शीबा इनु कॉइन क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है (Future of Shiba Inu Coin in Hindi) 2022

दोस्तों पूरी दुनिया में जितनी भी क्रिप्टो करेंसी के इन्वेस्टर है उन सभी लोगो को बहुत अच्छे से पता है की shiba coin एक मीम कॉइन है लेकिन इसकी कमोडिटी इतनी मजबूत है जिसकी वजह से हर एक क्रिप्टो करेंसी का इन्वेस्टर shiba coin में इन्वेस्ट करना चाहता है और जितने भी क्रिप्टो करेंसी के नए इन्वेस्टर है वो भी shiba coin में इन्वेस्ट करना चाहते है तो आखिर जानते है की शीबा इनु कॉइन क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है-

Table of Contents

शीबा इनु कॉइन क्या है (what is shiba Inu coin in hindi)

shiba Inu coin भी bitcoin की तरह एक क्रिप्टो करेंसी है जो decentralized करेंसी है जिसे अगस्त 2020 में लाँच किया गया है इसका कोड नाम SHIB है इस coin को शीबा टोकन के नाम से भी जाना जाता है shiba coin को अनजान व्यक्ति द्वारा बनाया गया था shiba coin भी dogecoin की तरह एक meme coin है. shiba coin अन्य क्रिप्टो करेंसी से थोड़ी अलग है क्योकि इसमें Multiple coin खरीद सकते है और बाकि क्रिप्टो में ये अनुमति प्राप्त नहीं होती है. आपको बता दे की shiba coin का नाम जापानी कुत्ते के नाम पर रखा गया है.

शीबा इनु कॉइन क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है (Future of Shiba Inu Coin in Hindi)

जिस तरीके से dogecoin coin को एलोन मस्क ने अपने ट्विटर के जरिये dogecoin के जिक्र किया तो dogecoin काफी तेज़ी इसकी वैल्यू बढती गयी और top 5 क्रिप्टो करेंसी में dogecoin का नाम आता है ठीक उसी प्रकार shiba Inu coin की हाईक मार्केट में बन चुकी है जिन्हें क्रिप्टो के बारे में कुछ भी नहीं पता वो भी shiba coin में इन्वेस्ट कर रहा है shiba coin एक मीम कॉइन नहीं रह गया बल्कि ये बहुत बड़ा इकोसिस्टम बन चूका है.

क्रिप्टो एक्सपर्ट का कहना है की shiba coin आने वाले समय में इसकी किम्मत में बहुत बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है जिस तरह इसकी किम्मत बड रही है आने वाले कुछ दिनों में यह कॉइन 1 रूपए के बराबर हो जायेगा और 2030 से पहले इसकी किम्मत 1 डॉलर से भी ज्यादा हो सकती है दोस्तों shiba coin जब 1 रूपए तक पहुच जायेगा तब इसकी मार्केट Capitalization 300 बिलियन डॉलर तक हो जाएगी लेकिन इसकी किम्मतो को लेकर कहना थोडा मुस्किल होगा की इस कॉइन की भविष्य में वैल्यू क्या होगी लेकिन अगर आप इस coin में लम्बे समय के लिए निवेश करते है तो यह कॉइन अच्छे रिटर्न दे सकता है.

FAQ :

Q: शीबा कॉइन की कीमत क्या है?

Ans: shiba coin की वैल्यू तेज़ी से बढती हुयी अभी इसकी किम्मत 0.003244 रुपये के आसपास होती रहती है और shiba coin 2.06 फीसदी की तेजी से इसकी किम्मत बड रही है.

Q: सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है?

Ans: सबसे सस्ती क्रिप्टोकरंसी Shiba Coin ही है जिसकी कीमत क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 INR ₹0.002390 है.

Q: शीबा इनु सिक्का कब लॉन्च हुआ था?

Ans: Shiba Inu टोकन यानी की सिक्के की शुरुआत अगस्त 2020 में की गई थी.

Q: क्या शीबा इनु का सिक्का $1 तक पहुंचेगा?

Ans: शीबा इनु का सिक्का साल 2022 के अंत तक 1 रुपये तक पहुंच जाएगा.और कई विशेषज्ञों का कहना है कि 2030 तक शीबा इनु का सिक्का $1 तक पहुंच सकता है जिसका मतलब है कि भविष्य में यह क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 सिक्का आपको भारी रिटर्न दे सकता है.

Q: शीबा इनु कॉइन कितने है?

