RBI commences first pilot in Digital Rupee- Wholesale segment (e₹-W) from Nov 1. Use of e₹-W is expected to make interbank market more efficient. Going forward, other wholesale transactions &cross-border payments will be future pilots’ focus, based on this pilot’s learnings:RBI pic.twitter.com/v4RpqaLYB6 — ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) October 31, 2022
RBI Digital Currency: इन 4 शहरों में आज से ई-रुपी से करिए खरीदारी, जानिए Digital Rupee कैसे करेगा काम
खुदरा डिजिटल रुपए के पहले पायलट प्रोजेक्ट में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम शामिल हैं.
CBDC Digital Currency: आज यानी 1 दिसंबर से ई-रुपी की शुरुआत आम आदमी के लिए भी हो जाएगी. ई-रुपी 1 दिसंबर को चार शहरों मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लॉन्च होगी यानी अब इन चार शहरों में अब आम आदमी को न ही कैश जेब में रखकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही किसी थर्ड पार्टी ऐप द्वारा ऑनलाइन पेमेंट की कोई मजबूरी होगी. खुदरा डिजिटल रुपए से ग्राहक आपस में लेन-देन के साथ किसी भी दुकान से खरीदारी कर सकेंगे.
अगले चरण में इसमें 9 शहरों अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में लॉन्च किया जाएगा. खुदरा डिजिटल रुपए के पहले पायलट प्रोजेक्ट में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम शामिल हैं. बता दें कि आरबीआई ने इससे पहले 1 नवंबर 2022 को थोक सेगमेंट में डिजिटल रुपए का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था.
डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले फीचर होंगे
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जाल से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक (RBI) ने अपनी डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस की है. इसका नाम CBDC- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है जो एक डिजिटल टोकन के रूप में जारी होगा और इसे कानूनी मुद्रा माना जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी के उलट इसके मूल्य में कोई उतार-चढ़ाव नहीं आएगा. ई-रूपी को उसी मूल्य पर जारी किया जाएगा, जिस पर वर्तमान में करेंसी नोट और सिक्के जारी होते हैं. डिजिटल करेंसी का फायदा ये होगा कि अब नकदी का सर्कुलेशन कम होगा और वर्चुअली ट्रांजैक्शन पूरे होंगे. इससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कमी आएगी. डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले सारे फीचर होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी. अभी तक की योजना के मुताबिक, डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होगी.
कैसे काम करेगा
डिजिटल रूप में जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. भारतीय करेंसी का डिजिटल स्वरूप E-Rupee को फिलहाल चार बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा. ये करेंसी इन बैंकों की ओर से उपलब्ध एप्स में सुरक्षित होगा. यूजर्स बैंकों की ओर से उपलब्ध एप्स, मोबाइल फोन और डिवाइस में स्टोर्ड डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपए के साथ लेनदेन कर सकेंगे और इसे आसानी से एक-दूसरे को भेजकर सामान खरीदा जा सकेगा. नकदी की तरह ही धारक को डिजिटल मुद्रा पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. इसे बैंकों के पास जमा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन की गोपनीयता रखी जाएगी. इसके सर्कुलेशन पर RBI का कंट्रोल होगा.
RBI Digital Currency: इन 4 शहरों में आज से ई-रुपी से करिए खरीदारी, जानिए Digital Rupee कैसे करेगा काम
खुदरा डिजिटल रुपए के पहले पायलट प्रोजेक्ट में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम शामिल हैं.
CBDC Digital डिजिटल मुद्रा ऋण Currency: आज यानी 1 दिसंबर से ई-रुपी की शुरुआत आम आदमी के लिए भी हो जाएगी. ई-रुपी 1 दिसंबर को चार शहरों मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लॉन्च होगी यानी अब इन चार शहरों में अब आम आदमी को न ही कैश जेब में रखकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही किसी थर्ड पार्टी ऐप द्वारा ऑनलाइन पेमेंट की कोई मजबूरी होगी. खुदरा डिजिटल रुपए से ग्राहक आपस में लेन-देन के साथ किसी भी दुकान से खरीदारी कर सकेंगे.
अगले चरण में इसमें 9 शहरों अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में लॉन्च किया जाएगा. खुदरा डिजिटल रुपए के पहले पायलट प्रोजेक्ट में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम शामिल हैं. बता दें कि आरबीआई ने इससे पहले 1 नवंबर 2022 को थोक सेगमेंट में डिजिटल रुपए का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था.
डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले फीचर होंगे
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जाल से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक (RBI) ने अपनी डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस की है. इसका नाम CBDC- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है जो एक डिजिटल टोकन के रूप में जारी होगा और इसे कानूनी मुद्रा माना जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी के उलट इसके मूल्य में कोई उतार-चढ़ाव नहीं आएगा. ई-रूपी को उसी मूल्य पर जारी किया जाएगा, जिस पर डिजिटल मुद्रा ऋण वर्तमान में करेंसी नोट और सिक्के जारी होते हैं. डिजिटल करेंसी का फायदा ये होगा कि अब नकदी का सर्कुलेशन कम होगा और वर्चुअली ट्रांजैक्शन पूरे होंगे. इससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कमी आएगी. डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले सारे फीचर होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी. अभी तक की योजना के मुताबिक, डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होगी.
कैसे काम करेगा
डिजिटल रूप में जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. भारतीय करेंसी का डिजिटल स्वरूप E-Rupee को फिलहाल चार बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा. ये करेंसी इन बैंकों की ओर से उपलब्ध एप्स में सुरक्षित होगा. यूजर्स बैंकों की ओर से उपलब्ध एप्स, मोबाइल फोन और डिवाइस में स्टोर्ड डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपए के साथ लेनदेन कर सकेंगे और इसे आसानी से एक-दूसरे को भेजकर सामान खरीदा जा सकेगा. नकदी की तरह ही धारक को डिजिटल मुद्रा पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. इसे बैंकों के पास जमा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन की डिजिटल मुद्रा ऋण गोपनीयता रखी जाएगी. इसके सर्कुलेशन पर RBI का कंट्रोल होगा.
Digital Currency: UPI ऐप और पेटीएम-गूगल पे से कैसे अलग है डिजिटल रुपया? आसान भाषा में समझिए
आरबीआई ने 1 दिसंबर से डिजिटल रुपये में लेनदेन की सुविधा आम आदमी को भी दे दी है.
डिजिटल रुपया कारोबारों के लिए ऑनलाइन लेनदेन करना आसान बना देगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन तकनीक पर आधा . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : December 02, 2022, 15:11 IST
हाइलाइट्स
डिजिटल रुपये की मोबाइल वॉलेट और UPI ऐप्स से कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है.
डिजिटल रुपये के जरिए ऑनलाइन लेनदेन करना कारोबारों के लिए आसान हो जाएगा.
डिजिटल करेंसी पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड मुद्रा होगी जिसे सिर्फ डिजिटली एक्सेस किया जा सकेगा.
नई दिल्ली. भारत सरकार की डिजिटल रुपये की घोषणा के साथ, इस बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह मौजूदा डिजिटल वॉलेट के कारोबार को प्रभावित करेगा, जबकि डिजिटल रुपया अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है, भारत में व्यवसायों के संचालन के तरीके पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.
डिजिटल रुपया कारोबारों के लिए ऑनलाइन लेनदेन करना आसान बना देगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा, जो तेज और सुरक्षित लेनदेन की अनुमति देगा. लेकिन अब यह सवाल सभी के मन में उठ रहा है कि क्या भुगतान का यह नया तरीका UPI और मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम और गूगल पे का सीधा प्रतिस्पर्धी हो सकता है?
मोबाइल वॉलेट और UPI ऐप्स से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं
डिजिटल रुपये का पेटीएम, गूगल-पे और फोन-पे जैसे मोबाइल वॉलेट और UPI ऐप्स से कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है. यह सिर्फ डिजिटल भुगतान का एक नया तरीका है. इसके तहत आप बैंक से एक बार डिजिटल रुपए खरीदकर उसे किसी अन्य व्यक्ति या मर्चेंट को वॉलेट से वॉलेट ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. डिजिटल रुपये को आरबीआई का समर्थन होगा जिससे इसकी विश्वसनीयता और ज्यादा बढ़ जाएगी.
मौजूदा डिजिटल ट्रांजेक्शन से अलग कैसे होगा?
वर्तमान में हम किसी भी मर्चेंट को ई-वॉलेट या UPI के जरिए जो पेमेंट करते हैं, उसे डिजिटल करेंसी नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि इसके जरिए पैसा फिजिकल करेंसी के रूप में ही काम करता है. यानी आप भुगतान के लिए उपयोग की जाने वाली मुद्रा को वर्तमान भौतिक मुद्रा के बराबर मानते हैं. डिजिटल करेंसी पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड मुद्रा होगी जिसे सिर्फ डिजिटली एक्सेस किया जा सकेगा. आगे यह संभव है कि मोबाइल के जरिए भुगतान की सुविधा देने वाली कंपनियां अपने ऐप का एक भाग डिजिटल रुपये को दे सकती हैं.
