बचत खाते ज्यादातर खोलने के लिए स्वतंत्र हैं, खासकर वे जो बैंकों, सामुदायिक बैंकों या क्रेडिट यूनियनों के साथ बनाए जाते हैं। हालांकि, ऐसे खाते की एक सीमा यह है कि धारक को जमा किए गए धन के बदले ऋण लेने की अनुमति नहीं है। एक बचत खाता खोलना अभी भी सुरक्षित है जो भौतिक नकदी को जमा करता है। जमा किया गया पैसा किसी भी एटीएम या बैंक के टेलर के पास पहुंचना आसान है।

सूची सावधि जमा

सावधि जमा खाता

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ब्याज दरें

Traditional Plan

मूलधन एवं उपार्जित ब्याज के 90% तक ऋण सुविधा, अपनी सावधि जमा (एफडी) प्राप्तियों की सुरक्षित अभिरक्षा एवं अवधि की समाप्ति पर जमा खाते के स्वत: नवीकरण का लाभ उठाइए। बैंक के विवेकाधिकार पर जमाकर्ताओं को सावधि जमा के विरूद्ध ऋण दिया जा सकता है।

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अन्य लाभ

मूलधन एवं उपार्जित ब्याज के 90% तक ऋण सुविधा, अपनी सावधि जमा (एफडी) प्राप्तियों की सुरक्षित अभिरक्षा एवं अवधि की समाप्ति पर जमा खाते के स्वत: नवीकरण का लाभ उठाइए।
बैंक के विवेकाधिकार पर जमाकर्ताओं को सावधि जमा के विरूद्ध ऋण दिया जा सकता है।

अपने खाते की आय के लिए एकल नामिती को नामित कीजिए, चाहे आपका खाता एकल या संयुक्त किसी भी तरीके का हो। आवेदकों को बैंकिंग कंपनी (नामांकन नियम), 1985 के अंतर्गत निर्धारित प्रपत्र भरने की आवश्यकता है। अधिक जानकारी के लिए, अपनी निकटतम आईसीआईसीआई बैंक शाखा पर जाइए।

सावधि जमा खाता क्या है?

सावधि जमा खाता एक ऐसा खाता है जिसमें धारक को एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित राशि जमा करनी होती है। ऐसा खाता आम तौर पर बड़े संगठनों या धनी लोगों द्वारा खोला जाता है जो बेकार पड़े धन पर ब्याज अर्जित करना चाहते हैं। जितना अधिक धन, उतना अधिक ब्याज अर्जित किया जाता है। इसके अलावा, ऐसे खातों में बचत खाते की तुलना में अधिक ब्याज दर होती है।

एक बार पैसा जमा हो जाने के बाद, इसे वापस नहीं लिया जा सकता है या खरीदारी करने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। सावधि जमा की अवधि समाप्त होने के बाद ही खाताधारक इसे निकाल सकता है। हालांकि, इस तरह का खाता खोलने का एक फायदा यह है कि धारक अपने द्वारा जमा की गई राशि का 75 प्रतिशत तक ऋण ले सकता है।

ऐसा खाता खोलने के लिए अलग खाता बनाने की आवश्यकता हो भी सकती है और नहीं भी। हालाँकि, कभी-कभी बचत खाते को सावधि जमा खाते में भी बदला जा सकता है। इस खाता को खोलने का एक और फायदा यह है कि धारक इसके साथ एक सावधि जमा खाता निश्चित राशि का टैक्स बचा सकता है। हालाँकि, यह केवल तभी किया जा सकता है जब एक निश्चित प्रकार का सावधि जमा खाता अर्थात् कर बचत सावधि जमा खोला जाता है।

बचत खाते और सावधि जमा खाते के बीच मुख्य अंतर

  1. बचत खाता एक बैंक खाता होता है जिसमें खाताधारक किसी भी समय कितनी भी राशि जमा कर सकता है जबकि सावधि जमा खाता एक बैंक खाता होता है जिसमें खाताधारक को एक निश्चित अवधि के दौरान एक निश्चित राशि जमा करनी होती है।
  2. एक बचत खाता आम तौर पर एक विशिष्ट लक्ष्य के लिए खोला जाता है जबकि एक सावधि जमा खाता ब्याज अर्जित करने के लिए खोला जाता है।
  3. बचत खातों में ब्याज दर कम होती है जबकि सावधि जमा खातों में ब्याज दर अधिक होती है।
  4. एक बचत खाता निरंतर होता है जबकि एक सावधि जमा खाता एक विशेष अवधि के लिए एकमुश्त निवेश होता है।
  5. बचत खाते से पैसा निकाला जा सकता है जबकि सावधि जमा खाता इसकी अनुमति नहीं देता है।
  6. बचत खाते में न्यूनतम शेष राशि कम होती है जबकि सावधि जमा खाते में न्यूनतम शेष राशि अधिक होती है।
  7. एक बचत खाता धारक जमा पर ऋण नहीं ले सकता है जबकि एक सावधि जमा खाता धारक कर सकता है।

सावधि जमा खाता

जमा के प्रकार

4. (1) जमा खाते दो प्रकार के होंगे, अर्थात् :--

(2) खाता-क के अंतर्गत किया गया जमा ''बचत जमा'' के रूप में होगा तथा इस स्कीम के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, निक्षेपकर्ता इस खाते के अंतर्गत समय-समय पर रकम निकाल सकेगा।

