एंजेल वन ने जनरेशन ज़ेड और मिलेनियल्स के लिए इंस्टा ट्रेड से ऑप्शन ट्रेडिंग को आसान बनाया
New Delhi News, 02 November, 2021: जेनरेशन जेड और मिलेनियल्स को अत्याधुनिक ट्रेडिंग और निवेश समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध फिनटेक प्लेटफॉर्म एंजेल वन लिमिटेड (जिसे पहले एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) ने अपने मोबाइल एप्लिकेशन में इंस्टा ट्रेड फीचर जोड़ा है। अपने नॉन-इंट्रूसिव इंटरफ़ेस के साथ नया टूल सभी के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग को सरल बनाता है, फिर चाहे वह एक नौसिखिया ट्रेडर हो या एक अनुभवी ट्रेडर।
यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को बहुत ही सरल और आसान चरणों में अविश्वसनीय गति से ऑप्शन ट्रेडिंग कर समय बचाने में मदद करती है:
● इंडेक्स का चयन करें, और चार्ट को एनालाइज करें
● अपने एनालिसिस के आधार पर, ‘बाय कॉल’ या ‘बाय पुट’ ऑप्शन पर टैप करें
● स्ट्राइक की शॉर्टलिस्ट में से चुनें और आगे बढ़ें पर टैप करें
● क्वांटिटी दर्ज करें और अपने ऑर्डर को कंफर्म करें
यह सुविधा उपयोग में आसान होने के अलावा, एंजेल वन ऐप पर ‘इंस्टा ट्रेड’ इंडेक्स और शेयरों के लिए इंट्राडे प्राइस मूव्स के साथ चार्ट दिखाती है। उपयोगकर्ता आसानी से एक सप्ताह, पांच सप्ताह, महीने और यहां तक कि वर्षों में वापस जाकर ऐतिहासिक चार्ट के साथ वॉचलिस्ट, पोजिशन और लाइव पीएंडएल तक पहुंच सकते हैं। इंस्टा ट्रेड उपयोग में आसान होने के लिए एक ही स्क्रीन पर चार्ट, स्ट्राइक, इंडेक्स, पीएंडएल और ऑर्डर के सभी आवश्यक टूल प्रदान करता है। इसलिए यह सही टूल है, खासकर नए ट्रेडर्स के लिए जिन्हें बाज़ार के उतार-चढ़ाव को नेविगेट करने में मदद की ज़रूरत है।
नए इंटिग्रेशन पर एंजेल वन लिमिटेड के चीफ ग्रोथ ऑफिसर प्रभाकर तिवारी ने कहा, “हम समझते हैं कि नए जमाने के निवेशक चाहते हैं कि सब कुछ सुविधाजनक और आसान हो। हमारा नया फीचर इंस्टा ट्रेड स्मार्टफोन पर सिर्फ एक क्लिक के साथ ऑप्शन ट्रेड करने में सक्षम बनाता है। ऑप्शन ट्रेडिंग नई पीढ़ी के बीच लोकप्रियता हासिल कर रही है क्योंकि इसमें बिजली की तेज गति से निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।
एंजेल वन लिमिटेड के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर नारायण गंगाधर ने कहा, “हम युवा पीढ़ी को उनकी व्यापारिक यात्रा को आसान बनाने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले वर्षों में हमने एंजेल वन (पहले एंजेल ब्रोकिंग) को जेनरेशन जेड और मिलेनियल्स के लिए बेहतर बनाने के लिए बिजनेस मॉडल में कई बदलाव किए हैं। अपनी नई सुविधा इंस्टा ट्रेड के साथ हमारा ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें लक्ष्य कुछ सरल चरणों में सभी उपयोगकर्ताओं के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग को आसान बनाना है। इसके अलावा नया टूल उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव के बारे में भी बताएगा, जिससे उन्हें सोच-समझकर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
फिनटेक प्लेटफॉर्म अपने उपयोगकर्ताओं को भारतीय बाजार की व्यापक रिसर्च प्रदान करता है, जो एक विहंगम दृश्य प्रदान करता है। सिंहावलोकन में वे अपनी रुचि के ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें ट्रेड्स देख सकते हैं और एक साथ लंबी अवधि और छोटी अवधि के शेयरों का पता लगा सकते हैं।