Ans : शीबा इनु कॉइन 1,000,000,000,000,000 SHIB टोकन शीबा है

2023 Top 10 Cryptocurrency: नए साल में ये 10 क्रिप्टोकरेंसी कर सकती हैं मालामाल!

2023 Top 10 Cryptocurrency: नए साल में ये 10 क्रिप्टोकरेंसी कर सकती हैं मालामाल!

पिछले कुछ महीनों में Crypto मार्केट ने बडे़ उतार-चढ़ाव देखे हैं। निवेशक क्रिप्टो को लेकर दुविधा में हैं। ऐसे में कुछ ऑप्शंस हैं जो आने वाले साल में फायदे का सौदा बन सकती हैं। अगर आप भी एक क्रिप्टो निवेशक हैं और 2023 में क्रिप्टो में किस्मत आजमाना चाह रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। हम आपको यहां पर क्रिप्टो वर्ल्ड के कुछ ऐसे कॉइन बताने जा रहे हैं जो नए साल 2023 में आपको बड़ा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।

Cardano
कार्डानो भी एक स्टेबल क्रिप्टो ऑप्शन माना जाता है। यह इस वक्त सबसे तेजी से ग्रो करने वाली क्रिप्टोकरेंसीज में से एक है। इसका खास फीचर है इसको माइन करने में ज्यादा एनर्जी का इस्तेमाल नहीं होता है। कम कीमत में निवेश विकल्पों के लिहाज से यह एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है।

Dogecoin
Dogecoin की कीमत एकदम से उछाल पर आ गई है। अक्टूबर के अंत में एलन मस्क ने जब से ट्विटर को अपने अधिकार में किया है, तब से ही टोकन में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। यहां पर इसकी संभावना भी है कि एलन मस्क आने वाले दिनों में डॉजकॉइन को ट्विटर के लिए पेमेंट ऑप्शन के रूप में भी जोड़ सकते हैं। इसलिए इस टोकन में बड़े मुनाफे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। यह बिटकॉइन को पछाड़ने का दम रखता है।

Dash 2 Trade
यह ERC-20 वेंचर है जिसे D2T भी कहा जाता है। यह क्रिप्टो ट्रेडर्स को कई तरह के ट्रेडिंग टूल्स उपलब्ध करवाता है। इसका पहला और दूसरा प्रीसेल फेज काफी शानदार रहा है, जिसमें से दूसरा प्रीसेल फेज अभी भी जारी है। जल्द ही यह तीसरे राउंड में एंटर करेगा इसलिए लोग जल्दी से इसको खरीद रहे हैं।

IMPT
यह एक नया टोकन है लेकिन इसने क्रिप्टो मार्केट में अपनी एक पहचान स्थापित कर ली है। इसकी यूनीक एप्लीकेशन की बदौलत यह पॉपुलर डिजिटल करेंसी में शामिल है।

RobotEra
RobotEra एक मेटावर्स प्लेटफॉर्म है जो प्राथमिक रूप से इमर्सिव सेटिंग्स पर केंद्रित है। यह एक ऐसा मुफ्त वर्चुअल वर्ल्ड है जिसमें आप जमीन खरीद सकते हैं और इस पर कुछ बना भी सकते हैं। कई मायनों में यह Decentraland और The Sandbox जैसा है।

Calvaria
यह एक गेमप्ले है जो प्ले टू अर्न फॉर्मेट में मौजूद है। इसमें कार्ड्स के साथ अलग-अलग कैरेक्टर हैं। इसके माध्यम से आप रोचक गेम खेल सकते हैं और उन्हें जीतकर कमा भी सकते हैं।

Tamadoge
डिजिटल गेम में पैसा लगाने के लिए यह एक बढ़िया ऑप्शन है। यहां पर प्लेयर्स का पूरा कंट्रोल होता है और वे अपने कम्प्यूटर द्वारा निर्मित पालतू जानवर को कंट्रोल कर सकते हैं। इसे खाना खिला सकते हैं और दूसरी चीजें भी उपलब्ध करवा सकते हैं।

Polkadot
यह एक प्रूफ ऑफ स्टेक क्रिप्टोकरेंसी है जिसे क्रॉस ब्लॉकचेन कम्यूनिकेशन और ट्रांजैक्शन को आसान बनाने के लिए निर्मित किया गया था। यह ब्लॉकचेन के बीच गैप को कम करता है और यूनिफाइड ऑपरेशन उपलब्ध करवाता है।

