डीमैट खाते से जुड़ी तमाम तरह की फीस के बारे में जानकारी जरूर रखें। इसके साथ कई चार्ज जुड़े होते हैं। मसलन आपको इस खाते की ऐनुअल मेन्टिनेंस फईस के तौर पर कुछ अमाउंट देना होता है और जैसे ही डीमैट खाता ऐक्टिव होता है ट्रांजैक्शन फीस देनी होती है। अगर साल के बीच में यह खाता बंद हो जाता है तो मेन्टिंनेंस फीस क्वॉर्टर के आधआर पर प्रपोर्शनेटली ली जाती है। बहरहाल DP अकाउंट बंद करने या एक से दूसरे DP को होल्डिंग्स ट्रांसफर करने पर भी कोई चार्ज नहीं लगता।
शेयरों से कमाई को धड़ाधड़ खुल रहे डीमैट डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है अकाउंट, आपको खुलवाना है? ऐसे खुलवाएं
शेयरों से कमाई को धड़ाधड़ खुल रहे डीमैट अकाउंट, आपको खुलवाना है? ऐसे खुलवाएं
शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत होती है। इसे एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, ऐक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं।
कैसे खुलता है डीमैट खाता?
निवेशक को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनें। CSDL(सेंट्रल डिपॉजटरी सर्विसेज लिमिटेड ) और NSDL( नैशनल सिक्यॉरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड), दोनों के पास DPs की लिस्ट होती है। DP की वेबसाइट पर जाकर अकाउंट ओपनिंग फॉर्म भरें और KYC करवाएं। इसके लिए आपको पहचान प्रमाण, अड्रेस प्रूफ आदि की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद होगा इन-पर्सन वेरिफिकेशन। इसके लिए संभव है कि आपका DP आपको अपनेपास के सर्विस प्रवाइडर ऑफिस बुलाएं, लेकिन इन दिनों IPV स्मार्टफोन और वेब कैम के जरिए ऑनलाइन ही ज्यादा किए जा रहे हैं। इसके बाद DP के साथ टर्म ऑफ अग्रीमेंट पर साइन करने होते डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है हैं।
क्लाइंट आईडी
जैसे ही आपका आवेदन प्रॉसेस हो जाएग, आपको एक डीमैट नंबर और क्लाइंट आईडी दी जाएगी। आपको 16 डिजिट की क्लाइंट आईडी मिलेगी, जिसमें पहले 8 डिजिट डिपॉजिटरी को रिप्रजेंट करेंगे और बाकी 8 यूनीक होंगे। आप जीरो शेयरों के साथ भी खाता खोल सकते हैं और इसमें मिनिमम बैलंस की भी जरूरत नहीं।
10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट
पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।
आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा डीमैट अकाउंट कौन खुलवा सकता है गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।
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