राजस्व विभाग ने 8200 करोड़ रुपये टैक्स चोरी का खुलासा किया, BSE ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें से जुड़ा है मामला
आयकर विभाग ने पिछले महीने सेबी (SEBI) को एक प्रारभिंक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें में लगभग 20,000 ऐसे लाभार्थियों की पहचान क . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 19, 2020, 19:08 IST
नई दिल्ली. राजस्व विभाग (Revenue Department) ने 8,200 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा किया है. कई व्यक्तियों और संस्थाओं पर बीएसई के विकल्पों में बड़ा उलटफेर कर टैक्स चोरी (Tax Evasion) को अंजाम देने का आरोप है. शेयर दलालों और प्रवेश ऑपरेटरों के एक समूह को इस घोटालों के पीछे का बड़ा कारण बताया है. आयकर विभाग (Income Tax Department) ने देश के प्रमुख शहरों में 22 ब्रोकरेज हाउस का पता लगाया है. पश्चिम बंगाल में इनकी संख्या सबसे अधिक बताई जा रही है.
आयकर विभाग ने पिछले महीने सेबी (SEBI) को एक प्रारभिंक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें में लगभग 20,000 ऐसे लाभार्थियों की पहचान की गई थी, जिसके आधार पर इस घोटाले का पता चला है. जुलाई 2019 में आयकर विभाग ने ऑपरेशन फॉल्कोन के जरिए इन सभी लाभार्थियों का पता लगाया था. इसमें देश के अन्य शहरों से 22 ब्रोक्रेज ऑफिस का खुलासा हुआ था. इसमें मुंबई, कोलकाता, कानपुर, हैदराबाद और राष्टीय राजधानी क्षेत्र शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, बीईसी ऐसी किसी रिपोर्ट और किसी जानकारी से अवगत नहीं है. बीएसई ने इसपर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
ब्रोकर्स ने कबूला जुर्म
आयकर विभाग की पूछताछ के दौरान कई ब्रोकर्स ने एफ एंड ओ सेजमेंट (F&O) में टैक्स चोरी के जुर्म को कबूला है और इसमें अपनी 2 से 3 फीसदी हिस्सेदारी की बात कही है. छापे के दौरान विभाग ने पाया है कि इस घोटाले के पीछे शेयर दलाल और प्रवेश ऑपरेटर हैं जो पैसों के बदले में विभिन्न संस्थाओं के लाभ/हानि का रिकॉर्ड रखते हैं. बता दें कि एंट्री ऑपरेटर वे हैं जो बिल जनरेट करके लाभ और हानि के चालान प्रदान करते हैं।
सेबी भी जांच में शामिल
घोटाले की जांच को और प्रभावी बनाने के लिए आयकर विभाग, पूंजी बाजार नियामक प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ मिलकर काम कर रहा है। पश्चिम बंगाल में एक स्रोत के मुताबिक, दलालों का एक समूह स्थानीय मशीनरी से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ था। दरअसल, कई दलालों ने आयकर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई थी जिन्होंने दिसंबर 2019 में इन दलालों के यहां तलाशी ली थी.
विकल्पों पर कैसे होता काम है ?
आमतौर पर विकल्पों को अंतर्निहित लाभांश की स्थिति में बेचा जाता है. लेकिन, उलटफेर के पहले चरण में विकल्पों को अनुचित रूप से कम कीमत पर बेचा गया और कभी-कभी इन्हें आंतरिक मूल्य से भी कम में बेचा गया. सामान्य स्थिति में इनका कम से कम मूल्य विकल्प के आंतरिक मूल्य के बराबर होता है. दूसरे चरण में, कारोबारी दिनों में उसी विकल्प को बिक्री मूल्य की तुलना में काफी अधिक कीमत पर उसी इकाई द्वारा वापस खरीदा जाता है.
