सेबी ने बदल दिए मार्जिन के नियम, बेचने के दो दिन बाद ही खरीद पाएंगे नए शेयर

ब्रोकर्स का कहना है कि इससे मार्जिन कलेक्शन के तरीके की मुश्किलें बढ़ जाएंगीं. नए नियम से डिलीवरी के बेचने पर मार्जिन को लेकर जताई चिंता जताई जा रही है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 28 Jul 2020 10:09 AM (IST)

सेबी ने मार्जिन के नियम बदल दिए हैं. अब शेयर बाजार में कैश सेगमेंट में भी अपफ्रंट मार्जिन लगेगा. अब इसमें कम से कम 22 फीसदी मार्जिन देना होगा.अब T+2 सेटलमेंट के बाद ही पैसे का इस्तेमाल हो सकेगा. इससे नया सौदा दो दिन बाद ही हो सकेगा. इसका मतलब यह हुआ कि अगर मंगलवार को शेयर बेचा है तो गुरुवार को ही नया सौदा किया जा सकेगा. एनएसई और बीएसई ने शनिवार को इस पर FAQ जारी किया है. मार्जिन के नए नियम चरणों में लागू होंगे. 1 अगस्त से नए नियम लागू होने शुरू होंगे.

ब्रोकर्स ने कहा, नए नियम से बढ़ेगी करेक्शन की मुश्किलें

ब्रोकर्स का कहना है कि इससे मार्जिन कलेक्शन के तरीके की मुश्किलें बढ़ जाएंगीं. नए नियम से डिलीवरी के बेचने पर मार्जिन को लेकर जताई चिंता जताई जा रही है. डिलीवरी वाले शेयरों पर कोई मार्जिन नहीं होना चाहिए. उनका कहना है कि पांच लाख रुपए तक के सौदों पर कोई मार्जिन ना हो. नए नियमों से कैश में वॉल्यूम पर असर पड़ सकता है. कोरोना के कारण छोटे ट्रेडर्स और ब्रोकर पहले से ही परेशान हैं.इससे पहले सेबी ने मार्च सेबी के नए मार्जिन नियम में बाजार में उथल-पुथल पर लगाम लगाने, व्यवस्थित व्यापार और निपटान का काम ठीक कराने लिए नए नियम बनाए थे.

Published at : 28 Jul 2020 10:09 AM (IST) Tags: share business Share Margin Share Market SEBI हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें सेबी के नए मार्जिन नियम बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

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SEBI New Margin Rules in Hindi | Share Market के नए नियम | Buy/Sell

सेबी ने हाल ही मैं कई निवेशकों के नुकसान को देखते हुए अपनी तरफ से SEBI New Margin Rules in Hindi लागु किये है. जिनसे निवेशकों को फायेदा होगा या नुकसान इस बात के बारे में हम इस पोस्ट में जानेंगे साथ ही साथ सेबी के new rules के बारे में भी जानेंगे .

सेबी के रूल्स को जानने से पहले आपको Share Market के rules के बारे में जानकरी होनी चाहिए क्योंकी अगर आपको शेयर मार्किट के रूल्स के बारे में जानकारी नहीं है. तो आपको सेबी के ने नियम समझ नहीं आएंगे और आप और भी ज्यादा confuse हो जायेंगे की क्या करे या नहीं .

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शेयर मार्किट के नियम एक निवेशक के हितों को ध्यान में रख कर बनाये गए है तो अगर आप इनका पालन नहीं करते तो आपको शेयर मार्किट में आपको नुकसान हो सकता है .

लेकिन अगर आप शेयर मार्किट के नियमो का पालन करते है तो आपको शेयर मार्किट में कोई नुकसान नहीं होता. तो अगर आप शेयर मार्किट के ने नियमो के बारे में जानना चाहते है तो उसके लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े .

SEBI New Margin Rules in Hindi

New SEBI Margin Rules in सेबी के नए मार्जिन नियम Hindi के नए Margin नियम के अनुसार आप अपने Demat Account, Trading Account में दी जाने वाली Margin Money का उपयोग तब ही कर पाएंगे जब आपके खाते में margin money का 20% balance पहले से ही उपलब्ध हो.

अगर हम इसे उधाहरण के तौर पर समझे तो मान लीजिये की आपके Demat Account, Trading Account में 1,सेबी के नए मार्जिन नियम 00,000 की Margin Money की limit आपको मिली है. इस अनुसार आप शेयर मार्किट में 1,00,000 रूपए के शेयर खरीद सकते है . लेकिन तब जब आपके खाते में पहले से ही 20,000 रूपए balance हो अन्यथा आप 1,00,000, रूपए के शेयर तो नहीं खरीद पाएंगे .

