जहां से वो अपना वैल्यू प्राप्त कर रहा है यानी कि वो साइन, वो उस कागज का अंतर्निहित परिसंपत्ति (Underlying Assets) है। क्योंकि अगर वो साइन नहीं होता तो कागज की कोई डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है वैल्यू नहीं होती। ऐसे ही ढेरों उदाहरण आप अपने आस-पास से ले सकते हैं।

NSE Digital Exchange

"नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन (एफआईए) द्वारा कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए बनाए गए आंकड़ों के अनुसार ट्रेडिंग वॉल्यूम (अनुबंध) द्वारा दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज है। एनएसई नकद इक्विटी में दुनिया में चौथे स्थान पर है। कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (डब्ल्यूएफई) द्वारा बनाए गए आंकड़ों के अनुसार ट्रेडों की संख्या। एनएसई इलेक्ट्रॉनिक या स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग को लागू करने वाला भारत में पहला एक्सचेंज था। इसने 1994 में परिचालन शुरू किया और इसे सबसे बड़े स्टॉक के रूप में स्थान दिया गया। सेबी के आंकड़ों के आधार पर, 1995 के बाद से हर साल इक्विटी शेयरों के लिए कुल और औसत दैनिक कारोबार के मामले में भारत में एक्सचेंज। एनएसई के पास पूरी तरह से एकीकृत व्यापार मॉडल है जिसमें एक्सचेंज लिस्टिंग, ट्रेडिंग सेवाएं, समाशोधन और निपटान सेवाएं, सूचकांक, बाजार डेटा फीड शामिल हैं। प्रौद्योगिकी समाधान और वित्तीय शिक्षा प्रसाद। एनएसई सेबी और एक्सचेंज के नियमों और विनियमों के साथ व्यापार, समाशोधन सदस्यों और सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा अनुपालन की भी देखरेख करता है। प्रौद्योगिकी में अग्रणी है और प्रौद्योगिकी में नवाचार और निवेश की संस्कृति के माध्यम से अपने सिस्टम की विश्वसनीयता और प्रदर्शन सुनिश्चित करता है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें: https://www.nseindia.com/

डेटा की सुरक्षा

आपके डेटा की सुरक्षा, इस बात पर निर्भर करती है कि डेवलपर, डेटा को कैसे इकट्ठा और शेयर करते हैं. डेटा को निजी और सुरक्षित रखने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं. ये आपकी जगह, उम्र, और ऐप्लिकेशन के इस्तेमाल के हिसाब से तय किए जाते हैं. यह जानकारी डेवलपर उपलब्ध कराता है और समय-समय पर इस जानकारी को अपडेट भी किया जा सकता है.

Latest release version contains a dashboard डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है for external users with the following journeys:

- Change in Director
- CO Updation
- AP Cancellation
- AP Registration
- AP Change in Detail
- MTR Submission
- KMP Updation
- Half-yearly Networth
- AI&ML Reporting
- Annual Returns

डेरिवेटिव क्या है?। डेरिवेटिव्स। Derivatives in Hindi

हालांकि कुछ डेरिवेटिव्स के अलग से भी एक्सचेंज होते हैं। जैसे कि कमोडिटी डेरिवेटिव्स (Commodity derivatives) की ही बात करें तो इंडिया में इसके लिए अलग से भी एक्सचेंज है। ये क्या होता है इसे हम आगे समझेंगे।

डेरिवेटिव्स पूंजी बाज़ार में सबसे तेजी से धन कमाने का एक बेहतरीन जरिया है। कम से कम पैसों में भी इस विधि से लाभ कमाया जा सकता है। पर बात वही है कि अगर प्रॉफ़िट ज्यादा है तो रिस्क भी बहुत ज्यादा है।

कुछ लोग तो इस मार्केट में बहुत ज्यादा पैसा कमाने के मकसद से ही आते हैं वहीं कुछ लोग अपना रिस्क कम करने के लिए आते है। ये सब कैसे होता है सब हम आगे समझने वाले हैं।

| डेरिवेटिव क्या है?

प्रतिभूतियों (Securities) को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है – (1) इक्विटि प्रतिभूतियां (equity securities) (2) डेट प्रतिभूतियां (Debt securities) और (3) डेरिवेटिव प्रतिभूतियां (Derivatives securities)। नीचे दिये गए चार्ट में आप इसे देख सकते हैं।

डेरिवेटिव क्या है

कहने का अर्थ ये है कि डेरिवेटिव भी एक प्रतिभूति है जिसका कि एक मौद्रिक डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है मूल्य होता है। लेकिन यहाँ याद रखने वाली बात है कि ये अपना मूल्य खुद से प्राप्त नहीं करता है बल्कि किसी और चीज़ से प्राप्त करता है।

