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तकनीकी विश्लेषण क्या है?

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तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। यह समझना जरूरी है कि तकनीकी विश्लेषण पूरी तरह से शेयर की कीमतों पर आधारित होता है। कंपनी की मूलभूत जानकारियों, जैसे मुनाफा, बिक्री, कर्ज, का इस्तेमाल तकनीकी विश्लेषण में नहीं किया जाता है। साथ ही, विश्लेषण करते समय माना जाता है कि बाजार से जुड़ी और दूसरी सभी जानकारी उपलब्ध हैं और उनका इस्तेमाल शेयर का चार्ट बनाते वक्त किया गया है।

तकनीकी विश्लेषण का मुख्य सिद्धांत है कि शेयर बाजार पूरी तरह से पारदर्शीय है और बाजार के सभी प्रतिभागी कुशल हैं। बिना किसी ठोस कारण के शेयरों की खरीद-फरोख्त तकनीकी विश्लेषण सिद्धांतों के खिलाफ है। फंडामेंटल विश्लेषण के मुकाबले तकनीकी विश्लेषण में ज्यादा लचीलापन है। फंडामेंटल विश्लेषण शेयरों के उतार-चढ़ाव को जानने के लिए तिमाही नतीजों, आय पर गाइडेंस और कंपनी नीतियों में बदलाव पर निर्भर करता है।

Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का फर्क और अहमियत

Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का फर्क और अहमियत

फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है. (Image- Pixabay)

Stock Market Tips: स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है. इसके लिए मुख्य रूप से दो तरीकों से एनालिसिस किया जाता है जैसे कि फंडामेंटल एनालिसिस या टेक्निकल एनालिसिस. हालांकि कभी-कभी कंफ्यूजन होती है कि इन दोनों ही एनालिसिस के फंडामेंटल विश्लेषण क्या है जरिए शेयरों का चयन किया जाए या किसी एक एनालिसिस के सहारे स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति अपनाई जाए.

Fundamental Analysis

इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखते हैं. इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं. अब अगर जैसे पीई रेशियो की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है जब पीबी रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है. इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी देखते हैं जो अगर एक से अधिक है तो इसका मतलब हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है. जो फंडामेंटल विश्लेषण क्या है कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली हैं और कर्ज मुक्त हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत हैं.

टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में थोड़ा अधिक कांप्लेक्स है. इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर्स का एनालिसिस किया जा सकता है. इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रूझानों का अनुमान लगाया जाता है.

Fundamental vs Technical Analysis

फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस को कुछ फैक्टर पर किया जााता है जैसे कि समय, फंडामेंटल विश्लेषण क्या है रिस्क और ट्रैकिंग.

  • समय- फंडामेंटल एनालिसिस आमतौर पर ऐसे समय में किया जाता है जब आपको लंबे समय के लिए किसी स्टॉक को होल्ड करना है. इसके तहत ऐसे स्टॉक की फंडामेंटल विश्लेषण क्या है पहचान की जाती है जो समय के साथ और मजबूत होंगे. इसके विपरीत टेक्निकल एनालिसिस को फंडामेंटल विश्लेषण क्या है शॉर्ट टर्म में किसी स्टॉक में पैसे लगाने के लिए किया जाता है. इसमें बुलिश स्टॉक की पहचान की जाती है.
  • रिस्क- फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों में निवेश पर रिस्क कम होता है जबकि टेक्निकल वैरिएबल्स में ऐसा दावा नहीं किया जा सकता है.
  • ट्रैकिंग- फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है.
  • वैल्यू: फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के कारोबार, इंडस्ट्री और मार्केट के साथ घरेलू व अंतरराष्ट्रीय माहौल का आकलन करते हुए फेयर वैल्यू डेवलप करते हैं. वहीं टेक्निकल में हिस्टोरिकल रिटर्न और भाव में बदलाव के जरिए आगे कीमतों में उतार-चढ़ाव का आकलन किया जाता है.