यहाँ जरूरी नहीं है की आपके सेबी के नए मार्जिन नियम Demat Account, Trading Account में आपको 1,00,000 रूपए की limit मिलती है.

यह limit दरअसल Margin Money कहलाती है. Margin Money क्या है और यह कैसे काम करती है यह जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े

स्‍टॉक ट्रेडर्स का घटेगा जोखिम! आज से 100% मार्जिन के नियम हो रहे हैं लागू, जानें क्‍यों नाराज हैं ट्रेडर्स

SEBI के 100 फीसदी मार्जिन के नियम लागू होने से मार्जिन का फायदा खत्म हो जाएगा.

SEBI के 100 फीसदी मार्जिन के नियम लागू होने से मार्जिन का फायदा खत्म हो जाएगा.

पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) आज से 100 फीसदी मार्जिन के नियम (New Margin Rules) पूरी तरह लागू कर रहा है. अब कैश और फ् . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 01, 2021, 07:23 IST

नई दिल्‍ली. पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) आज से स्‍टॉक ट्रेडर्स (Stock Traders) के लिए नए नियम लागू कर रहा है. इसके तहत आज से 100 फीसदी मार्जिन के नियम (New Margin Rules) पूरी तरह लागू हो रहे हैं. अब कैश और फ्यूचर्स एंड ऑप्‍शंस (Cash and FnO) में पूरा मार्जिन देना होगा. इससे ट्रेडर्स की दुनिया पूरी तरह बदलने वाली है. दरअसल, अब ट्रेडर्स को 100 फीसदी अपफ्रंट मार्जिन देना होगा यानी कैश और एफएंडओ दोनों पर पूरा सेबी के नए मार्जिन नियम मार्जिन देना होगा. साथ ही इंट्राडे ट्रेडिंग (Intra-day Trading) में भी पूरा मार्जिन देना होगा. किसी भी समय मार्जिन घटने पर पेनाल्टी (Penalty) भरनी होगी.

ब्रोकर ज्‍यादा से ज्‍यादा कितना मार्जिन देंगे?
कैश में वैल्‍यू ऐट रिस्‍क मार्जिन (VaR Margin) और एक्‍स्‍ट्रीम लॉस मार्जिन (ELM) का जोड़ यानी 20 फीसदी मार्जिन होगा. ब्रोकर 5 गुना से ज्यादा मार्जिन नहीं दे सकेगा. फ्यूचर्स एंड ऑप्‍शंस में स्‍पैन एक्‍सपोजर मार्जिन (Span Exposure Margin) लगेगा. अब एफएनओ में इंट्राडे में भी नॉर्मल मार्जिन लगेगा. एक तरह से मार्जिन इंट्राडे स्‍कवायर ऑफ प्रोडक्ट (MIS Product) का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.

जोखिम घटने पर भी नाराज हैं क्‍यों ट्रेडर्स?
सेबी ट्रेडर्स का जोखिम घटाने के लिए 100 फीसदी मार्जिन का नियम लागू कर रहा है. दरअसल, कई ब्रोकर इंट्राडे में 50 गुना तक मार्जिन देते थे. इसके सेबी के नए मार्जिन नियम अलावा ब्रैकेट या बास्केट ऑर्डर के जरिये भारी मार्जिन देते थे. भारी मार्जिन से ट्रेडर का जोखिम बढ़ता है. यहां तक कि ब्रोकर्स के डिफॉल्ट होने का खतरा भी रहता है. हालांकि, इन नियमों के लागू होने से मार्जिन का फायदा खत्म हो जाएगा. ट्रेडर्स कम पैसे में बड़ी पोजिशन नहीं ले पाएंगे. नए नियमों से ट्रेडिंग के वॉल्यूम पर असर पड़ सकता है. वॉल्यूम घटने से लिक्विडिटी पर असर पड़ सकता है. ट्रेडिंग में स्लिपेज बढ़ने का खतरा भी है. इसलिए ट्रेडर्स नए नियमों को लेकर नाराज हैं.

ऑप्शंस ट्रेडर्स पर क्‍या पड़ेगा असर?
पूंजी बाजार नियामक ने पिछले साल नए नियम लागू किए थे. नेकेड ऑप्शन सेलिंग में मार्जिन बढ़ा दिया था. हेज्ड पोजिशन पर मार्जिन में भारी कमी की गई है. हेज्ड पोजिशन पर जोखिम घटने का फायदा मिला है. सेलर आउट ऑफ द मनी ऑप्शन (OTM Options) खरीदकर मार्जिन घटा सकते हैं. नए नियमों के लागू होने से ऑप्‍शंस में ट्रेडिंग करने वालों पर कोई असर नहीं पड़ेगी.

