20 फीसदी का सर्किट नियम
यदि शेयर बाजार में प्रमुख सूचकांक पूरे दिन में कभी भी 20 फीसदी तक लुढ़क जाते हैं, तो कारोबार को पूरे दिन के लिए रोक दिया जाता है और फिर कारोबार अगले सत्र में ही शुरू होता है.
शेयर मार्केट क्या है सीखें और पैसे कमाए – What Is Share Market In Hindi
Share Market In Hindi: बिना निवेश किए पैसे कमाना थोड़ा मुश्किल है पर शेयर बाजार में निवेश कर पैसे कमाना आसान है.
आज हर कोई व्यक्ति एक खुशहाल जीवन जीने के लिए बहुत पैसे कमाना चाहता है जिसके लिए वह नौकरी में कड़ी मेहनत भी करता है, लेकिन नौकरी में कड़ी मेहनत करने के बाद भी वह एक खुशहाल जीवन जीने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं कमा पाता है.
लेकिन शेयर बाजार पैसों का एक ऐसा कुआ है जो सारे देश की प्यास बुझा सकता है. जिन लोगों को शेयर बाजार की अच्छी समझ होती है वह क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट शेयर बाजार से करोड़ों रूपये की कमाई करते हैं.
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि Share Market क्या है, शेयर मार्केट कैसे सीखें, शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगायें और शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाए तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. इस लेख में हमने आपको इन सब के अतिरिक्त शेयर मार्केट का गणित और शेयर मार्केट से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के बारे में बताया है जिससे कि आपको शेयर बाजार के बारे में अच्छी समझ मिले.
Diwali Muhurat Trading: जानिए क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग, क्यों इस दिन हर कोई चाहता है शेयर खरीदना!
दिवाली के दिन शाम को शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग होती है. तमाम निवेशक शगुन के लिए कुछ शेयर खरीदते हैं. अधिकतर निवेशक इस दिन शेयरों को खरीदकर उसे लंबे समय तक अपने पास रखते हैं.
शेयर बाजार (Share Market) के लिए ये हफ्ता बहुत ही शानदार साबित हुआ है. इस हफ्ते सेंसेक्स में 1387 अंकों की तेजी देखने को मिली है. हफ्ते के आखिरी दिन में सेंसेक्स 104 अंक चढ़ा है. त्योहारों क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट के चलते इस महीने में शेयर बाजार कई दिन बंद रहेगा. इसी बीच कई लोगों के मन में ये सवाल भी है कि क्या दिवाली (Diwali) को शेयर बाजार बंद रहेगा (Share Market on Diwali) या फिर उस दिन मार्केट खुलेगा? आपको बता दें कि 24 अक्टूबर को दिवाली पर छुट्टी की वजह से सामान्य घंटों में तो शेयर बाजार बंद रहेगा, लेकिन शाम तो 1 घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए खुलेगा. आइए समझते हैं क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग (Diwali Muhurat Trading) और क्यों की जाती है.
क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग?
जैसा कि नाम से ही क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट काफी हद तक समझ आ रहा है कि यह किसी तरह का मुहूर्त है. दरअसल, दिवाली पर लोग खरीदारी क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट को शुभ मानते हैं. वहीं शेयर बाजार का तो पूरा कारोबार ही खरीद-फरोख्त का है. ऐसे में दिवाली पर लोग मुहूर्त ट्रेडिंग में सिर्फ शगुन के लिए खरीदारी करते हैं. वैसे तो बहुत से लोग इस दिन मुनाफा भी काटने की कोशिश करते हैं, लेकिन अधिकतर लोग मुहूर्त ट्रेडिंग को सिर्फ शगुन के लिए खरीददारी की तरह देखते हैं. शेयर बाजार में रेगुलर पैसे लगाने वाले निवेशक मुहूर्त ट्रेडिंग पर शगुन के तौर पर शेयर खरीद कर उन्हें अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. माना जाता है कि इस दौरान शेयर खरीदने वालों को साल भर लाभ मिलता है. मुहूर्त ट्रेडिंग दिवाली की शाम 6.15 से 7.15 तक यानी 1 घंटे होती है.
शेयर बाजार में क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट दिवाली के दिन शाम को एक घंटे मुहूर्त ट्रेडिंग करने की परंपरा एक दो साल नहीं बल्कि करीब 5 दशक पुरानी है. इसकी शुरुआत बीएसई में 1957 में हुई थी, जबकि एनएसई में इसे 1992 से शुरू किया गया. मुहूर्त क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट ट्रेडिंग को पूरी तरह से परंपरा से जोड़कर देखा जाता है.
