गोल्ड रिजर्व या सोने के भंडार में आई गिरावट
डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्रा के मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है. इसी आलोच्य हफ्ते में स्वर्ण भंडार यानी देश का गोल्ड रिजर्व 14.7 करोड़ डॉलर घटकर 42.32 अरब डॉलर रह गया.

विदेशी मुद्रा प्रबंधन की चुनौती पर निबंध | Essay on Challenge for Management of Foreign Currency in Hindi

सचमुच अब वह समय बीत गया है, जब भारत को विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के लिए पसीना शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा बहाना पड़ता था । अब तो विदेशी मुद्रा भारत की ओर दौड़ लगाकर आते हुए दिखाई दे रही है । इतना ही नहीं, देश में विदेशी पूंजी के बढ़ते ढेर से तरह-तरह के खतरे उत्पन्न हो रहे हैं ।

देश में निवेश का उपयुक्त माहौल, उदार नीतियां और सरल प्रक्रियाओं के साथ-साथ रुपये की मजबूती पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक के भारी दखल की वजह से नवम्बर 2011 में देश में विदेशी मुद्रा भंडार करीब 320 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है ।

अक्टूबर 2006 से विदेशी मुद्रा भडार की स्थिति उत्साहवर्द्धक है वर्ष 1991 में हमारे सामने विदेशी मुद्रा का संकट पैदा हो गया था, जब हमारा मुद्रा भंडार सिर्फ दो सप्ताह के आयात के लायक रह गया था और पर्याप्त विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के लिए हमें सोना ब्रिटेन के पास बंधक रखना पड़ा था । अब विदेशी मुद्रा के भरपूर प्रवाह का प्रबंधन चुनौती बन गया है ।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार तीसरे हफ्ते तेजी, 550 अरब डॉलर हुआ फॉरेक्स रिजर्व

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार तीसरे हफ्ते तेजी. (फोटो- न्यूज18)

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : December 03, 2022, 08:24 IST

हाइलाइट्स

भारत का फॉरेक्स रिजर्व समीक्षाधीन सप्ताह में करीब 3 अरब डॉलर बढ़ा.
देश के गोल्ड रिजर्व में इस दौरान 7.3 करोड़ डॉलर की गिरावट आई.
शेयर बाजार में शुक्रवार को लंबे बुल रन के बाद गिरावट देखने को मिली.

नई दिल्ली. देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त में रहा. सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. अगस्त, 2021 के बाद शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस सप्ताह सबसे तेज वृद्धि हुई है.

गौरतलब है कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था. हालांकि, इसके बाद वैश्विक घटनाक्रमों के कारण कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों, आयात महंगा होने व रुपये के मूल्य में कमजोरी से विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे की ओर लुढ़का था. आरबीआई ने इसके बाद रुपये में गिरावट को थामने के लिए हस्तक्षेप किया और साथ ही कच्चे तेल के दाम भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी नीचे आ गए. इससे फॉरेक्स रिजर्व को अब कुछ राहत मिलती दिख रही है.

Forex Reserve: देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 631 अरब डॉलर पर आया, गोल्ड रिजर्व में दिखी गिरावट

By: ABP Live | Updated at : 12 Mar 2022 08:59 AM (IST)

Edited By: Meenakshi

विदेशी मुद्रा भंडार

Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार मार्च को खत्म हफ्ते में 39.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 631.92 अरब डॉलर हो गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ये जानकारी दी है और इससे पूर्व 25 फरवरी को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 1.425 अरब डॉलर घटकर 631.527 अरब डॉलर रह गया था.

सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार था ऑलटाइम हाई पर
इससे पहले तीन सितंबर, 2021 को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के सर्वकालिक स्तर पर जा पहुंचा था. आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) के बढ़ने की वजह से हुई जो कुल मुद्रा भंडार शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. आंकड़ों के अनुसार 18 फरवरी को खत्म हफ्ते में एफसीए 63.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 565.466 अरब डॉलर हो गया.

रुपये में रिकॉर्ड गिरावट, 1466 अंक टूटा सेंसेक्स, समझिए रुपया गिरते ही क्यों मच जाती है हाय-तौबा

रुपये में रिकॉर्ड गिरावट, 1466 अंक टूटा सेंसेक्स, समझिए रुपया गिरते ही क्यों मच जाती है हाय-तौबा

डॉलर के मुकाबले रुपया 80.12 रुपये के स्तर तक जा पहुंचा है. इसकी वजह से सेंसेक्स करीब 1466 अंकों की भारी गिरावट के साथ खुला. आइए समझते हैं रुपया गिरता है तो क्या होता है.