(3) खाता-ख के अंतर्गत किया गया जमा ''सावधि जमा'' के रूप में होगा जिसमें जमाकर्ता को जमा राशि को संचयी जमा या असंचयी जमा के रूप में रखने का विकल्प होगा। पैरा 7 और पैरा 9 के अंतर्गत जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, इस खाते के अंतर्गत रकम उस अवधि की समाप्ति के पश्चात् ही निकाली जा सकेगी जिस अवधि के लिए इस खाते के अंतर्गत जमा किया गया है और उसे स्वीकार किया गया है।

3 (4) ऐसे जमा एकमुश्त या किस्तों में अधिनियम की धारा 139 की उपधारा (1) के अधीन आय की विवरणी देने की नियत तारीख को या उससे पूर्व, जैसा कि जमाकर्ता 2 [या धारा 54छख में यथा निर्दिष्ट पात्र निर्धारिती] के मामले में लागू हो, किए जा सकेंगे।

बचत खाता

एक पासबुक, बचत खातों के लेनदेन का पारंपरिक जरिया. बचत सावधि जमा खाता खाते (सेविंग्स अकाउंट), खुदरा वित्तीय संस्थाओं द्वारा बनाये रखे जाने वाले खातों को कहते हैं जो ब्याज तो प्रदान करते हैं लेकिन जिन्हें सीधे तौर पर धन के रूप में (उदाहरण के लिए, एक चेक लिखकर) इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इन खातों में ग्राहक अपने अतिरिक्त धन के कुछ हिस्से को अलग रखने के साथ-साथ थोड़ा ब्याज (मॉनेटरी रिटर्न) भी कमा सकते हैं। .

ब्याज एक ऐसा शुल्क है जो उधार ली गयी संपत्ति (ऋण) के लिए किया जाता है। यह उधार लिए गए पैसे के लिए अदा की गयी कीमत है, या, जमा धन से अर्जित किया गया पैसा है। सावधि जमा खाता जिन संपत्तियों को ब्याज के साथ उधार दिया जाता है उनमें शामिल हैं धन, शेयर, किराए पर खरीद द्वारा उपभोक्ता वस्तुएं, प्रमुख संपत्तियां जैसे विमान और कभी-कभी वित्त पट्टा व्यवस्था पर दिया गया पूरा कारखाना.

जर्मनी के फ्रैंकफुर्त में डश-बैंक बैंक (Bank) उस वित्तीय संस्था को कहते हैं जो जनता से धनराशि जमा करने तथा जनता को ऋण देने का काम करती है। लोग अपनी अपनी बचत राशि को सुरक्षा की दृष्टि से अथवा ब्याज कमाने के हेतु इन संस्थाओं में जमा करते और आवश्यकतानुसार समय समय पर निकालते रहते हैं। बैंक इस प्रकार जमा से प्राप्त राशि को व्यापारियों एवं व्यवसायियों को ऋण देकर ब्याज कमाते हैं। आर्थिक आयोजन के वर्तमान युग में कृषि, उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए बैंक एवं बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य आवश्यकता मानी जाती है। राशि जमा रखने तथा ऋण प्रदान करने के अतिरिक्त बैंक अन्य काम भी करते हैं जैसे, सुरक्षा के लिए लोगों से उनके आभूषणादि बहुमूल्य वस्तुएँ जमा रखना, अपने ग्राहकों के लिए उनके चेकों का संग्रहण करना, व्यापारिक बिलों की कटौती करना, एजेंसी का काम करना, गुप्त रीति से ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना देना। अत: बैंक केवल मुद्रा का लेन देन ही नहीं करते वरन् साख का व्यवहार भी करते हैं। इसीलिए बैंक को साख का सृजनकर्ता भी कहा जाता है। बैंक देश की बिखरी और निठल्ली संपत्ति को केंद्रित करके देश में उत्पादन के कार्यों में लगाते हैं जिससे पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलता है और उत्पादन की प्रगति में सहायता मिलती है। भारतीय बैंकिग कंपनी कानून, १९४९ के अंतर्गत बैंक की परिभाषा निम्न शब्दों में दी गई हैं: एक ही बैंक के लिए व्यापार, वाणिज्य, उद्योग तथा कृषि की समुचित वित्तव्यवस्था करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य होता है। अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक। इन सब प्रकार के बैंकों को नियमपूर्वक चलाने तथा उनमें पारस्परिक तालमेल बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक होता है जो देश भर की बैंकिंग व्यवस्था का संचालन करता है। समय के साथ कई अन्य वित्तीय गतिविधियाँ जुड़ गईं। उदाहरण के लिए बैंक वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण खिलाडी हैं और निवेश फंड जैसे वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। कुछ देशों (जैसे जर्मनी) में बैंक औद्योगिक निगमों के प्राथमिक मालिक हैं, जबकि अन्य देशों (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका) में बैंक गैर वित्तीय कंपनियों स्वक्मित्व से निषिद्ध रहे हैं। जापान में बैंक को आमतौर पर पार शेयर होल्डिंग इकाई (ज़ाइबत्सू) के रूप में पहचाना जाता है। फ़्रांस में अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को बिमा सेवा प्रदान करते हैं। .

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