Demat Account क्या है? जानिए शेयर खरीदने-बेचने के लिये यह क्यों जरूरी है?
What is Demat Account: सेबी (SEBI) के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार अगर आपको शेयर बाजार (Share Market) से स्टॉक खरीदना या बेचना हो तो आपके पास डीमेट खाता (Demat Account) होना जरुरी है। डीमेट को छोड़कर किसी अन्य रूप में शेयरों को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर आपको भारत में शेयर बाजार से शेयर खरीदना या बेचना हो तो डीमैट खाता होना अनिवार्य है। इसके अलावा अगर आपको अपने शेयरों को इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) में लागू करना है तो भी आपके पास डीमेट खाता होना बेहद जरूरी है।
डीमेट खाता किसी आम बैंक खाते की तरह हीं काम करता है। यहां भी आपके बैंक बैलेंस को पास-बुक में इंटर किया जा सकता है, पर आप इसे भौतिक रूप में रख नहीं सकते, इसकी सुरक्षा भी इलैक्ट्रॉनिक तरीके से होती है, और किसी अन्य बैंक खाते की तरह ही डैबिट कर क्रेडिट की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
व्हाट इस डीमैट अकाउंट (demat Account) पर गौर करें तो एक खाता जहां आप अपने शेयर रख सकते हों और जहाँ उन शेयरों की सुरक्षा इलैक्ट्रॉनिक तरीके से की जाती हो, उसे डीमैट खाता कहते हैं।
डीमेट (Demat Account) खोलते समय आवेदक का इन-पर्सन वैरिफिकेशन (आईपीवी) डिपी द्वारा किये जाने का नियम मान्य है। डीपी के कर्मचारी को अकाउंट ओपनिंग फ़ॉर्म में लगे हुए फ़ोटो ग्राफ साथ ही संबंधित व्यक्ति की पहचान का प्रमाण सत्यापित करके आवेदक (नाबालिग होने पर अभिभावक का) की पहचान को स्थापित करना होता है। ज्वाइंट अकाउंट होने की स्थिति में, अकाउंट के सभी धारकों के लिए आइपीवी किये जाने का नियम है
डीमेट अकाउंट मीनिंग के अलावा यह जानना जरूरी शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता है कि, आज के समय में डीमैट सेवाएँ ब्रोकिंग हाउस के साथ-साथ कई अन्य वित्तीय और बैंकिंग संस्थानों द्वारा दी जा रही है। डिपॉज़िटरी सेवाएँ प्रदान करने वाले संस्थानों को डिपॉज़िटरी भागीदार के रूप में जाना जाता है। परिभाषा के अनुसार डिपॉज़िटरी भागीदार एनएसडीएल और/या सीएसडीएल, और निवेशक के बीच एक मध्यस्थ की तरह काम करता है।
भारत में दो डिपॉजिटरी खोलती हैं डीमेट
इस खाते को खोलने के लिए निवेशक को सेबी से पंजीकृत डिपॉजिटरी पार्टीसिपेंट (डीपी) के साथ डीमैट अकाउंट(demat Account) खोलने की आवश्यकता होती है। डीमैट खाता खोलने के लिए निवेशक को अकाउंट ओपनिंग फ़ॉर्म भरने के साथ सेबी द्वारा स्वीकृत दस्तावेज़ों की प्रतियाँ, पहचान के प्रमाण, पते के प्रमाण के रूप में जमा करवाना होता है। अकाउंट खोलते समय मूल पैन कार्ड और सभी आवेदकों को सत्यापन के लिए मूल दस्तावेज़ लाने की जरुरत भी पड़ती है।
डीपी से निवेशकों को अनुबंध की प्रति और शुल्कों की अनुसूची भी प्राप्त होती है। अकाउंट ओपनिंग दस्तावेज़ों को प्रोसेस करने के बाद डीपी आवेदक को अकाउंट नंबर (क्लाइंट आईडी) प्रदान करता है। डीपी से आवेदक का अकाउंट खुल जाने के बाद, आवेदक क्लाइंट बन जाता/जाती है जिसे बीओ (बेनेफिशियरी ऑनर) के नाम से भी जाना जाता है और उसे आवंटित अकाउंट नंबर बीओ-आईडी (बनेफिशियरी ऑनर आइडेंटिफिकेशन नंबर) कहा जाता है। read more: Share Market में Investment करने पर मिल सकते है ये लाभ
व्हाट इस डीमेट अकाउंट (demat Account) समझने के साथ ये भी जान लें कि किसी भी वित्तीय सेवा की तरह डीमैट खाते के साथ भी कई तरह के चार्ज जुड़े होते हैं. इसमें ब्रोकर को चुनने में खास ध्यान देना चाहिए. खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजैक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए.
