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विदेशी मुद्रा भंडार 448 अरब डॉलर के नए शिखर पर

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि जारी है और यह आठ नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.71 अरब डॉलर बढ़कर 447.81 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.5 अरब डॉलर बढ़कर करीब 446.1.

विदेशी मुद्रा भंडार 448 अरब डॉलर के नए शिखर पर

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि जारी है और यह आठ नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.71 अरब डॉलर बढ़कर 447.81 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.5 अरब डॉलर बढ़कर करीब 446.1 अरब डॉलर रहा।

आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि में विदेशी मुद्रा आस्तियों की वृद्धि का मुक्त विदेशी मुद्रा का संकेत मुख्य योगदान है। आलोच्य सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियां 2.17 अरब डॉलर बढ़कर करीब 415.83 अरब डॉलर पर पहुंच गयीं।

इस दौरान स्वर्ण भंडार 44.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 26.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से विशेष आहरण अधिकार 30 लाख डॉलर गिरकर 1.44 अरब डॉलर पर आ गया। कोष के पास आरक्षित भंडार भी 1.7 करोड़ डॉलर कम होकर 3.63 अरब डॉलर पर आ गया।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर मुक्त विदेशी मुद्रा का संकेत पहुंचा

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. The post भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर पहुंचा appeared first on The Wire - Hindi.

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था.

Stacks of one hundred dollar notes are piled up for counting at the headquarters of the Korea Exchange Bank in Seoul February 3, 2009. South Korea

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया. इसका कारण स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

इससे पहले केंद्रीय बैंक ने कहा था कि 28 अक्टूबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.561 अरब डॉलर बढ़कर 531.081 अरब डॉलर हो गया था, जो वर्ष के दौरान किसी एक सप्ताह में आई सबसे अधिक तेजी थी.

एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए केंद्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है.

रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर को समाप्त के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गईं.

डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है.

आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में देश का स्वर्ण भंडार 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है.

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया.

RBI रुपये की रक्षा के लिए समझदारी से विदेशी मुद्रा भंडार का कर रहा उपयोग !

RBI रुपये की रक्षा के लिए समझदारी से विदेशी मुद्रा भंडार का कर रहा उपयोग !

बिजनेस न्यूज डेस्क . भारतीय रुपया, जो कैलेंडर वर्ष 2022 की शुरुआत के बाद से गिर रहा था और कई बार निचले स्तर को छू गया था, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को खर्च करके कई बार विवेकपूर्ण तरीके से बचाव किया है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, केंद्रीय बैंक द्वारा डॉलर की मांग-आपूर्ति के बीच अंतर को भरने के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट को देखते हुए आरबीआई ने पिछले कुछ वर्षो में प्रवाह और बहिर्वाह को बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित किया है। आरबीआई की वेबसाइट से संकलित आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने इस कैलेंडर वर्ष की शुरुआत के बाद से रुपये को मुक्त गिरावट से बचाने के लिए अब तक 94.752 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत के बाद से, इसने 71.768 अरब डॉलर का उपयोग किया है।

26 अगस्त को, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 561.046 अरब डॉलर था, जो 31 दिसंबर, 2021 मुक्त विदेशी मुद्रा का संकेत को 633.614 अरब डॉलर से बहुत कम है। एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, बहिर्वाह वैश्विक रहा है, क्योंकि सभी जोखिम भरी संपत्तियों में इक्विटी सहित बिकवाली देखी गई है। धातु क्षेत्र बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ है, क्योंकि अमेरिका में मंदी के संकेत के साथ-साथ कागज पर मंदी के साथ अमेरिका में बैक टू बैक कम जीडीपी संख्या ने सभी नकदी प्रवाह को डॉलर में स्थानांतरित कर दिया है। मंदी के समय में, उच्च मुद्रास्फीति की संख्या को मात देने के लिए डॉलर सबसे अच्छा दांव है।

त्रिवेदी ने कहा कि इससे पिछले कुछ महीनों में एफपीआई एफआईआई द्वारा बहिर्वाह हुआ है, जिससे रुपया कमजोर हुआ है, लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष की तुलना में रुपये में गिरावट बहुत कम रही है, क्योंकि रुपये में 5 फीसदी, यूरो 10 फीसदी, पाउंड की गिरावट देखी गई है। यूएसडी की तुलना में 11.50 प्रतिशत और जापानी येन में 15 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई। पिछले कुछ महीनों में रुपये में कई मौकों पर गिरावट दर्ज की गई है। 29 अगस्त को, यह मजबूत अमेरिकी मुद्रा और कच्चे तेल की मजबूत कीमतों के कारण अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 80.15 पर आ गया था। रुपये में गिरावट घरेलू चिंताओं के बजाय वैश्विक चिंताओं के कारण है। विश्व स्तर पर, मंदी की चिंता थी, वैश्विक केंद्रीय बैंक की नीतियों और सुरक्षित स्वर्ग की ओर ड्राइव ने अधिकांश मुद्राओं के मुकाबले डॉलर को ऊंचा कर दिया।

