अगर किसी shareholder के पास पुराने ज़माने के share certificate रखे हुए है,
तो उस share को buy and sell करने से पहले उसे DIGITAL यानी DEMATERIALISED में बदलना अनिवार्य है।
demat account kya hai aur kaise kaam karta hai
पहले shares,, buy and sell करने के लिए Internet और mobile app and computer software का use नहीं किए जाते थे,
तब हम जो भी shares,, buy and sell करते थे वो shares हमें shares certificate के रूप में हाथों हाथ लेना और देना होता था,
जो कि उस समय बहुत ज्यादा समय लगाने वाला काम होता था, साथ ही साथ shares certificate को संभाल कर रखना भी एक जोखिम भरा कार्य था,
फिर जैसे ही share market में Internet and computer का use होना शुरू हो गया है।
तो सभी तरह के shares को DEMATERIALISED कर दिया गया है,
यानि shares को DIGITAL FORM में कर दिया गया, जिसे अब हम फिजिकली अपने हाथ में नहीं ले-दे सकते हैं, और ना ही हमें ख़रीदे गए shares को आगे संभाल रखने की जरुरत होती है,
और जिसके पास जो भी shares थे , वो shares उस shareholder का DEMAT ACCOUNT open करके उसके account में DIGITALLY एक locker के जैसा जमा कर दिया गया,
और जब वह shareholder उस share को बेच देता है, तो उसके DEMAT ACCOUNT से वो shares,, automatically निकलकर share,, buy करने वाले के demat account में जमा हो जाते हैं,
क्या कोई व्यक्ति 2 Demat ac खोल सकता है
चाहे आप कितने भी Stock Broker के पास अपना Account खुलवा लें लेकिन आपको NSDL and CDSL से हमेशा के लिए एक बार डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाएं ही Depository Id मिलती है।
Demat account में shares को रखना बहुत ही फायदेमंद होता है। share को रखने का एकदम आसन और सुविधाजनक तरीका होता है,
Shares को complete bank locker की तरह सुरक्षा मिलता है।
Shares को buy and sell करने में एकदम आसान और सुरक्षित है, विस्वसनीय और सुविधाजनक होता है।
Share आपके demat account में AUTOMATICALLY,, credit and debit हो जाता है। आप कही भी रहते हुए shares को buy and sell कर सकते है
Demat account के Loss
आप ये कभी डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाएं नहीं जान पायेगें की आपने किसको share को sell किया है, आप कभी नहीं जान पायेगें की आपने किससे share को buy किया है।
Stock broker के काम पर बहुत सख्त SUPERVISION की जरुरत होती है, जिस से की वो इस system का गलत फायदा न उठा सके।
Demat अकाउंट क्या है ? hindi me
Demat अकाउंट वो अकाउंट है जिसके द्वारा Share बाजार में खरीद फरोख्त की जाती हैं. सिक्योरिटीज को फिजिकल फार्मेट में बदलने की प्रक्रिया को ‘डीमेटिरियलाइजेशन’ कहते हैं। और इसी का शार्ट फॉर्म ‘डीमैट’ है। इसे खुलवाने के लिए पैन कार्ड होना जरुरी होता है, इसे आपके बैंक खाते से जोड़ दिया जाता है.
कुछ साल पहले तक अगर आप किसी कंपनी का शेयर ख़रीदते थे तो वह आप को उस के कागज़ भेजती थी. जो इस बात का सबूत होते थे कि आपने उस कंपनी के शेयर ख़रीदे हैं. और जब आप उस कपंनी के शेयर बेच देते थे तो वह कागज़ आप कंपनी के दफ्तर भेज देते थे. फिर कंपनी यह देखती थी कि जब आप ने शेयर बेचे तो शेयर का क्या भाव था.
फिर आप को वह पैसे देती थी-जिस में बहुत वक़्त लगता है. अब सब कंप्यूटर की मदद से होता है, आपने जैसे ही शेयर खरीदा वह आपके अकाउंट में कुछ देर में ही आ जायेगा और जैसे ही आप ने शेयर बेचा आपका पैसा आपके बैंक अकाउंट में भेज दिया जाएगा.
