​उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साड़ योजना से लोग हुए बेहद परेशान हैं। योगी सरकार द्वारा छुट्टा आवारा सांडों को रखने के लिए गौशालाओं का प्रबंध न कर पाने से सांडों का आतंक बढ़ता जा रहा है जिससे प्रदेश वासियों की जान असुरक्षित है। सांडों का आतंक इतना है कि उनकी लड़ाई शुरू होते ही गली मोहल्ले में सन्नाटा छा जाता है, सड़कों पर आवागमन बाधित हो जाती है और लोग भयभीत हो जाते हैं कि लड़ते-लड़ते कहीं सांड महाराज किसी के ऊपर न चढ़ जाएं।

भरतपुर: आवारा सांडों की लड़ाई में एक जख्मी, नगर निगम हुआ पस्त

भरतपुर शहर के गली मोहल्लों में सांडों का आतंक बना हुआ है। शहर के सूरजपोल इलाके में दो सांडों के झगड़े की चपेट में आने से एक बाइक सवार घायल हो गया। इसी तरह जवाहर नगर कॉलोनी में आपस में एक घंटे तक लड़ते रहे सांड लहूलुहान हो गए और रोड जाम हो गया।

सांडों और आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नगर निगम में अलग से बजट भी आवंटित होता है, लेकिन इसके नाम पर अफसरों और ठेकेदार की मिलीभगत से कागजों में ही खानापूर्ति कर पैसा हजम हो जाता है। हकीकत में आवारा पशुओं को पकड़ा नहीं जाता और पकड़ा भी जाता है तो एक स्थान से दुसरे स्थान पर छोड़ दिया जाता है जिससे समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। आए दिन लोग सांडों की लड़ाई में घायल होते रहते हैं। कई लोग तो अपनी जान तक गंवा चुके हैं।

पूरे उत्तर प्रदेश में आवारा सांडों का आतंक जारी, अब अमरोहा में सांड ने किसान को मार डाला

पूरे उत्तर प्रदेश में आवारा सांडों का आतंक जारी, अब अमरोहा में सांड ने किसान को मार डाला

अमरोहा. अमरोहा ढवारसी में खेत पर गए एक किसान पर सांड ने हमला कर दिया जिससे किसान की मौत हो गई. पूरे उत्तरप्रदेश में लगातार आवारा सांडों का आतंक जारी है. जिससे लोगों की जान जा रही है. अब अमरोहा के ढवारसी में आवारा सांडों ने किसान की जान ले ली. किसान की मौत के बाद परिवार के लोगों में कोहराम मच गया.

जानकारी के अनुसार ढवारसी निवासी 60 वर्षीय भूरे सैफी पुत्र मुरादी शनिवार शाम खेत पर गए थे. इस दौरान उन पर आवारा सांड ने हमला बोल दिया. भूरे की मौके पर मौत हो गई. देर शाम तक भी वह घर नहीं लौटे तो छोटा बेटा उस्मान उन्हें देखने के लिए खेत पर गया. मौके पर जाकर देखा तो उसकी चीख निकल गई. शरीर पर जगह-जगह सांड के सींग के घाव थे. उसने फोन पर घटना की जानकारी दी. ग्रामीणों की भीड़ मौके पर एकत्र हो गई। भूरे पर चार बेटे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में आवारा सांड आए दिन किसानों पर हमला बोलते रहते हैं. कई छुट्टा सांडों का आंतक किसान घायल हो चुके हैं. किसानों के पशुओं को भी सांड घायल कर देते हैं. अफसरों से सांड पकड़वाने की गुहार लगाई गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