डीमैट खाता खोलने के लिये किन दस्तवेजो की होती है जरूरत:
पहचान प्रमाण के लिए उपयुक्त:
- पैन कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- पासपोर्ट
- ड्राइवर लाइसेंस
- बैंक सत्यापन
- आईटी रिटर्न
- बिजली/लैंडलाइन फोन का बिल
- आवेदनकर्ता के फ़ोटो वाला आई कार्ड, इनके द्वारा जारी किया गया
- केंद्र/राज्य सरकार और उसके विभाग
- संवैधानिक/विनियामक प्राधिकारी
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
- सार्वजनिक वित्तीय संस्थाएं
- विश्वविद्यालय से संबद्द कॉलेज(इसे तब तक ही मान्य समझा जाएगा जब तकि कि आवेदक छात्र हो)
- व्यावसायिक निकाय जैसे कि आईसीएआई ,आईसीडब्ल्यूएआई ,आईसीएसआई, बार काउंसिल आदि, द्वारा उनके सदस्यों को जमा करने के लिए केवल दस्तावेज़ो की प्रतिलिपि ही आवश्यक होती है, लेकिन सत्यापन के लिए मूल दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। आवेदक को खाता खोलने के फ़ॉर्म के साथ एक पासपोर्ट आकार का फ़ोटो भी देना होता है।
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Difference Between Demat & Trading Account
अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको शेयर बाजार से जुड़ी कई बातों का ज्ञान होना जरूरी है। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपके पास तीन तरह के खातों का होना जरूरी होता है। इनमें शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता बैंक खाता , डिमैट खाता और ट्रेडिंग खाता शामिल है। डिमैट खाता और ट्रेडिंग खाता एक दूसरे पर निर्भर करते हैं। बिना ट्रेडिंग खाते के डिमैट खाता अधूरा है। जो लोग शेयर मार्केट के क्षेत्र में नये होते हैं उन्हें दोनों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। हम आपको बतायेंगे की डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या अंतर होता है?
इन दोनों के अंतर को समझने के लिए सबसे पहले आपको जानना होगा की डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है।
डीमैट (Demat) खाता क्या है?
डीमैट अकाउंट का फुल फॉर्म होता है डिमैटेरियलाइज्ड अकाउंट (Dematerialized Account)।आज से बहुत सालों पहले शेयर मार्केट में लोग जब शेयरों को खरीदते थे तब उन्हें एक कागज दिया जाता था। इस कागज़ में उस व्यक्ति का नाम, शेयरों की संख्या, तारीख आदि लिखी होती थी। लेकिन जैसे-जैसे Technology ने विकास किया वैसे-वैसे शेयर बाजार ने इलेक्ट्रॉनिक रूप को धारण कर लिया। अब आप इन शेयरों को ऑनलाइन किसी भी computer या mobile की सहायता से खरीद सकते है।
इसके लिए आपको शेयर बाजार में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की जरूरत नहीं होती है। जिन शेयरों और securities को आप खरीदते हैं उन्हें इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में डीमैट अकाउंट में रखा जाता है।डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता इसलिए पड़ती है क्योंकि जिन शेयरों को निवेशक ने खरीदा होता है उन्हें भौतिक से इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल सके। इस अकाउंट में व्यक्ति के द्वारा खरीदे गए शेयरों, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, बांड्स (Bonds) और government securities सभी को एक साथ रखा जाता है।भारत में डीमैट खाता खुलवाने की सेवा NSDL और CDSL प्रदान करती हैं।
ट्रेडिंग खाता क्या है?
