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कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है?
एक व्यक्ति किसी कंपनी के 1000 .
एक व्यक्ति किसी कंपनी के 1000 शेयर (रु 10 प्रति शेयर सममूल्य वाले) जिन पर 20% लाभांश मिलता है, प्रत्येक को रु 25 में बेचता है। वह प्राप्त धन को एक अन्य कंपनी के शेयरों (रु 100 प्रति सममूल्य वाले) जिन पर `12(1)/2%` लाभांश घोषित है, में रु 125 प्रति शेयर की दर से निवेश करता है। उसकी आय में परिवर्तन ज्ञात कीजिए।
Updated On: 27-06-2022
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Aap ko kya acha nahi laga
प्रश्न है एक व्यक्ति किसी कंपनी के 1000 से ₹1 10% मूल्य वाले जिन पर 20% लाभांश मिलता है प्रत्येक को ₹25 में बेचता है वह प्राप्त धन को एक अन्य कंपनी के शेयरों में जो कि सौ-सौ मूल्य वाले हैं और उन पर साढे 12% लाभांश मिलता है उसको ₹125 प्रति शेयर की दर से निवेश करता है तो उसकी आय में परिवर्तन की याद करिए तो चलिए सबसे पहले हम उसकी पुरानी आए पता कर लेते हैं देखिए 1000 से और उसके पास कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? है और प्रत्येक का जो सममूल्य था 10 था और उस पर 20% लाभ मिलता था तो चलिए पहले हम प्रत्येक शेयर पर लाभ सहित आए पता कर लेते प्रत्येक शेयर पर कितनी हो जाएगी देखे 10 10 10 10 का
20% 20% क्यों क्योंकि हर एक पर 20% का लाभ मिल रहा है तो 10 धन 10 का 20% कितना हो जाएगा 10 गुना 20 बटा जाएगा मारा दो रुपए क्या हो गया ₹12 के प्रत्येक से यार पर आए उसकी मतलब कुल मिलाकर ₹12 हो रही है तो हजार शेयर पर क्या हो जाएगा हजार से और पराए इसी में हम हजार का कुआं कर दे हजार गुडे 12 यानी कि ₹12000 हुआ अब देखिए वह क्या कर रहा है कि इन हजार से रोको ₹25 की दर से भेज दिया तो शेयर बेचने पर प्राप्त धन क्या हो
जाएगा कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? 25 गुने 1000 क्योंकि ₹25 की दर से 1000 से उसने भेज दिया क्या हो गया ₹25000 और क्या कर रहा है कि 100% मूल्य वाले शेयर को वह ₹125 में खरीद रहा है तो चले पता करते हैं कि ₹125 देकर सममूल्य वाले कितने शहर लिए 100 सममूल्य वाले शेर की मात्रा तो क्या हो जाएगा 25000 का ही उसने खरीदा तो 25,000 बटे 125 क्यों क्योंकि उसने ₹125 हर एक शेयर के लिए दिया हुआ है तो अगर हम इसको भाग देंगे तू कितना हमारा जाएगा यह आ जाएगा हमारा 200 शेयर
हटा उसने 200 शेयर खरीदे वह भी 100 100 मूल्य वाले अगर उसने सोचा मूल्य वाले शेयर खरीदे हैं तो देखे उन पर उसे लाभ मिलना है सारे 12% तो सबसे पहले हम लाभ निकाल लेते हैं तो प्रत्येक शो सम मूल्य वाले शेयर पर आए आए कितनी हो जाएगी जितना उसमें निवेश किया है यानी कि 100 धन और जितना उसको मिलना है यानी कि 100 का 12:30 प्रतिशत दे के यहां अपने दशमलव 5 क्यों लिखा हुआ है आप एक बटे दो में अगर भाग देंगे 3.5 आता है चलिए देखे यहां पर यह सब हो जाएगा और चौका साडे परसेंट कितना होगा 12:30 ही होगा क्योंकि 100 घोड़े
12:30 सौ सौ सौ कट जाएगा हमारा बटेगा 12:30 तो क्या है 112.5 रुपए यह 112.5 रु 100 समूल वाले प्रत्येक शेयर पर उसकी आय आ रही है तो मैं कितने पर पता करना है 200 उसके पास शेयर है चलिए तो 200 शेयरों पर आए तो 200 से और पराए के आ जाएगी 200 में हम 112.5 काम कूड़ा कर दे तो क्या हो जाएगा यह हो जाएगा ₹22500 अब देखिए जब उसने अपने पैसे निकालकर यहां पर यानी कि ₹125 प्रति शेयर की दर से सौ-सौ मूल्य वाले शेयर खरीदे तब उसकी आया आ रही 22:30 हजार यानी कि ₹22500 और जब उसने 10th मूल्य प्ले पर लगाए थे तब उसकी आय कितना हो रही थी 12000 यानी की आय में वृद्धि हुई है तो हमें
आए में परिवर्तन ज्ञात करना तो आए में परिवर्तन क्या हो जाएगा हाय में परिवर्तन हम जो यह साडे 22,000 है इसमें से जो पहले व कमाता था यानी कि 12000 इसको हम हटा दे तो आए में कितना परिवर्तन हुआ ₹10500 वृद्धि अतः उसकी आय में वृद्धि हो गई है और कितनी ₹10500 की वृद्धि हुई है थैंक यू
Share Market क्या है ? यह कैसे काम करता है ?