डिजिटल रुपया लाने का क्या मकसद है?
CBDC यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप होगा. वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में वित्त मंत्री ने ब्लॉकचैन आधारित डिजिटल रुपये को पेश करने की घोषणा की थी. वहीं केंद्रीय बैंक का कहना है कि मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय, डिजिटल रुपये का लक्ष्य डिजिटल मुद्रा का पूरक है. इसका मकसद उपभोक्ताओं को भुगतान के लिए अतिरिक्त विकल्प देना है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
भारतीय रिजर्व बैंक के डिजिटल रुपये से व्यापारियों को कितना होगा फायदा? जानें
कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल डिजिटल मुद्रा ऋण ने कहा कि प्रमाणित बिक्री कारोबार डेटा के अभाव में खुदरा व्यापारी बैंकों से ऋण प्राप्त . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : December 02, 2022, 15:03 IST
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज रिटेल डिजिटल रुपया (Digital Rupee– e₹-R) लॉन्च किया है. शुरुआत में चार बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से इसकी खरीद की जा सकेगी. जहां आम लोगों को इससे फायदा होने की बात कही जा रही है वहीं इस डिजिटल करेंसी से भारत के व्यापारियों को कितना लाभ होगा, ये बड़ा सवाल है.
इस बारे में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से कहा गया कि खुदरा स्तर पर डिजिटल मुद्रा शुरू करने का भारतीय रिजर्व बैंक का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है और कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जल्द ही व्यापार में भुगतान के तरीके के रूप में डिजिटल रुपये को अपनाने और स्वीकार करने के लिए देश भर के व्यापारिक समुदाय के बीच एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा.
" isDesktop="true" >
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को जमीनी स्तर से बढ़ावा देगा. भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोग आधारित है. खुदरा विक्रेता और उपभोक्ता अर्थव्यवस्था में राजा हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है लेकिन खुदरा स्तर पर नकद मुद्रा के उपयोग के कारण व्यापार में कैश करेंसी का एक बड़ा हिस्सा है जो बेहिसाब रह जाता है. डिजिटल मुद्रा की शुरुआत के साथ, प्रत्येक लेनदेन भारतीय रिजर्व बैंक की पुस्तकों और भारत सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा. हम दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे. हमारे देश में खुदरा बाजार का सटीक आकार रिकॉर्ड किए गए लेन-देन से प्रमाणित होगा.
आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)
पंजाब में किसानों को मिल रही व्हाट्सएप और डिजीलॉकर की सुविधा, अब मिला ये अवार्ड
दिल्ली एयरपोर्ट पर कम हो सकती है फ्लाइट्स की संख्या, जानें बड़ी वजह
ED का बड़ा एक्शन: सौम्या चौरसिया समेत कई आरोपियों की 152 करोड़ की संपत्तियां की अटैच
मेट्रो ने ट्रेन सेवाओं में किया बदलाव, रविवार को ये मेट्रो स्टेशन रहेगा बंद
गाजियाबाद के 3 बस अड्डों में मिलेंगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं, 2 वर्षों में इतना बदल जाएगा शहर!
घर वापसी: दिन में केजरीवाल से मिल 2 पार्षद समेत कांग्रेस उपाध्यक्ष ने दिया AAP का साथ, रात होते ही फिर से थाम लिया 'हाथ'
Nursery Admission: दिल्ली के नर्सरी स्कूलों में एडमिशन के लिए एज लिमिट क्या है? नोट करें यह जानकारी
Delhi MCD Election 2022: आप ने 4 सीनियर नेताओं को सौंपी 12 जोन की जिम्मेदारी, चेक करें पूरी लिस्ट
राज्य महिला आयोग अवैध नियुक्तियों पर BJP सांसद ने भेजा राज्यपाल को पत्र, DCW प्रमुख मालीवाल को हटाने की मांग की
AIIMS Delhi Recruitment 2022: AIIMS में इन पदों पर निकली डिजिटल मुद्रा ऋण बंपर वैकेंसी, 12वीं, ग्रेजुएट करें आवेदन, मिलेगी अच्छी सैलरी
हार्ट अटैक से अचानक क्यों हो रही मौतें? दिल्ली महिला आयोग ने सरकारों से पूछा
दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि डिजिटल करेंसी डिजिटल इंडिया की स्वीकार्यता के प्रसार में मदद करेगी. खुदरा कारोबार की वास्तविक गणना प्राप्त करने से, भारतीय रिजर्व बैंक और साथ ही भारत सरकार व्यापारी डिजिटल मुद्रा ऋण और उपभोक्ता अनुकूल नीतियां बनाने की स्थिति में होगी.
