Chup Film Update निर्देशक आर बाल्की की ‘चुप’ के संगीतकार बने महानायक अमिताभ बच्चन
मुंबई: यदि आप आर बाल्की के नवीनतम ‘चुप’ के बारे में खबरों पर ध्यान दे रहे हैं तो आपने एक ऐसा नाम देखा होगा जिसे हम सभी उस शीर्षक से परिचित हैं जिसे हमने कभी नहीं देखा है। संगीतकार के रूप में अमिताभ बच्चन। हैरानी की बात नहीं है? लेकिन निश्चिंत रहें, यह कोई गड़बड़ नहीं है। बिग बी ने पिछले कुछ वर्षों में कई प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं और कुछ प्रतिष्ठित गीतों को भी अपनी आवाज़ दी है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब बॉलीवुड के शहंशाह ने कोई गाना बनाया है। और ये रही पूरी कहानी खुद निर्देशक आर बाल्की बता रहे है। “यह सब बहुत अचानक हुआ। मैंने अमित जी को फिल्म (चुप) देखने के लिए कहा था। इसे देखने के बाद, उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और उन्होंने मुझे अपने पियानो पर एक धुन बजा कर सुनाई और कहा कि फिल्म और पात्रों ने उन्हें ऐसा महसूस कराया। वह बहुत सुंदर था,मैं उत्साहित था। मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं धुन का इस्तेमाल कर सकता हूं और उन्होंने तुरंत इसे फिल्म को उपहार में दे दिया। आज चुप पहली फिल्म है जिस के क्रेडिट स्कोर के रूप में अमितजी की आधिकारिक कंपोजिशन है।”
सनी देओल,दुलकर सलमान और पूजा भट्ट अभिनित फिल्म ‘चुप’ आर बाल्की द्वारा निर्देशित और राकेश झुनझुनवाला, अनिल नायडू, डॉ. जयंतीलाल गड़ा (पेन स्टूडियो) और गौरी शिंदे द्वारा निर्मित है। मूल कहानी आर बाल्की की है, पटकथा और संवाद आर बाल्की, समीक्षक से लेखक बने राजा सेन और ऋषि विरमानी द्वारा सह-लिखित हैं।
डॉ. जयंतीलाल गड़ा (पेन स्टूडियोज) फिल्म प्रस्तुत करते हैं और पेन मरुधर द्वारा पूरे इंडिया में फिल्म वितरित की जाएगी। फोटोग्राफी के निदेशक विशाल सिन्हा हैं और संगीत निर्देशक एस डी बर्मन, अमित त्रिवेदी, स्नेहा खानवलकर और अमन पंत हैं। साहिर लुधियानवी, कैफ़ी आज़मी, स्वानंद किरकिरे के गीत है। प्रणब कपाड़िया और अनिरुद्ध शर्मा फिल्म के सह-निर्माता हैं।
ये है उस इंजीनियर की कहानी जिसने खड़ा किया अरबों का बिजनेस, अब दिवालिया होने का डर
बुलंदशहर जनपद से सात किलोमीटर दूर मूल रूप से चिट्टा गांव के रहने वाले एक इंजीनियर ने अरबों का बिजनेस खड़ा कर राष्ट्र ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय फलक पर भी अपना मुकाम हासिल किया। सीमेंट से लेकर एमएसीडी की मूल कहानी होटल, एक्सप्रेसवे, अस्पताल, शिक्षण संस्थान समेत कई परियोजनाओं को नई ऊंचाइयां दी।
हालांकि जेपी बिल्डर को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने दिवालिया घोषित कर दिया है। फिलहाल कंपनी को अपना पक्ष रखने के लिए 270 दिनों की मोहलत दी गई है। एक व्यक्ति की अर्श से फर्श तक पहुंचने की कहानी भी रुपहले पर्दे की थीम स्टोरी से कम नहीं है। सिंचाई विभाग में एक इंजीनियर से अरबों का बिजनेस खड़ा करने वाले जेपी ग्रुप के मालिक जयप्रकाश गौड़ का जन्म बुलंदशहर के चिट्टा गांव में 2 एमएसीडी की मूल कहानी जनवरी 1931 को हुआ था। पिता पंडित बलजीत सिंह उस समय प्रदेश में कृषि पर्यवेक्षक के पद पर जनपद सहारनपुर के देवबंद में तैनात थे। वर्ष 1936 में स्थानांतरण होने के बाद पिता बलजीत सिंह जिला मैनपुरी के बेवर में आ गए। जहां पर जयप्रकाश ने कक्षा 1 से कक्षा 4 तक की पढ़ाई पूरी की।