क्या एक से ज्यादा Demat account रख सकते हैं?
- आप एक साथ कई Demat account डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाएं रख सकते हैं। लेकिन एक कंपनी में आप अधिकतम तीन अकाउंट खुलवा सकते हैं।
- भारत में दो संस्थायें डीमैटअकाउंट खोलती है
- नेशनल सेक्योरिटीज डिपोज्रिटी लिमिटेड (एनएसडीएल) एवं सेंट्रल डिपोज्रिटी सर्विसेज लिमिलटेड (सीएसडीएल)।
- इन डिपोज्रिटीज के करीब 500 से ज्यादा डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाएं एजेंट हैं जिन्हें डिपोज्रिटी पार्टिसिपेंट्स (डीपी) कहा जाता है।
- यह जरूरी नहीं है कि डीपी कोई बैंक ही हो। दूसरी वित्तीय संस्थाएं जैसे शेयर खान, रिलायंस मनी, इंडिया इनफोलाईन आदि के पास भी डी-मैट अकाउंट खोला जा सकता है।
Demat अकाउंट डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाएं का कौन इस्तेमाल कर सकता है ?
यह जानना जरूरी है कि जो व्यक्ति खुद शेयर खरीदते-बेचते नहीं हैं उनके ब्रोकर प्रतिनिधि के रूप में खाते का इस्तेमाल कर सकते हैं इन ब्रोकर्स को आप के शेयर ख़रीदने या बेचने पर कुछ फीस मिलती है – कई बार कुछ ब्रोकर इस मुनाफे के लिए आप से बिना पूछे आपका शेयर बेच देते है इसलिए आप अपना ब्रोकर चुनते वक्त सावधानी रखे और अगर आप और आप के ब्रोकर में किसी बात पर लड़ाई है तो आप इस की शिकायत सेबी में कर सकते हैं|
- डी-मैट खाता खुलवाने वाले व्यक्ति से डीपी कई तरह के फीस वसूलता है। यह फीस कंपनी दर कंपनी अलग हो सकती है।
- अकाउंट ओपनिंग फीस – खात खुलवाने के लिए वसूला जाने वाला फीस। कुछ कंपनियां जैसे ICICI , HDFC , UIT आदि यह फीस नहीं लेती है। जबकि कुछ SBI और कार्वी कंसलटेंट्स आदि इसे वसूलती हैं। वैसे कुछ कंपनियां इसे रिफंडेबल (खाता बंद कराने पर लौटा देती हैं) भी रखती हैं।
- एनुअल मेंटेनेंस फीस – सालाना फीस जिसे फोलियो मेंटेनेंस चार्ज भी कहते हैं। आमतौर पर कंपनी यह फीस साल के शुरुआत में ही ले लेती है।
- कसटोडियन फीस – कंपनी इसे हर महीने ले सकती है या फिर एक बारी में ही। यह फीस आपके शेयरों की संख्या पर निर्भर करता है।
- ट्रांजेक्शन फीस – डीपी चाहे तो इसे हर ट्रांजेक्शन पर चार्ज कर सकता है या फिर चाहे तो ट्रेडिंग की राशि पर (न्यूनतम फीस तय कर)।
- इनके अलावा कंपनी री-मैट, डी-मैट, प्लेज चार्जेज, फील्ड इंस्ट्रक्शन चार्जेज आदि भी वसूल सकती हैं
डीमैट अकाउंट के प्रकार क्या है?
