राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान की परीक्षण सेवाओं का वित्तीय पूर्वानुमान मूल्यांकन आईएसओ / आईईसी 17025 : 2005 की आवश्यकताओं के अनुसार नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मान्यता बोर्ड द्वारा परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए और दिनांक 23 जून 2006 से मान्य है। एनएबीएल में एपीएलएसी (एशिया प्रशांत प्रयोगशाला मान्यता सहयोग) के साथ एक एमआरए (म्यूचुअल रिकग्निशन व्यवस्था) है और इसके अंतर्गत आईएलएसी (अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला मान्यता सहयोग) के साथ एक एमआरए किया है।

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वित्तीय योजना में एक मास्टर कराधान, पेंशन और सेवानिवृत्ति, कानून, निवेश या बीमा में कैरियर के लिए छात्रों को तैयार करता है. यह छात्रों को निजी वित्तीय या निवेश सलाह प्रदान करने के लिए अनुमति देगा.

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वित्तीय पूर्वानुमान

हम, राष्ट्रीय पवन ऊर्जा वित्तीय पूर्वानुमान संस्थान के एक अभिन्न अंग के रूप में, पवन ऊर्जा क्षेत्र में अपने मूल्यवान ग्राहकों को पवन ऊर्जा टरबाइन के परीक्षण में विश्वसनीय, त्वरित और भरोसेमंद सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

हम, व्यवसाय नैतिकता और गोपनीयता के उच्चतम मानकों के स्तर को बनाए रखेंगे। हमारी पद्धतियाँ और प्रथा पारदर्शी हैं और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं।

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान की परीक्षण इकाई अपनी विशेषज्ञता में निरंतर सुधार करते हुए उत्कृष्ट केंद्र का तकनीकी केंद्र बिंदु बनने का अथक प्रयास करती रहेगी।

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान की परीक्षण इकाई में सभी कर्मियों को आईएसओ / आईईसी 17025: 2005 की आवश्यकताओं के बारे में पूर्ण ज्ञान है और सभी इन मानकों की वित्तीय पूर्वानुमान आवश्यकताओं का परिश्रमपूर्वक पालन करते हैं और लगातार अपने तकनीकी कौशल को अद्यनित करते रहते हैं।

एसएंडपी ने भारत का वृद्धि पूर्वानुमान घटाकर 7.3 फीसदी किया, महंगाई बनी चिंता की बड़ी वजह

Published: May 18, 2022 2:38 PM IST

India GDP growth Rate

India GDP Growth Rate: वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि के वित्तीय पूर्वानुमान वित्तीय पूर्वानुमान पूर्वानुमान को पहले के 7.8 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है, ऐसा बढ़ती मुद्रास्फीति और रूस तथा यूक्रेन के बीच लंबी खिंचती लड़ाई के मद्देनजर किया गया है. एसएंडपी ने अपनी ‘ग्लोबल मेक्रो अपडेट टू ग्रोथ फोरकास्ट्स’ में कहा कि मुद्रास्फीति का लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बना रहना चिंता का विषय है, ऐसे में केंद्रीय बैंकों को दरों में वृद्धि करना पड़ती है और उत्पादन तथा रोजगार पर बुरा असर पड़ता है.

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पिछले वर्ष दिसंबर में इस रेटिंग एजेंसी ने 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.8 फीसदी लगाया था. अब इसे चालू वित्त वर्ष (2022-23) में घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया गया है. अगले वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया गया है.

एसएंडपी ने कहा, ‘‘पिछले पूर्वानुमान के बाद से हमारे वित्तीय पूर्वानुमान पूर्वानुमान के प्रति जोखिम बढ़ गया है और यह वित्तीय पूर्वानुमान मजबूती से नीचे की ओर बना हुआ है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लंबा खिंचने की आशंका है जिससे जोखिम बढ़ा है.’’

अनुमान है कि 2021-22 में भारत की जीडीपी वृद्धि 8.9 फीसदी रही.

एसएंडपी के वित्तीय पूर्वानुमान मुताबिक चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 फीसदी रह सकती है.

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तथा जिंसों की बढ़ती कीमतों के कारण कई वैश्विक एजेंसियों ने भारत की वृद्धि का पूर्वानुमान घटाया है.

गौरतलब है कि विश्व बैंक ने अप्रैल में भारत की जीडीपी का पूर्वानुमान 8.7 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी कर दिया था जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 9 फीसदी से घटाकर 8.2 फीसदी और एशियाई विकास बैंक ने 7.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया था. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने वृद्धि पूर्वानुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया था.

कोरोना इफेक्ट: S&P ने वित्त वर्ष 2021 के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाया

कोरोना की वजह से धीमी होगी जीडीपी ग्रोथ (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2020,
  • (अपडेटेड 23 मार्च 2020, 5:43 PM IST)
  • एसऐंडपी ने घटाया भारत के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
  • एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 के अनुमान में भारी कटौती की
  • एसऐंडपी ने सिर्फ 5.2 फीसदी बढ़त का अनुमान लगाया
  • कोरोना के असर की वजह से अनुमान में की गई कटौती

वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (S&P) वित्तीय पूर्वानुमान ने भारत के वित्त वर्ष 2020- 21 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि पूर्वानुमान में भारी कटौती की है. एसऐंडपी ने इस घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है. इससे पहले एजेंसी ने 6.5 फीसदी बढ़त का अनुमान जारी किया था.

कॅनडा वित्तीय विश्लेषण - कॅनडा वित्तीय विश्लेषण वित्तीय विश्लेषण प्रोग्राम

एमएससी मास्टर ऑफ साइंस के लिए खड़ा है. यह राष्ट्रों की एक विस्तृत संख्या में विश्वविद्यालयों द्वारा दिए गए एक स्नातकोत्तर शैक्षिक मास्टर की डिग्री है. डिग्री आम तौर पर सामाजिक विज्ञान में कभी कभी विज्ञान में अध्ययन के लिए और है.

वित्तीय विश्लेषण एक व्यापार के पिछले प्रदर्शन को समझने और भविष्य के वित्तीय स्वास्थ्य में पेश किया जाता है। एक फर्म की वित्तीय स्थिति का निर्धारण अक्सर एक जटिल उपक्रम, वित्तीय बयान के कई प्रकार के अध्ययन शामिल है।

कनाडा आप एक इंटरैक्टिव व्यक्ति हैं तो अपनी वित्तीय पूर्वानुमान उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा देश है. लगभग हर जातीय समूह कनाडा इस प्रकार यह 'सा बहुसांस्कृतिक समाज में प्रतिनिधित्व किया है. भाषा बाधा कनाडा भाषा प्रशिक्षण में दुनिया 'नेता माना जाता है के रूप में विदेशी छात्रों के लिए एक मुद्दा नहीं है.

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