इसके बाद स्थानांतरण के दौरान बुलंदशहर के शिकारपुर और फिर अनूपशहर में जयप्रकाश ने 12 तक की पढ़ाई की। इस दौरान वर्ष 1948 में उनका चयन उस समय थामसन इंजीनियरिंग कॉलेज और आज के आईआईटी रुढ़की में हो गया। इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग में नौकरी मिल गई, इसके बाद सरकार की ओर एमएसीडी की मूल कहानी से बेतवा नदी पर माता टीला बांध बनाने का मौका मिला। बांध बनाने के बाद गौड़ ने नौकरी से रिजाइन कर दिया इसके बाद बुलंदशहर से ठेकेदारी शुरू की और इसके बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
बिजनेस को पहुंचाया ऊंचाइयों तक: वर्ष 1987 में जयप्रकाश गौड़ की कंपनी जेपी एसोसिएट लिमिटेड के नाम से बांबे स्टाक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड हुई। 1981 में ग्रुप ने हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में एंट्री करते हुए इलाके के कई स्थानों पर अस्पताल खोले। जिसमें अनूपशहर और अपने पैतृक गांव चिट्टा में भी अस्पताल का निर्माण करवाया। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हुए अनूपशहर में पांच साल पहले जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना की। इसके अलावा वहां के एलडीएवी इंटर कॉलेज और डीपीबीएस डिग्री कॉलेज का प्रबंधन भी जेपी के हाथों में आ गया। नब्बे के दशक में जेपी ने जनपद के कई क्षेत्रों में विकास के लिए कई काम कराए। अनूपशहर में जहां मंदिर का निर्माण कराया और गंगा घाटों में सौंदर्यीकरण का काम भी शुरू करा दिया। इसके अलावा बुलंदशहर का एतिहासिक कालाआम चौराहे का सौंदर्यीकरण भी जेपी ग्रुप की देन है।
रियल स्टेट और सीमेंट कारोबार में भी आजमाया था हाथ: रियल स्टेट कंपनी का गठन करने के दौरान इन्होंने कई प्रोजेक्ट तैयार कराए। 2012 में यमुना एक्सप्रेस-वे का प्रोजेक्ट तैयार कर एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की। वहीं मध्यप्रदेश के रीवा के अलावा बुलंदशहर जनपद के सिकंदराबाद के औद्योगिक क्षेत्र एमएसीडी की मूल कहानी में सीमेंट उद्योग शुरू किया, रियल स्टेट में आए स्लम के चलते कर्जों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी होने लगी बढ़ते कर्जों की वजह से उसे कंपनी ने पावर प्लांट और सीमेंट इंडस्ट्री को बेचने की नौबत आ गई। ऐसे में जेपी ग्रुप ने सिकंदराबाद समेत सीमेंट कारोबार के बड़े हिस्से को अल्ट्राट्रेक कंपनी को बेच दिया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019: जानें 5 टॉपर्स की सफलता की कहानी
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 की मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई है। इसमें हरियाणा के प्रदीप सिंह ने परीक्षा को टॉप किया और प्रतिभा वर्मा महिलाओं में टोपर रहीं। जानें UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 परीक्षा के टॉप 5 टॉपर्स की सफलता की कहानी।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार को सिविल सेवा 2019 की परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। मेरिट लिस्ट में 829 उम्मीदवारों का नाम शामिल किया गया है जिन्हें मेरिट के आधार पर एमएसीडी की मूल कहानी IAS, IPS, IFS और ग्रुप A एवं B सेवाओं में नियुक्त किया जाएगा। UPSC सिविल सेवा 2019 परीक्षा मेरिट लिस्ट में 179 महिला उम्मीदवार हैं। मेरिट लिस्ट में पहला रैंक हरियाणा के प्रदीप सिंह ने हासिल किया वहीं दिल्ली के जतिन किशोर दूसरे स्थान पर रहे। आइये जानते हैं UPSC सिविल सेवा 2019 परीक्षा के टॉप 5 टॉपर्स के बारे में