Polygon
Polygon का इथेरियम हार्डफोर्क वर्जन भी आ चुका है। जिसके आने के बाद इसकी प्राइसिंग को लेकर अनुमान लगाना आसान हो गया है। इसका मकसद मार्केट में टोकन सर्कुलेशन को हद से ज्यादा बढ़ने से रोकना है। जिसके बाद इसकी कीमत भी मार्केट में बढ़ जाती है।

XLM
एक्सएलएम एक ओपन सोर्स डीसेंट्रलाइज्ड पेमेंट नेटवर्क है जो दुनिया के फाइनेंशिअल सिस्टम में नई क्रांति ला सकता है। दुनियाभर में स्टैलर को मनी ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी नेटिव करेंसी ल्यूमन है जो सिक्योर ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शन उपलब्ध करवाती है।

RBI Digital Currency: कैसे काम करेगा ई-रुपया, क्रिप्टोकरेंसी से कितना होगा अलग, जानें पूरी डिटेल

RBI Digital Currency आरबीआई की ओर से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को लेकर एक नोट जारी किया गया है जिसमें ई- रुपया या डिजिटल करेंसी के बारे में जानकारी दी है। केंद्रीय बैंक जल्द ई- रुपया को लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर सकता है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI Digital Currency: आरबीआई की ओर से डिजिटल रुपये (ई-रुपये) को लेकर शुक्रवार को एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया गया है। डिजिटल रुपये का एलान इस वित्त वर्ष के बजट में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था। आरबीआई की ओर क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 से जारी किए गए कांसेप्ट नोट में बताया गया है कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा का परीक्षण करने के लिए सीमित उपयोग के साथ जल्द ही ई- रुपये का पायलट प्रोजेक्ट को लांच करेगा। डिजिटल रुपये के अंतिम रूप पर फैसला पायलट प्रोजेक्ट से मिले फीडबैक के आधार पर ही आरबीआई की ओर से लिया जाएगा।

सीसीआइ ने Google पर Android बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए करोड़ों का जुर्माना लगाया था।

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बता दें, इस कांसेप्ट नोट में टेक्नोलॉजी और डिजाइन के साथ डिजिटल रुपये के उपयोग एवं इसे जारी करने के सिस्टम पर चर्चा की गई है। इसके बाद अब माना जा रहा है कि जल्द लोगों को रुपये का डिजिटल अवतार देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं कि डिजिटल रुपया आम आदमी के लिए कितना उपयोगी साबित होगा।

Air fares skyrocket as travel demand peaks on new year 2023 (Jagran File Photo)

ई-रुपये का क्या होगा इस्तेमाल?

आरबीआई के मुताबिक, रुपये के डिजिटल अवतार के दो वर्जन को लॉन्च किया जाएगा। पहला इंटरबैंक सेटलमेंट के लिए थोक में उपयोग होगा और दूसरा खुदरा के लिए होगा। आरबीआई की ओर से प्रस्तावित इनडायरेक्ट मॉडल के अनुसार, खुदरा ग्राहक अपने बैंक या फिर सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा दिए गए वॉलेट में डिजिटल रुपये को रख सकते हैं।

How to identifty real or fake 500 hundred rupee note

क्रिप्टोकरेंसी से कितनी होगा अलग

ई- रुपये को आरबीआई की ओर से जारी किया जाएगा। इसे सरकारी मान्यता होगी। वहीं, बिटकॉइन के साथ सभी क्रिप्टोकरेंसी का स्वरूप गैर- सरकारी है। हालांकि इसमें बिटकॉइन की तरह ही ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसे आप बिटकॉइन की तरह माइन नहीं कर सकते क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 हैं।

Chanda Kochhar full story of icici bank Videocon loan Scam (Jagran File Photo)

ई-रुपये से लेनदेन

ई- रुपये का डिजिटल अवतार टोकन आधारित होगा। इसका मतलब यह है कि आप जिस व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं, उसकी पब्लिक 'की' के जरिये भेज सकते हैं। ये एक ईमेल आईडी जैसा हो सकता है। आपको पैसे भेजने के लिए प्राइवेट की या पासवर्ड डालना होगा। बता दें, ई- रुपया बिना क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 इंटरनेट के भी कार्य करेगा। हालांकि इस पर विस्तार से जानकारी आनी बाकी है।

Best and Worst perfroming stocks in nifty 2022 (Jagran File Photo)

कितना मिलेगा ब्याज?