धनारी में एक युवक और महिला पर सांड ने किया हमला

धनारी थाना क्षेत्र के गांव में पशुओं को चारा लेकर आ रहे एक युवक व महिला पर सांड ने हमला कर दिया. जिससे वह घायल हो गए. सूचना पर पहुंचे परिजन घायलों को उपचार के लिए निजी चिकित्सक के पास ले गए. थाना क्षेत्र के गांव बगढेर निवासी सुनीता अपने परिवार के ही युवक ऋषिपाल के साथ पशुओं को चारा लेने के लिए गुरुवार को खेत पर गई थी. चारा लेकर दोनों घर को वापस आ रहे थे. रास्ते में आवारा सांड ने उन्हें घेर लिया. सांड ने आगे चल रही महिला पर हमला कर दिया. जिससे वह गिर पड़ी. जब ऋषिपाल ने सुनीता पर हमला होते देखा. तब वह उसे बचाने के लिए दौड़ा. सांड उस पर भी हमलावर हो गया. दोनों की चीख पुकार की आवाज सुन आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान दौड़े और उन्होंने लाठी-डंडे फटकार कर सांड को भगाया. सांड के हमले से दोनों घायल हो गए. किसानों ने हादसे की सूचना घायलों के परिजनों को दी. सूचना पर पहुंचे परिजन घायलों को उपचार के लिए नजदीकी निजी चिकित्सक के पास ले गए.

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बच्चों का पार्क, छुट्टा जानवरों के हवाले

बच्चों का पार्क, छुट्टा जानवरों के हवाले

शहर की कॉलोनियों में पार्क तो हैं, लेकिन देखरेख न होने के कारण पार्क बदहाल हैं। कहीं छुट्टा जानवरों ने पार्क में अड्डा बना रखा है तो किसी पार्क को स्थानीय लोगों ने ही कू्ड़ा डालकर डलावघर बना दिया है। ऐसे में कॉलोनी के बच्चे पार्को में खेलने नहीं जाते हैं। कई पार्क तो ऐसे हैं, जहां छुट्टा जानवर, जैसे सांड, गाय, घोड़ा और कुत्तों का आतंक है। इसके कारण पार्क में बच्चे खेलने के लिए ही नहीं जा पाते हैं। कुछ पार्क ऐसे भी हैं जिन्हें कॉलोनी के निवासियों ने ही डलावघर बना दिया है। वह अपने घरों का कूड़ा-कचरा पार्क में डाल देते हैं। इससे बच्चों को खेलने के लिए जगह ही नहीं मिलती है। परेशान बच्चे घर में मोबाइल और टीवी देखकर देखकर समय काटते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने शहर के पार्को को बचाने का कैंपेन शुरू किया है। इसमें राजेन्द्र नगर के आचार्य नरेन्द्र देव पार्क और जनकपुरी के रानी लक्ष्मीबाई पार्क की कहानी बता रहे हैं

आचार्य नरेन्द्र देव पार्क-राजेन्द्रनगर

-पार्क में पोल पर दो लाइट पहले की लगी हैं और 23 लाइट एलईडी लाइट नई लगाई गई थी, लेकिन सभी लाइट खराब हैं

-मेन एंट्री गेट एक साल पहले टूट गया, जिसे एक किनारे रख दिया गया, नहीं हुआ ठीक

-पार्क में छुट्टा जानवरों का आतंक, पार्क में खेलने वाले बच्चों पर अक्सर कर देते हैं हमला, इससे बच्चे खेलने के लिए नहीं आते हैं

-कई लोग सांड के हमले से घायल हो चुके हैं, लोग अकेले घरों के बाहर निकलने से भी डरते हैं

-पार्क में ग्रीनरी भी पानी न लगने से हो रही खराब

-ग्रीनरी को ठीक करने के लिए नहीं आता है कोई माली

-कुत्तों ने पार्क में कर रखी है गंदगी इसीलिए आती है दुर्गंध

-बच्चों को खेलने के लिए सिर्फ दो ही छुट्टा सांडों का आंतक झूले लगे हैं

-पार्क के एक कॉर्नर पर बिजली का ट्रांसफार्मर लगा है उसकी भी बाउंड्री और बैरिकेडिंग तक नहीं की गई है। इससे करंट लगने डर लगा रहता है

रानी लक्ष्मी बाई पार्क-विवेक विहार जनकपुरी

-पार्क को स्थानीय निवासियों ने बना दिया दिया डलावघर, घर छुट्टा सांडों का आंतक से कूड़ा निकालकर पार्क में फेंकते हैं, घर के कांच के बर्तन आदि को भी फेंका