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 - AIR 1 प्रदीप सिंह
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 के टॉपर प्रदीप सिंह मलिक हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले हैं। एक किसान के बेटे प्रदीप हमेशा से ही उज्ज्वल छात्र रहे हैं। उन्होंने DCRUST मुरथल से कंप्यूटर साइंस में B.Tech की है। प्रदीप फिलहाल इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के तौर कार्यरत हैं और उन्होंने अपनी नौकरी के साथ साथ ही UPSC की तैयारी की। प्रदीप ने यह परीक्षा चौथे एटेम्पट में पास की है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 - AIR 2 जतिन किशोर
जतिन किशोर दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्होंने अपने स्कूल से ले कर पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई दिल्ली से ही पूरी की है। जतिन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स होंर्स में ग्रेजुएशन किया जिसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से इकोनॉमिक्स में ही मास्टर्स की डिग्री हासिल की। जतिन हमेशा से ही एक होनहार छात्र रहे हैं और उन्होंने 2018 में UPSC द्वारा आयोजित की जाने वाली इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस (IES) परीक्षा में भी टॉप कर पहला स्थान हासिल किया था। हालंकि 2018 में वह UPSC सिविल सेवा परीक्षा की प्रीलिम्स स्टेज भी पास नहीं कर पाए थे। इकोनॉमिक्स ऑप्शनल के साथ जतिन ने यह परीक्षा अपने दुसरे प्रयास में पास की है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 - AIR 3 प्रतिभा वर्मा
UPSC सिविल सेवा 2019 की टॉपर प्रतिभा वर्मा (AIR 3) वर्तमान में महाराष्ट्र के नागपुर जिले में आयकर आयुक्त (Income Tax Commissioner) के रूप में कार्यरत हैं। वह इस वर्ष सिविल सेवा के लिए चुनी गई 197 महिलाओं में से महिला टॉपर हैं। प्रतिभा ने IIT दिल्ली से B.Tech की डिग्री हासिल की है। जिसके बाद उनका प्लेसमेंट वोडाफोन में हुआ। परन्तु अपने IAS बनने के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जॉब से रिजाइन कर दिया था। प्रतिभा ने सिविल सेवा 2018 की परीक्षा में 489 रैंक हासिल किया था जिसके बाद उन्हें IRS में चयनित किया गया था। उन्होंने 2019 में एक बार फिर परीक्षा दी और तीसरे एटेम्पट में तीसरी रैंक हासिल कर अपने IAS बनने के सपने को पूरा किया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 - AIR 4 हिमांशु जैन
सिविल सेवा 2019 परीक्षा में चौथा रैंक हासिल करने वाले हिमांशु जैन हरियाणा के पलवल जिले के होडल गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई होडल में ही हुई है जिसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्विद्यालय के हंसराज कॉलेज से इकोनॉमिक्स हॉनर्स में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। हिमांशु ने दिल्ली में रह कर ही की तैयारी की और उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा ना हों इसीलिए उनके पिता उनके साथ ही रहते थे। हिमांशु ने अपना पहला एटेम्पट साल 2018 में दिया था परन्तु वह उस वर्ष असफल रहे थे। इसके बाद उन्होंने 2019 में बेहतर तैयारी के साथ एक बार फिर 2019 में प्रयास किया और चौथी रैंक हासिल की।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 - AIR 5 जयदेव सी, एस.