शेयर मार्केट में उपलब्ध तीन प्रकार के डीमैट अकाउंट होते हैं। इन अकाउंट को निवेशकों की प्रोफाइल के हिसाब से तैयार किया जाता है। डीमैट अकाउंट के प्रकार निम्नलिखित हैं।
रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat A6ccount)
शेयर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशक को का रेगुलर डीमैट अकाउंट खोला जाता है। यह खाता आप किसी भी डिपॉजिट सीडीएसएल या एनएसडीएल पन रजिस्टर ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं। इस खाते के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिकली शेयरों में निवेश और ट्रेड किया जाता है।
रिपेट्रायबल डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)
यह खाता नॉनरेजिडेंट इंडियंस के लिए होता है। इस खाते के माध्यम से n.r.i. शेयर बाजार में निवेश करते हैं। एन आर आई इस अकाउंट का उपयोग करके विदेश में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। साथ ही साथ लोग इस अकाउंट इन इयर जॉइंट होल्डर भी शामिल कर सकते हैं जो केवल एक भारतीय नागरिक होना चाहिए। इस डीमैट खाते में नॉमिनेशन सुविधा भी उपलब्ध होती है।
Demat Account कैसे खोलें
जब आप अपना खाता डिपॉजिटरी में खुलवाते हैं तो उस खाते को डीमैट खाता कहते हैं इसका फैसला हमारा ब्रोकर करता है कि वह कौन सी डिपॉजिटरी में आपका खाता खुलवाता है इस खाते को खुलवाने के लिए भारत में एसईबीआई के द्वारा निर्देशित दो बड़ी डिपॉजिटरी कंपनी एनएसडीएल और सीडीएसएल है जो Demat Account को निर्धारित करती हैं और आपने देखा होगा कि पैन कार्ड भी यही दोनों कंपनियां बनाती हैं। जो निम्नलिखित हैं।
1- एनएसडीएल
इंडिया की सबसे पुरानी और विश्वसनीय डिपाजिटरी मानी जाती है नवंबर सन 1996 में इसको शुरू किया गया था जिसका पूरा नाम National Securities Depositories Ltd है।
2- सीडीएसएल
- यह इंडिया की दूसरी डिपॉजिटरी है जिसका संबंध बीएसई यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज से है इसको फरवरी सन 1999 में शुरू किया गया था इसका पूरा नाम Central Depositories Services Ltd है ।
- डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको इन दोनों कंपनियों के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है आप किसी भी बैंक या स्टॉक ब्रोकर के पास जाकर अपना डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं।
कुछ खास स्टॉक ब्रोकर
इसके अलावा आप कुछ खास स्टॉक ब्रोकर के यहां भी अपना Demat Account खुलवा सकते हैं।
- शेरखान प्राइवेट लिमिटेड
- ज़ेरोधा
- एंजल ब्रोकर प्राइवेट लिमिटेड
Demat Account खुलवाने के लिए जरूरी दस्तावेज
डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक बैंक अकाउंट नंबर
- पासपोर्ट या राशन कार्ड ( एड्रेस प्रूफ के लिए)
डिमैट अकाउंट फीस
डीमैट अकाउंट खोलने की फीस अलग-अलग बैंकों और स्टॉकब्रोकर्स की अलग अलग हो सकती है इसके अलावा एनुअल मेंटेनेंस चार्ज भी होते हैं जो साल में एक बार लिए जाते हैं
पुलिस ने डीमैट अकाउंट खुलवाकर 15 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश
दिल्ली एनसीआर क्राइम न्यूज़: करेंसी ट्रैडिंग के नाम पर डीमैट खाता खुलवाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गैंग का यूपी साइबर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। सेक्टर-36 स्थित परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मध्य प्रदेश से एक आरोपी को अरेस्ट किया है। पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि अब तक गिरोह विभिन्न राज्यों के लोगों को अपना शिकार बनाकर 15 करोड़ रुपये की ठगी (15 Crore Fraud) कर चुके हैं। नोएडा साइबर थाना पुलिस ने अन्य राज्यों से आरोपी द्वारा किए खुलासे को साझा किया है ताकि गिरोह के अन्य आरोपियों को भी अरेस्ट किया जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गाजियाबाद के चिरंजीव विहार के गुलमौहर टावर निवासी अशोक कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी। नोएडा के सेक्टर-36 स्थित थाना साइबर क्राइम ने मामले की जांच शुरू की। शिकायत में कहा गया था कि डीमैट खाता खुलवाने का झांसा देकर उससे 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। साइबर क्राइम ने मामले की जांच करते हुए शोएब मंसूरी पुत्र महबूब मंसूरी निवासी मध्य प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया। जांच अधिकारियों ने बताया कि आरोपी शोएब मध्य प्रदेश के देवास में त्रिवेणी नगर में डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाएं रह रहा था। आरोपी के पास से दो मोबाइल बरामद किए गए।
demat account kya hota he ? / what is demat डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाएं account
डीमेट का अर्थ होता हे dematerlized.मतलब पुराने ज़माने में पहले जो शेयर्स का लेनदेन था वो भौतिक रूप से था। शेयर्स खरीदने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में जाना पड़ता था। और कागदी दस्तऐवज से शेयर्स ख़रीदे या बेच्या करते थे। तो लोग ज्यादा शेयर मार्किट में रूचि नहीं रखते थे।
और शारीरिक प्रयास की भी जरुरत पड़ती थी। और अभी वही शेयर्स इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने मोबाइल या कंप्यूटर के द्वारे ख़रीदे जाते हे। और वे शेयर्स इलेक्ट्रॉनिक रूप से जहा रखे या स्टोर किये जाते हे उस डिजिटल अकाउंट को डीमेट अकाउंट कहते हे।
पाहिले के ज़माने में क्या होता था ,डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाएं जो कंपनी के शेयर्स होते थे वो कागदी दस्तऐवज से मिलते थे। तो उन्हें संभल कर रखना और फिर बेचने के लिए वापस उस दस्तऐवज को स्टॉक एक्सचेंज मे भेजना।फिर वह जातपडताल करके आपको आपके पैसे मिलते थे।
demat account kaise khole ?
डीमेट अकाउंट कहा और कैसे खोले ?
आप शेयर मार्किट का नाम लेते ही आपको कोई भी पहले डीमेट अकाउंट के बारे में पूछेगा। क्या आपके पास डीमेट अकाउंट हे ,क्या आप खोलना चाहते हे। ऐसे बहुत सारे प्रश्न आपसे पूछे जाते हे। लेकिन आपको डीमेट अकाउंट कहा खुलवाना चाहिए। ये कोई नही बताता हे.
मेरे अनुभव से इंडिया के जो टॉप ब्रोकर हे उसमे ही अपना डीमेट अकाउंट ओपन करना चाहिए। क्यूंकि आपके पैसे भी सेव रहेंगे। और आपके शेयर्स की कोई चोरी नहीं कर पायेगा।
मेरा तो डीमेट अकाउंट इंडिया के टॉप ब्रोकर zerodha में हे। तो में आपसे यही कहूंगा की आप भी zerodha से अकाउंट खुलवा लो। नहीं तो आप पाहिले जातपडताल करलो ब्रोकर के बारे में। क्युकी पैसा आपका हे तो रिस्क भी आपको ही लेनी पड़ेगी। zerodha ये डिस्काउंट ब्रोकर हे। आप चाहे तो किसी दूसरे ब्रोकर से भी अपना अकाउंट खुलवा सकते हे।
demat account ke fayde
डीमेट खाते से आपको होने वाले फायदे
- आपको शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करने के लिए कही भि जाने की जरुरत नहीं। आप अपने घरसे डीमेट अकाउंट से अपने कंप्यूटर या मोबाइल से शेयर्स खरीद सकते हो।
- पाहिले जैसे कागदी दस्तऐवज से शेयर्स की लेनदेन होती थी। तो उसमे आदमी को स्टॉक एक्सचेंज में जाना पड़ता था। और वे दस्तऐवज संभल के रखने पड़ते थे।
- अब डीमेट अकाउंट से आप डिजिटल रूप से किसी भी शेयर को किसीको भी बेच सकते हो।
- पहले शेयर्स के दस्तऐवज की जातपडताल होने के बाद हमें पैसे मिलते थे.ये पैसे आने में बहुत समय लगता था।
- डीमेट खाते की वजह हमें बेचे हुए शेयर के पैसे उसी दिन मिल जाते हे।
- बैंक में जाने की जरूरी नहीं आप डीमेट खाते से अपना पैसा बैंक में ट्रान्सफर करावा सकते हे।
- न ही शेयर्स चोरी होने का डर डिजिटल होने की वजह से। और नाही कोई हमें फसा सकता हे।
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