डेली अपडेट्स
मुद्रास्फीति दर: बाज़ार मुद्रास्फीति में परिवर्तन मुद्रा विनिमय दरों में परिवर्तन का कारण बनता है। उदाहरण के लिये दूसरे देश की तुलना में कम मुद्रास्फीति दर वाले देश की मुद्रा के मूल्य में वृद्धि देखी जाती है।
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इसमें निर्यात, आयात, ऋण आदि सहित कुल लेन-देन शामिल हैं।
उत्पादों के आयात पर अपने विदेशी मुद्रा कोअधिक खर्च करने के कारण चालू खाते में घाटा, निर्यात की बिक्री से होने वाली आय से मूल्यह्रास का कारण बनता है और यह किसी देश की घरेलू मुद्रा की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को बढ़ावा देता है।
सरकारी ऋण: सरकारी ऋण केंद्र सरकार के स्वामित्व वाला ऋण है। बड़े सरकारी कर्ज वाले देश में विदेशी पूंजी प्राप्त करने की संभावना कम होती है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ जाती है।
इस मामले में,विदेशी निवेशक अपने बॅाण्ड की विक्री खुले बाज़ार में करेंगे, यदि बाज़ार किसी निश्चित देश के भीतर सरकारी ऋण का अनुमान लगाता है। परिणामतः इसकी विनिमय दर के मूल्य में कमी आएगी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. भुगतान सन्तुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से किससे/किनसे चालू खाता बनता है? (2014)
- व्यापार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट संतुलन
- विदेशी संपत्ति
- अदृश्य का संतुलन
- विशेष आहरण अधिकार
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 1, 2 और 4
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- भुगतान संतुलन (BoP) दो मुख्य पहलुओं से बना है: चालू खाता और पूंजी खाता।
- BoP का चालू खाता वस्तुओं, सेवाओं, निवेश आय और हस्तांतरण भुगतानों के प्रवाह व बहिर्वाह को मापता है। सेवाओं में व्यापार (अदृश्य); माल के रूप में व्यापार (दृश्यमान); एकतरफा स्थानांतरण; विदेशों से प्रेषण; अंतर्राष्ट्रीय सहायता चालू खाते के कुछ मुख्य घटक हैं। जब सभी वस्तुओं और सेवाओं को संयुक्त किया जाता है, तो वे एक साथ मिलकर किसी देश का व्यापार संतुलन (BoT) को दर्शाता है। अतः कथन 1 और 3 सही हैं।
- BoP का पूंजी खाता किसी देश के निवासियों और बाकी दुनिया के बीच उन सभी लेनदेन को रिकॉर्ड करता है, जो देश के निवासियों या उसकी सरकार की संपत्ति या देनदारियों में बदलाव का कारण बनते हैं
- निजी अथवा सार्वजनिक क्षेत्रों द्वारा ऋण और उधार; निवेश; विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन पूंजी विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट खाते के घटकों के कुछ उदाहरण हैं। अतः कथन 2 और 4 सही नहीं हैं। इसलिये विकल्प (c) सही उत्तर है।
मेन्स:
प्रश्न.भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवश्यकता का औचित्य सिद्ध कीजिये। हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों और वास्तविक एफडीआई के बीच अंतर क्यों है? भारत में वास्तविक एफडीआई बढ़ाने के लिये उठाए जाने वाले उपचारात्मक कदमों का सुझाव दीजिये।
थम नहीं रही विदेशी मुद्रा भंडार की गिरावट, 28 महीने पहले जैसे हुए हालात
21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया कमजोर हुआ। सप्ताह के दौरान 83 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया था। पिछले छह हफ्तों में यह लगभग 4% लुढ़क चुका है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर गिरावट आई है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.8 अरब डॉलर घटकर 524.5 अरब डॉलर रह गया। जुलाई 2020 यानी करीब 28 माह बाद रिजर्व अपने सबसे निचले स्तर पर है। पिछले साल से रिजर्व में 115 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
वजह क्या है: भंडार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह विदेशी मुद्रा एसेट हैं। इसमें 3.5 अरब डॉलर की कमी आई है। इसी तरह, केंद्रीय रिजर्व बैंक के पास रखे गोल्ड के मूल्य में 14 अक्टूबर की तुलना में 2.47 अरब डॉलर की गिरावट आई है। भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 7.1 फीसदी है।
आपको बता दें कि 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया कमजोर हुआ। सप्ताह के दौरान 83 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया था। पिछले छह हफ्तों में यह लगभग 4% लुढ़क चुका है। शुक्रवार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट को डॉलर के मुकाबले रुपया 82.474 पर बंद हुआ।
रुपये की रिकॉर्ड गिरावट को रोकने में मदद करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने अब तक विदेशी मुद्रा से लगभग 118 अरब डॉलर खर्च किए हैं।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा, गिरते रुपये को रोकने के लिए बेचने पड़ रहे डॉलर
शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने साप्ताहिक आंकड़े जारी किए हैं. 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गईं. देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के संदर्भ में 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 28 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 28 अक्टूबर 2022, 11:41 PM IST)