UPSC सिविल सेवा 2019 की परीक्षा में 5वां रैंक हासिल करने वाले जयदेव कर्नाटका के टोपर भी हैं। जयदेव पेशे से एक वकील हैं और बंगलुरु के रहने वाले हैं। उन्होंने NLSIU से लॉ की डिग्री हासिल की है। जयदेव हमेशा से ही सिविल सेवा में आना चाहते थे और लॉ की पढ़ाई के दौरान उन्होंने शासन के बारे में ज्ञान प्राप्त किया। जयदेव कर्नाटका कैडर में रह कर ही राज्य के लिए काम करना चाहते हैं। जयदेव ने लॉ ऑप्शनल के साथ यह परीक्षा दुसरे एटेम्पट में टॉप की है।
UPSC सिविल सेवा 2019 की परीक्षा में बेशक ही टॉपर्स का बैकग्राउंड और पढ़ने की रणनीति अलग रही है परन्तु सभी टॉपर्स का मूल मंत्र कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास करते रहना ही रहा। सभी टॉपर्स अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रयास करते रहे जिसका नतीजा आज हम सबके सामने है। यह सभी टॉपर्स देश के प्रत्येक युवा के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
'दृश्यम 2' रिव्यू: अजय देवगन ने फिर दिखाया कमाल, दुगना हुआ विजय सलगांवकर का माइंडगेम
2015 की चर्चित फिल्म 'दृश्यम' का सीक्वल 18 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुका है। जहां पिछली बार फिल्म का निर्देशन निशिकांत कामत ने किया था, वहीं इस बार यह कमान अभिषेक पाठक ने संभाली है। मलयालम फिल्म की रीमेक 'दृश्यम' का एक खास प्रशंसक वर्ग है जो 'दृश्यम 2' का लंबे समय से इंतजार कर रहा था। आइए, जानते हैं इस बार कैसी है विजय सालगांवकर और गोवा पुलिस की भिड़ंत।
इस बार अजय देवगन और अक्षय खन्ना हैं आमने-सामने
विजय की बेटी गलती से IG मीरा देशमुख के बेटे का खून कर चुकी है। सात साल बाद यह केस फिर से खुला है। जहां पिछली बार मीरा (तब्बू) और विजय (अजय देवगन) आमने-सामने थे, वहीं इस बार IG तरुण (अक्षय खन्ना) यह केस सुलझाने में लगे हैं। तरुण एक सख्त पुलिस अफसर है जिसने सलगांवकर परिवार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। 'दृश्यम 2' भी चौथी फेल विजय के दांवपेंच से भरी हुई है।
क्राइम थ्रिलर होते हुए भी भावनाओं से जुड़ी रहती है फिल्म
पिछली बार पुलिस सबकुछ जानते हुए भी कुछ साबित नहीं कर पाई थी, वहीं इस बार विजय का कुबूलनामा लेने के बाद भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाती है। पुलिस और विजय दोनों की ओर से तगड़ा माइंडगेम खेला जा रहा है। दर्शक कभी पुलिस की वाहवाही करते हैं तो कभी विजय से हमदर्दी रखते हैं। एक क्राइम थ्रिलर फिल्म होते हुए भी फिल्म लगातार अपने बच्चे के लिए माता-पिता की तकलीफ से जोड़े रखती है।
स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले ने फिल्म को बनाया रियलिस्टिक
