विदेशी मुद्रा समय क्या है
6 विदेशी मुद्रा में [लेनदेन.
प्र 40 बैंक को बेचने या बम्बई, कलकत्ता, दिल्ली या मद्रास में अपने कार्यालय में इस संबंध में एक मांग करता है, जो किसी भी अधिकृत व्यक्ति से खरीद करेगा 7 विदेशी, [, आदेश द्वारा, निर्धारित कर सकते हैं या केन्द्र सरकार के रूप में अपनी शाखाओं के ऐसे में] विनिमय की ऐसी दरों में और केन्द्र सरकार के रूप में इस तरह की स्थितियों पर विनिमय समय से सामान्य या विशेष आदेश द्वारा समय पर अब तक विनिमय की दरों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को अपने दायित्वों के लिए चिंतित हैं ध्यान में रखते हुए, यह निर्धारित कर सकते हैं:
कोई व्यक्ति रूपए के दो लाख से कम एक मूल्य की विदेशी मुद्रा खरीदने या बेचने की मांग करने का हकदार होगा बशर्ते कि.
स्पष्टीकरण. में इस खंड "अधिकृत विदेशी मुद्रा समय क्या है व्यक्ति" द्वारा या उसके अधीन हकदार है जो एक व्यक्ति का मतलब है 1 करने के लिए [विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 (1973 का 46)] खरीदने के लिए, या जैसा भी मामला हो, बेचते हैं, विदेशी मुद्रा जो उनकी मांग से संबंधित है.]
प्र.6. भारतीय रिजर्व बैंक (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 1947 द्वारा वर्गों 40 और 41 के लिए प्रतिस्थापित धारा 40.
प्र.7. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (संशोधन और प्रकीर्ण उपबंध) अधिनियम, 1953 द्वारा डाला.
1 बैंकिंग कानून (संशोधन) द्वारा "विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 (1947 का 7)" के लिए एवजी अधिनियम, 1983 से प्रभावी 15-2-1984.
विदेशी मुद्रा भंडार क्या है? | Foreign Exchange Reserves – UPSC Notes
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर से गिरावट हुई है.
विदेशी मुद्रा भंडार क्या होता है?
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। विदेशी मुद्रा भंडार को एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखा जाता है। अधिकांशत: डॉलर और बहुत बा यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है। कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंक नोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकारी प्रतिभूतियां सम्मिलित होनी चाहिए। हालांकि, सोने के भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता हैं।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल हैं –
- विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ (FCA)
- स्वर्ण भंडार
- विशेष आहरण अधिकार (SDR)
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच
FCA
- FCA ऐसी संपत्तियाँ हैं जिनका मूल्यांकन देश की स्वयं की मुद्रा के अतिरिक्त किसी अन्य मुद्रा के आधार पर किया जाता है.
- FCA विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है। इसे डॉलर के रूप में व्यक्त किया जाता है।
- FCA में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्रा की कीमतों में उतार-चढ़ाव या मूल्यह्रास का असर पड़ता है।
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विदेशी मुद्रा भंडार का अर्थव्यवस्था के लिए महत्व
- विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी सरकार और RBI को आर्थिक विकास में गिरावट के कारण पैदा हुए किसी भी बाहरी या अंदरुनी वित्तीय संकट से निपटने में सहायता करती है.
- यह आर्थिक मोर्चे पर संकट के समय देश को आरामदायक स्थिति उपलब्ध कराती है।
- वर्तमान विदेशी भंडार देश के आयात बिल को एक वर्ष तक संभालने के लिए पर्याप्त है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से रुपए को डॉलर के मुकाबले स्थिति दृढ़ करने में सहायता मिलती है।
- वर्तमान समय में विदेशी मुद्रा भंडार सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुपात लगभग 15% है।
- विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक संकट के बाजार को यह भरोसा देता है कि देश बाहरी और घरेलू समस्याओं से निपटने में सक्षम है।
विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन कौन करता है?
- आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार के कस्टोडियन और मैनेजर के रूप में कार्य करता है। यह कार्य सरकार से साथ मिलकर तैयार किए गए पॉलिसी फ्रेमवर्क के अनुसार होता है।
- आरबीआई रुपए की स्थिति को सही रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का प्रयोग करता है। जब रुपया कमजोर होता है तो आरबीआई डॉलर की बिक्री करता है। जब रुपया मजबूत होता है तब डॉलर की खरीदारी की जाती है। कई बार आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए बाजार से डॉलर की खरीदारी भी करता है।
- जब आरबीआई डॉलर में बढ़ोतरी करता है तो उतनी राशि के बराबर रुपया निर्गत करता है। इस अतिरिक्त तरलता (liquidity) को आरबीआई बॉन्ड, सिक्योरिटी और एलएएफ ऑपरेशन के माध्यम से प्रबंधन करता है।
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बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार कितना है, क्या है आईएमएफ़ की आपत्ति?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने कहा है कि बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार का जिस तरह हिसाब लगाया जा रहा है वह सही नहीं है. आईएमएफ़ जिस तरीके से हिसाब लगाने को कह रहा है उसके मुताबिक़ देश का मौजूदा भंडार 26 अरब डॉलर है. बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रऊफ़ तालुकदार ने बीते नौ नवंबर को आईएमएफ़ के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद कहा कि देश में फ़िलहाल विदेशी मुद्रा भंडार की मात्रा 34.3 बिलियन डॉलर है. उसमें से आठ बिलियन डॉलर घटा कर जो रक़म बचेगी वही नेट विदेशी मुद्रा भंडार है. इस लिहाज से नेट भंडार की मात्रा 26.3 बिलियन डॉलर है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ''आईएमएफ़ ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार की मात्रा ग्रॉस की बजाय नेट में दिखाने को कहा है. हमें इसमें आपत्ति नहीं है.''
विदेशी मुद्रा भंडार का हिसाब कैसे किया जाता था?
दुनिया के तमाम देशों में केंद्रीय बैंक के पास मौजूद विदेशी मुद्रा के भंडार को ही देश का नेट भंडार माना जाता है. लेकिन बांग्लादेश में अब तक भंडार का हिसाब लगाते समय नेट भंडार के साथ ही विभिन्न मद में निवेश या भंडार से क़र्ज़ के तौर पर दिए गए डॉलर को भी जोड़ लिया जाता था. बांग्लादेश बैंक के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, देश में सकल विदेशी मुद्रा भंडार की मात्रा 34.23 अरब डॉलर है. आईएमएफ़ ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक़, बांग्लादेश बैंक को भंडार के तौर पर वही रक़म दिखानी चाहिए जो उसके पास इस्तेमाल के लिए रखी है. ऐसा नहीं होने की स्थिति में भंडार के मुद्दे पर सही संदेश नहीं जाएगा. बांग्लादेश बैंक के प्रवक्ता अबुल कलाम आज़ाद ने रविवार को बीबीसी बांग्ला से कहा, "हम तो ग्रॉस और नेट, दोनों तरीकों से हिसाब रखते थे. लेकिन भंडार को ग्रॉस के रूप में दिखाया जाता था. अब संबंधित विभाग इसे नेट भंडार के तौर पर दिखाने की दिशा में काम कर रहे हैं. फ़िलहाल यह प्रक्रिया जारी है." बांग्लादेश बैंक के गवर्नर ने बीते बुधवार को पत्रकारों से कहा था, “हमने कई मदों में लगभग आठ अरब डॉलर का निवेश किया है. उसे घटा देने पर नेट भंडार 26.3 बिलियन डॉलर हो जाएगा. जब हमारा भंडार 48 बिलियन डॉलर था, तब भी हमने इसी तरीके से हिसाब लगाया था.”
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इनमें निर्यातकों को विभिन्न सामग्रियों के निर्यात की सुविधा देने के लिए विदेशी मुद्रा में क़र्ज़ लेने की ख़ातिर एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फ़ंड (ईडीएफ़) में 60 करोड़ डॉलर, पर्यावरण मित्र उद्योगों में निवेश के लिए गठित ग्रीन ट्रांसफ़ॉर्मेशन फ़ंड (जीटीएफ़) में 20 करोड़ डालर, लॉन्ग टर्म फ़ाइनेंशियल फ़ैसिलिटी फ़ंड में 3.85 करोड़ डॉलर और सोनाली बैंक के ज़रिए बांग्लादेश विमान को दिए गए 5.80 करोड़ डालर की रक़म को भी बांग्लादेश के सकल विदेशी मुद्रा भंडार के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है. गवर्नर ने कहा है कि 'हम ईवीएफ़ के तहत 120 दिनों के लिए क़र्ज़ देते हैं. इसे जब चाहें वापस ले सकते हैं.' आर्थिक संकट से निपटने के लिए वर्ष 2021 के अगस्त में बांग्लादेश के रिज़र्व से श्रीलंका को 20 करोड़ डॉलर का क़र्ज़ दिया गया था. पहले इसे लगातार तीन मासिक किस्तों में लौटाने की बात थी. लेकिन बाद में यह समय-सीमा बढ़ा दी गई थी. इस बारे में उनका कहना था, "हम श्रीलंका को दिए गए 20 करोड़ डॉलर के क़र्ज़ की वापसी की दिशा में काम विदेशी मुद्रा समय क्या है कर रहे हैं. श्रीलंका के गवर्नर के साथ बैठक हुई है. उन्होंने इस क़र्ज़ को लौटाने का भरोसा दिया है." लेकिन निवेश किए गए कोष की रक़म या कर्ज की वापसी नहीं होने के कारण बांग्लादेश के भंडार की मात्रा 26.3 अरब डॉलर रहेगी. ब्रिटेन से बड़ी हुई भारत की अर्थव्यवस्था, लेकिन क्या ये ख़ुश होने की बात है?