इस कारण यदि आप भी इन सभी सवालों का जबाव जानना चाहते है तो आज की पोस्ट को पूरा ध्यान से पढ़े.क्योकि हमने बहुत साधारण भाषा में इस टॉपिक को समझाने की कोशिश की है.
What is Share Market ( Stock Market ) And How it Works ( शेयर मार्केट क्या है ) ?
अब हम शेयर मार्केट के बारे में जानने से पहले SHARE के बारे में जानते है की कंपनी के शेयर क्या होते है ?
मान लीजिये की आपकी एक Company है जिसके Owner ( स्वामी ) आप है इसका मतलब है की आपके पास कंपनी के 100 % शेयर है.अब यदि आप अपनी कंपनी के 50 % शेयर किसी अन्य आदमी को दे देते है तो इसका मतलब है की वह दूसरा आदमी भी अब कंपनी का 50 % हिस्सेदार बन गया है.इस प्रकार कंपनी के शेयर होते है.
अब बहुत सी Company अपना IPO ( आईपीओ ) लॉन्च करती है,इसका मतलब होता है की Initial Public Offering . यानि की कंपनी इसके तहत अपने एक शेयर का Price पब्लिक ( जनता ) को बताती है.अब आप और हम जैसे बहुत से लोग होते है जो कंपनी के शेयर खरीद लेते है.
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यानि की कंपनी के शेयर खरीदने पर हम कंपनी के हिस्सेदार बन जाते है.इसका मतलब है की यदि Future ( भविष्य ) में Company को प्रॉफिट या लोस होगा तो हम उतने ही भागीदार होंगे.
इस प्रकार Registered Company के Share जिस बाजार में Sell ( बेचे ) और Buy ( ख़रीदे ) जाते है इसे Stock Exchange Market कहा जाता है.इसे ही हम Share Market कहते है.
भारत में 2 Stock Exchange Market है एक National Exchange Market ( NSE ) व दूसरा Bombay Exchange Market ( BSE ) है.
NSE में लगभग 1500 से अधिक कम्पनीज रजिस्टर है यानि की आप इन कंपनी के शेयर खरीद और बेच सकते है.BSE में लगभग 5000 से अधिक कंपनी रजिस्टर होती है.
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इसका सीधा सा मतलब यह है की यदि आपको किसी Company के शेयर खरीदना है तो आपको किसी एक Stock Exchange Market का इस्तेमाल करना होगा.इन Stock Exchange Market में बहुत सी कम्पनीज रजिस्टर होती है जिनके शेयर ख़रीदे व बेचे जाते है.
हम सीधा Share Market जाकर किसी Company के Shares Buy और Sell नहीं कर सकते है.इसके लिए हमे एक Share Market Broker की जरुरत होती है.एक एक ऐसी संस्था या आदमी होता है जो Stock Exchange Market में शेयर खरीदता है और बेचता है.इस कारण हमे शेयर बाज़ार में शेयर खरीदने व बेचने के लिए इनके पास जाकर एक Demat Account खुलवाना होता है.इसके अलावा Trading Account की ज़रूरत भी होती है.इनकी जानकारी हम आपको अगली ब्लॉग पोस्ट में देने की कोशिश करेंगे.
