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कॉमर्स पोर्टल भारत
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल कॉमर्स पोर्टल भारत इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपने महत्वाकांक्षी ई कॉमर्स पोर्टल श्भारतईमार्केटश् का लोगो (प्रतीक चिन्ह) आज नई दिल्ली में लांच करते हुए देश के ई कामर्स व्यापार में भारत के व्यापारियों और ई कामर्स व्यापार को विदेशी ई कामर्स कंपनियों के चंगुल से आजाद कराने के अपने मजबूत इरादों की घोषणा कर दी है! ष् मेरे लिए, मेरे देश के लिएष् को भारतईमार्किट की टैग लाइन को ष्लोगोष् के साथ जोड़ते हुए कैट ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत मिशन को देश के व्यापारियों और ई कामर्स व्यापार के लिए अपना घोषणा वक्तव्य जारी किया है। कैट ने घोषणा की है की भारतईमार्किट पोर्टल पर चीन में बना कोई भी सामान नहीं बेचा जायेगा। यह पोर्टल इस वर्ष दिसंबर तक शुरू कॉमर्स पोर्टल भारत कर दिया जाएगा।
भारतईमार्किट के श्लोगोश् मे खूबसूरत चटकीले रंगों का इस्तेमाल किया गया है जिससे देश के युवा खुद को जोड़ सके और इसका बैकड्रॉप एक खादी का बना झोला अथवा बैग है जो भारत के आम आदमी के सदियों से चले आ रहे बाजार खरीददारी के तरीके का प्रतिबिम्ब है और वस्तु निर्माण के क्षेत्र में भारत के अग्रणी होने का एहसास कराता है। भारतईमार्किट का ष्लोगोष् सही मायनों में भारतीयता का प्रतीक है। यह लोगो ब्रांडिंग एवं कम्युनिकेशन क्षेत्र में देश की शीर्ष बड़ी कंपनियों में इस एक आर के स्वामी बीबीडीओ ने तैयार किया है।
इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेन्स द्वारा भाग लेते हुए केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश ने भारतईमार्केट को लॉंच करने के कैट के निर्णय की सराहना करते हुए कहा की निश्चित रूप से यह कदम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल तथा आत्मनिर्भर भारत को अमली जामा पहनाने के लिए मील का पत्थर बनेगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा की सरकार ई कामर्स व्यापार को सबके लिए समानता से उपलब्ध कराने के संकल्प को जाहिर करते हुए कहा की किसी ई कामर्स कम्पनी की मनमानी को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी और यदि कोई भी सरकार की नीतियों का उल्लंघन करेगा तो उसे सख्त् कारवाई का सामना करने के लिए तैय्ाार रहना चाहिए । उन्होंने कैट द्वारा समय समय पर डिजिटल भुगतान और डिजिटल तकनीक से व्यापारियों को जोड़ने के प्रयासों की सराहना की और कहा की अब व्यापार करने का तौर तरीका बदल रहा है और व्यापारियों को भी अब अपने व्यापार को तकनीक से जोड़ना जरूरी है।
प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय वास्तु विशेषज्ञ डॉ. खुशदीप बंसल के साथ देश के ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े राष्ट्रीय संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के चैयरमैन श्री प्रदीप सिंघल, आल इंडिया एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री धैर्यशील पाटिल, इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री पंकज मोहिंद्रू ,आल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अरविंदर कॉमर्स पोर्टल भारत खुराना तथा भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नरेश सिरोही ने भारतईमार्किट के ष्लोगोष् को संयुक्त रूप रूप से लांच किया । इस
भारतीय व्यापार पोर्टल – ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस
हाल ही में, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री ने भारतीय व्यापार पोर्टल (Indian Business Portal) लॉन्च किया है। यह भारतीय निर्यातकों और विदेशी खरीदारों के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
प्रमुख कॉमर्स पोर्टल भारत बिंदु
भारतीय व्यापार पोर्टल, छोटे और माध्यम वर्ग (एस.एम.ई.) के निर्यातकों, कारीगरों और किसानों कॉमर्स पोर्टल भारत को अपने उत्पादों के लिये नए बाज़ारों की पहचान करने और वैश्विक स्तर पर अपनी बिक्री कॉमर्स पोर्टल भारत बढ़ाने में सशक्त बनाने के लिये एक बी2बी डिजिटल व्यापार केंद्र है।
यह पोर्टल भारतीय स्टार्टअप, एस.एम.ई., कारीगरों और किसानों (जीआई उत्पाद) और सेवा प्रदाताओं के लिये एक बड़ा प्रोत्साहन होगा।
भारतीय व्यापार पोर्टल
ई-कॉमर्स व्यवसाय शुरू करने के लिए पंजीकरण और लाइसेंस आवश्यक है
एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में ई-कॉमर्स बिजनेस प्रति वर्ष 40% की दर से बढ़ने वाला है। इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथ, उपभोक्ताओं के बीच ऑनलाइन शॉपिंग की बढ़ती लोकप्रियता, और ऑनलाइन साइट को बनाए रखने की कम लागत, ई-कॉमर्स व्यवसाय नए उद्यमियों के लिए बहुत सारे लाभ प्राप्त कर रहा है, जो अपने व्यवसायों को ऑनलाइन खोलने के बजाय ऑनलाइन स्थापित करना चाहते हैं दुकान।
लेकिन सभी के मन में यह सवाल है कि यह यात्रा कहां और कैसे शुरू की जाए।
ठीक है, आप अपने लक्ष्य बाजार और उसमें पहले से मौजूद खिलाड़ियों के साथ खुद को परिचित करने के साथ शुरू कर सकते हैं। के बाद, आपने बाजार विश्लेषण प्रतियोगी के बाजार के साथ एक पूर्ण बाजार अनुसंधान किया है; आपके पास एक सामान्य विचार होना चाहिए कि आप अपना ई-कॉमर्स व्यवसाय कैसे शुरू करना चाहते हैं।
अपनी कंपनी पंजीकृत करें:
पहली बात यह है कि ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करने के इच्छुक किसी भी ऑनलाइन व्यवसाय को एक पंजीकृत कंपनी होने की आवश्यकता है । यह आवश्यक है ताकि, वे वेबसाइट पर एक सुरक्षित भुगतान गेटवे स्थापित कर सकें। आपके व्यवसाय को पंजीकृत करने के तीन तरीके हैं:
अपने व्यवसाय को चलाने और चलाने के लिए सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका एक एकमात्र प्रोपराइटर के रूप में पंजीकृत होना है ।
एक एकल स्वामित्व कम कानूनी अनुपालन, दस्तावेज़ीकरण की कम लागत जैसे कई लाभ प्रदान करता है, और भारतीय कानून प्रोप्राइटर के व्यवसाय और मालिक को समान पहचान (प्राइवेट लिमिटेड और सार्वजनिक कंपनियों के विपरीत) के रूप में मानता है, इससे आपको चलाने में मदद मिल सकती है। यह आपके घर से बाहर है। आप एक व्यक्तिगत दर पर कर का भुगतान करते हैं, न कि किसी कॉर्पोरेट कर दर पर। आपके लिए आवश्यक कोई अतिरिक्त कॉमर्स पोर्टल भारत लागत नहीं है, एक स्थानीय बैंक शाखा में आपकी कंपनी के नाम पर एक बैंक खाता है। आप कराधान प्रयोजनों के लिए अपने व्यक्तिगत पैन कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। अधिकांश ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए, एकमात्र स्वामित्व पहले से कम टर्नओवर के कारण अपना व्यवसाय स्थापित करने का सबसे लोकप्रिय तरीका है।
कर लगाना:
एकमात्र स्वामित्व के मामले में, आप कराधान प्रयोजनों के लिए अपने स्वयं के पैन कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। आपको अपने नाम के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा ।
एक एकल स्वामित्व व्यवसाय को व्यक्तिगत दरों पर चार्ज किया जाता है, इस प्रकार, कोई भी कॉर्पोरेट टैक्स नहीं देना पड़ता है।
