2021 में दुनिया भर में प्राकृतिक खतरों से संबंधित 432 विनाशकारी घटनाएं घटित हुई।
G-20 शिखर सम्मेलन : बढ़ता व्यापारिक और भूराजनीतिक तनाव आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम
ब्यूनस आयर्स : व्यापारिक मोर्चे पर बढ़ता तनाव और भू - राजनीतिक तनाव को लेकर सोमवार को जी-20 समूह के वित्त मंत्रियों ने चेतावनी दी कि इससे वैश्विक आर्थिक वृद्धि संकट में पड़ जायेगी. उन्होंने जोखिम टालने के लिए परस्पर बातचीत तेज कर के विश्वास स्थापित करने पर बल दिया है. यहां जी -20 शिखर सम्मेलन के समापन पर जारी बयान में यह बात कही गयी है.
बैठक में वैश्विक स्तर पर व्यापारिक तनाव बढ़ने की आशंका छायी रही, लेकिन बयान में अमेरिका का जिक्र नहीं किया गया है, जो इस समय उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय देशों तथा चीन के साथ व्यापारिक विवाद में उलझा हुआ है. अमेरिका का उल्लेख नहीं होने के बावजूद यह बयान जी-20 के मार्च के बयान की तुलना में व्यापारियों के लिए जोखिम और चेतावनी मजबूत है. उस बयान में इस मुद्दे के उल्लेख से बचा गया था.
व्यापारियों के लिए जोखिम और चेतावनी
अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस: पूर्व चेतावनी से नुकसान 30 प्रतिशत तक हो सकता है कम
2030 तक लोगों के लिए कई खतरों की पूर्व चेतावनी प्रणालियों और आपदा जोखिम की जानकारी और आकलन की उपलब्धता और पहुंच तक वृद्धि करना है
By Dayanidhi
On: Thursday 13 October 2022
हर साल 13 अक्टूबर को आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह दिन आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता और जीवन, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को दूर करने में हुई प्रगति को पहचानने का एक मौका है।
हर साल, यह दिन दुनिया भर में उन लोगों और समुदायों को सम्मानित करने का है जो आपदाओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता को कम करने और उनके सामने आने वाले खतरों को कम करने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
विनाशकारी मौसम की घटनाओं और अन्य प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के जवाब में आपदा लचीलापन के लिए आधिकारिक विकास सहायता के साथ-साथ क्षमता निर्माण के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है।
अमेरिका ने चीन को उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करने पर दी चेतावनी
- नई दिल्ली,
- 06 जुलाई 2017,
- (अपडेटेड 07 जुलाई 2017, 9:38 PM IST)
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत ने चीन को चेताया है. उन्होंने कहा कि अगर वह उत्तर कोरिया के साथ व्यापार कर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन करता है. इससे वह अमेरिका के साथ अपने वृहद व्यापार को लेकर एक तरह से जोखिम उठाएगा.
प्योंगयांग द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में निक्की हेली ने अपने कठोर भाषण में यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि यह दुनिया और ज्यादा खतरनाक बन गई है. अमेरिका अपने विशाल सैन्य बलों का व्यापारियों के लिए जोखिम और चेतावनी इस्तेमाल खुद की और अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए करेगा, लेकिन व्यापार को तरजीह देता रहेगा.
मौसम संगठन की चेतावनी - व्यापारियों के लिए जोखिम और चेतावनी अभूतपूर्व जोखिम की ज़द में हैं समुद्र
संयुक्त राष्ट्र के मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन ने दुनिया भर के समुद्रों को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जीवन रक्षक निगरानी प्रणालियों और पूर्व चेतावनी देने वाली सेवाओं में, कोविड-19 महामारी के कारण जो व्यवधान आया है, उन्हें फिर से मुस्तैद बनाए जाने की ज़रूरत है, ताकि तटवर्ती इलाक़ों में रहने वाले और जोखिम का सामना करने वाले समुदायों की रक्षा की जा सके.
विश्व मौसम संगठन (WMO) ने सतर्क करते हुए कहा है कि वर्ष 2020 में, गर्म समुद्रों ने अटलांटिक में रिकॉर्ड तूफ़ानों वाले मौसम के लिये अनुकूल हालात बनाए. इसके अलावा, हिन्द महासगार और दक्षिण-प्रशान्त महासगर में, गहन उष्णकटिबन्धीय तूफ़ानों को बल मिला.
