उन्होंने आगे कहा कि "किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव पर आरबीआई द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के मद्देनजर, आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। आरबीआई का विचार है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।" हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि क्रिप्टोकरेंसी के नियमन या प्रतिबंध के लिए कोई भी कानून जोखिमों और लाभों के मूल्यांकन और एक सामान्य वर्गीकरण के विकास पर महत्वपूर्ण "अंतर्राष्ट्रीय सहयोग" के बाद ही प्रभावी होगा।

Digital Currency: भारत की 7% आबादी के पास है डिजिटल करेंसी, यूएन ने क्रिप्टो को मौद्रिक संप्रभुता के लिए बताया खतरनाक

Cryptocurrency Latest News: रिपोर्ट में कहा है किभारत की 7.3 फीसदी आबादी ने डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. और डिजिटल करेंसी रखने के मामले में दुनिया के टॉप 20 देशों में सातवें स्थान पर है.

By: ABP Live | Updated at : 11 Aug 2022 02:45 PM (IST)

Digital Currency: भले ही भारत सरकार (Indian Government) ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को कानूनी मान्यता नहीं दी हो. आरबीआई ( RBI) की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) आने में देरी हो. बावजूद इसके देश की 7 फीसदी आबादी के पास डिजिटल करेंसी (Digital Currency) मौजूदा है. संयुक्त राष्ट्र ( United Nation) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में कोरोना महामारी ( Covid-19 Pandemic) के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल में भारी तेजी आई है. इसी के दौरान भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की तादाद बढ़ी है.

7.3% आबादी के पास डिजिटल करेंसी
यूएन ट्रेड एंड डेवलपमेंट संस्था UNCTAD ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2021 में भारत की 7.3 फीसदी आबादी ने क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. और डिजिटल करेंसी रखने के मामले में दुनिया के टॉप 20 देशों में सातवें स्थान पर है. यूक्रेन में सबसे ज्यादा 12.7 फीसदी आबादी ने डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. तो रूस में 11.9 फीसदी, वेनेजुएला में 10.3 फीसदी, सिंगापुर में 9.4 फीसदी, केन्या में 8.5 फीसदी और अमेरिका में 8.3 फीसदी लोगों के पास डिजिटल करेंसी है.

भारत जैसे देशों भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? में भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? बढ़ा इस्तेमाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ा है. खासतौर से विकाशील देशों में. रिपोर्ट के मुताबिक इन प्राइवेट डिजिटल करेंसी ने रेमिटेंस में मदद की है लेकिन ये एक अस्थिर फाइनैंशियल एसेट है जो अपने साथ सामाजिक रिस्क और कीमत अपने साथ लेकर आता है. हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी में जो गिरावट आई है उससे पता लग गया है कि डिजिटल करेंसी रखने के क्या खतरे हैं.

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क्रिप्टोकरेंसी से मौद्रिक संप्रभुता को है खतरा
रिपोर्ट ने आरबीआई के उस पक्ष पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट का माध्यम बनता है और गैरआधिकारिक रुप से घरेलू ऑफिशियल करेंसी की जगह लेता है तो इससे देश की मौद्रिक संप्रभुता को खतरा पैदा हो सकता है. आपको बता दें आरबीआई गर्वनर ने कई मौकों पर क्रिप्टोकरेंसी को देश के फाइनैंशियल सिस्टम और स्थिरता के लिए खतरा बताया है.

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Published at : 11 Aug 2022 02:45 PM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin UNCTAD digital currency Cryptocurrency Latest News हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

क्रिप्टोकरेंसी: कहीं बैन तो कहीं बनी लीगल टेंडर…क्या चीन की राह पर है भारत!