आरबीआई के कांसेप्ट नोट में बताया गया है कि ई- रुपये पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा। इसके पीछे का कारण बताते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा कि अगर ये कदम उठाया जाता है, तो बड़ी संख्या में लोग पैसे निकालकर बैंकों से ई-रुपये में बदलने में जुट सकते हैं।

Over 10 lakh e-Shram registrants have registered on NCS portal (Jagran File Photo)

ये देश अपना चुके हैं क्रिप्टोकरेंसी

भारत से पहले दुबई (यूएई) , रूस, स्वीडन, जापान, एस्तोनिया और वेनेजुएला जैसे देश खुद की क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च कर चुके हैं।

नए साल में तबाह हो जाएगा बिटकॉइन! इस बड़े बैंक ने दी चेतावनी

Standard Chartered ने अनुमान लगाया है कि नए क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 साल में बिटकॉइन निवेशकों (Bitcoin Investors) के आंसू और ज्यादा बहा सकता है और इसकी कीमत में 70 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है.

नए साल में तबाह हो जाएगा बिटकॉइन! इस बड़े बैंक ने दी चेतावनी

Bitcoin Price : दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) के लिए नया साल और भी ज्यादा बुरा हो सकता है. दुनिया के बड़े बैंकों में से एक स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered) ने अनुमान लगाया है कि नए साल में बिटकॉइन निवेशकों (Bitcoin Investors) के आंसू और ज्यादा बहा सकता है और इसकी कीमत में 70 क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है. बैंक ने कहा कि साल 2023 में बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin Price) 5 हजार डॉलर के पास आ सकते हैं जो कि मौजूदा समय 17,500 डॉलर के करीब कारोबार कर रहा है.

कितने हो सकते हैं बिटकॉइन के दाम

बैंक के ग्लोबल हेड ऑफ रिसर्च एरिक रॉबर्टसन ने रविवार को एक नोट में लिखा है कि अगले साल लगभग 70 फीसदी यानी कीमत 5 हजार डॉलर तक देखने को मिल सकती है. रॉबर्टसन ने यह भी कहा कि मांग गोल्ड के डिजिटल वर्जन में निवेशकों के शिफ्टी ​होने के कारण बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट आने की संभावना है. जबकि सोने के दाम में 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है. रॉबर्टसन ने कहा कि बिटकॉइन की कीमत में गिरावट की असल वजह इकोनॉमी में उथल—पुथल डिजिटल असेट्स में निवेशकों के विश्वास में कमी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह भविष्यवाणियां नहीं कर रहे है, बल्कि उन सिनेरियो पर विचार कर रहे हैं जो भौतिक रूप से मौजूदा बाजार सहमति से बाहर हैं.

क्रिप्टो मार्केट में अब जबरदस्ती की सेल खत्म

सैम बैंकमैन-फ्राइड के एफटीएक्स एक्सचेंज और सिस्टर ट्रेडिंग हाउस अल्मेडा रिसर्च के पतन के बाद डिजिटल असेट्स के लिए आगे क्या है, इस सवाल का जवाब देना यकीनन कभी कठिन नहीं रहा. इस धमाके की वजह से क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 कंपनियों और बुफे टोकन की कीमतों में गिरावट का खतरा है. फंडस्ट्रैट में डिजिटल एसेट स्ट्रैटेजी के प्रमुख सीन फैरेल ने शुक्रवार को एक नोट में लिखा कि क्रिप्टो मार्केट में अब जबरदस्ती की सेल खत्म हो चुकी है. फैरेल ने डिजिटल करेंसी ग्रुप, संकट में घिरी हुई क्रिप्टो ब्रोकरेज जेनेसिस की मूल कंपनी के आसपास चल रही अनिश्चितता की ओर इशारा किया. ब्रोकरेज को दिवालिया होने से बचाने के लिए जेनेसिस के लेनदार विकल्प तलाश रहे हैं.

गोल्ड को मिल सकता क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 है फायदा

स्टैंडर्ड चार्टर्ड के रॉबर्टसन ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी मार्केट में गिरावट का फायदा गोल्ड की कीमत को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि अगले सालद सोने की कीमत 2,250 डॉलर प्रति औंस देखने को मिल सकती है, जोकि मौजूदा समय में 1850 डॉलर प्रति ओंस से कम है. बीते कुछ दिनों में सोने की कीमत में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है.

