(4) 23 जनवरी तक बीते एक, तीन और पांच साल में इनका कंपाउंड एन्युअल ग्रोथ रेट क्रमश: -6.36 फीसदी, -6.35 फीसदी और -2.59 फीसदी रहा है. ONGC, NTPC, कोल इंडिया, इंडियन ऑयल, REC, PFC, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑयल इंडिया, NBCC इंडिया, NLC इंडिया और SJVN जैसी कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों को इंडेक्स में 20 फीसदी तक वेटेज है.

CPSE ETFs 7th tranche to open on 30 January 2020 what Investors do All you need to know

सबसे बड़ी सरकारी कंपनियों का CPSE ETF निवेश के लिए खुला, क्या आपको इसमें पैसा लगाना चाहिए?

  • News18Hindi
  • Last Updated : January 31, 2020, ETF की सीमाएं क्या हैं 10:04 IST

नई दिल्ली. सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSE) का एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) निवेश के लिए खुल गया है. यह इस ईटीएफ की 7वीं खेप है. इस पर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लॉन्ग टर्म के इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले इसे दूर रहें.भले ही वैल्यूएशन कम हों और डिस्काउंट की पेशकश की जा रही हो. इस तरह के फंड केंद्रि‍त होते हैं. इसलिए इनमें ज्यादा अस्थिरता रहती है. इसमें सिर्फ 12 शेयर हैं जिनमें से चार कंपनियों कोल इंडिया, NTPC, ONGC और पावर ग्रिड का हिस्सा 79.5 फीसदी है. इसके चलते इसमें उथल-पुथल का खतरा ज्यादा है. आपको बता दें कि CPSE ETF का पहला न्यू फंड ऑफर मार्च 2014 में लॉन्च हुआ था. फिर जनवरी 2017 में इसके जरिए 13,705 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. इसके बाद मार्च 2017 और नवंबर 2018 में इसकी पेशकश की गई थी.

Gold Silver ETF FoF: मात्र 500 रुपये से शुरू करें सोना और चांदी में निवेश, जानें इस म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम की डिटेल

By: ABP Live | Updated at : 23 Sep 2022 04:23 PM (IST)

Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoF

Investment in Gold-Silver ETF: क्‍या आप भी म्‍यूचुअल फंडों के जरिये सोना और चांदी में एक साथ निवेश करना चाहते हैं? अगर हां तो यह खबर आपके काम की है. मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (MOAMC) ने गोल्‍ड ईटीएफ (Gold ETF) और सिल्‍वर ईटीएफ (Silver ETF) में निवेश से लाभ प्राप्‍त करने के लिए मोतीलाल ओसवाल गोल्‍ड एंड सिल्‍वर ईटीएफ एफओएफ (Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoF) लॉन्‍च कर दिया है. इसका एनएफओ (Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoF) 26 सितंबर 2022 को खुलेगा और 7 अक्टूबर 2022 को बंद होगा. म्‍यूचुअल फंड यूनिट का एलोकेशन 13 अक्टूबर 2022 को किया जाएगा.इस म्‍यूचुअल फंड के तहत गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश कर रिटर्न हासिल किया जाएगा.
गोल्‍ड और सिल्‍वर ईटीएफ में निवेश आवंटन नए फंड ऑफर के दौरान 70:30 में किया जाएगा. बाद में डेली वेटेज बाजार पर निर्भर करेगा. अधिकतम वेटेज की सीमा 90 प्रतिशत है जिसकी समीक्षा तिमाही की जाएगी.

निवेश पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) में क्‍यों शामिल करें गोल्‍ड और सिल्‍वर?

गोल्‍ड (Gold) और सिल्‍वर (Silver) दो ऐसी कीमती धातुएं हैं, जिसने पुराने जमाने के लोगों से लेकर आज के आधुनिक लोगों को भी काफी आकर्षित किया है. ये कीमती धातुएं 6000 से अधिक वर्षों से अस्तित्व में हैं. सोने का व्यापक उपयोग गहनों के रूप में किया जाता है. सोने को अक्सर 'सुरक्षित निवेश' माना जाता है, क्योंकि यह बाजार की अनिश्चितता के दौरान अच्छा प्रदर्शन करता है. इसके विपरीत चांदी का इंडस्ट्रियल इस्‍तेमाल ज्‍यादा होता है, इसलिए आम तौर पर यह कारोबार के रिकवरी फेज में बेहतर प्रदर्शन करता है. दोनों धातुओं में निवेश से पोर्टफोलियो को उथल-पुथल भरे समय और रिकवरी अवधि दोनों में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलती है.

मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ नवीन अग्रवाल ने कहा कि सोना और चांदी सदियों से भारतीय परिवारों की पसंदीदा संपत्ति रही है. इन कीमती धातुओं को खरीदकर भौतिक रूप में रखा जाता है. हालांकि, हम दुनिया भर में उच्च महंगाई देख रहे हैं. महंगाई से निपटने ETF की सीमाएं क्या हैं के लिए केंद्रीय बैंकों ने दरों में बढ़ोतरी और न्यूट्रल सिस्टम लिक्विडिटी का सहारा लिया है. सोना महंगाई के खिलाफ हेजिंग का सबसे बेहतरीन विकल्‍प है. अग्रवाल ने कहा कि हम एक दिलचस्प मोड़ पर हैं क्योंकि अमेरिका और यूरोप की उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के मंदी की चपेट में आने का खतरा है, जबकि भारत में मजबूत विकास की संभावनाएं दिख रही हैं.

Nifty 50 ETF: नए निवेशकों के लिए बेहतर है 'निफ्टी 50 ईटीएफ', शेयर बाजार में पहली बार निवेश की पूरी जानकारी

सांकेतिक तस्वीर

अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी कारोबारी संभावनाओं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है।

ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से एक है।

विस्तार

अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ निवेश की शुरुआत करना चाहते ETF की सीमाएं क्या हैं हैं, तो सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी कारोबारी संभावनाओं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है।

ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से ETF की सीमाएं क्या हैं एक है।

50 ब्लूचिप शेयरों के विविधीकरण में निवेश
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण प्रदान करता है।

सस्ता होता है निवेश

निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है. चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से (passively) ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों (constituents) में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है. खर्च अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है. एक आधार अंक प्रतिशत का सौवां हिस्सा होता है.

निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके आप बहुत अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता ( market dynamics) को समझना शुरू कर सकते हैं. जब आप बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं तो आप अपनी जोखिम लेने की क्षमता (risk appetite), लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं. इस प्रकार आप निफ्टी-50 ईटीएफ के जरिये बाजार में निवेश की यात्रा शुरू कर सकते हैं.

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क्या है गोल्ड ईटीएफ, क्यों एक महीने में ETF की सीमाएं क्या हैं 457 करोड़ रुपये निकाल लिए निवेशक? यहां है इन सभी सवालों के जवाब

क्या है गोल्ड ईटीएफ, क्यों एक महीने में 457 करोड़ रुपये निकाल लिए निवेशक? यहां है इन सभी सवालों के जवाब

सोने में निवेश (Gold) को लेकर जुलाई में निवेशकों का रुख नरम पड़ा है। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) से जुलाई, 2022 के दौरान 457 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक सोने ETF की सीमाएं क्या हैं में निवेश घटा जरूर है पर खातों की संख्या में इजाफा हुआ है। जुलाई में गोल्ड ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की वृद्धि हुई और 46.43 लाख पर पहुंच गई है। आइए जानें गोल्ड ईटीएफ क्या है और ऐसा क्या हुआ कि 457 करोड़ रुपये की निकासी हो गई.

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