Cryptocurrency और Digital Rupee में क्‍या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्‍तेमाल तो आपको क्‍या होगा फायदा?

अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी को टक्‍कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों को परखेगा और पूरी तरह से आश्‍वस्‍त होने के बाद इसके इस्‍तेमाल को शुरू किया जाएगा.

RBI ने अभी इसे होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी किया है और इसे होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट नाम दिया है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्‍टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्‍लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्‍टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्‍टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात ये है कि क्रिप्‍टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्‍य संस्‍था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्‍टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है.


डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्‍टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्‍यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है और यह पूरी तरह क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्‍कत आने पर वित्‍तीय संस्‍थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्‍टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.

Cryptocurrency और Digital Rupee में क्‍या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्‍तेमाल तो आपको क्‍या होगा फायदा?

अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी को टक्‍कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों को परखेगा और पूरी तरह क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे से आश्‍वस्‍त होने के बाद इसके इस्‍तेमाल को शुरू किया जाएगा.

RBI ने अभी इसे होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी किया है और इसे होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट नाम दिया है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्‍टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्‍लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्‍टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्‍टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे ये है कि क्रिप्‍टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्‍य संस्‍था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्‍टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है.


डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्‍टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्‍यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्‍कत आने पर वित्‍तीय संस्‍थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्‍टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.

Cryptocurrency Investment: कितना सच है क्रिप्टोकरेंसी से एक झटके में अमीर बनने का सपना? फायदा होगा या नुकसान

Cryptocurrency Investment क्रिप्टोकरेंसी ने निवेश के लिए एक नया बाजार बनाया है। बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्राओं के दाम 20000 डॉलर पहुंचने के साथ ही क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के लिए पैसा बनाने का आकर्षक जरिया बन गई है। लेकिन एक रातों-रात अमीर बनने का यह सपना कितना सच है?

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के लिए निवेश का बहुत ही आकर्षक विकल्प बन रही है। नए निवेशक क्रिप्टोकरेंसी की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। ज्यादातर निवेशक इसकी चमक-दमक से अधिक प्रभावित हो रहे हैं।

लेकिन चूंकि यह निवेश का एक नया तरीका है और इसका कोई निश्चित ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है तो क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे ऐसे में यह जान लेना बहुत जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसमें निवेश करने से पहले आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे चाहिए?

Private Investment In India Is Increasing Rapidly- Nirmala Sitharaman

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश

समझने वाली पहली महत्वपूर्ण बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय प्रणालियों और निवेश के आम तौर-तरीकों से काफी अलग है। हमारे देश में निवेश संबंधी तमाम नियम जो सुरक्षा प्रदान करते हैं, वह क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित व्यापार में हासिल नहीं होती, क्योंकि इन करेंसी के एक्सचेंज वर्चुअल होते हैं। शेयर बाजार में निवेश करते समय आपको पता होता है कि आप किसके साथ काम कर रहे हैं, आपका पैसा कहां जा रहा है या आपको बदले में क्या मिल रहा है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के निवेश में आपको ये सारी सहूलियत नहीं होती।

RBI Governor Warns About Private Cryptocurrencies, See Full Details

इसलिए अगर आप क्रिप्टो में निवेश करने जा रहे हैं तो इस बात पर लगातार नजर रखें कि क्रिप्टो मार्केट में क्या हो रहा है। आए दिन फंड घोटाले की खबरों को देखते हुए आपको इसकी जानकारी होनी बहुत जरूरी है। क्रिप्टो में निवेश से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि जिस निवेश विशेषज्ञ के साथ आप काम कर रहे हैं, वह पंजीकृत है। निवेश करने या न करने का निर्णय भावना में क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे बहकर न लें।

how to avoid atm frauds while withdraw money (Jagran File Photo)

स्कैम का कितना है खतरा

स्कैम की दुनिया के खिलाडियों को क्रिप्टो बहुत पसंद हैं, इसलिए धोखाधड़ी का गंभीर खतरा है। इससे सावधान रहें। नए लोग, जिनके पास अधिक जानकारी नहीं होती, वे स्कैमर्स के झांसे में आसानी से आ जाते हैं। जब किसी विशेष निवेश उत्पाद के बारे में बहुत अधिक चर्चा होती है, तो मंझे हुए व्यापारी ग्राहक से यह कहते हैं कि "हर कोई इसे खरीद रहा है"। यही हाल क्रिप्टो का है। बहुत सारी क्रिप्टोकरेंसी हैं जो वास्तविक नहीं हैं। जालसाजों ने क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र में लाभ की संभावना देखी है और उन्होंने लोगों के पैसे चुराने के लिए कुछ टोकन बनाए हैं। ये फर्जी डिजिटल टोकन भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

