क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?
आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी होती है, तब शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.
किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपने जो शेयर खरीदा क्या है scalping में विदेशी मुद्रा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.
शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?
1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.
Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है.
2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है.
शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं.
3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है.
अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं.
4. LONG TERM ट्रेडिंग
जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक क्या है scalping में विदेशी मुद्रा निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है.
अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं.
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क्या रिजर्व फंड के तौर पर बिटकॉइन हो सकता हैं विकल्प? (Can Bitcoin Be An Option As a Reserve Fund?)
किसी भी देश में मुद्रा का संचालन वहां की सरकार और केंद्रीय बैंक, रिज़र्व बैंक या फेडरल बैंक के द्वारा किया जाता है। मुद्रा को छापने के लिए एक निर्धारित सीमा में इन बैंको को रिज़र्व सम्पति के तौर पर सोना और विदेशी मुद्रा को अपने पास सुरक्षित रखना पड़ता है। एक निर्धारित सीमा में सोने और विदेशी मुद्रा को सुरक्षित रखने के बाद बैंक अपनी जरूरत के हिसाब से मुद्रा छाप सकते हैं। इसी सम्पति के आधार पर किसी मुद्रा के ऊपर यह लिखा जाता है की “मै (यानि बैंक) धारक को (क्या है scalping में विदेशी मुद्रा यानि जिसके पास वह मुद्रा है) 100,500, डॉलर या रुपया अदा करने का वचन देता हूँ। सारे विश्व में सम्पति के तौर पर सोने को प्राथमिकता दी जाती है। अगर हम वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल के आंकड़ों को देखें तो वर्ल्ड के टॉप 10 रिज़र्व बैंक ने जितना सोना रिज़र्व रखा है उनके आंकड़े अचंभित करने वाले हैं।
ऊपर दिखाए गए चार्ट में अमेरिका ने 8134 टन सोने को रिज़र्व रखा हुआ है, यह पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।इसके बाद जर्मनी, इटली और फ्रांस का नंबर आता है। भारत देश की बात करें तो हम इस सूचि में 9वे स्थान पर हैं, और यहाँ रिज़र्व बैंक ने 658 टन सोने को रिज़र्व रखा हुआ है। उपभोक्ता बाजार के तौर पर देखें तो यहाँ पर भारत का दूसरा स्थान हैं। अगर हम पिछले दस साल के आंकड़े देखें जहां पर दुनिया भर के रिज़र्व बैंकों ने सोने को रिज़र्व किया है, तो पिछले दो सालों 2018-2019 में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा बढ़ा है।
यहाँ पर अगर हम देखें तो सोने के सबसे बड़े भंडार पर अमेरिका का कब्ज़ा है। सोना पिछली कई शताब्दियों से विश्वास का प्रतीक रहा है और इसकी कीमत में लगतार बढ़ोतरी भी हुई है। सोने को बैंक द्वारा सुरक्षित रखने के क्या है scalping में विदेशी मुद्रा कई तरह की सुरक्षा व्यवस्था को अपन्ना पड़ता है, इसके लिए काफी जगह की भी जरुरत पड़ती है। सोने को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाना भी काफी मुश्किल काम है। सभी देश रिज़र्व सम्पति में सोने के इलावा विदेशी मुद्रा पर भी भरोसा करते हैं, इसमें भी अमेरिकी डॉलर नंबर एक पर है।
क्या रिज़र्व बैंक बिटकॉइन को सुरक्षित सम्पति के तौर पर होल्ड कर सकता है ? यह प्रश्न बहुत दूरदर्शी सोच का नतीज़ा है। बिटकॉइन कीमत को सुरक्षित रखने का अच्छा माध्यम है और यह बात बिटकॉइन की कीमत को देख कर पता चलती है। सुरक्षित सम्पति की कीमत का बढ़ना भी एक देश की आर्थिक स्तिथि को मजबूत बनाता है।इस दिशा में अब विश्व की सरकारों को सोचने की जरुरत है। बिटकॉइन विकेन्द्रीयकृत कम्प्यूटर्स द्वारा संचालित है और इसे सुरक्षित रखना, इसका अदन प्रदान बहुत ही आसान है। रिज़र्व सम्पति के तौर पर इसकी उपयोगिता को कई कंपनियों ने समझा है जैसे ही माइक्रो स्ट्रेटजी। इस कम्पनी क्या है scalping में विदेशी मुद्रा ने पिछले साल 15000 डॉलर प्रति बिटकॉइन के हिसाब से करीब 88000 बिटकॉइन लिया है। आज एक बिटकॉइन की कीमत 40000 डॉलर हो गयी है और इस हिसाब से यह कम्पनी एक साल में ही अपने सुरक्षित निवेश को दो गुणा से ज्यादा कर चुकी है।
सोने की शुद्ता की परख करना बहुत मुश्किल है लेकिन बिटकॉइन अपने आप में 24 कैरेट खरा सोना है। सोने को एक जगह से दूसरी जगह लाना ले जाना काफी खर्चीला है और इसके लिए काफी सुरक्षा भी चाहिए। बिटकॉइन को एक जगह से दूसरी जगह भेजना बहुत आसान, कम समय में और बहुत सस्ता है। दुनिया के कई देश इस बारे में विचार कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ़ जस्टिस USA ने 2015 में सिल्क रोड पर इस्तेमाल किये जाने वाले 44,341 बिटकॉइन को सीज़ किया था।रिसोर्ट में यह भी कहा गया है की यह बिटकॉइन फेडरल बैंक की बेलेन्स शीट में दर्ज है और सरकार के रिज़र्व फण्ड का हिस्सा है। बिटकॉइन की सबसे बड़ी खूबी यह है की यह सीमित है,और इसे और नहीं बनाया जा सकता है। अभी बाजार में करीब 89% बिटकॉइन माइनिंग के द्वारा आ चूका है। अगर दुनिया भर के देशों की सरकार और रिज़र्व बैंक बिटकॉइन को सुरक्षित निवेश के तौर पर अपनाती हैं तो यह देश के वित्य ढांचे को काफी मजबूती दे सकता है।इस बारे में सरकारों को जल्द विचार करना चाहिए।
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