रुपया.. रुपया.. रुपया.. आज फिर से हर तरफ रुपये की ही बात हो रही है. एक दिन पहले ही सुपरटेक का ट्विन टावर जमींदोज हुआ है और अब रुपया अपने ऑल टाइम लो के लेवल पर जा पहुंचा है. पूरी मीडिया में ट्विन टावर छाया हुआ था, लेकिन रुपये की गिरावट ने ट्विन टावर के गिरने की खबर को थोड़ा फीका बना दिया है. रुपये ने 29 अगस्त को रेकॉर्ड निचला स्तर छुआ है और डॉलर के मुकाबले 80.12 रुपये के स्तर तक जा पहुंचा है. इसकी वजह से शेयर बाजार भी धड़ाम हो गया है. शेयर बाजार में सेंसेक्स करीब 1466 अंकों की भारी गिरावट के साथ खुला. रुपये ने आज हर तरफ हाय-तौबा मचा दी है.

कितना गिर गया शेयर बाजार?

रुपये में गिरावट की वजह से सुबह सेंसेक्स करीब 1499 अंक गिरकर खुला. हालांकि, बाद के कारोबार में सेंसेक्स ने काफी हद तक रिकवर किया, लेकिन दोपहर तक भी सेंसेक्स 700-800 अंक से अधिक गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था. गिनी-चुनी कुछ कंपनियों को छोड़ दें तो सेंसेक्स की करीब 80 फीसदी कंपनियां लाल निशान में कारोबार कर रही थीं. शाम होते-होते सेंसेक्स की गिरावट 861 अंक रह गई और बाजार 57,972 अंकों पर बंद हो गया.

इस हफ्ते की शुरुआत रुपये में गिरावट के साथ हुई है. सोमवार को रुपया करीब 28 पैसे गिरकर 80.12 रुपये के स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, बाद में रुपये में तेजी से रिकवरी भी देखने को मिली, जिसकी एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि रिजर्व बैंक ने कुछ डॉलर्स बेचे हों. इस गिरावट की वजह है डॉलर में आई मजबूती. इसके चलते सिर्फ रुपया ही नहीं, बल्कि बाकी देशों की करंसी शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा भी कमजोर हुई है. डॉलर को मजबूती मिली है अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान से. उन्होंने साफ कहा है कि केंद्रीय बैंक की सख्ती से परिवारों और कंपनियों को थोड़ी दिक्कत हो सकती है.

रुपया गिरने का क्या है मतलब?

विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिका मुद्रा (डॉलर) के मुकाबले रुपया गिरने का मतलब है कि भारत की करंसी कमजोर हो रही है. इसका मतलब अब आपको आयात में चुकाई जाने वाली राशि अधिक देनी होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि ग्लोबल स्तर पर अधिकतर भुगतान डॉलर में होता है. यानी रुपया गिरता है हमे अधिक विदेशी मुद्रा खर्च करनी होती है, जिससे हमारा विदेशी मुद्रा भंडार कम होने लगता है. यही वजह है कि विदेशी मुद्रा भंडार पर संकट आते ही सबसे पहले तमाम देश आयात पर रोक लगाते हैं.

एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए आपको कुछ आयात करने में 1 लाख डॉलर देने पड़ रहे हैं. साल की शुरुआत में डॉलर की तुलना में रुपया 75 रुपये पर था. यानी तब जिस आयात के लिए 75 लाख रुपये चुकाने पड़ रहे थे, अब उसी के लिए 80 लाख रुपये चुकाने पड़ेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि अब डॉलर के मुकाबले रुपया 80 रुपये के भी ऊपर निकल चुका है.

कोरोना की आहट से सहमा रहा शेयर बाजार. भारतीय रुपए में आठ पैसे की बढ़त

मुंबई। वैश्विक बाजार की तेजी के बावजूद देश में कोरोना की आहट से सहमे निवेशकों की चौतरफा बिकवाली के दबाव में शेयर बाजार आज लगातार तीसरे दिन भी सहमा रहा। देश में ओमीक्रॉन के वेरिएंट बीएफ7 के मामले मिलने से निवेशकों की निवेश धाराणा पर असर पड़ा है।

इससे बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 241.02 अंक यानी 0.39 प्रतिशत लुढ़ककर डेढ़ माह के निचले स्तर 61 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 60826.22 अंक पर रहा। इससे पूर्व यह 10 नवंबर को 60613.70 अंक पर रहा था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 71.75 अंक अर्थात 0.39 प्रतिशत गिरकर 18127.35 अंक पर आ गया।

दिग्गज कंपनियों की तरह बीएसई का मिडकैप 0.77 प्रतिशत उतरकर 25,285.23 अंक और स्मॉलकैप 1.83 प्रतिशत टूटकर 28,421.52 अंक पर रहा। इस दौरान बीएसई में कुल 3652 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2790 में बिकवाली जबकि 767 में लिवाली हुई वहीं 95 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई में 41 कंपनियों में गिरावट जबकि शेष नौ में तेजी रही। बीएसई के 18 समूह बिकवाली के दबाव में रहे।

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