विशाल नील अर्थव्यवस्था
यूएन मौसम एजेंसी के अनुसार समुद्रों के सहारे चलने वाली नील अर्थव्यवस्था का वार्षिक आकार तीन से छह ट्रिलियन डॉलर है, जोकि विश्व व्यापार का तीन चौथाई से भी ज़्यादा है.
नील अर्थव्यवस्था से, दुनिया के लगभग छह अरब लोगों की आजीविका चलती है.
संगठन ने कहा है कि तेज़ रफ़्तार वाली हवाओं, विशाल लहरों, धुन्ध व कोहरे, गड़गड़ाहट वाले तूफ़ानों, समुद्री बर्फ़ जैसी चरम मौसम घटनाओं के कारण, हर साल करोड़ों डॉलर के सामान और सैक़ड़ों लोगों की जानों का नुक़सान होता है.
यूएन एजेंसी ने ध्यान दिलाते हुए कहा है कि समुद्र, वातावरण में ज़रूरत से ज़्यादा मात्रा में मौजूद गर्मी की सोखते हैं, जोकि वहाँ ग्रीन हाउस गैसों के कारण फँसी होती है.
लेकिन इसका गम्भीर परिणाम इस रूप में है कि समुद्रों में गर्मी होने और उनमें रसायनिक बदलाव होने के कारण, पहले ही समुद्री पारिस्थिकि तन्त्र में व्यवधान उत्पन्न हो गया है, समुद्रों पर निर्भर रहने वाले लोगों पर भी इसका गम्भीर प्रभाव हुआ है.
जोखिम निगरानी
मंगलवार, 23 मार्च को, विश्व मौसम विज्ञान दिवस के मौक़े पर, संगठन ने, ना केवल ज़मीन पर बल्कि समुद्र में भी, जान-माल की हिफ़ाज़त करने के व्यापारियों के लिए जोखिम और चेतावनी लिये, रात-दिन काम करने वाले राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय, मौसम केन्द्रों की भूमिका को रेखांकित किया है.
संगठन ने कहा है कि मौसम का पूर्वानुमान लगाने के बारे में, सटीकता और सामयिकता में सुधार आया है, इसके बावजूद, आधुनिक टैक्नॉलॉजी के अभाव वाले जहाज़ और नावें, अक्सर इस महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित रह जाते हैं.
संगठन ने आगाह करते हुए कहा है कि समुद्रों में निगरानी करने वाली क्रान्तिकारी प्रगति के बावजूद, वैश्विक समुद्री निगरानी प्रणाली में, अब भी बड़े भौगोलिक व शोध अन्तर बने हुए हैं. जबकि पूर्वानुमान व अन्य सेवाओं की माँग में, तेज़ी से बढ़ोत्तरी हुई है.
कोविड-19 महामारी ने, स्थिति को उस समय और भी ज़्यादा गम्भीर बना दिया जब, मार्च 2020 में, देशों की सरकारों और समुद्री विज्ञान संस्थानों ने, लगभग सभी समुद्री शोध परिवहन-साधनों को वापिस बुला लिया था.
यह हैं वे 5 एंट्री रूल्स
भारत आने वाले हर इंटरनेशनल पैसेंजर को स्वघोषणा फॉर्म भरना होगा और निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट दिखानी होगी. यदि वे इन दो शर्तों व्यापारियों के लिए जोखिम और चेतावनी में से किसी को भी पूरा नहीं करते हैं तो भारत में प्रवेश नहीं कर सकेंगे.
दक्षिण अफ्रीका जैसे 'जोखिम वाले' देशों ('at-risk' nations)से आने वाले यात्रियों को भारत पहुंचने के बाद RT-PCR टेस्ट के लिए सैंपल देना होगा. पॉजिटिव पाए किसी भी शख्स का क्वारंटाइन किया जाएगा और उसका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा.
जोखिम वाले देशों के जिन लोगों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव होगी, उन्होंने भी घर में सात दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा. आठवें दिन उनका फिर टेस्ट किया जाएगा.
ऐसे देशों से आ रहे लोगों को भी, जिन्हें जोखिम वाले देशों की श्रेणी में नहीं रखा गया है, रैंडम सैंपलिंग से गुजरना होगा. किसी का सैंपल पॉजिटिव आने की स्थिति में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा जाएगा और उसे क्वारंटाइन किया जाएगा.
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