-पार्क के झूले के नाम पर सिर्फ दो झूले हैं

-गंदगी के चलते बच्चे पार्क में नहीं आते हैं खेलने के लिए

-पार्क में माली नहीं आता है, इससे सूख रही ग्रीनरी

-पार्क में बनी बैंच को भी खुराफातियों ने तोड़ दिया

-पार्क में दर्जनभर लाइट लेकिन सिर्फ दो ही लाइटें ठीक हैं

-पार्क में छुट्टा सांडों का आंतक रात को अंधेरा होने से आसपास के निवासियों को भी लगता है डर

-पार्क में लगे इंडिया मार्का हैंडपंप भी खराब, पानी तक की नहीं व्यवस्था

-पार्क में टूटा पड़ा पेड़ अभी तक नहीं हटाया गया

-कॉलोनी में पार्क तो हैं लेकिन इसमें खेलने के लिए मौका ही नहीं मिलता है। पार्क में कुत्ते गंदगी फैला देते हैं और सफाई कर्मचारी पार्क को साफ करने के लिए आता नहीं है। इसीलिए पार्क बदहाल होता जा रहा।

कॉलोनी के पार्क में रातभर अंधेरा रहता है। पार्क में दर्जनों लाइट लगी है। लेकिन जलती एक भी नहीं है। इससे पार्क के आसपास रहने वालों को भी डर लगता है। क्योंकि एक छुट्टा सांड कई लोगों पर हमला कर चुका और कुत्तो को भी आंतक है।

स्कूल से आने के बाद बच्चे घर में बैठकर समय नहीं काट पाते हैं। पार्क में जानवर घूमते रहते हैं इसीलिए बच्चे रोड पर ही खेलते हैं। जब तक बच्चे खेलते हैं तब तक बाहर ही बैठना पड़ता है, क्योंकि कॉलोनी में सांडों को भी आतंक है। बच्चे घर से बाहर न निककं तो मोबाइल पर गेम ख्ोलते हैं।

पार्क की सफाई और लाइट ठीक कराने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा है। जल्द ही पार्क ठीक करा दिया जाएगा। पार्क की समय-समय पर सफाई कराई जाती है। अब पार्क में गदंगी हो गई है तो उसे फिर से साफ करा दिया जाएगा।

आरेन्द्र अरोरा कुक्की, पार्षद वार्ड-50 जनकपुरी

-पार्को को ठीक कराने के लिए काम शुरू कराया जाएगा। पार्को में लाइट लगाई गई, लेकिन खुराफातियों ने उन्हें भी तोड़ दिया। अब उन्हें दोबारा ठीक कराया जाएगा। सफाई और ग्रीनरी भी ठीक करा दी जाएगी।

योगी राज में सांड हुए बेलगाम: साडों की लडाई में अंबेडकरनगर जिले में हो चुके हैं कई लोग घायल

​उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साड़ योजना से लोग हुए बेहद परेशान हैं। योगी सरकार द्वारा छुट्टा आवारा सांडों को रखने के लिए गौशालाओं का प्रबंध न कर पाने से सांडों का आतंक बढ़ता जा रहा है जिससे प्रदेश वासियों की जान असुरक्षित है। सांडों का आतंक इतना है कि उनकी लड़ाई शुरू होते ही गली मोहल्ले में सन्नाटा छा जाता है, सड़कों पर आवागमन बाधित हो जाती है और लोग भयभीत हो जाते हैं कि लड़ते-लड़ते कहीं सांड महाराज किसी के ऊपर न चढ़ जाएं।