यदि आप अपने पास डीमैट खाता रखते हैं और आप उस खाते से कुछ शेयर बेचना या खरीदना चाहते शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता हैं तो इसके लिए आपके पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी होता है। यानी जिन शेयरों की खरीद आप कंप्यूटर या मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन करते हैं। उनकी खरीद-फरोख्त के लिए शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता आपको एक खाता रखना जरूरी होता है, यह खाता ट्रेडिंग अकाउंट कहलाता है। ट्रेडिंग अकाउंट ही शेयर बाजार में शेयरों की लेनदेन का एक जरिया है।
डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता के बीच अंतर
1. Demat Account में शेयरों को डिजिटल फॉर्म में रखा जाता है, वहीं ट्रेडिंग खाते के माध्यम से आप शेयर, IPO, म्यूच्यूअल फंड इत्यादि में निवेश कर सकते हैं। निवेश करने शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता के पश्चात इन्हें डीमैट खाते में डिजिटल फॉर्म में रख सकते हैं।
2. डीमैट अकाउंट निवेशक द्वारा खरीदे गए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म या डिजिटल फॉर्म में रख लेता है। तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट का काम बाजार से शेयरों को बेचने-खरीदने का होता है।
3. डीमैट अकाउंट एक सेविंग बैंक अकाउंट (Saving Bank Account) की तरह होता है जैसे आप सेविंग बैंक अकाउंट में अपने शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता पैसे जमा करते हैं उसी तरह डीमैट अकाउंट में आप अपने खरीदे गए शेयरों को रखते हैं। वहीं Trading Account, Current Account की तरह काम करता है इसमें आप शेयरों को खरीद और बेच सकते हैं।
4. एक Demat Account Open करने के लिए आपको भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL)से मंजूरी लेनी पड़ती है लेकिन ट्रेडिंग खाते में ऐसा नहीं होता।
5. डीमैट खाता धारक को अकाउंट के लिए एनुअल मैंटिनेस चार्जस् (AMC) देने पड़ते हैं जबकि ट्रेडिंग अकाउंट में इसकी जरूरत नहीं पड़ती।
6. शेयर मार्केट में ज़रूरी नहीं की ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट दोनों को खोला जाए। आप आईपीओ (IPO) में अप्लाई कर शेयर Demat Account में रख सकते हैं, इसके लिए Trading Account आवश्यक नहीं है।
निष्कर्ष
इस module में आपने जाना डिमैट एकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? तथा डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या अंतर होता है? अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करने की इच्छा रखते हैं तो आप हमारी शेयर बाजार से जुड़ी सारी modules पढ़ते रहे या किसी विशेषज्ञ की सलाह ले सकते है क्योंकि शेयर बाजार में निवेश जोखिम तथा काफी उतार चढ़ाव भरा होता है।
डीमैट खाता खोलने के लिए जरूरी हो सकता है आयकर रिटर्न
टी.के. विश्वनाथन की अध्यक्षता वाली सेबी की समिति इस बारे में सुझाव दे सकती है.
सूत्रों ने बताया कि टी.के. विश्वनाथन की अध्यक्षता वाली सेबी की समिति इस बारे में सुझाव दे सकती है. अगर आईटीआर आधारित आय की घोषणा के लिए कोई सुझाव दिया गया, तो नियामक बाजार मध्यस्थों के साथ व्यापक विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू करेगा. समिति को भरोसा है कि इस फैसले से शेयर और डेरिवेटिव्स में निवेश के जोखिम को घटाने में मदद मिलेगी. इसलिए इसे कुछ महीनों में ही लागू कर दिया जाएगा.
अभी डीमैट खाता खोलते समय निवेशक को केवल मासिक आय की दी गर्इ रेंज के सामने एक बॉक्स पर टिक करके नेटवर्थ की घोषणा करनी पड़ती है. यह रेंज 1 लाख रुपये से कम से शुरू होकर 25 लाख रुपये के ऊपर तक जाती है.