26 अरब डॉलर के रिज़र्व का क्या मतलब है?
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निर्यात और रेमिटेंसेज़ ही बांग्लादेश की विदेशी मुद्रा आय के प्रमुख स्रोत हैं. लेकिन बीते अक्तूबर से इन दोनों मदों में होने वाली आय में गिरावट आई है. अक्टूबर में रेमिटेंसेज़ के जरिए 164.70 करोड़ डॉलर की विदेशी मुद्रा देश में आई जो बीते डेढ़ वर्षो में सबसे कम है. इसके साथ ही बीते साल की इसी अवधि के मुक़ाबले निर्यात से होने वाली आय भी 7.85 प्रतिशत घट कर 4.35 बिलियन डॉलर हो गई. इसके कारण बैलेंस ऑफ़ पेमेंट का घाटा और बढ़ गया है. बांग्लादेश बैंक के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, जुलाई से सितंबर तक के तीन महीनों के दौरान विदेशी लेन-देन का चालू व्यापार संतुलन घाटा 3.61 करोड़ डॉलर रहा. यानी जितनी रक़म की चीजों का निर्यात हुआ उससे 3.61 बिलियन डॉलर ज़्यादा की वस्तुओं का आयात किया गया. लेकिन कुल व्यापार घाटा 7.55 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. यानी इस दौरान बांग्लादेश के निर्यात और रेमिटेंसेज़ से 1180 करोड़ डॉलर की आय हुई. लेकिन आयात का ख़र्च और विदेश जाने वाली मुद्रा की कुल मात्रा 1935 करोड़ डॉलर रही. यानी कुल व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है. वर्ष 2022-2023 का वित्त वर्ष 18.70 अरब डॉलर के बड़े भुगतान संतुलन घाटे के साथ शुरू हुआ था. हालांकि विदेशी क़र्ज़ और आर्थिक सहायता मिलने और आयात खर्च घटने पर कुछ हद तक इस घाटे की भरपाई हो जाती है. लेकिन बांग्लादेश का व्यापार घाटा जिस तरह लगातार बढ़ रहा है उससे अर्थशास्त्रियों को इस घाटे की भरपाई की संभावना नहीं नज़र आ रही है. बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद में प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने बीते छह नवंबर को कहा था, "हमारे पास जितना भंडार है उससे कम से कम पांच महीने तक आयात के ख़र्च का भुगतान संभव है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक़ तीन महीने के आयात ख़र्च के बराबर भंडार रहना ही पर्याप्त है."
विदेशी मुद्रा भंडार 27 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा, 82 के नीचे और कितना फिसल सकता है रुपया?
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटाकर 27 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. लगातार नौवें सप्ताह इसमें गिरावट दर्ज की गई. रॉयटर्स सर्वे के मुताबिक, इस साल के अंत तक रुपया 83 के स्तर तक फिसल सकता है.
Foreign Exchange Reserves: रुपए में गिरावट जारी है. शुक्रवार को यह डॉलर के मुकाबले 82.32 के नए रिकॉर्ड लो स्तर पर बंद हुआ. गिरते रुपए को संभालने के लिए रिजर्व बैंक अपने खजाने से लगातार डॉलर रिजर्व बेच रहा है. इसी का नतीजा है कि लगातार नौवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई. 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में फॉरन एक्सचेंज रिजर्व में 4.85 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह फिसल कर 532.66 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इसमें फॉरन करेंसी असेट्स यानी एफसीए में 4.4 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है. विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरन करेंसी असेट्स की बड़ी हिस्सेदारी होती है.
जुलाई 2020 के बाद न्यूनतम स्तर पर डॉलर रिजर्व
विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर आ गया है. यह 27 महीने का न्यूनतम स्तर है. इस वित्त वर्ष के शुरू होने पर देश का विदेशी मुद्रा भंडार 607 बिलियन डॉलर था, जबकि 3 सितंबर 2021 को यह 642.45 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर था. ऑल टाइम हाई के मुकाबले इसमें 110 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है.
एक्सचेंज रेट का डॉलर रिजर्व पर सबसे बुरा असर
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की घोषणा के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी में विनिमय दर में हुए बदलाव का 67 फीसदी योगदान है. फेडरल रिजर्व की तरफ से इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी के कारण डॉलर मजबूत हो रहा है. दूसरी तरफ ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी की आहट से निवेशकों में डॉलर के प्रति लगाव बढ़ गया है. यही वजह है कि तमाम करेंसी के मुकाबले डॉलर में लगातार उछाल आ रहा है. बीते एक सप्ताह में इंडियन करेंसी में 1 रुपया, एक महीने में 2.5 रुपया और इस साल अब तक 8 रुपए की गिरावट आई है.