सेवा कर केवल दी गई सेवाओं पर लागू होता है। माल की बिक्री के लिए, वैट, उत्पाद शुल्क, और बिक्री कर लागू होते हैं। इन करों का भुगतान करना अनिवार्य है, जब आपका व्यवसाय प्रति वर्ष 10 लाख का कारोबार पार करता है।
व्यवसाय लाइसेंस:
एक ऑनलाइन पोर्टल के लिए आवश्यक व्यवसाय लाइसेंस कॉमर्स पोर्टल भारत साइट पर बेचे जाने वाले उत्पादों के प्रकार पर निर्भर करता है। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- दुकानें और स्थापना अधिनियम : यह महत्वपूर्ण है यदि आप अपने ऑनलाइन स्टोर के लिए भुगतान गेटवे चाहते हैं। इसके अलावा, यदि आप एक भौतिक दुकान स्थापित करना चाहते हैं और लोगों को नियुक्त करना अनिवार्य है।
- CST / VAT: ये मूल कर हैं जो आपको ऑनलाइन सामान बेचते समय चुकाने पड़ते हैं लेकिन, केवल एक बार जब आपका वार्षिक कारोबार 5 कॉमर्स पोर्टल भारत लाख को पार कर जाता है।
- सेवा कर: यदि आप ऑनलाइन सेवाएं दे रहे हैं तो इस कर का भुगतान करना अनिवार्य है लेकिन, केवल एक बार जब आपका वार्षिक कारोबार 10 लाख को पार कर जाता है
- व्यावसायिक कर: यदि आपके पास एक या एक से अधिक कर्मचारी काम करते हैं तो इस कर का पंजीकरण आवश्यक है।
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नई दिल्ली. डीप डिस्काउंट की वजह से चर्चा में रहे Amazon, Flipkart एवं कुछ अन्य ई-कॉमर्स पोर्टल्स पर अब कुछ बैंकों से सांठ-गांठ का आरोप लगा है. छोटे कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इन पोर्टल्स से सामान खरीदने पर बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कैश बैक और इंस्टेंट डिस्काउंट को एक गंभीर मुद्दा बताया है. इनका कहना है कि आज देश के कुछ बैंक इन पोर्टलों से अपवित्र गठबंधन कर रहे हैं, जिससे छोटे कारोबारियों का नुकसान हो रहा है.
RBI से की गई शिकायत
कैट ने कहा है कि ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे कुछ ई कामर्स पोर्टल्स के साथ मिलकर बैंक देश के व्यापारियों और ग्राहकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं. इनका आरोप है कि ये पोर्टल देश के संविधान की प्रस्तावना और सरकार की एफडीआई नीति का भी खुला उल्लंघन कर रहे हैं. संगठन ने देश के ई कॉमर्स व्यापार में अनुचित व्यापारिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए बैंकों और ऐमजॉन-फ्लिपकार्ट के बीच एक कार्टेल (Cartel) बनाने का भी आरोप लगाया है. इस बात की शिकायत बैंकिंग क्षेत्र के नियामक रिजर्व बैंक (Reserve bank of India) से भी की गई है.
ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो हो जाएं अलर्ट, ये फर्जी ई-कॉमर्स वेबसाइट लगा रहीं भारतीयों को चूना
इन दिनों ई-कॉमर्स वेबसाइट्स की ढेर लग चुकी है, जिस कारण फ्रॉड के मामले में भी बढ़ गए है। इस खबर में हम एक ऐसी ई-कॉमर्स वेबसाइट के बारें में बताएंगे जो बिल्कुल ही फेक है और भारतीयों को ठगने का काम कर रही है। तो आप भी भूल से इस वेबसाइट के जरिए कोई भी समान न खरीदें।
भारत में जिस तेजी से डिजिटाइजेशन ने रफ्तार पकड़ी है, उतनी ही तेजी से ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी सामने आने लगे हैं। इंटरनेट ने भले ही हमारा काम आसान कर दिया हो, लेकिन इसकी मदद से बैठे-बैठे ही बड़े से बड़ा फ्रॉड भी कर लिया जाता है। देश में कई फर्जी और मैलेशियस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बढ़ गए हैं, जो किचन एप्लायंसेस से लेकर खाने पीने का सामान ऑनलाइन बेच रहे है। यूजर्स प्रोडक्ट की कम कीमत देखकर आकर्षित हो जाते है और प्रोडक्ट आर्डर करने के लिए ऑनलाइन पेमेंट कर देते है। जिसके बाद वह खुद को ठगा हुआ महसूस करते है।
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