आजकल यह सारा Stock Exchange Market का काम ऑनलाइन होता है.आप घर पर ही Share Market में Invest कर सकते है.Demat Account को खुलवाने के लिए आपको Broker या Bank की जरुरत होगी.इसके लिए आपके पास एक Saving Account,Pan Card,Address Proof Documents होने ज़रूरी होते है.
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How Share Market Works ( शेयर बाज़ार कैसे काम करता है ),Share बाज़ार से पैसे कैसे कमाते है ? Share Market Me Invest Kaise Karte Hai ? शेयर कैसे ख़रीदे व बेचे जाते है ?
आपने यह तो जानकारी प्राप्त कर ली की शेयर बाज़ार क्या होता है,लेकिन अब हम आपको बता रहे है की शेयर बाज़ार कैसे काम करता है.
देखिये Stock Exchange Market में जो भी Companies Register होती है उन सबका रिकॉर्ड देखा जाता है की जैसे की - कंपनी कितनी पुरानी है,Company का Profit कितना है,Company पर कर्जा कितना है,Company Sales कितनी है.इस आधार पर Daily Stock Market में अलग-अलग कंपनी के Shares की कीमत कम या ज्यादा होती रहती है.
यदि बहुत ज्यादा कंपनी के Shares की कीमत कम हो रही हो तो इसे बाज़ार में मंदी कहा जाता है और यदि शेयर्स की कीमत अधिक हो तो इसे Market Growth कहा जाता है.
मान लीजिये की आपने Share Market में 10000 रूपये कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? Invest करने है.इसके लिए आपने किसी कंपनी के 1000 रूपये प्रति Share की कीमत के हिसाब से 10 Share खरीद लिए है.
अब आपने कंपनी के शेयर ख़रीदे 1000 रूपये प्रति शेयर के हिसाब से,अब होता यह है की यदि कंपनी की ग्रोथ अच्छी होती है तो Stock Exchange Market में कंपनी के Shares की कीमत बढ़ जाती है.
जैसे की मान लेते है की आपने जिस कम्पनी के शेयर 1000 रूपये प्रति शेयर में ख़रीदे थे,उस कंपनी के शेयर 2 महीने बाद 3000 रूपये प्रति Share हो जाते है.तो इस समय आप अपने Share किसी दुसरे आदमी को 3000 रूपये प्रति शेयर के हिसाब से बेच सकते है.इसका सीधा मतलब कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? यह हुआ की आपको मुनाफा होता है.
लेकिन इसका उल्टा भी होता है कई बार Company के Shares की कीमत आधी रह जाती है जिससे Investor को नुकसान होता है.
इस कारण Share Market में Profit और Lose दोनों होते है.इस कारण आप जिस कंपनी के Share खरीदने वाले है उसकी पूरी जानकारी पहले से प्राप्त करे.जिससे बाद में आपको अधिक घाटा न हो.
इस प्रकार Share Market में Company के Share Buy और Sell होते रहते है.किसी - किसी Investor को Profit होता है और किसी - किसी को घाटा.बस इसी तरह Share Market चलती रहती है.
जो Popular Share Market Investor है वो Expert होते है क्योकि उनके द्वारा अनुभव प्राप्त किया होता है,वह बाज़ार की मंदी और तेजी दोनों को पहले से देखना जानते है और सही कंपनी में Money Invest करते है.
- शेयर मार्केट में Investment करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है ?
Share Market में Invest करने के लिए आपको बहुत सी कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? Knowledge चाहिए होती है,हम अगली ब्लॉग पोस्ट में बहुत सी Share Market Related Knowledge देने वाले है.इस कारण यदि आप शेयर मार्केट का ज्ञान चाहते है तो आप हमारे ब्लॉग को प्रतिदिन विजिट करे.