एक्सपर्ट्स बोले- 2023 में फ्लॉप होगी अमेरिकी मुद्रा

बिजनेस डेस्कः इस साल महंगाई और ब्याज दरों में लगातार बढ़ौतरी से डॉलर तेजी से मजबूत हुआ लेकिन अब डॉलर की रफ्तार धीमी होने लगी है। यही वजह है कि जो निवेशक पहले डॉलर पर दाव लगा रहे थे। अब उनका रुख बदल गया है। जे.पी. मॉर्गन एसैट मैनेजमैंट और मॉर्गन स्टेनली समेत बड़े ब्रोकरेज हाऊस और निवेशकों का कहना है कि 2023 में अमेरिकी मुद्रा फ्लॉप हो जाएगी। डॉलर की मजबूती का युग समाप्त हो रहा है।

इन इन्वैस्टर्स का मानना है कि कीमतों में गिरावट के कारण बाजार फैडरल क्रिप्टो करेंसी क्या है 2023 रिजर्व के और कड़े होने पर दाव को कम करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। इससे यूरोप, जापान और उभरते बाजारों की मुद्राओं के लिए खरीदारी के अवसर बढ़ सकते हैं।

‘डॉलर में अब एकतरफा खरीदी नहीं होगी’

जे.पी. मॉर्गन एसैट में मेलबर्न के रणनीतिकार केरी क्रेग ने कहा, “बाजार अब फैड के ट्रेजेक्टरी की बेहतर समझ रखते हैं। अब डॉलर में सीधे एक तरफा खरीद नहीं होगी जिसे हमने इस साल देखा है। इससे यूरो और येन जैसी मुद्राओं के ठीक होने की गुंजाइश है।”

दुनिया में रिजर्व करेंसी ट्रेड कैसे की जाए, इस पर बहस तेज हो रही है क्योंकि फैड अधिकारी लगातार मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर तीखी टिप्पणी कर रहे हैं जबकि मुद्रास्फीति की दर धीमी हो रही है, इसलिए जानकार एक समान निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अमेरिकी विशिष्टता घट रही है।

रिकॉर्ड हाई से 6% से ज्यादा गिरा डॉलर इंडैक्स

डॉलर में लंबी अवधि की गिरावट से करेंसी मार्कीट पर व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा और यह आयातित मुद्रास्फीति के कारण यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं के तनाव को कम करेगा, सबसे गरीब देशों के लिए खाद्य खरीद की कीमत कम करेगा और अमेरिकी करेंसी में उधार लेने वाली सरकारों के लिए ऋण चुकौती के बोझ को कम करेगा।

ब्लूमबर्ग डॉलर स्पॉट इंडैक्स के अनुसार अपने सितंबर के उच्च स्तर से डॉलर 6 प्रतिशत से अधिक गिर गया है। साथ ही, पिछले एक महीने में अपने सभी ग्रुप-ऑफ-10 देशों की करेंसी के मुकाबले ग्रीनबैक कमजोर हो गया है।

डॉलर कमजोर हुआ तो सोना होगा महंगा

आमतौर पर डॉलर सोने की कीमतों को कम और नियंत्रण में रखता है, जबकि डॉलर में कमजोरी आने से मांग में वृद्धि के चलते सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं, क्योंकि डॉलर के कमजोर होने पर अधिक सोना खरीदा जा सकता है। जैसा कि डॉलर इंडैक्स नीचे जा रहा है इसलिए गोल्ड के भाव में तेजी आने की संभावना है।

रुपए की सुधरेगी चाल, कम होगी महंगाई

डॉलर की मजबूती रुपए में कमजोरी की सबसे बड़ी वजह होती है। दरअसल डॉलर दुनिया की सबसे बड़ी करेंसी है और जब इसकी मांग बढ़ने लगती है तो बाकी मुद्राओं में गिरावट आना शुरू हो जाती है।डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से इसका सीधा असर आयात-निर्यात जैसी व्यापारिक गतिविधियों पर पड़ता है, क्योंकि दुनियाभर में सबसे ज्यादा कारोबारी भुगतान डॉलर में ही होता है।

इसलिए हर बार जरूरी सामान खरीदने और बेचने के दौरान भुगतान डॉलर में ही किया जाता है। अगर हम सामान बेचते हैं तो फायदे में रहते हैं लेकिन खरीदते हैं तो ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। चूंकि भारत वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात कम और आयात ज्यादा करता है इसलिए रुपए के मुकाबले डॉलर में भुगतान करना महंगा पड़ता है और इससे महंगाई बढ़ती है। अगर आने वाले दिनों में डॉलर कमजोर होता है तो रुपया मजबूत होगा और महंगाई भी कम होने की संभावना रहेगी।

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