कई निवेशक अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं ये शेयर
बहुत सारे ऐसे निवेशक हैं जो मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन खरीदे गए शेयरों को अच्छा शगुन मानते हैं और उन्हें कभी नहीं बेचते. वह मानते हैं कि ये शेयर उनके पोर्टफोलियो में बरक्कत के लिए बहुत ही शुभ हैं. ऐसे में वह निवेशक तो मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन खरीदे हुए शेयरों को कभी नहीं बेचते हैं. यहां तक कि कुछ तो उन शेयरों को अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं.
पिछले साल दिवाली 4 नवंबर 2021 को थी. उस दिन भी शाम को मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए शेयर बाजार खुला था. पिछली बार मुहूर्त ट्रेडिंग पर शेयर बाजार गुलजार हो गया था. महज एक घंटे के सेशन में ही बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार से भी ऊपर चाल गया था. मुहूर्त ट्रेडिंग में बाजार में तगड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. पिछली बार बाजार खुला तो 436 अंकों की तेजी के साथ, लेकिन बाद में करेक्ट हुआ और अंत में 295 अंकों की तेजी के साथ 60,067 अंकों के स्तर पर बंद हुआ.
शेयर बाजार में कब लगता है लोअर सर्किट?
घरेलू शेयर बाजार में किसी इंडेक्स या शेयर में आई बड़ी गिरावट पर स्वत: कारोबार पर रोक लग जाती है. जिस स्तर पर (फीसदी में) कारोबार रुकता है, उसे सर्किट कहा जाता है.
2. लोअर सर्किट का इस्तेमाल कब होता है?
शेयर बाजर में इंडेक्स आधारित सर्किट पूरे बाजार पर लागू होता है. इसके तीन चरण होते हैं. यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगता है. यह सर्किट लगने पर इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव कारोबार रुक जाता है.
बाजार में सर्किट तब लगता है कि जब दोनों ही प्रमुख सूचकांकों- बीएसई सेंसेक्स या निफ्टी 50 इंडेक्स में से किसी भी इंडेक्स में निर्धारित गिरावट आती है. एक इंडेक्स पर सर्किट लगने पर दूसरे पर सर्किट स्वत: ही लागू हो जाता है.
Sensex और Nifty के बारे में क्यों होती है इतनी बात, क्या है इनके कैलकुलेशन का तरीका, जानिए कई दिलचस्प सवालों के जवाब
सेंसेक्स और निफ्टी दो प्रमुख लॉर्ज कैप इंडेक्सेज हैं जो देश के दो प्रमुख स्टॉक्स एक्सचेंजेज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंजेज से जुड़ा हुए हैं.
Know How क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट Sensex and Nifty are Calculated: कारोबार की खबरें पढ़ने के दौरान कुछ शब्द बार-बार सामने आते हैं जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी प्रमुख हैं. खबरों के जरिए पता चलता है कि सेंसेक्स ने रिकॉर्ड स्तर छुआ या सेंसेक्स में गिरावट के चलते निवेशकों का करोड़ों का नुकसान हुआ, ऐसे में आम लोगों के मन में दिलचस्पी उठना स्वाभाविक हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं जिससे लोगों के करोड़ो का नफा-नुकसान जुड़ा हुआ है. इसके अलावा अगर शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं तो भी इनके बारे में जानना बहुत जरूरी है.
Sensex क्या है?
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स है. इसीलिए इसे बीएसई सेंसेक्स भी कहा जाता है. सेंसेक्स शब्द सेंसेटिव और इंडेक्स को मिलाकर बना है. हिंदी में कुछ लोग इसे संवेदी सूचकांक भी कहते हैं. इसे सबसे पहले 1986 में अपनाया गया था और यह 13 विभिन्न क्षेत्रों की 30 कंपनियों के शेयरों में होने वाले उतार-चढ़ाव को दिखाता है. इन शेयरों में बदलाव से सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव आता है. सेंसेक्स का कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मेथड से किया जाता है.
- सेंसेक्स में शामिल सभी 30 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन निकाला जाता है. इसके लिए कंपनी द्वारा जारी किए गए शेयरों की संख्या को शेयर के भाव से गुणा करते हैं. इस तरह जो आंकड़ा मिलता है, उसे कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन या हिंदी में बाजार पूंजीकरण भी कहते हैं.
- अब उस कंपनी के फ्री फ्लोट फैक्टर की गणना की जाती है. यह कंपनी द्वारा जारी किए कुल शेयरों का वह परसेंटेज यानी हिस्सा है जो बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होता है. जैसे कि किसी कंपनी ABC के 100 शेयरों में 40 शेयर सरकार और प्रमोटर के पास हैं, तो बाकी 60 फीसदी ही ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे. यानी इस कंपनी का फ्री फ्लोट फैक्टर 60 फीसदी हुआ.
- बारी-बारी से सभी कंपनियों के फ्री फ्लोट फैक्टर को उस कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन से गुणा करके कंपनी के फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन की गणना की जाती क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट है.
