में इसे अपनी पुस्तक “द न्यू टेक्निकल ट्रेडर” में इसका परिचय दिया। चंदे और क्रॉल ने समझाया कि बिना छोर तक पहुंचे, आरएसआई की लंबे समय तक 80 और 20 के बीच झूलने की प्रकृति होती है।इसीलिए आरएसआई में ओवर बॉट और ओवर सोल्ड आरएसआई रीडिंग के आधार पर किसी स्टॉक में प्रवेश करने की इच्छा रखनेवाले ट्रेडर्स बिना किसी ट्रेड सिग्नल के खुद को साइड लाइंस में पा सकते हैं। दूसरी तरफ स्टोक आरएसआई, आरएसआई की संवेदनशीलता बढ़ा कर अधिक ओवर बॉट/ओवर सोल्ड सिगनल्स उत्पन्न करता है।

Donchain Indicator in Hindi

यह एक तरह का टेक्निकल इंडिकेटर होता है जिसका उपयोग कर के हम ट्रेडिंग करते हैं इसमें तीन लाइन होती है एक ऊपर Indicators के फायदे वाली लाइन 21 सप्ताह के उच्चतम लेवल की लाइन होती है एक नीचे वाली लाइन जो कि पिछले 21 सप्ताह के न्यूनतम लेवल की लाइन होती है और एक मध्य में लाइन होती है जो कि ऊपर और नीचे वाली लाइन के बीच में होती है! अगर कोई शेयर अपने मध्य वाली लाइन के ऊपर Trade कर रहा हो तब हमें उस शेयर में तेजी की पोजीशन बनानी होती है और अगर कोई शेयर अपनी मध्य लाइन के नीचे की ओर यानी नीचे वाली लाइन की ओर Trade कर रहा हो तब हमें उस में मंदी की पोजीशन बनानी पड़ती है!

इस इंडिकेटर का उपयोग मार्केट में किसी समय Volatility को पता करने के लिए किया जाता है अगर ऊपर और नीचे लाइन के बीच में अंतर अधिक होता है तो इसका मतलब यह है कि मार्केट में अभी उतार चढ़ाव अधिक है और वही अगर वह कम है तो इसका मतलब यह है कि मार्केट में अभी उतार चढ़ाव कम है मार्केट में ऐसे समय में Indicators के फायदे पैसा बनाना काफी मुश्किल काम होता है!

कोच इंडिकेटर हुए बंद, मुसाफिर परेशान

कोच इंडिकेटर शुरू

गाजियाबाद। रेलवे स्टेशन Indicators के फायदे पर कोच की पोजिशन बताने के लिए लगाए गए कोच इंडिकेटर यात्रियों के लिए परेशानी बन गए हैं। जब से यह इंडिकेटर लगे हैं, यात्रियों को इनका कोई फायदा नहीं मिला है। रविवार को एक बार फिर से प्लेटफार्म पर लगे सभी कोच इंडिकेटर बंद हो गए।

कर्मचारियों ने टेलीकॉम विभाग को इसकी सूचना दे दी है। शाम करीब 6.30 बजे यह ठीक हो गया। रविवार दोपहर करीब दो बजे गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर लगे कोच इंडिकेटर तकनीकी फाल्ट के चलते बंद हो गए। इसके बंद होने से यात्रियों को ट्रेनों में लगे कोच की पोजिशन पता करने में परेशानी झेलनी पड़ी।

अर्थव्यवस्था के 19 इंडीकेटर्स 2019 के मुकाबले मजबूत, इकोनॉमी में आई जबरदस्त रिकवरी

PunjabKesari

सितम्बर, अक्तूबर और नवम्बर के महीनों में देश की अर्थव्यवस्था कोरोना पूर्व के स्तर से भी आगे निकलती जा रही है। इन 22 इंडीकेटरों में से ई.वे बिल कोयले का उत्पादन, मचैंडाइज एक्सपोर्ट और रेलवे की ढुलाई जैसे क्षेत्रों में 100 फीसदी से ज्यादा की रिकवरी आई है। इससे संकेत मिलता है कि कोरोना महामारी के दौरान गर्त में गई देश की अर्थव्यवस्था न सिर्फ मजबूत हो रही है बल्कि कोरोना पूर्व के स्तर को भी पार कर रही है।

हाल ही में जारी हुए इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जी.डी.पी. के आंकड़ों में भी यह बात स्पष्ट हुई है, दूसरी तिमाही की जी.डी.पी. 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी है और इस दौरान 2019-20 की दूसरी तिमाही के दौरान देश में हए उत्पादन के स्तर को भी पार कर लिया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

अमेरिका ने ताइवान को दो नए महत्वपूर्ण हथियारों की बिक्री की मंजूरी दी

अमेरिका ने ताइवान को दो नए महत्वपूर्ण हथियारों की बिक्री की मंजूरी दी

अमेरिका ने नाटो सहयोगी पोलैंड को अब्राम टैंक की बिक्री की मंजूरी दी

अमेरिका ने नाटो सहयोगी पोलैंड को अब्राम टैंक की बिक्री की मंजूरी दी

NSA डोभाल ने एशियाई देशों संग कनेक्टिविटी पर की चर्चा, अफगानिस्तान में आतंकवाद पर जताई चिंता

सेंसेक्स और निफ्टी

सेंसेक्स
पिछले साल सेंसेक्स लगातार चढ़ता रहा, लेकिन 1 फरवरी के बाद से इसने 5 लाख करोड़ रुपये खो दिए। इसकी मुख्य वजहें पेश बजट में शेयरों से हुई कमाई पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) लागू करने की घोषणा, खासकर अमेरिका समेत दुनियाभर के बाजारों की अस्थितरता और बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी रहीं। लेकिन, बड़ी गिरावट के बाद सेंसेक्स स्थिर हुआ और धीरे-धीरे चढ़ने भी लगा है।

2017: 28,329
2018: 34,008
बदलाव: 20% उछाल

निफ्टी
2017:8,778.4
2018: 10,454.9
बदलाव: 19% उछाल

रेटिंग: 4.26
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 353