यानी कि कोई भी ऐसा उपकरण (Instrument) जिसकी अपनी खुद की कोई वैल्यू नहीं होती है बल्कि उसकी वैल्यू किसी और ही चीज़ से प्राप्त होती है। उसे डेरिवेटिव (Derivatives) कहा जाता है।

| डेरिवेटिव्स के प्रकार

डेरिवेटिव्स (Derivatives) चार प्रकार के होते हैं –
1. फॉरवर्ड डेरिवेटिव्स (Forward Derivatives)
2. फ्युचर डेरिवेटिव्स (Future Derivatives)
3. ऑप्शन डेरिवेटिव्स (Option Derivatives)
4. स्वैप डेरिवेटिव्स (Swap Derivatives)

हम सभी को एक-एक करके अलग-अलग लेखों में समझने वाले हैं, ऐसा इसीलिए ताकि इसके काम करने के तरीके को विस्तार से समझ सके। तो आइये फॉरवर्ड डेरिवेटिव्स (Forward Derivatives) से शुरू करते हैं;

Derivatives Market क्या है, डेरिवेटिव मार्केट कैसे काम करता है?

Derivatives.

नई दिल्ली: अगर आप भी शेयर या कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो डेरिवेटिव मार्केट या डेरिवेटिव ट्रेडिंग शब्द से आप का पाला जरूर पढ़ा होगा. डेरिवेटिव ट्रेडिंग वास्तव में शेयर/कमोडिटी बाजार में डेरिवेटिव की खरीद या बिक्री है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग एक पूर्व निर्धारित मूल्य के लिए भविष्य में डेरिवेटिव का ट्रेड करने के लिए दो पार्टियों के बीच हुआ एक समझौता है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग आमतौर पर शेयर बाजार या कमोडिटी बाजार के कारोबारी घंटों के हिसाब से होती है.

Luxury Car: महंगाई गई तेल लेने, इस साल हर घंटे इंडियन ने खरीदी चार लग्ज़री कार, जानिए डिटेल्स
भारत में डेरिवेटिव बाजार का महत्व तेजी से बढ़ रहा है. भारत में डेरिवेटिव ट्रेडिंग की शुरुआत साल 2000 साल में हुई. साल दर साल डेरिवेटिव ट्रेडिंग की लोकप्रियता कई गुना बढ़ रही है.

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करेंसी डेरिवेटिव्स फ्यूचर्स और ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट होते है जो एक्सचेंज पर ट्रेड होते है।

यह स्टॉक फ्यूचर्स और ऑप्शंस के समान है लेकिन करेंसी डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट के अंडरलाइंग स्टॉक के बदले करेंसी पेयर्स है (यानी USDINR, EURINR, JPYINR या GPINR) हैं।

NSE का करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट 4 करेंसी पेयर्स पर करेंसी फ्यूचर्स, 3 करेंसी पेयर्स पर क्रॉस करेंसी फ्यूचर्स और ऑप्शंस और 10 साल की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज पर इंटरेस्ट रेट फ्यूचर्स और 91 डे ट्रेजरी-बिल्स (टी-बिल्स) जैसे डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स में ट्रेडिंग प्रदान करता है।

करेंसी डेरिवेटिव में Kite पर ट्रेड करने के लिए करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट आपके अकाउंट पर इनेबल होना चाहिए।

करेंसी डेरिवेटिव (currency derivatives) को जानें

करेंसी डेरिवेटिव (currency derivatives) विक्रेता और खरीदार के बीच एक अनुबंध है, जिसका मूल्य अंतर्निहित परिसंपत्ति, मुद्रा राशि से लिया जाता है। करेंसी डेरिवेटिव को विदेशी मुद्रा विनिमय दर अस्थिरता (Foreign Currency Exchange Rate Volatility) के खिलाफ किसी भी जोखिम का प्रबंधन करने के लिये सबसे अच्छे विकल्पों में से एक माना जाता है।

मुद्रा डेरिवेटिव क्या हैं?

  • मुद्रा डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है विनिमय दरों के आधार पर डेरिवेटिव भविष्य का एक अनुबंध है जो उस दर को निर्धारित करता है जिस पर किसी मुद्रा को किसी अन्य मुद्रा के लिये भविष्य की तारीख में आदान-प्रदान किया जा सकता है।
  • भारत में कोई भी व्यक्ति डॉलर, यूरो, यूके पाउंड और येन जैसी मुद्राओं के खिलाफ बचाव के लिये ऐसे डेरिवेटिव अनुबंधों का उपयोग कर सकता है।
  • विशेष रूप से आयात या डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है निर्यात करने वाले कॉर्पोरेट इन अनुबंधों का उपयोग किसी निश्चित मुद्रा के जोखिम के खिलाफ बचाव के लिये करते हैं।
  • हालाँकि, इस तरह डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है के सभी मुद्रा अनुबंधों का रुपए में नकद के रूप में निपटारा (cash-settled) किया जाता है, इस साल की शुरुआत में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने क्रॉस मुद्रा अनुबंध के साथ-साथ यूरो-डॉलर, पाउंड-डॉलर और डॉलर- येन के साथ व्यापार में आगे बढ़ने को कहा है|
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