विज्ञापन से प्रभावित न हों

आजकल कई सेलिब्रिटी भी सोशल मीडिया, रेडियो या टेलीविजन पर बिटकॉइन और अन्य टोकन की मार्केटिंग करते हुए नजर आ रहे हैं। आपको सलाह दी जाती है कि पूरी तरह से सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट के आधार पर कोई निवेश निर्णय न लें। किसी सफल निवेशक को आंख मूंदकर फॉलो न करें।

इस मूल्यांकन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आप जिस सिक्के में निवेश कर रहे हैं, वह उन लोगों द्वारा समर्थित है, जो जानते हैं कि यह क्या है। इसे एक बुनियादी परीक्षा मानें। यह आपको एक ऐसी फर्म में निवेश करने से बचने में मदद कर सकती है जो केवल पैसा बनाने में दिलचस्पी रखती है।

जिम्मेदार और यथार्थवादी बनें

क्रिप्टो निवेश पोर्टफोलियो में हो तो सकता है लेकिन इसका जोखिम बहुत अधिक होता है। अपने पोर्टफोलियो का 10-20% क्रिप्टो में लगाएं, लेकिन सुनिश्चित करें कि जोखिम को कम करने के लिए आपके पोर्टफोलियो में विविधता बनी रहे। 1000 फीसद लाभ के चक्कर में न पड़ें। अपने निवेश के बारे में यथार्थवादी बनें ।

ब्लू चिप स्टॉक पर कितना भरोसा

अपने निवेश की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और लचीलेपन को बरकरार रखने के लिए बिटकॉइन, ऐथर, एलटीसी जैसे ब्लू चिप स्टॉक से चिपके रहें। आईसीओ नए पेनी स्टॉक हैं। यदि आप उच्च जोखिम वाले निवेश का खतरा उठा सकते हैं तो आईसीओ के लिए जा सकते हैं।

अगर खुद निवेश कर रहे हैं, तो याद रखें.

आपकी पर्सनल कुंजी निजी ही रहनी चाहिए। उसे किसी के साथ साझा न करें। प्रतिष्ठित एक्सचेंजों और पर्स का प्रयोग करें। अपने लाभ और हानि को ट्रैक करें। चूंकि क्रिप्टो वैश्विक करेंसी है और अभी तक 'वास्तविक निवेश' के रूप में इसकी पहचान नहीं की गई है, इसलिए इसका कोई भी स्वरूप आभासी हो सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी स्पेस आपको आकर्षक जरूर लग सकता है, लेकिन यह एक बहुत ही अस्थिर निवेश है। इसमें किसी भी समय डाउनफॉल का जोखिम रहता है। सबसे बड़ी बात है कि शुरुआत के बाद इसमें कई तरह के घोटाले और फर्जीवाड़े हो चुके हैं। ऐसे में आप इसमें निवेश तभी करें जब आपके पास इस बाजार की ठीक-ठाक जानकारी हो। अगर आप सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो एसआईपी, म्यूचुअल फंड या शेयर बाजार में जा सकते हैं। उतार-चढ़ाव यहां भी हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी वाली अनिश्चितता नहीं है।

क्रिप्‍टोकरंसी में निवेश से पहले जानें क्‍या हैं इसके जोखिम और फायदे की बात

आप किसी भी समय इसे खरीद सकते हैं। यह स्‍टाक मार्केट की तरह ट्रेडिंग से अलग है।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Cryptocurrency market में निवेश को लेकर लोगों में दिलचस्‍पी बढ़ रही है। दुनिया की सबसे बड़ी Cryptocurrency Bitcoin की एक साल में कीमत 90 फीसद तक बढ़ी है। यह इस समय 60 हजार डॉलर के आसपास चल रही है। जबकि कुछ दिन पहले यह 69 हजार डॉलर पर थी। दुनिया की दूसरी बड़ी क्रिप्‍टोकरंसी Ether की कीमत 4075 डॉलर है। हालांकि इसमें निवेश से पहले इसके जोखिम और फायदों को समझना जरूरी है।