विकल्प, विकल्प लेखक, इन-द-मनी, आउट-ऑफ-द-मनी
विकल्प वित्तीय साधन हैं जो स्टॉक जैसे अंतर्निहित प्रतिभूतियों के मूल्य के आधार पर व्यूत्पन्न होते हैं। एक विकल्प अनुबंध खरीदार को खरीदने या बेचने का अवसर प्रदान करता है. लेखक (Writer) जिसे अनुदाता भी कहते हैं, एक विकल्प का विक्रेता होता है जो खरीदार से प्रीमियम भुगतान लेता है. राइटर्स कॉल या पुट ऑप्शन को बेच सकते हैं जो कवर या अनकवर्ड हो सकते हैं। यदि बाजार मूल्य स्ट्राइक प्राइस से अधिक है तो पैसा, कॉल विकल्प में है और यदि बाजार मूल्य स्ट्राइक प्राइस से कम हो तो पैसा पुट ऑप्शन में होता है. एक विकल्प इन दोनों अवस्थाओं से बाहर का भी होता है.
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Olymp trade, Binomo जैसे बाइनरी ट्रेडिंग एप से रहिए सावधान, कमाने के बजाय डूब जाएगा पैसा
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।
फिलहाल भारत में यह एप हो रहे हैं पॉपुलर
आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।
करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा
कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।
क्यों है खतरनाक
बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।
इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।
ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में
बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।
शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।
कम से कम 3000 डॉलर का निवेश
अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।
हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।
केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता
लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।
एक कॉलर रणनीति क्या है? क्यों मैं Exness में उन्हें इस्तेमाल करेंगे
एक कॉलर रणनीति एक रक्षात्मक इक्विटी खेल है जिसमें एक निवेशक एक शेयर में नकारात्मक पक्ष को सीमित करने के लिए कुछ उल्टा क्षमता के लिए विदेशी मुद्रा में सीमित करना चाहता है। इस रणनीति को हेज रैपर के रूप में भी जाना जाता है।
निवेशक एक शेयर में एक लंबी स्थिति खरीदता है, जिसमें वह लाभ उठाएगा यदि कीमत बढ़ जाती है, हालांकि वास्तव में अंतर्निहित स्टॉक खरीदने के बिना भी रणनीति को पूरा किया जा सकता है। इसी समय, वह स्टॉक पर आउट-ऑफ-द-मनी पुट ऑप्शन भी खरीदता है और एक ही समाप्ति तिथि के साथ, दोनों के आउट-ऑफ-द-मनी कॉल विकल्प बेचता है। पैसे से बाहर का मतलब है कि विकल्प में कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है: स्टॉक की कीमत पुट विकल्प के स्ट्राइक मूल्य से अधिक है और कॉल विकल्प के स्ट्राइक मूल्य से कम है।
एक उदाहरण:
निवेशक एबीसी कॉर्प के 100 शेयरों को यूएस $ 50 के शेयर पर खरीदता है। इसी समय, वे यूएस $ ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें 45 के स्ट्राइक प्राइस के साथ पुट ऑप्शन खरीदते हैं और यूएस $ 55 के स्ट्राइक प्राइस के साथ कॉल ऑप्शन बेचते हैं। यदि स्टॉक की कीमत गिरती है, तो निवेशक यूएस $ 5 से अधिक का हिस्सा नहीं खोता है क्योंकि पुट विकल्प चालू हो जाता है। लेकिन अगर शेयर की कीमत बढ़ती है, तो कॉल ऑप्शन के कारण निवेशकों ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें का लाभ 5 डॉलर प्रति शेयर पर कैप हो जाता है। दूसरे शब्दों में, निवेशक अपने संभावित लाभ को US $ 5 तक बढ़ाता है, लेकिन संभावित नुकसान को US $ ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें 5 से अधिक नहीं करता है।
मैं एक कॉलर रणनीति का उपयोग क्यों करूंगा?