सेबी के बोर्ड ने हाल ही में व्यक्तिगत निवेशकों को स्वतंत्र रूप से व्यापार करने और डेरिवेटिव बाजार में अपनी वित्तीय क्षमता के आधार पर निवेश करने की अनुमति दी थी. अगर निवेशक उस सीमा से ज्यादा व्यापार करना चाहता है, तो ब्रोकर को ट्रेडिंग की अनुमति देने से पहले उसकी वित्तीय क्षमता की जांच करनी होगी.
बाजार के जानकारों के अनुसार, कभी-कभी ज्यादा कमीशन के चक्कर में ब्रोकर ग्राहक को अपने आप नेटवर्थ की घोषणा करने की अनुमति दे देते हैं जो उनकी वास्तविक नेटवर्थ से कहीं ज्यादा होती है.
डीमैट अकाउंट क्या है – What is demat account
आपने यदि शेयर मार्केट के बारे में कहीं पर सुना है या आप शेयर मार्केट के बारे में जानते हो तो आपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में जरूर सुना होगा और कई सारे लोगों के मुंह से यह कहते हुए भी सुना होगा कि शेयर मार्केट में share को खरीदने और बेचने के लिए एक डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है तो चलिए जानते हैं कि डीमैट अकाउंट क्या है डीमैट अकाउंट को कैसे खोला जाता है इसको खोलते समय आपको कितनी फीस देने की आवश्यकता पड़ती है इसके लिए कौन से डॉक्यूमेंट आवश्यक है तो चलिए डीमेट अकाउंट क्या है के साथ इसके अन्य विषयों के ऊपर भी मैं आपको विस्तार से बताता हूं
डीमैट अकाउंट क्या है – what is demat account
जब बात शेयर मार्केट में निवेश करने की आती है तो इसके लिए सबसे पहले डीमैट खाते की आवश्यकता होती है जिस तरह से बच्चों को स्कूल भेजने से पहले उनका उस स्कूल में एडमिशन कराना होता है तभी जाकर वह स्कूल में जा सकते हैं वैसे ही शेयर मार्केट में भी निवेश करते समय आपको पहले एक डीमैट खाता खोलना होता है।
शेयर मार्केट में किसी कंपनी के खरीदे गए शेयर को डीमैट खाते के अंदर रखा जाता है डिमट खाते के अंदर आप अपनी मनपसंद किसी भी कंपनी के नाम को सर्च करके उसके अंदर निवेश कर सकते हो
लेकिन जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हो तो वह शेर आपके डीमैट खाते में आ जाता है लेकिन उसको पूर्ण रूप से आने में 3 दिन का समय लगता है लेकिन यदि शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता आप चाहो तो उस किसी भी समय बेच भी सकते हे डीमैट अकाउंट क्या है – किसी भी कंपनी के खरीदे गए शेयर को इस अकाउंट में रखा जाता है उसे डीमेट अकाउंट कहते हैं
डीमेट अकाउंट कहां पर खोलें – Where to open demat account
दोस्तों डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको बाजार में कई सारे ब्रोकर मिल जाएंगे जिनके माध्यम से आप भी मेट खाता खोल सकते हो लेकिन मैं आपको भारत के कुछ प्रमुख ब्रोकर के बारे में बताता हूं जिनके माध्यम से आप एक डीमैट खाते के साथ अच्छी सर्विस भी प्रदान कर सकते हैं
जरोदा – Zerodha
यह देश का एकमात्र ऐसा ब्रोकर है जिसके पास 7 मिलियन से भी ज्यादा डीमैट खाते खुले गए हैं यह ब्रोकर पिछले 10 सालों से अपनी सर्विस दे रहा है कई सारे बड़े बड़े निवेशकों का भी जरोदा के अंदर डीमैट खाता है इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह इसका इंटरफेस है जो कि बहुत ही सिंपल और सरल है यहां पर कोई भी व्यक्ति आसानी से किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकता है
एंजेल ब्रोकिंग – Angel One
इस ब्रोकर का भी देश के सबसे बड़े ब्रोकर के अंदर इसका नाम आता है एंजेल ब्रोकिंग ने अपना नाम बदलकर एंजेल वन रख लिया है यहां पर जब आप डीमैट खाता खोलते हो तो आपको शेयर मार्केट सीखने के लिए फ्री में लर्निंग वीडियो प्रोवाइड कराई जाती है यहां से भी आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं
अपस्टॉक – Upstock
इस ब्रोकर के पास भी देश में कई सारे लोगों के डीमैट खाता खोले गए हैं अप स्टॉक के ऊपर ज्यादातर लोग काफी ज्यादा विश्वास करते हैं इसके पीछे की असली वजह यह है कि अप स्टॉक के चेयरमैन रतन टाटा है अप स्टॉक पर भी आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं
देश में लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले ऊपर दिए गए तीन ब्रोकर ही है लेकिन इनके अलावा भी देश में कई सारे ब्रोकर आपको देखने को मिलते हैं जैसे कि Fyres, Alice Blue, sharekhan और इनके अलावा जितनी शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता भी बैंक के होती है उन सभी कि आपको ब्रोकिंग सेवा भी मिल जाती है तो यदि आप चाहो तो बैंकों में जाकर भी अपना एक डीमैट खाता खुलवा सकते हो
डीमैट अकाउंट का इतिहास – History of Demat Account
शेयर मार्केट में 2010 से पहले डीमैट खाता खोलने के लिए काफी ज्यादा टाइम और फॉर्म का इस्तेमाल होता था लेकिन 2010 के बाद शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता जरोदा आया और यहां पर यह सारा कार्य ऑनलाइन ही होने लग गया इससे पहले जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदता था तो जब वह शेयर खरीदता तो कंपनी उसको उसके खरीदे गए शेयरों का वेरीफिकेशन एक कागज पर करके भेजती थी और जब इन्हीं शेयर को वापस बेचना होता था तो उस व्यक्ति को पहले एक फॉर्म भर के उस कंपनी के पास भेजना होता था तब जाकर वे शेयर बिकते थे जो कि एक बहुत ही टाइम कंज्यूम करने वाली प्रोसेस है इसके अंदर लोगों शेर खरीदने और बेचने मैं महीनों का समय लग जाता था डीमैट अकाउंट को डीमेट एलाइंस कहां जाता है
महत्वपूर्ण दस्तावेज – important documents
डीमेट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कुछ इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट का होना बहुत ही आवश्यक है इनमें से सबसे महत्वपूर्ण पैन कार्ड और आपका बैंक खाता होता है इसके साथ ही आपको आधार कार्ड और अपनी फोटो का भी इस्तेमाल करना पड़ता है
डीमेट अकाउंट के फायदे – Benefits of Demat Account
ऑनलाइन डिमैट अकाउंट के वैसे तो कई सारे फायदे हैं लेकिन चलिए मैं आपको कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में बताता हूं
कम टाइम – जब आप किसी ब्रोकर के माध्यम से ऑनलाइन डीमैट खाता खोलते है तो इसमें आपका बहुत सारा समय बचता है
जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते और बेचते हैं तो आपको किसी ब्रोकर के पास जाकर कोई फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि आप अपने मोबाइल फोन से ही अपने शेयर को खरीद और बेच सकते है
आजकल मार्केट में कई सारी ब्रोकिंग कंपनियां कंपटीशन में उतरी हुई है और इस कंपटीशन के चक्कर में वह लोगों के फ्री में डीमेट अकाउंट खोल रहे हैं तो आप चाहो तो फ्री में डीमेट अकाउंट खुलवा सकते हे पहले के समय एक डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए काफी ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता था
जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते और बेचते है तो इसके बीच में सिर्फ आपका ब्रोकर और आप शामिल होते हो इसमें तीसरे पक्ष का कोई भी काम नहीं होता है इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं होती है आज का सिस्टम पहले से कई गुना बेहतर है
निष्कर्ष: डीमैट अकाउंट क्या है