बिजनेस डेस्कः क्रिप्टो करेंसी को लेकर मोदी सरकार एक्शन के मूड में है। संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इसे लेकर सरकार बिल लेकर आ रही है। जिसमें प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने से लेकर इसके लिए नियम भी बनाए जा सकते हैं। इस विधेयक का नाम ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ है। देश में बड़ी संख्या में लोगों ने बिटकॉइन जैसी कई क्रिप्टो करंसी में बड़ी मात्रा में निवेश किया हुआ है। मोदी सरकार के ताजा फैसले का असर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लाखों लोगों पर पड़ सकता है। हालांकि यह मांग भी है कि अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए।

आखिर क्या है क्रिप्टो
क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है। इसे आप देख या छू नहीं सकते। लेकिन इसे ऑनलाइन वॉलेट में जमा कर सकते हैं, डिजिटल कॉइन के रूप में। इसे एक डिजिटल कैश प्रणाली कह सकते हैं, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बेस्ड है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी किसी एक देश की सीमा या नागरिकों तक सीमित नहीं है बल्कि यह अलग-अलग देशों और नागरिकों से ताल्लुक रखती है।

चीन पहले ही कर चुका है बैन
चीन का सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सभी ट्रांजेक्शन को अवैध करार दे चुका है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कह चुका है। उसने ये भी कहा है कि वह घरेलू निवेशकों को सेवा देने वाले विदेशी एक्सचेंजों पर पाबंदी लगाएगा। चीन में ऐसी कई कंपनियां हैं, जिन्होंने पिछले कई सालों में क्रिप्टो पर बड़ा दांव लगाया है, विशेष रूप से टेक इंडस्ट्री की कंपनियां। अब अगर भारत की बात करें तो भारत में भी कई निवेशकों का पैसा क्रिप्टोकरेंसी में लगा है। ऐसे में अगर भारत में इन पर बैन लगा तो कई निवेशकों की सांस हलक में अटक जाएगी।

​इन देशों में भी क्रिप्टो पर है प्रतिबं
चीन के अलावा कुछ अन्य देश भी हैं, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट्स पर प्रतिबंध है। इनमें नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, अल्जीरिया कतर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम के नाम प्रमुख हैं। मिस्त्र में शरिया कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को हराम मान गया है, हालांकि यह प्रत्यक्ष तौर पर प्रतिबंधित नहीं है।

अल सल्वाडोर में लीगल टेंडर बन चुका है बिटकॉइन
एक ओर जहां कई देश क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी फैसला नहीं कर पा रहे हैं, वहीं मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने सितंबर माह में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी रूप से स्वीकार कर लिया था। अल सल्वाडोर में अब वित्तीय लेनदेन के लिए बिटकॉइन का भी इस्तेमाल हो सकेगा यानी बिटकॉइन वहां पर लीगल टेंडर बन चुका है। ऐसा करने वाला अल सल्वाडोर दुनिया का पहला देश है।

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भारत में क्रिप्टो करेंसी legal हैं या illegal क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध है.

बहुत सारे लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? तो इसका जवाब हां और नहीं दोनों में भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? है. दरअसल, सरकार केवल उसी डिजिटल करेंसी को लीगल यानी वैध मान रही है, जो करेंसी Reserve Bank of India भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? द्वारा जारी की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अभी जो Crypto Currency है, जैसे Bitcoin, उसे डिजिटल करेंसी नहीं माना जाएगा. बल्कि उसे डिजिटल Asset माना जाएगा. अगर आपको ये सब जटिल लग रहा है तो इसे ऐसे समझिए कि आप जो सोना खरीदते हैं या जो आपका घर है, वो आपके Assets हैं. यानी आपकी सम्पत्ति है, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी, और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. इसलिए अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल मान लिया गया है तो ये तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं होगा. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

साल 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रि प्टोकरेंसी पर बैन लगा के illegal बता दि या था, और क्रि प्टोकरेंसी में ट्रेडि गं या इन्वेस्ट करने वालों के लिए 10 साल जेल की सजा का प्रस्ताव रखा गया था।
लेकि न सुप्रीम कोर्ट में जब उसकी सुनवाई चली तो हाईकोर्ट ने मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी के लिए एक आदेश जारी कि या। जो की लोगों के हत में था। अपने आदेश में कहा कि वर्चुअल करेंसी या क्रि प्टो करेंसी का कानूनीरूप से लेनदेन कि या जा सकता है। मतलब की पहले ये हमारे देश में illegal माना जाता था लेकि न अभी के टाइम पे आप इसमें ट्रेंडि गं कर सकते हो। लेकिन इसकी मदद से सामना sell या buy नहीं कर सकते हैं।
भारतीय न्यूज पेपर्स के मुताबि क़ RBI बैंक के द्वारा बहुत ही जल्द डिजिटल करेंसी लॉन्च की जाएगी। शायद भारत में RBI बैंक खुद की डिजि टल करेंसी लांच कर सकता है।