- सेंसेक्स में शामिल सभी 30 कंपनियों के फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन को जोड़कर उसे बेस वैल्यू से डिवाइड करते हैं और फिर इसे बेस इंडेक्स वैल्यू से गुणा करते हैं. सेंसेक्स के लिए बेस वैल्यू 2501.24 करोड़ रुपये तय किया गया है. इसके अलावा बेस इंडेक्स वैल्यू 100 है. इस गणना से सेंसेक्स का आकलन किया जाता है.
निफ्टी 50 क्या है ?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 भी एक प्रमुख मार्केट इंडिकेटर है. निफ्टी शब्द नेशनल और फिफ्टी को मिलाने से बना है. नाम के अनुरूप इस इंडेक्स में 14 सेक्टर्स की 50 भारतीय कंपनियां शामिल हैं. इस प्रकार यह बीएसई की तुलना में अधिक डाइवर्सिफाइड है. बीएसई की तरह ही यह लार्ज कैप कंपनियों के मार्केट परफॉरमेंस को ट्रैक करता है. इसे 1996 में लांच किया गया था और इसकी गणना फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर की जाती है.
- निफ्टी की गणना लगभग सेंसेक्स की तरह ही फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटालाइजेशन के आधार पर होती है लेकिन कुछ अंतर भी है.
- निफ्टी की गणना के लिए सबसे पहले सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण यानी मार्केट कैपिटलाइजेशन निकाला जाता है, जिसके लिए आउटस्टैंडिंग शेयर की संख्या को वर्तमान भाव से गुणा करते हैं.
- इसके बाद मार्केट कैप को इंवेस्टेबल वेट फैक्टर (RWF) से गुणा किया जाता क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट है. RWF पब्लिक ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयरों का हिस्सा है.
- इसके बाद मार्केट कैप को इंडिविजुअल स्टॉक को एसाइन किए हुए वेटेज से गुणा किया जाता है.
- निफ्टी को कैलकुलेट करने के लिए सभी कंपनियों के वर्तमान मार्केट वैल्यू को बेस मार्केट कैपिटल से डिवाइड कर बेस वैल्यू से गुणा किया जाता है. बेस मार्केट कैपिटल 2.06 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है और बेस वैल्यू इंडेक्स 1 हजार है.
इतने खास क्यों हैं Nifty और Sensex ?
भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का संकेत देने वाले सिर्फ यही दो इंडेक्स नहीं हैं. इसके अलावा भी तमाम इंडेक्स मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल शेयरों की चाल को समझने के लिए किया जाता है. इनमें ज्यादातर इंडेक्स किसी खास सेक्टर या कंपनियों के किसी खास वर्गीकरण से जुड़े हुए हैं. मिसाल के तौर पर किसी दिन के कारोबार के दौरान 12 प्रमुख बैंकों के शेयरों की औसत चाल का संकेत देने वाला Bank Index या सिर्फ सरकारी बैंकों के शेयरों का हाल बताने वाला PSU Bank Index, स्टील, एल्यूमीनियम और माइनिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के चाल का संकेत देने वाला मेटल इंडेक्स या फार्मा कंपनियों के शेयरों का फार्मा इंडेक्स, वगैरह-वगैरह.
ये सभी इंडेक्स बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशकों या उन्हें मशविरा देने वाले ब्रोकर्स या सलाहकारों के लिए बेहद काम के होते हैं. लेकिन अगर एक नजर में बाजार का ओवरऑल रुझान समझना हो या उसके भविष्य की दशा-दिशा का अंदाज़ा लगाना हो, तो उसके लिए सबसे ज्यादा सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स पर ही गौर किया जाता है. इन्हें मोटे तौर पर मार्केट सेंटीमेंट का सबसे आसान इंडिकेटर माना जाता है.
Stock Market Holiday: गुरुनानक जयंती पर आज बंद रहेगा शेयर मार्केट, कारोबारी दिन पर पड़ने वाली आखिरी छुट्टी
By: ABP Live | Updated at : 08 Nov 2022 07:56 AM (IST)
शेयर मार्केट हॉलिडे
Share Market Holiday Today: आज के दिन यानी 8 नवंबर 2022 को गुरुनानक जंयती (Guru Nanak Jayanti 2022) के दिन भारतीय शेयर मार्केट बंद (Stock Market Holiday) रहेगा. आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में किसी तरह के ट्रेडिंग नहीं होगी और शेयर मार्केट पूरी तरह से बंद रहेगा. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक आज के दिन शेयर मार्केट के दोनों सूचकांकों पर ट्रेडिंग बंद रहेगी. ध्यान देने वाली बात ये है कि यह क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट इस साल के किसी कारोबारी दिन पर पड़ने वाली शेयर मार्केट की आखिरी छुट्टी है. आज इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और एसएलबी सेगमेंट में आज किसी तरह की ट्रेडिंग नहीं होगी. आज करेंसी बाजार में भी अवकाश रहेगा.
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