क्या होता है FPO? आईपीओ से कैसे है अलग, जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
बाबा रामदेव की कंपनी रुचि सोया इंस्ट्रीज का एफपीओ (FPO) आज खुलेगा. अब आपके दिमाग में यह सवाल आया कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? होगा कि यह FPO यानी फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर होता क्या है और यह आईपीओ से कैसे अलग है. आइए इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब जानते हैं.
बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी रुचि सोया इंस्ट्रीज (Ruchi Soya Industries) का एफपीओ (FPO) आज खुलेगा. रुचि सोया ने अपना फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर खुलने से एक दिन पहले बुधवार 46 एंकर निवेशकों (Investors) से करीब 1,290 करोड़ रुपये जुटाए हैं. कंपनी ने 46 एंकर निवेशकों को एफपीओ के ऊपरी प्राइस बैंड 650 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 1.98 करोड़ इक्विटी शेयर आवंटित किए हैं. अब आपके दिमाग में यह सवाल आया होगा कि यह FPO यानी फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर होता क्या है और यह आईपीओ से कैसे अलग है. आइए इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब जानते हैं.
FPO क्या होता है?
FPO यानी फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर वह प्रक्रिया है, जिसके जरिए कोई कंपनी, जो पहले से शेयर बाजार पर कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? लिस्टेड है, वह निवेशकों या मौजूदा शेयरधारकों को नए शेयर जारी करती है, जो आम तौर पर प्रमोटर्स होते हैं. कंपनियां एफपीओ का इस्तेमाल अपने इक्विटी बेस को डायवर्सिफाई करने के लिए करती हैं.
कोई कंपनी FPO का इस्तेमाल उस स्थिति में करती है, जब वह आईपीओ की प्रक्रिया से गुजर चुकी होती है. और वह कैपिटल जुटाने या कर्ज का भुगतान करने के लिए अपने शेयरों को सार्वजनिक करने का फैसला लेती है.
FPO कैसे काम करता है?
सार्वजनिक कंपनियां एक ऑफर डॉक्यूमेंट के जरिए एफपीओ का फायदा भी ले सकती हैं. FPO को आईपीओ की तरह नहीं समझा जाना चाहिए. यह उससे अलग है. आईपीओ शेयरों को शुरुआती तौर पर लोगों को ऑफर करना होता है. जबकि, एफपीओ वह अतिरिक्त शेयर हैं, जो कंपनी शेयर बाजार पर लिस्टेड होने के बाद जारी करती है.
IPO और FPO में क्या अंतर होता है?
ऐसा समझा जाता है कि छोटा या बड़ा कारोबार चलाने के लिए, आपको फंड की जरूरत होती है. कंपनियों के मामले में, फंड की जरूरत कैश फ्लो की जरूरतों या अपने कामकाज को जारी रखने या बढ़ाने के लिए हो सकती है. कंपनियां नई कैपिटल जुटाने के लिए कर्ज ले सकती हैं या इक्विटी की मदद ले सकती हैं. इक्विटी के जरिए फंड जुटाने के लिए, कंपनियां अपने शेयरों को बेचती हैं. एक कंपनी कैपिटल जुटाने के लिए आईपीओ या एफपीओ को चुन सकती है.
जहां आईपीओ सामान्य लोगों को कंपनी के शेयरों की पहली या शुरूआती सेल होती है. वहीं, FPO अतिरिक्त शेयर की बिक्री की जाती है. आईपीओ में, कंपनी या जारीकर्ता, जिसके शेयर लिस्टेड होते हैं, वह निजी कंपनी होती है. आईपीओ के बाद, जारीकर्ता दूसरी सार्वजनिक तौर पर ट्रेड होने वाली कंपनियों की तरह हो जाती हैं. लेकिन FPO में, शेयरों की बिक्री उन कंपनियों की होती है, जो पहले शेयर बाजार पर लिस्ट हो चुकी हैं.
आईपीओ में, शेयर की बिक्री के लिए फिक्स्ड प्राइस होता है, जिसे विक्रेता बैंकर और कंपनी फाइलिंग की प्रक्रिया के दौरान तय करते हैं. हालांकि, FPO के मामले में, शेयरों की कीमत बाजार के साथ बढ़ते या घटते शेयरों की संख्या द्वारा तय होती है.
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