Note : किसी भी प्रकार का नि वेश करने से पहले वो कंपनी या app के बारे में अच्छे से भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? खुद से एक बार पता लगा ले। अगर कोई गलत कंपनी में इन्वेस्ट कर लिया और आपके साथ scam या fraud कुछ हुए तो उसके जिम्मेदार हम नहीं रहेंगे।

भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब?

​क्रिप्टो करेंसी पर सरकार का रुख

वैश्विक स्तर पर बिटकॉइन का भाव सातवें आसमान पर है. भारत में सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने वाली है. क्रिप्टो करेंसी पर सरकार ने साल 2019 में एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है.

इसके आधार पर क्रिप्टो करेंसी बिल का मसौदा बना है. हालांकि, इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं. जानिए 2019 में आए इस मसौदे में क्या था खास और क्या होगा आप पर इसका असर:

'RBI ने की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश'; वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दी जानकारी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है। वह वीसीके सांसद थोल थिरुमावलवन के एक अतारांकित प्रश्न का जवाब दे रही थीं, जिन्होंने इस बारे में जानकारी मांगी थी कि क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता दर्ज की थी। उन्होंने सीतारमण से यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा कि क्या उन्होंने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त कानून बनाने की सिफारिश की थी।

निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा, "RBI ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर अपनी चिंता दर्ज की है। RBI ने उल्लेख किया है कि क्रिप्टोकरेंसी एक मुद्रा नहीं है क्योंकि हर आधुनिक मुद्रा को सेंट्रल बैंक / सरकार द्वारा जारी किया जाना चाहिए। इसके अलावा, फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और कानूनी निविदा के रूप में उनकी स्थिति द्वारा लंगर डाला गया है, हालांकि क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से उच्च रिटर्न की अटकलों और अपेक्षाओं पर निर्भर करता है जो अच्छी तरह से लंगर नहीं डालते हैं, इसलिए इसका देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर एक अस्थिर प्रभाव पड़ेगा।"

उन्होंने आगे कहा कि "किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव पर आरबीआई द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के मद्देनजर, आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। आरबीआई का विचार है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।" हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि क्रिप्टोकरेंसी के नियमन या प्रतिबंध के लिए कोई भी कानून जोखिमों और लाभों के मूल्यांकन और एक सामान्य वर्गीकरण के विकास पर महत्वपूर्ण "अंतर्राष्ट्रीय सहयोग" के बाद ही प्रभावी होगा।

क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्र का विकसित रुख

13 नवंबर, 2021 को, पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए आगे बढ़ने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की और उसी के बारे में भ्रामक गैर-पारदर्शी विज्ञापन के मुद्दे को हरी झंडी दिखाई। यह कहते हुए कि क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ता नहीं बनने दिया जा सकता, सूत्रों ने संकेत दिया कि केंद्र सभी हितधारकों के साथ जुड़ना जारी रखेगा। 5 दिन बाद सिडनी डायलॉग में अपने मुख्य भाषण के दौरान पहली बार क्रिप्टोकरेंसी पर सार्वजनिक रूप से बोलते हुए, पीएम ने सभी लोकतांत्रिक देशों से यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया कि क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में न जाए।

18 नवंबर, 2021 को, पीएम मोदी ने कहा, "इसे (देशों के बीच वैश्विक सहयोग) राष्ट्रीय अधिकारों को भी पहचानना चाहिए और साथ ही, व्यापार, निवेश और बड़े सार्वजनिक अच्छे को बढ़ावा देना चाहिए। उदाहरण के लिए क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन लें। यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक राष्ट्र इस पर एक साथ काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।"

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