Fundamental Analysis in Hindi – Step by Step

Fundamental Analysis in Hindi

दोस्तो आपमे से कई लोगो ने हमे बोला था की आपको Fundamental Analysis के step by step के Articles चाहिए ताकि आप बहुत आसानी से सीख सके। तो हमने आपके लिए इस Page मे Step by Step सीखने के लिए Articles के Number और उसकी Link दे दी है। आप इसका उपयोग कर के Free मे Fundamental Analysis सीख सकते है।

अगर आपको इन Articles से सीखने को मिले तो इसे दूसरों के साथ शेयर करना ना भूले। धन्यवाद।

Technical Analysis Vs. Fundamental Analysis in Hindi | टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस बीच का अंतर

यह एक बड़ा मुद्दा है और इन दोनों के उपयोग कर्ता के बिच बहोत बार इस विषय में तनातनी होती रहती है की कौन बहेतर है| जब भी किसी दो वस्तुओ में अंतर देखना हो तब सबसे पहले उन वस्तु या विषय को अच्छे से समजना चाहिए| Technical Analysis और Fundamental Analysis के बिच में अंतर समजने के लिए हमे Technical Analysis और Fundamental Analysis को अच्छे से समजना पड़ेंगे|

What is Technical Analysis in Hindi?

टेक्निकल एनालिसिस(Technical Analysis in Hindi) को आसान भाषा में समझे तो “बाजार में घटने वाली घटनाओं के आधार पर या शेयर के भूतकाल के भाव और वॉल्यूम का एनालिसिस करके भविष्य में शेयर का मूल्य तय करने की एक प्रक्रिया को Technical Analysis कहा जाता है| “ Technical Analysis के बारेमे अधिक पढने के लिए यहाँ क्लीक करे|

Technical Analysis और Fundamental Analysis के बिच में अंतर

Technical AnalysisFundamental Analysis
टेक्निकल एनालिसिस माँ शेयर का भाव उसमे होने वाले उतर चढ़ाव के माध्यम से किया जाता है|फंडामेंटल एनालिसिस में शेयर का भाव शेयर की Intrinsic value के आधार पर किया जाता है|
टेक्निकल एनालिस्ट स्टॉक खरीदने के लिए टेक्निकल एनालिसिस करने के टूल को देखता है और उसके माध्यम से वह तय करता है की शेयर को कब खरीदना चाहिए|फंडामेंटल एनालिस्ट स्टॉक को खरीदने से पहले कंपनी के सभी फंडामेंटल को देखता है उसके अलावा वह सेक्टर और कंपनी के मनाग्मेंट को भी देखता है|
टेक्निकल एनालिस्ट स्टॉक चार्ट का उपयोग पैटर्न और रुझानों की पहचान करने के लिए करते हैं जो यह सुझाव देते हैं कि भविष्य में स्टॉक क्या करेगा।फंडामेंटल एनालिस्ट द्वारा कमाई, खर्च, संपत्ति और देनदारियां सभी जांच करते है।

fundamental anaylsis क्या होता हे ?

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शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उस कंपनी का फंडामेंटल होता हे.fundamental analysis करना मतलब किसीभी कंपनी की पूरी हिस्ट्री निकलने जैसा हे. तो चलिए आज फंडामेंटल का पूरा पाठ पड़ते हे.

दोस्तों आज हम fundamental anaylsis kya hota he के बारे में जानेंगे , कई लोगो को फंडामेंटल नाम सुनते ही डर लगता हे. की क्या होता होगा ये ,और इसको जानने के लिए तो किसी एक्सपर्ट की जरुरत पड़ती होती। या किसी चार्टेन अकाउंटेंट की जरुरत पड़ती होती। लेकिन दरसल ऐसा नहीं हे हम लोगो में ये ब्रह्म पैदा कर दिया हे। की फंडामेंटल एनालिसिस के लिए किसी वक्सपर्ट की जरुरत हे.