510 बिलियन डॉलर तक घट सकता है रिजर्व
डच बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि करेंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ने के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में और गिरावट आ सकती है. यह गिरावट इस साल के अंत तक जारी रह सकती है. IDFC First बैंक का तो मानना है कि चालू वित्त वर्ष में अगर करेंट अकाउंट डेफिसिट 4 फीसदी तक पहुंचता है तो विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 510 बिलियन डॉलर तक आ सकता है. हालांकि, अभी भी रिजर्व बैंक का भंडार बहुत बड़ा है. 2013 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने जब टैप टैंट्रम किया था तब यह घटकर 300 बिलियन डॉलर के नीचे आ गया था.
इस साल रुपए में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है
रॉयटर्स सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल रुपए पर दबाव बना रहेगा और यह रिकॉर्ड लो स्तर के करीब रहेगा. दो फैक्टर बहुत अहम है. फेडरल रिजर्व इंट्रेस्ट रेट बढ़ा रहा है जिससे डॉलर मजबूत हो रहा है, साथ ही क्रूड ऑयल प्रोडक्शन कट से कीमत में उछाल आएगा और रुपए पर दबाव बढ़ेगा. रिजर्व बैंक की तरफ से डॉलर रिजर्व लगातार बेचा जा रहा है. इस समर्थन के बावजूद इस साल अब तक रुपए में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
इस साल के अंत तक 83 तक फिसल सकता है रुपया
रिजर्व बैंक ने लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़ाया. अब तक 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है. क्रूड इंपोर्ट बिल बढ़ रहा है. एक्सपोर्ट में कमी आ रही है. इन तमाम फैक्टर्स से रुपए पर दबाव है. सर्वे में शामिल 40 एक्सपर्ट्स में 19 का मानना है कि इस साल के अंत तक रुपया 83 के स्तर तक फिसल सकता है. इसका रेंज 82-84 के दायरे में रहेगा. डॉलर का डोमिनेंस 2022 के बाद भी जारी रहेगा.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी, इस बार 2.23 अरब डॉलर घटकर 550.87 अरब डॉलर पर आया
पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद इस समय मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 600 अरब डॉलर से गिरते-गिरते अब 550 अरब डॉलर के आस-पास आ गया है. पिछले हफ्ते की गिरावट क . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 17, 2022, 08:41 IST
हाइलाइट्स
पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद इस समय मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है.
हालिया गिरावट की मुख्य वजह रिजर्व बैंक द्वारा बड़ी मात्रा में डॉलर की बिकवाली है.
इस दौरान स्वर्ण भंडार 34 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
मुंबई. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट जारी है. विदेशी मुद्रा भंडार नौ सितंबर को समाप्त सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर घटकर 550.87 अरब डॉलर रह गया. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 7.94 अरब डॉलर घटकर 553.10 अरब डॉलर रहा था. पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद इस समय मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है.
लगभग 600 अरब डॉलर से यह गिरते-गिरते अब 550 अरब डॉलर के आस-पास आ गया है. रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, फॉरेन करेंसी एसेट ( एफसीए) में गिरावट से विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. समीक्षाधीन सप्ताह में एफसीए 2.51 अरब डॉलर घटकर 489.59 अरब डॉलर रह गया.
डॉलर की बिकवाली
पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार की गिरावट पर एक्सपर्ट ने कहा था कि हालिया गिरावट की मुख्य वजह रिजर्व बैंक द्वारा बड़ी मात्रा में डॉलर की बिकवाली है. रुपए की कमजोरी से निपटने के लिए आरबीआई ने पिछले दिनों यह कदम उठाया जिसका असर मुद्रा भंडार पर दिख रहा है. इस समय भी यह कारण हावी है.
गोल्ड रिजर्व बढ़ा
हालांकि, इस दौरान स्वर्ण भंडार 34 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 38.303 अरब डॉलर पर था. उस समय इसमें 1.339 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई थी. जेफरीज विदेशी मुद्रा समय क्या है ने 6 सितंबर के अपने नोट में कहा था कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है. अब इसमें और गिरावट देखने को मिल रही है.
व्यापार घाटा भी बढ़ रहा
भारत का व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में बढ़कर 124.5 अरब डॉलर हो गया है. एक साल पहले के इसी अवधि में यह 54 अरब डॉलर था. वहीं, भारत का चालू खाते का घाटा (कैड) वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विदेशी मुद्रा समय क्या है के तीन प्रतिशत के भीतर रह सकता है. बीते वित्त वर्ष में यह 1.2 प्रतिशत पर था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को जारी ताजा बुलेटिन में यह अनुमान जताया गया है.
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