'दृश्यम 2' की कहानी 'दृश्यम' से सात साल आगे की है। फिल्म की स्क्रिप्ट दर्शकों को सात साल आगे बेहतरीन तरीके से लेकर जाती है। लॉकडाउन का जिक्र, पिछले कुछ सालों में वायरल हुए मीम और खुद 'दृश्यम' पर बनने वाले मीम के स्क्रिप्ट में शामिल होने से कहानी काफी रियलिस्टिक लगती है। बैकग्राउंड स्कोर इसमें आने वाले ट्विस्ट और सस्पेंस को और दिलचस्प बनाता है। 'दृश्यम' की ही तरह सीक्वल में भी क्लाइमैक्स दर्शकों को हैरान कर देता है।
परिचित अंदाज में दिखा 'दृश्यम परिवार', अक्षय खन्ना हैं नया चेहरा
फिल्म में अक्षय खन्ना नया चेहरा हैं। बाकी सभी कलाकार फिल्म में 'दृश्यम परिवार' के रूप में दर्शकों से परिचित हैं। इस बार तब्बू का स्क्रीन स्पेस कम है, लेकिन फिल्म के इमोशन को बरकरार रखने में उनका अभिनय काम करता है। अपने अभिनय से अजय, विजय के लिए दर्शकों की हमदर्दी जीतने में कामयाब हुए हैं। वहीं इशिता दत्ता, श्रिया शरन, मृणाल जाधव, कमलेश सावंत, रजत कपूर अपने परिचित अंदाज में नजर आए हैं।
गेस्ट अपीयरेंस में दिखे सौरभ शुक्ला
'दृश्यम 2' में सौरभ शुक्ला गेस्ट अपीयरेंस में नजर आए हैं। उनका किरदार एक फिल्म लेखक का है। यही किरदार फिल्म के क्लाइमैक्स को जबरदस्त ट्विस्ट देता है।
देखें या न देखें
क्यों देखें- 'दृश्यम' के प्रशंसक हैं तो आप इस फिल्म को देखने में देर नहीं कर सकते। बॉलीवुड की सस्पेंस ड्रामा फिल्में पसंद करते हैं, तो इस फिल्म को देख सकते हैं। अजय देवगन के प्रशंसकों के लिए फिल्म एक उपहार है। क्यों न देखें- सस्पेंस फिल्मों में रुचि नहीं है तो यह फिल्म छोड़ सकते हैं। यदि मलयालम में 'दृश्यम 2' देख चुके हैं तो हो सकता है आपको मजा न आए। न्यूजबाइट्स स्टार- 3.5/5
न्यूजबाइट्स प्लस
'दृश्यम' का निर्देशन निशिकांत कामत ने किया था। अगस्त, 2020 में 50 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। उन्होंने 'फोर्स', 'मदारी' और 'रॉकी हैंडसम' जैसी कई बेहतरीन फिल्में दी थीं। 'दृश्यम' की मूल कहानी जीतू जोसफ ने लिखी है।
T-Series का गाना ‘कचियां कचियां’ हुआ रिलीज, जुबिन नौटियाल ने गाने में दी आवाज
टी-सीरीज (T-Series) का म्यूजिक इंडस्ट्री में काफी नाम है. दूसरी तरफ सिंगर जुबिन नौटियाल ने भी हर बार एक नया सुपरहिट ट्रैक देकर खुद को साबित किया है. ऐसे में जब यह दो पावरहाउस एक साथ आएंगे तो धमाका तो ही होगा. बस फिर क्या था, दोनों ने एक बार फिर से खूबसूरत ट्रैक कचियां कचियां (Kachiyan Kachiyan) के लिए हाथ मिला लिया है और म्यूजिक कंपोजर्स मीत ब्रदर्स के साथ आएं है. इस गाने में करण मेहरा, इहाना ढिल्लों और अमरदीप फोगट को फीचर किया गया हैं. इस दिल छू लेने वाले गाने को टैलेंटेड नवजीत बुट्टर ने डायरेक्ट किया है. यह गाना टी-सीरीज के यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ कर दिया गया है. आपको बता दें, यह सोलफुल ट्रैक तीन लोगों के सफर को दर्शाएगा जो एक लव ट्रायंगल में होते है. इस ट्रैक को बड़े पैमाने पर शूट किया गया है और करण मेहरा, इहाना ढिल्लों और अमरदीप फोगट जैसे अभिनेताओं का होना निश्चित रूप से टी-सीरीज़ के एक और खूबसूरत गाने के एमएसीडी की मूल कहानी आकर्षण को बढ़ाता है.