जानें क्‍या हैं फायदे

जानकारों की मानें तो क्रिप्‍टो करंसी में निवेश के फायदे भी हैं और खतरे भी। मसलन अगर इसमें लंबे समय तक निवेश किया जाए तो यह बेहतर रिटर्न का जरिया बन सकता है। हालांकि ये डिसेंट्रलाइज्‍ड हैं। इसमें सरकारी नियमन का कोई दखल नहीं होता। इसके जरिए निवेशक अपने पैसे पर सीधा अधिकार रखता है। इसमें निवेश के लिए वैश्विक स्‍तर पर पैसा लगाया जा सकता है। आप किसी भी देश के हों, इसमें निवेश कर सकते हैं।

स्‍टॉक मार्केट से अलग

एक और अच्‍छी बात है कि क्रिप्‍टो करंसी में निवेश के लिए कोई समय तय नहीं है। आप किसी भी समय इसे खरीद सकते हैं। यह स्‍टाक मार्केट की तरह ट्रेडिंग से अलग है।

जानें क्‍या है नुकसान

क्रिप्‍टो करंसी में निवेश में जोखिम भी बड़ा है। यह किसी सरकारी या फाइनेंशियल संस्‍थान के नियंत्रण में नहीं है। यह नियमन के दायरे में नहीं आता। इसमें पैसे की सेफ्टी या सुरक्षा की गारंटी नहीं है। इसकी खरीद-फरोख्‍त डिजिटली होती है। इसे हैक किया जा सकता है। अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं तो एक बार अपने वित्‍तीय सलाहकार की राय जरूर लें।

निवेश से पहले क्‍या करें

अगर आप इसमें निवेश करने जा रहे हैं तो यह जान लें कि यह काफी नया है। हर कोई इसमें निवेश नहीं कर सकता। इसके लिए तकनीकी ज्ञान होना जरूरी है। सिस्‍टम को समझना चाहिए। साथ ही इसमें उतार-चढ़ाव का काफी चांस रहता है, जिससे आपका निवेश फंस भी सकता है। ज्‍यादा उतार-चढ़ाव को रोक क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे पाना आम निवेशक के बस के बाहर की बात है।

Tax on Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को लेकर सरकार और सख्त, किया ये बदलाव

क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाए जाने को लेकर सरकार अब पहले से और ज्यादा सख्त हो गई है. इसके लिए उसने वित्त विधेयक-2022 में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव रखा है. पढ़ें ये खबर.

बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी (Photo : Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2022,
  • (अपडेटेड 25 मार्च 2022, 8:17 AM IST)
  • 1 अप्रैल से लागू होना है क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स
  • इस साल के बजट में लगाया क्रिप्टो एसेट पर टैक्स

क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स (Tax on Cryptocurrency) को लेकर सरकार फिलहाल किसी तरह की राहत देने के मूड में नहीं दिख रही है. इसलिए सरकार ने वित्त विधेयक-2022 में कुछ संशोधन करते हुए इसके लिए नियम और कड़े करने का प्रस्ताव रखा है.

कड़े किए क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम
पीटीआई की खबर क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने किसी एक वर्चुअल डिजिटल एसेट में होने वाले फायदे से किसी अन्य डिजिटल एसेट के नुकसान की भरपाई की छूट खत्म करने का प्रस्ताव किया है. सरकार ने लोकसभा सदस्यों को वित्त विधेयक-2022 की जो कॉपियां वितरित की हैं, उसमें इससे जुड़ी धारा से ‘अन्य’ शब्द को हटाने का प्रस्ताव रखा है.

इसे और आसान भाषा में समझें, तो अब क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले किसी निवेशक को वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) के ट्रांसफर पर अगर कोई नुकसान होता है, तो उसे अब इसे किसी अन्य डिजिटल एसेट के ट्रांसफर करने पर होने वाले लाभ से भरपाई करने की छूट नहीं होगी.

वित्त विधेयक में VDA ऐसा कोई कोड, नंबर या टोकन हो सकता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसफर, स्टोर या ट्रेड किया जा सके. VDA में क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबिल टोकन (NFT) शामिल हैं, जो बीते कुछ सालों में लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुए हैं.

बजट में किया टैक्स का प्रावधान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस साल अपने बजट भाषण में क्रिप्टो एसेट्स पर टैक्स लगाने का प्रावधान किया है. ये नियम 1 अप्रैल से लागू होने हैं. इसके हिसाब से क्रिप्टो एसेट्स पर होने वाले लाभ पर सरकार 30% तक का इनकम टैक्स वसूलेगी. इसके अलावा इस पर उपकर और अधिभार की भी वसूली की जाएगी.

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