आज के इस लेख में हमने जाना की डीमैट अकाउंट क्या है। और यह कैसे काम करता है और डिमैट अकाउंट ऑनलाइन खुलने से ग्राहकों को क्या फायदे होने लगे क्योंकि यह सारा काम शेर खरीदना और बेचना आजकल कर बैठे ही नहीं हो जाता है लेकिन पहले ऐसा संभव नहीं था लेकिन अब संभव है इसलिए हर कोई घर बैठे बैठे स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता है
शेयर मार्केट में लगाते हैं पैसा तो जल्द निपटा लें ये काम, बंद हो सकता है Demat अकाउंट
बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध इस एडवाइजरी के अनुसार, Demat अकाउंट में केवाईसी अपडेट करने की डेडलाइन 31 मार्च 2022 है. शेयर मार्केट ने इन्वेस्टर्स को आगाह किया है कि डेडलाइन समाप्त होने से पहले वे अपने डीमैट अकाउंट की केवाईसी को अपडेट करा लें. ऐसा नहीं कराने पर 31 मार्च 2022 के बाद डीमैट अकाउंट को बंद कर दिया जाएगा.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 24 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 24 जनवरी 2022, 3:26 PM IST)
- 31 मार्च को समाप्त हो रही KYC डेडलाइन
- नहीं कराया KYC तो सस्पेंड हो जाएगा अकाउंट
पिछले 1-2 साल के दौरान शेयर मार्केट (Share Market) में पैसे लगाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. शेयर मार्केट के बुल रन (Bull Run) और ताबड़तोड़ आईपीओ (IPO) ने लोगों को पैसे बनाने का बढ़िया विकल्प दिया. इसके चलते डीमैट अकाउंट (Demat Account) खुलवाने की रफ्तार कई गुना बढ़ गई. इस बात को ध्यान में रखते हुए डीमैट अकाउंट के लिए केवाईसी (KYC) अनिवार्य बना दिया गया है, जिसकी डेडलाइन (Deadline) जल्दी ही समाप्त होने वाली है. बिना केवाईसी वाले डीमैट अकाउंट डेडलाइन के बाद बंद कर दिए जाएंगे.
इस तारीख को शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता समाप्त हो रही डेडलाइन
बीएसई (BSE) ने इसे लेकर हाल ही में एक एडवाइजरी (Advisory) जारी की है. बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध इस एडवाइजरी के अनुसार, डीमैट अकाउंट में केवाईसी अपडेट करने की डेडलाइन 31 मार्च 2022 है. शेयर मार्केट ने इन्वेस्टर्स को आगाह किया है कि डेडलाइन समाप्त होने से पहले वे अपने डीमैट अकाउंट की केवाईसी को अपडेट करा लें. ऐसा नहीं कराने पर 31 मार्च 2022 के बाद डीमैट अकाउंट को बंद कर दिया जाएगा.
केवाईसी में ये जानकारियां जरूरी
बीएसई के अनुसार, केवाईसी में 6 जानकारियां अनिवार्य हैं. ये 6 जानकारियां नाम, पैन, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और इनकम रेंज हैं. जो इन्वेस्टर कस्टडियन सर्विसेज यूज कर रहे हैं, उनके लिए कस्टडियन के डिटेल्स प्रोवाइड कराना भी जरूरी है. डेडलाइन तक ये जानकारियां अपडेट नहीं होने पर एक्सचेंज वैसे ट्रेड अकाउंट (Trade Account) को सस्पेंड कर देगा. साथ ही डिपॉजिटरी ऐसे अकाउंट से डेबिट पर भी रोक लगा देगा.
ऐसे केवाईसी अपडेट करा सकते हैं इन्वेस्टर
इन्वेस्टर डीमैट अकाउंट के केवाईसी अपडेशन के लिए अपने स्टॉकब्रोकर (Stockbroker) से संपर्क कर सकते हैं. इन्वेस्टर्स को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (Depository Participant) के जरिए भी केवाईसी अपडेट कराने का विकल्प मिलता है. निवेशकों से कहा गया है कि वे एक्सचेंज और डिपॉजिटरी के गाइडलाइंस का पालन करें. एक्सचेंज और डिपॉजिटरी समय-समय पर केवाईसी व अन्य जरूरी चीजों की जानकारी देते रहते हैं.
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