- गाना एक विजुअल ट्रीट
- भरोसेमंद प्रेम कहानी दर्शाती
- अमरदीप फोगट ने गाने पर दिया बयान
गाना एक विजुअल ट्रीट
इस पर बात करते हुए टी-सीरीज़ के हेड भूषण कुमार कहते हैं, “जुबिन नौटियाल की सोलफुल आवाज़ और कुमार के खूबसूरत लिरिक्स निश्चित रूप से कानों को खुश कर देगा. इतना ही नहीं यह गाना एमएसीडी की मूल कहानी एक विजुअल ट्रीट भी है क्योंकि नवजीत बुट्टर एप्ट विसुअस्ल के साथ एक्टर्स में बेस्ट को सामने लाते हैं. वहीं जुबिन नौटियाल कहते हैं, “भूषणजी के साथ सहयोग करना हमेशा अच्छा होता है. उनके द्वारा निर्मित ट्रैक में हमेशा एक बेहतरीन कहानी होती है, एक ऐसा राग जो आसानी से जुड़ जाता है और खूबसूरत गाने होते हैं. कचियां कचियां मेरे लिए रिकॉर्ड करने के लिए एक बहुत ही दिलचस्प गाना था.
भरोसेमंद प्रेम कहानी दर्शाती
वीडियो के साथ फाइनल आउटकम देखने के बाद, मैं इस नंबर का हिस्सा बनकर बेहद उत्साहित हूं.” करण मेहरा कहते हैं, “यह गाना लिस्नर्स को अलग-अलग भावनाओं की जर्नी पर ले जाता है, जब कोई प्यार में होता है और मैं इस सोलफुल ट्रैक के लिए इहाना के साथ एक बार फिर से जुड़कर खुश हूं.” इहाना ढिल्लों इस गाने को लेकर कहती हैं, “‘कचियां कचियां’ में एक दिल दहला देने वाली भरोसेमंद प्रेम कहानी सामने आती है. मैं गाने पर दर्शकों की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही हूं और इस मौके के लिए भूषणजी और टी-सीरीज को धन्यवाद देना चाहती हूं.”
अमरदीप फोगट ने गाने पर दिया बयान
अमरदीप फोगट कहते हैं, ‘कचियां कचियां’ एक खूबसूरत ट्रैक है और अंत तक आपको बांधे रखेगा. इस ट्रैक पर भूषण सर, करण और इहाना के साथ काम करना एक खुशी की बात थी और इसे फिल्माने का अनुभव वास्तव में यादगार रहा है.” इस पर म्यूजिक कंपोजर्स मीट ब्रदर्स का कहना हैं, “इस गाने के लिए भूषणजी ने हमें जो ब्रीफ दिया था वह यह था कि इसे किसी और की तरह नही बनाना है. कहानी की सही धुन का पता लगाने में हमें थोड़ा समय लगा लेकिन हमें इस गीत की रचना करने में बहुत मज़ा आया. जुबिन की आवाज और अभिनेताओं के प्रदर्शन ने वास्तव में गाने का असली सार सामने लाया है. कचियां कछियां निश्चित रूप से सभी की प्लेलिस्ट में होंगा. हम दर्शकों की प्रतिक्रिया का इंतजार नहीं कर सकते.”
डायरेक्टर नवजीत बुट्टर कहते हैं, “इस गाने में भावनाओं का सैलाब है, और अभिनेताओं के प्रदर्शन ने कहानी के मूल पर कब्जा कर लिया है. इसमें जुबिन द्वारा मधुर स्वर जोड़ना केक पर आइसिंग है. भूषण जी एक दूरदर्शी हैं और उनके और टीम के साथ फिर से सहयोग करके बहुत अच्छा लगा!” तो भूषण कुमार की टी-सीरीज़ के लेटेस्ट गाने कचियां कचियां को एंजॉज किजीए जो उनके YOU TUBE चैनल पर उपलब्ध है. इसका म्यूजिक मीत ब्रदर्स का है और आवाज दी है जुबिन नौटियाल ने। इस गाने का निर्देशन नवजीत बुट्टर ने किया हैं और वहीं इसमें करण मेहरा, इहाना ढिल्लों और अमरदीप फोगट ने गाने में अपने प्रदर्शन से चार चांद लगाए है.
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