परमार ने कहा, विश्व स्तर पर औसत उधार लेने की लागत बढ़ रही है जो जोखिम वाली संपत्तियों के लिए नकारात्मक हो सकती है और निवेशक विदेशों के मुक्त विदेशी मुद्रा का संकेत बजाय घर पर निवेश पसंद करते हैं जो ईएम में प्रवाह को कम कर सकता है। घरेलू स्तर पर, भारत में मेक एंड बाय की खपत के मामले में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा है, लेकिन यह निर्यात है जो आईटी और फार्मा के साथ बढ़त महसूस कर रहा है, क्योंकि अनलॉक के बाद मांग में गिरावट आई है, इसलिए आयात जारी रखा गया है और निर्यात में गिरावट देखी गई है।विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बाजार में भारी बिकवाली कर रहे हैं, हालांकि, जुलाई के अंत के बाद ही वे भारतीय इक्विटी में शुद्ध खरीदार बन गए हैं।

एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक, कर्ज में एफपीआई निवेश 1.59 लाख करोड़ रुपये का नकारात्मक है, जिसमें जून महीने में 50,203 करोड़ रुपये की निकासी हुई, जो इस कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा है। पिछले दो मुक्त विदेशी मुद्रा का संकेत वर्षो में आरबीआई ने बाजार को स्थिर करने के लिए डॉलर खरीदा है जबकि हाल ही में जब एफपीआई इक्विटी और डेट मुक्त विदेशी मुद्रा का संकेत मार्केट में बेच रहे हैं, तो वे जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे ही मुद्रास्फीति की संख्या में गिरावट आएगी, भारतीय त्योहारी सीजन के साथ घरेलू बिक्री और खपत में कमी आने की उम्मीद है। भारत में उत्सव के मौसम में कोविड प्रतिबंधों के लगभग दो साल बाद एक बड़ा प्रवाह देखने को मिलेगा और इस बार इसे बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा।

विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 621 अरब डॉलर के रेकॉर्ड स्तर पर

आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान स्वर्ण भंडार 58.8 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10 लाख डॉलर घटकर 1.551 अरब डॉलर रह गया।

विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 621 अरब डॉलर के रेकॉर्ड स्तर पर

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में रिकार्ड बढ़ोतरी हुई।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6 अगस्त, 2021 को समाप्त सप्ताह में 88.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 621.464 अरब डॉलर के सर्वकालिक रेकॉर्ड स्तर को छू गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अपने ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी।

विदेशी मुद्रा भंडार 30 जुलाई, 2021 को समाप्त सप्ताह में 9.427 अरब डॉलर बढ़कर 620.576 अरब डॉलर हो गया था। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्ति(एफसीए) का बढ़ना था जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है। इस दौरान एफसीए 1.508 अरब डॉलर बढ़कर 577.732 अरब डॉलर हो गया। डॉलर के लिहाज से बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।

आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान स्वर्ण भंडार 58.8 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के पास मुक्त विदेशी मुद्रा का संकेत मौजूद विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10 लाख डॉलर घटकर 1.551 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान आइएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.1 करोड़ डॉलर घटकर 5.125 अरब डॉलर रह गया।

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उधर, अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन, सऊदी अरब, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख बाजारों को परिधान निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने शनिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य में परिधान क्षेत्र की प्रमुख भूमिका होगी।
एईपीसी के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने परिषद की 42वीं सालाना आम बैठक में सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक पश्चिमी बाजार में परिधान निर्यात रफ्तार पकड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जनवरी-मई, 2021 के दौरान अमेरिका को निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 22 फीसद बढ़ा है। शक्तिवेल ने कहा कि उन्होंने सरकार से यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, अमेरिका, आॅस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ मुक्त व्यापार करार को पूरा करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि भारत को प्रमुख विदेशी गंतव्यों में अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में शुल्क के मोर्चे पर कुछ नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, कंबोडिया, तुर्की, पाकिस्तान और श्रीलंका मुक्त विदेशी मुद्रा का संकेत जैसे देशों की तुलना में भारत से यूरोपीय संघ को निर्यात में शुल्क के मोर्चे पर 9.6 फीसद का नुकसान हो रहा है।

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