भरतिया और खंडेलवाल दोनों ने कहा कि प्रमाणित बिक्री कारोबार डेटा के अभाव में खुदरा व्यापारी बैंकों से ऋण प्राप्त डिजिटल मुद्रा ऋण करने में असमर्थ हैं. डिजिटल मुद्रा की शुरूआत के साथ खुदरा विक्रेता के वास्तविक कारोबार को बैंकों से बेहतर ऋण प्राप्त करने के लिए डिजिटल लेनदेन द्वारा प्रमाणित किया जाएगा.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को मुद्रा की छपाई और वितरण में करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. डिजिटल करेंसी से भारतीय रिजर्व बैंक को भारी बचत होगी. डिजिटल करेंसी इको फ्रेंडली भी है. कागजी मुद्रा की छपाई के लिए इस्तेमाल होने वाले कागज की बचत होगी. कागज के लिए पेड़ों की कटाई कम होगी. रासायनिक रंगों के कम प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण होगा. डिजिटल करेंसी से सॉफ्टवेयर उद्योग विकसित करने में मदद मिलेगी. इससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा. जल्द ही हम डिजिटल इंडिया को व्यावहारिक रूप से लागू और स्वीकार करते हुए देखेंगे.
ऐसा होने से आईटी उत्पादों, सॉफ्टवेयर और डिजिटल उद्योग से जुड़े अन्य उत्पादों की बहुत मांग होगी. भारत दुनिया का सबसे युवा देश बनने जा रहा है. देश का युवा तकनीक के साथ चलता है. सरकार भारत के लोगों को डिजिटल तकनीक की ओर ले जा रही है। डिजिटल उत्पादों के लिए विशाल बाजार निकट है. भारत नवीन विचारों वाले युवाओं का देश है. हम बाजारों में आने वाले स्टार्ट अप में अत्यधिक वृद्धि देखेंगे. जिसके फल स्वरुप रोजगार चाहने वाले अब रोजगार देने वाले बनेंगे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
भारत की डिजिटल मुद्रा- 'डिजिटल रुपया' का पहला पायलट टेस्ट 1 नवंबर को शुरू होगा, 9 बैंक होंगे शामिल: आरबीआई
देश की डिजिटल मुद्रा- 'डिजिटल रुपया' का पहला पायलट परीक्षण मंगलवार यानी एक नवंबर को शुरू होगा जिसमें नौ बैंक सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करेंगे
Published: October 31, 2022 7:58 PM IST
आरबीआई ने 'केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा' (सीबीडीसी) लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपए का पायलट परीक्षण एक नवंबर से शुरू शुरू करने जा रही है.
मुंबई: देश की डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ का पहला पायलट परीक्षण मंगलवार यानी एक नवंबर को शुरू होगा जिसमें नौ बैंक सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, डिजिटल रुपए (थोक खंड) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा. इस परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा. इस परीक्षण में नौ बैंक शामिल होंगे.
Also Read:
आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (सीबीडीसी) लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपए का पायलट परीक्षण शुरू करने का फैसला किया है. थोक खंड के लिए होने वाले इस परीक्षण में नौ बैंक शिरकत करेंगे. इन बैंकों की पहचान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी के रूप में की गई है.
RBI commences first pilot in Digital Rupee- Wholesale segment (e₹-W) from Nov 1. Use of e₹-W is expected to make interbank market more efficient. Going forward, other wholesale transactions &cross-border payments will be future pilots’ focus, based on this pilot’s learnings:RBI pic.twitter.com/v4RpqaLYB6 — ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) October 31, 2022
आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है. इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपए (खुदरा खंड) का पहला पायलट परीक्षण एक महीने के भीतर शुरू करने की योजना है. यह परीक्षण विशेष उपयोगकर्ता समूहों के बीच चुनिंदा स्थानों में किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और कारोबारी शामिल हैं. रिजर्व बैंक के मुताबिक, भविष्य के पायलट परीक्षणों में थोक स्तर पर होने वाले अन्य सौदों एवं सीमापार भुगतान पर भी ध्यान दिया जाएगा.
आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है. इससे उपयोगकर्ताओं को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे. सीबीडीसी किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है. दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी लाने की संभावनाओं को टटोल रहे हैं. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें व्यापार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 223