अकबरपुर शहर में दिनोंदिन इन सांडों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन अकबरपुर नगर पालिका प्रशासन इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। कुछ दिन पहले शहजादपुर में दरोगा की गाड़ी को सांड ने क्षतिग्रस्त कर दिया था, उसी के 10 कदम दूरी पर महिला सब्जी ले रही थी कि महिला को पीछे से सांड ने धक्का मार दिया जिससे महिला बुरी तरह घायल हो गई है। हाल में ही वी मार्ट से 200 मीटर की दूरी पर एक व्यक्ति फोन से छुट्टा सांडों का आंतक बात ही कर रहा था कि उतने में सांड ने अधेड़ को उठाकर पटक दिया। 13 सितंबर 2018 को शाम 4:00 बजे के करीब अकबरपुर कृषि भारतीय स्टेट बैंक भारत पेट्रोल पंप के बगल 20 से 25 सांडों के झुंड ने एक युवक को दौड़ा लिया जिससे वहां मौजूद लोगों की सांसे थम गई मगर वही हुआ जो खुदा को मंजूर था। “जाको राखो साईंया मार सकै न कोई” यह बात उस समय सच साबित हुई जब पटेल नगर की तरफ से एक युवक अपने कार्य के लिए बाजार जाने के लिए मोटरसाईकिल पर जाने लगा तो सामने से लड़ रहे दो आवारा सांडों ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। घटना के दौरान दोनों सांड उक्त व्यक्ति के उपर से निकल गए लेकिन इस घटना में वह बाल-बाल बच गया जिसके बाद से आस-पास के लोग भी अचंभित हैं।

गौरतलब है कि इससे पूर्व भी एक कार के आगे आवारा सांड के आने से कार सड़क हादसे में बुरी तरह दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी। सांडों के इस आतंक से शहरवासी तो पूरी तरह परेशान हैं लेकिन प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है।

आवारा पशुओ के आंतक से परेशान है नयागांव वासी ।

आवारा पशुओ के आंतक से परेशान है नयागांव वासी ।

नयागांव। नजदीकी क्षेत्र मे आवारा पशुओ से लोगो मे बहुत दहशत फैली हुई है। इन आवारा पशुओ मे सांड सबसे ज्यादा भयानक है। इनका पता नही चलता कब किसी को मार दें। ये सांड आवारा गायो के साथ-साथ बजारो व गलीयो मे घूमते रहते है। खाली प्लाटो मे पडे कचरे मे से प्लास्टिक के लिफाफे,गंद तथा सब्जियो के छिलके आदि खाते घूमते रहते है। बीच बजारो की सडको मे खडे हो जाते है जिससे यातायात भी प्रभावित हो जाता है। अब तो हद हो गई जब शुक्रवार को दशमेश नगर में बीच सडक पर पर मेन बाजार में दो संाडो मे लडाई होती रही तो सारे रास्ते में लगभग दो घंटो तक जाम लगा रहा है। महिलाये तथा बच्चो सहित लोग परेशान रहे कभी भी कोई हादसा हो सकता था । दशमेश नगर के रहने वाले लाडी ने कहा कि दशमेश नगर नयागांव में आवारा पशुओं ने आम जनता का जीना हराम कर रखा है और नगर काउंसिल नयागांव के अधिकारी भी वाले भी इन पर ध्यान न देकर जनता को काफी नुकसान पहुंच सकता है । यह दो सांडों की लड़ाई नजदीक शिव मंदिर के पास हुई और सुबह सुबह 11:30 का टाइम था ज्यादा तर इस समय महिलाऐ तथा बच्चे बाहर होते हैं ,कभी भी कोई भी घटना हो सकती है पार्षदो को चाहिये कि नगर काउंसिल की मिटींग में अधिकारियो को बोल कर इन आवारा पशुओं को यहां से हटवा दें । लोगों का कहना है कि इससे ऐक्सिडेंट का अधिक खतरा है । आवारा पशुओ ने कई बार तो लोगो को मारा भी है जिसमे से कुलदीप कौर ऐक्यूपरैशर ऐक्सर्पट,कृष्ण कुमार पी जी आई मे र्काय करता आदि ऐसे कई लोग है जो इन आवारा पशुओ के हादसे के शिकार हुऐ है । गांव वासीयो की प्रशासन से अपील है कि इन आवारा पशुओ से निजात दिलाई जायें। बच्चे तो अकेले स्कूल या घर से बाहर नही जा सकते उनके साथ घर का कोई न कोई सदस्य उन्हे स्कूल छोडने जाता है। बच्चे भी इन आवारा पशुओ से बहुत डरते है। गांव वासीयो का कहना है कि सांड तो इतने हटटे – कटटे है कि उनको देख कर वैसे ही सबको डर लगता है। इतना ही नही जब दो संडो मे लडाई होती है तो रास्ता तक जाम हो जाते है। प्रशासन को इसका कोई हल निकालना चाहिये ।

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