देश में विदेशी मुद्रा भंडार में फिर बड़ी गिरावट हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को डाटा जारी किया है. 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पिछले रिपोर्टिंग विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट सप्ताह में कुल भंडार 4.50 बिलियन अमेरिकी डॉलर गिरकर 528.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था. पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी जा रही है. अब ये दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
बता दें कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. सालभर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट डॉलर घटा है. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य वजह रुपये की गिरावट को थामने का प्रयास माना जा रहा है. केंद्रीय बैंक इस समय मुद्रा भंडार से मदद प्राप्त कर रहा है.
Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से आई गिरावट, जानिए RBI के खजाने में अब कितना बचा है
Foreign Exchange Reserves: एकबार फिर से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है. 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया. रुपए को संभालने के लिए डॉलर रिजर्व को लगातार बेचा जा रहा है.
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. इससे पहले, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी साप्ताह में वृद्धि हुई थी. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
गिरते रुपए को संभालने के लिए डॉलर रिजर्व का इस्तेमाल
देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रही है. दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट एक हिस्से का इस्तेमाल किया है. आंकड़ों के अनुसार, 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.828 अरब डॉलर घटकर 468.668 अरब डॉलर रह गयीं. एफसीए असल में समग्र भंडार का विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट एक प्रमुख हिस्सा होता है.
गोल्ड रिजर्व में 1.35 अरब डॉलर का इजाफा
डॉलर के संदर्भ में एफसीए विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है. स्वर्ण भंडार के मूल्य में सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.35 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी. जबकि 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 1.502 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 37.453 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.9 करोड़ डॉलर घटकर 17.433 अरब डॉलर रह गया है. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के पास रखी भारत की आरक्षित निधि समीक्षाधीन सप्ताह में 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 4.813 अरब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट अमेरिकी डॉलर पर आ गई.
रुपया 82.75 के स्तर पर बंद हुआ
इधर अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया शुक्रवार को चार पैसे की तेजी के साथ 82.75 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ. रुपए में शुरू में गिरावट आई थी लेकिन घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ यह बढ़त में बंद हुआ. अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.89 पर खुला और बाद में 82.59 के उच्च स्तर तथा 82.91 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में गुरुवार के बंद भाव के मुकाबले चार पैसे मजबूत होकर 82.75 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. गुरुवार को रुपया अपने सर्वकालिक निम्न स्तर से उबरकर 21 पैसे की तेजी के साथ 82.79 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
Foreign Currency Reserve: फिर हुई विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, जानें कितना रह गया
अपने विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Asset) में एक बार फिर से कमी आई है। चार नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में यह 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया। इसका कारण स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट में आई भारी गिरावट है।
Foreign exchange reserves declined by more than one billion dollars
हाइलाइट्स
- देश के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर कमी आई है
- चार नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में यह 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया
- इसका कारण स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है
क्यों आ रही है विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है। खुले बाजार में भी रुपये की कीमत थामने के लिए डॉलर की बिक्री करनी पड़ रही है। इसी वजह से डॉलर का भंडार कम हो रहा है।
एफसीए में भी कमी
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, चार नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गयीं। डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है।
स्वर्ण भंडार और एसडीआर में भी कमी
आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में देश का स्वर्ण भंडार 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (SDR) 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है।
आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में रखा देश का मुद्राभंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।
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