आम तौर पर, निवेशक कॉलर रणनीतियों का उपयोग करते हैं, क्योंकि वे स्टॉक की लंबी अवधि के उलट क्षमता पर विश्वास करते हैं, लेकिन समग्र बाजार में निकट अवधि में गिरावट के बारे में चिंतित हैं, जो स्टॉक की कीमत को नीचे खींच सकते हैं। इसी तरह, वे शेयरों में दीर्घकालिक संभावित लेकिन मंदी के अल्पकालिक समय में तेजी ला सकते हैं। निवेशक कुछ लाभ उठाने के लिए तैयार होने के दौरान एक लाभ में ताला लगाने के लिए कॉलर का भी उपयोग करते हैं।
एक कॉलर रणनीति का उपयोग कभी-कभी एक्टिविस्ट निवेशकों और शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण करने वाले कलाकारों द्वारा एक लक्षित कंपनी में इक्विटी स्थिति बनाने के लिए भी किया जाता है, जबकि घटना में सुरक्षा प्रदान करने में उनकी योजना विफल हो जाती है और लक्ष्य कंपनी का शेयर मूल्य गिर जाता है।
एक कॉलर रणनीति का उदाहरण
उदाहरण ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें के लिए, एक्टिविस्ट निवेशक एडवर्ड ब्रैमसन ने बैंकों के व्यापार रणनीति को प्रभावित करने के लिए बैंकों के निदेशक मंडल में एक सीट जीतने की उम्मीद में बार्कलेज पीएलसी में 5.5% हिस्सेदारी का निर्माण किया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ब्रैमोंस फर्म, शर्बॉर्न इनवेस्टर्स ने बैंक ऑफ अमेरिका से 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की मदद से अपनी हिस्सेदारी का निर्माण किया, जिसमें "पुट और कॉल ऑप्शंस की एक श्रृंखला शामिल है जो शेयरों को एक निश्चित स्तर से नीचे गिरने पर नुकसान से बचाते हैं। जबकि उसका उल्टा भी सीमित है। ”
फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, '' वित्त पोषित इक्विटी कॉलर सॉफ्टबैंक जैसे अत्यधिक अधिग्रहण समूहों के साथ हाल के वर्षों में लोकप्रिय हो गया है क्योंकि यह उन्हें पारंपरिक ऋण की तुलना में बहुत अधिक लाभ उठाने के साथ सार्वजनिक रूप से कारोबार वाले शेयरों में बड़े पदों को हासिल करने की अनुमति देता है।
एक कॉलर रणनीति एक रक्षात्मक इक्विटी खेल है जिसमें एक निवेशक एक शेयर में नकारात्मक पक्ष को सीमित करना चाहता है लेकिन अगर कीमत बढ़ती है तो लाभ हासिल करता है। रणनीति, जिसे हेज रैपर के रूप में भी जाना जाता है, में नकारात्मक जोखिम से बचाने के लिए एक आउट-ऑफ-द-मनी पुट विकल्प खरीदने और एक साथ आउट-ऑफ-द-मनी कॉल विकल्प बेचना शामिल है जो लाभ को सीमित करता है। रणनीति का उपयोग सक्रिय निवेशकों द्वारा शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण में खुद को बचाने के लिए भी किया गया है।
Hypothetical / Simized Performance: ये परिणाम नकली या काल्पनिक प्रदर्शन परिणामों ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें पर आधारित होते हैं जिनकी कुछ अंतर्निहित सीमाएँ होती हैं। वास्तविक प्रदर्शन रिकॉर्ड में दिखाए गए परिणामों के विपरीत, ये परिणाम वास्तविक ट्रेडिंग का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। कोई प्रतिनिधित्व नहीं किया जा रहा है कि किसी भी खाते को दिखाए जाने के समान लाभ या हानि प्राप्त करने की संभावना है या नहीं। नकली या काल्पनिक व्यापारिक कार्यक्रम आम तौर पर लाभ के लाभ के साथ डिज़ाइन किए जाते हैं, इसमें वित्तीय जोखिम शामिल नहीं होते हैं, और अन्य कारक होते हैं जो वास्तविक व्यापारिक परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
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