fundamental analysis

fundamental analysis का मतलब होता हे की किसी भी कंपनी का पिछले रिकॉर्ड निकलना मतलब कंपनी की पूरी जानकारी निकलना जैसे की कंपनी की बैलेंस शीट ,कंपनी का प्रॉफिट एंड लोस ,कंपनी का प्रोडक्शन क्या हे ,या फिर कंपनी की पूरी हिस्ट्री। किसीभी कंपनी में निवेश करने के लिए एक्सपर्ट उस कंपनी के फंडामेंटल को समझते हे।

कंपनी का फंडामेंटल देखने से हमें कंपनी की ग्रोथ पता चलती हे। लॉन्ग टर्म निवेशक जो होते हे वह कंपनी के फंडामेंटल देखके ही कंपनी में इन्वेस्ट फंडामेंटल विश्लेषण क्या है करते हे। फंडामेंटल एनालिसिस के भी दो प्रकार पड़ते हे जैसे की एक होता हे qualitative analysis और दूसरा होता हे quantitative analysis .तो चलिए हम इन दोनों के बारे सविस्तर देखते हे.

qualitative analysis;

qualitative analysis में किसीभी कंपनी की एनालिसिस नंबर की फॉर्म्स में नहीं जाना जा सकता। जैसे की इसमें हम कंपनी की ब्रैंड वैल्यू देखते हे.कंपनी का प्रोडक्ट्स देखते हे,कंपनी के प्रमोटर देखते हे। कंपनी के कॉम्पिटिटर के साथ उसकी तुलना करते हे इससे हमें कंपनी की जानकारी मिलती तो हे लेकिन वो नंबर के फॉर्म में नहीं रहती।

इसका मतलब किसीभी कंपनी का qualitative analysis हर एक व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता वो उसी व्यक्ति पे निर्भर हे की वह व्यक्ति उस कंपनी के qualitative analysis को कैसे देखता हे। किसी के लिए कंपनी की ब्रैंड वैल्यू मायने नहीं रखती होगी तो किसी के लिए ब्रैंड वैल्यू बहुत इम्पोर्टैंट होगी। इसीलिए qualitative analysis हेर व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता हे।

quantitative analysis;

quantitative analysis में हम कंपनी को नंबर्स की फॉर्म में जान सकते हे। जैसे की किसीभी कंपनी का ग्रोथ देखना हे तो उसका फायदा और नुकसान देखा जा सकता हे। उसकी बैलेंस शीट देखि जा सकती हे. या फिर कंपनी के रेश्यो होते हे. जैसे की PE ratio ,cash erning ratio,eps ratio,divident ratio ऐसे कई सार रेश्यो हम quantitative analysis में देखते हे।

कंपनी के पास कितने कॅश फ्लो हे ,कंपनी के पास असेट्स (मालमत्ता ) कितने हे। कंपनी की इन्वेंटरी इन सब के बारे में quantitative analysis में पता चलता हे फंडामेंटल विश्लेषण क्या है या देखा जाता हे। अगर किसी भी कंपनी का फंडामेंटल ठीक नहीं हे. या फिर वीक हे तो उससे हम कंपनी की वर्तमान स्तिति को समज सकते हे।

किसीभी कंपनी का fundamental analysis कैसे करते हे.

किसी भी कंपनी का अगर हमें फंडामेंटल एनालिसिस करना हे। तो हम सबसे पहले कंपनी की बैलेंस शीट देखेंगे। इससे हमें कंपनी की पूरी जनम कुंडली पता चलती हे. किसी भी कंपनी का फंडामेंटल देखने के लिए हम गूगल में www.nseindia.com जाके चेक कर सकते हे। ये एक सेबी रेजिस्टेड गवर्नमेंट वेबसाइट हे इसमें हमें कंपनी की पूरी जानकारी मिल जाती हे। इससे आपको न तो किसी एक्सपर्ट की जरुरत पड़ेगी। नहीं किसी चार्टेन अकॉउंटट की।

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