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शेयर मार्केट ट्रेडिंग करते हैं तो ध्‍यान दें, 1 जुलाई से बदल रहे हैं नियम, बिना टैगिंग के नहीं बेच सकेंगे शेयर

शेयर मार्केट ट्रेडिंग करते हैं तो ध्‍यान दें, 1 जुलाई से बदल रहे हैं नियम, बिना टैगिंग के नहीं बेच सकेंगे शेयर

यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं और आपका अकाउंट है तो यह खबर आपके काम की है। अब जुलाई से इसके नियम बदलने जा रहे हैं। सेबी ने डीमैट खातों की टैगिंग लागू करने के लिए दलालों को 30 जून तक का समय दिया है। यदि खाते 1 जुलाई से बिना टैग वाले रहते हैं, तो इन खातों से किसी भी नई खरीदारी की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, कॉरपोरेट कार्रवाई के परिणामस्वरूप शेयरों को श्रेय दिया जाएगा। जिन खाताधारकों के खाते बिना टैग के रहेंगे, वे भी अपने खातों से शेयर नहीं बेच सकेंगे।

एक्सचेंज और डिपॉजिटरी को 1 जुलाई और 1 अगस्त को अपनी अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को कहा कि स्टॉक ब्रोकरों के सभी डीमैट खाते, जो बिना टैग के हैं, उन्हें जून के अंत तक उचित रूप से टैग करने की आवश्यकता है। 1 जुलाई से बिना टैग वाले किसी भी डीमैट खाते में प्रतिभूतियों को जमा करने की अनुमति नहीं होगी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि हालांकि कॉरपोरेट कार्यों के कारण क्रेडिट की अनुमति होगी।

बैंक और डीमैट खातों की टैगिंग उस उद्देश्य को दर्शाती है जिसके लिए उन बैंक/डीमैट खातों का रखरखाव किया जा रहा है और ऐसे खातों की स्टॉक एक्सचेंजों/डिपॉजिटरी को रिपोर्ट करना। सेबी ने आगे कहा कि अगस्त से बिना टैग वाले किसी भी डीमैट खाते में प्रतिभूतियों के डेबिट की भी अनुमति नहीं होगी।

स्टॉक ब्रोकर को 1 अगस्त से ऐसे डीमैट खातों को टैग करने की अनुमति देने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों से अनुमति लेनी होगी और बदले में एक्सचेंजों को अपनी आंतरिक नीति के अनुसार जुर्माना लगाने के बाद दो कार्य दिवसों के भीतर इस तरह की मंजूरी देनी होगी।

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वर्तमान में, स्टॉक ब्रोकरों को केवल पांच श्रेणियों के तहत डीमैट खातों को बनाए रखने की आवश्यकता होती है - मालिकाना खाता, पूल खाता, क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज, क्लाइंट सिक्योरिटीज मार्जिन सेबी के नए मार्जिन नियम प्लेज अकाउंट और क्लाइंट सिक्योरिटीज मार्जिन फंडिंग अकाउंट के तहत। नियमों के तहत, स्टॉक ब्रोकर के मालिकाना डीमैट खातों को 'स्टॉक ब्रोकर प्रोपराइटरी अकाउंट' के रूप में नामित करना स्वैच्छिक है और जिन खातों को टैग नहीं किया गया है, उन्हें मालिकाना माना जाएगा।

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एक नजर में समझें

- सेबी ने डीमैट खातों पर नियम सख्त किए। प्रोकर को अब डीमैट खातों को वर्गीकृत करना होगा और उसका उद्देश्य बताना होगा।

- डीमैट खातों की टैगिंग 30 जून तक पूरी करनी होगी।

- 1 जुलाई से बिना टैग वाले डीमैट खातों में शेयर नहीं जोड़े जा सकेंगे।

- कॉर्पोरेट कार्रवाई के संबंध में शेयरों में वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं।

- 1 अगस्त से बिना टैग वाले खातों से शेयरों की बिक्री नहीं की जा सकी।

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- एक्सचेंज और डिपॉजिटरी को अपनी अनुपालन रिपोर्ट 1 जुलाई और 1 अगस्त तक जमा सेबी के नए मार्जिन नियम करनी होगी।

5 श्रेणियां जिनमें डीमैट खाते खोले जाते हैं

- मालिकाना खाता - स्व व्यापार के लिए

- पूल खाता - बस्तियों के लिए।

- ग्राहक की अवैतनिक प्रतिभूतियाँ - ग्राहक के अवैतनिक शेयरों के लिए

- ग्राहक प्रतिभूतियां मार्जिन प्रतिज्ञा - सेबी के नए मार्जिन नियम मार्जिन के लिए ग्राहक शेयरों को गिरवी रखना

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- मार्जिन फंडिंग के तहत क्लाइंट सिक्योरिटीज - ​​मार्जिन सिक्योरिटीज के लिए फंडेड सिक्योरिटीज

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